Dehradun
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने ‘‘नवाचार महोत्सव और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’’ के समापन समारोह में किया प्रतिभाग, 6 लोगों को ‘‘उत्तराखण्ड विज्ञान पुरोधा सम्मान’’ से किया सम्मानित।

देहरादून – राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को उत्तराखण्ड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (यूकॉस्ट) द्वारा आंचलिक विज्ञान केंद्र, देहरादून में ‘‘नवाचार महोत्सव और राष्ट्रीय विज्ञान दिवस’’ के समापन समारोह में प्रतिभाग किया। इस महोत्सव में राज्यपाल ने दीर्घकालीन शोध एवं उत्तराखण्ड में विज्ञान और तकनीकी शिक्षा तथा शिक्षण के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान देने वाले 06 लोगों को ‘‘उत्तराखण्ड विज्ञान पुरोधा सम्मान’’ से सम्मानित किया। सम्मानित होने वालों में प्रो. के. डी. पुरोहित, डॉ. बहादुर सिंह बिष्ट, डॉ. हर्षवंती बिष्ट, डॉ. कमल पांडे, प्रेमलता बौड़ाई और राजेन्द्र सिंह नेगी शामिल रहे। इसके अलावा राज्यपाल ने तीन दिवसीय महोत्सव में उत्कृष्ट नवाचार और शोध करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्मानित किया।
महोत्सव को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि विज्ञान और तकनीकी को स्वीकार किए बिना हमारी प्रगति संभव नहीं है। हमें अपनी अर्थव्यवस्था के साथ-साथ प्रत्येक क्षेत्र में विकास करना है तो विज्ञान और तकनीकी को स्वीकार करना और इसके साथ चलना जरूरी है। उन्होंने कहा कि आज के दौर में यह हर समाज, देश की मूलभूत आवश्यकता बन चुकी है।
राज्यपाल ने कहा कि इस तरह के आयोजन विभिन्न चुनौतियों के वैज्ञानिक समाधान ढूंढने की क्षमता विकसित करते हैं और कौशल के साथ-साथ अनुभवात्मक ज्ञान के प्रति भी जागरूकता उत्पन्न करते हैं। उन्होंने कहा कि यह महत्वपूर्ण संयोग है कि आज राष्ट्रीय विज्ञान दिवस की इस वर्ष के लिए ‘‘विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक’’ थीम के अनुरूप विज्ञान धाम में यह आयोजन संपन्न हुआ है।
राज्यपाल ने कहा कि हमें अपनी सभ्यता और संस्कृति को वर्तमान के नवाचारों से मिलाने की जरूरत है। हमें अपने अंदर नवाचार कल्चर लाए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमारी मानव संपदा उत्कृष्ट है बस उसे सही दिशा की ओर ले जाने की जरूरत है। आज दुनियाभर में विज्ञान के साथ-साथ हर क्षेत्र में भारत का डंका बज रहा है।
महोत्सव में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि आप सभी अपने अंदर वैज्ञानिक चेतना व नवाचारी सोच को विकसित करें और आप सभी विज्ञान और तकनीकी के ब्रांड एंबेसडर बनें। उन्होंने कहा कि आप सभी युवा देश और राज्य की असली ताकत हैं जिनके बलबूते भारत विकसित राष्ट्र और विश्व गुरु के लक्ष्य को प्राप्त करेगा। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि यूकॉस्ट के प्रयासों से महिलाओं और बेटियों में भी वैज्ञानिक चेतना के प्रति सोच विकसित हुई है।
महोत्सव में यूकॉस्ट के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत ने तीन दिवसीय महोत्सव में राज्य में वैज्ञानिक चेतना के प्रचार-प्रसार व विद्यार्थियों, उद्यमियों और स्टार्टअप्स को एक मंच प्रदान करने के उद्देश्य से आयोजित किया। उन्होंने महोत्सव से जुड़ी अन्य जानकारियां साझा की, साथ ही उपस्थित लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया। महोत्सव में उत्तराखण्ड मुक्त वि.वि के कुलपति प्रो. ओ.पी.एस नेगी, यूकॉस्ट के संयुक्त निदेशक डॉ. डी.पी उनियाल, डॉ.जी.एस रौतेला सहित विभिन्न स्कूल एवं कॉलेजों के विद्यार्थी उपस्थित थे।
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सीएम धामी का पूर्व सैनिकों संग संवाद, 2047 के उत्तराखंड के लिए मांगे सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में आयोजित ‘विकसित उत्तराखंड @2047 सामूहिक संवाद’ कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। यह आयोजन प्रदेश के भावी विकास के रोडमैप के तहत पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों का सदैव सम्मान देने की भावना दोहराते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं और सैनिकों का जीवन, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण उन्होंने घर से ही सीखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सैन्य परंपरा वाले राज्य के विकास में पूर्व सैनिकों की भागीदारी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इसमें अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि सहित कई योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य के हजारों सैनिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की पेंशन, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की शिक्षा को लेकर लगातार नीति आधारित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया और उनके विचारों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ‘विकसित उत्तराखंड @2047’ एक ऐसा साझा सपना है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है, और सैनिकों की दृष्टि से प्राप्त सुझाव राज्य की नीतियों को और अधिक मजबूत आधार देंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड 2047 तक एक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित कर रही है…युवाओं से लेकर पूर्व सैनिकों तक।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शिक्षाविद् व चिन्तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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