Chamoli
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी का ज्योर्तिमठ किया दौरा, ग्रामीणों की सुनी समस्याएं…

जोशीमठ: गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने जोशीमठ और ज्योर्तिमठ नगर का दौरा किया, जहां पर भाजपा के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने उनका फूल-मालाओं से भव्य स्वागत किया। इस दौरान बलूनी ने पहले अपने कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उनका हाल-चाल जाना।
सांसद बलूनी ने सबसे पहले आईटीबीपी के अधिकारियों के साथ औली क्षेत्र का निरीक्षण किया और वहां के पर्यटन विकास पर चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र को विश्व पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए स्थानीय नागरिकों से सुझाव भी लिए।
सांसद बलूनी ने केंद्रीय खेल मंत्री श्री मनसुख मांडवीया से फोन पर वार्ता की और औली के विकास की संभावनाओं पर चर्चा की। केंद्रीय मंत्री मांडवीया ने सहमति देते हुए कहा कि अगले दो-तीन सप्ताह में वह स्वयं बलूनी के साथ औली आएंगे और यहां की स्कीइंग संभावनाओं का अध्ययन करेंगे। इसके बाद, वे इस क्षेत्र के लिए एक व्यापक योजना तैयार करेंगे।
इसके अलावा, बलूनी ने तपोवन के गंगा पार स्थित भंग्यूल गांव के ग्रामीणों से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को सुना। बाद में, उन्होंने सीमांत घाटी के सुराही थोटा क्षेत्र का दौरा किया। यहां ग्रामीणों ने उनका ढोल-दमोह और फूल-मालाओं से स्वागत किया। सुराही थोटा के ग्राम प्रधान लक्ष्मण बुटोला ने सांसद बलूनी का परिचय कराया और गांव की मूलभूत समस्याओं को उनके सामने रखा।
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हेमकुंड साहिब में अब तक 2.28 लाख श्रद्धालु, 10 अक्तूबर को कपाट बंद होंगे

हेमकुंड साहिब। देवभूमि उत्तराखंड में स्थित विश्व प्रसिद्ध सिख तीर्थ स्थल हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की आस्था का सैलाब लगातार उमड़ रहा है। इस वर्ष यात्रा की शुरुआत 25 मई से हुई थी और महज दो महीनों में ही अब तक 2.28 लाख से अधिक श्रद्धालु पवित्र गुरुद्वारे में मत्था टेक चुके हैं।
हेमकुंड साहिब प्रबंधक ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा के अनुसार, इस बार भीषण बारिश और दुर्गम रास्तों के बावजूद श्रद्धालुओं की आस्था में कोई कमी नहीं आई है। बड़ी संख्या में लोग यहां हिम सरोवर के किनारे विराजमान ब्रह्मकमल समेत दुर्लभ फूलों के नजारे भी देख रहे हैं।
बिंद्रा ने बताया कि हेमकुंड साहिब के कपाट परंपरा के अनुसार आगामी 10 अक्तूबर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे। इसके बाद गुरुद्वारा पूरी तरह बर्फ से ढक जाता है और अगले वर्ष गर्मियों में कपाट खोले जाने तक श्रद्धालुओं की आवाजाही थम जाती है।
इन दिनों हेमकुंड साहिब का प्राकृतिक सौंदर्य भी अपने चरम पर है, जो श्रद्धालुओं और पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। प्रशासन और ट्रस्ट की ओर से यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे मौसम की परिस्थितियों को देखते हुए यात्रा पर निकलें और जरूरी एहतियात जरूर बरतें, ताकि सभी लोग सुरक्षित और सुखद यात्रा का अनुभव कर सकें।
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चमोली में बड़ा हादसा टला: हेलंग डैम साइट पर पहाड़ टूटा, मची अफरा-तफरी

चमोली। चमोली जिले के हेलंग में उस वक्त हड़कंप मच गया जब निर्माणाधीन विष्णुगाड़-पीपलकोटी जल विद्युत परियोजना की डाइवर्जन साइट के पास शनिवार को अचानक बड़ा भूस्खलन हो गया। अलकनंदा नदी के किनारे बने इस डैम साइट पर उस समय करीब 200 मजदूर काम पर तैनात थे, लेकिन गनीमत रही कि चट्टान गिरने के वक्त कोई मजदूर उस जगह मौजूद नहीं था, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
सोशल मीडिया पर भूस्खलन का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा भरभराकर टूटकर नीचे गिर रहा है। वीडियो में वहां मौजूद लोगों की घबराहट और अफरा-तफरी का माहौल भी नजर आ रहा है।
मौके पर पहुंचा प्रशासन
जानकारी के मुताबिक, इस डाइवर्जन साइट पर टीएचडीसी की सहायक कंपनी एचसीसी निर्माण कार्य कर रही है। घटना की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है और स्थिति का जायज़ा लिया जा रहा है।
फिलहाल किसी मजदूर के हताहत होने की सूचना नहीं है, लेकिन भूस्खलन के बाद सुरक्षा के लिहाज से निर्माण कार्य को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है।
बड़ा हादसा होने से टला
विशेषज्ञों के अनुसार, पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बारिश की वजह से चट्टानों में दरारें पड़ जाती हैं, जिससे ऐसे हादसों की आशंका बनी रहती है। गनीमत यही रही कि हादसे के समय मजदूर सुरक्षित जगह पर थे और कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे निर्माणाधीन स्थल के आसपास न जाएं और पूरी तरह से सतर्क रहें।
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सीएम धामी के आदर्श गांव की कमान 21 साल की प्रियंका के हाथ, बनीं सबसे कम उम्र की प्रधान!

चमोली: चमोली जिले के कर्णप्रयाग गैरसैंण विकासखंड स्थित मुख्यमंत्री आदर्श गांव सारकोट की बागडोर अब एक युवा बेटी ने अपने हाथों में थाम ली है। सिर्फ़ 21 साल 3 महीने की उम्र में प्रियंका नेगी ग्राम प्रधान पद के लिए निर्वाचित होकर गांव की सबसे कम उम्र की प्रधान बन गई हैं।
प्रियंका नेगी ने अपने प्रतिद्वंद्वी प्रियंका देवी को कड़े मुकाबले में हराकर जीत दर्ज की। उन्हें 421 वोट मिले, जबकि प्रियंका देवी को 235 वोट हासिल हुए। इससे पहले 2014 से 2019 तक प्रियंका के पिता राजे सिंह नेगी भी प्रधान रह चुके हैं।
प्रियंका नेगी ने गैरसैंण महाविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक किया है। उन्होंने गांव के विकास और खासतौर पर महिलाओं को जागरूक कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प लिया है। प्रियंका का मानना है कि जब महिलाएं मजबूत होंगी, तो गांव और समाज दोनों मजबूत होंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा सत्र के दौरान सारकोट गांव को आदर्श गांव घोषित किया था। इसके बाद से गांव में mushroom उत्पादन, पशुपालन, स्वास्थ्य शिविर और हर घर को एक जैसे रंग में रंगने जैसे कई विकास कार्य किए जा रहे हैं। प्रियंका नेगी का कहना है कि वे मुख्यमंत्री की सोच को और आगे बढ़ाएंगी और नई योजनाओं के ज़रिए अपने गांव को एक मिसाल बनाएंगी।
प्रियंका के पिता राजे सिंह नेगी का भी कहना है कि वे हर कदम पर बेटी का साथ देंगे ताकि गांव का विकास और तेज़ी से हो सके।
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