Pauri
पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड के रहने वाले 11 राष्ट्रीय राइफल्स के सी ओ कर्नल कैंतुरा के प्रयास से भारत को मिली गोल्ड कन्या।

उत्तराखंड – 2019 में भारतीय सेना का एक दल जम्मू कश्मीर के सुदूर किश्तवार जिले के मुग़ल मैदान क्षेत्र में गश्त लगा रहा था। इस दौरान मुग़ल मैदान के सरकारी विद्यालय में उनकी नज़र शीतल पर गई , वह बिना हाथों के दोनों पैरों से अपना स्कूल बैग खोलती किताब निकालती और पाँव की उँगलियों से लिख रही थी। इस दिव्यांग कन्या की इस प्रतिभा को देख कर एक अचम्भा सा हुआ और इसके बाद भण्डारकोट स्थित सेना की 11 राष्ट्रीय राइफल्स ने शीतल के परिवार से संपर्क किया जो की लोई धार गाँव में रहते थे।

यह गाँव ऊंचाई पर था और नज़दीकी सड़क से एक घंटे की कठिन चढ़ाई के बाद यहाँ पहुंचा जा सकता था। इसी रास्ते शीतल रोज़ नीचे उतरकर मुग़ल मैदान में विद्यालय जाती और शाम को वापस आती। शीतल के माता पिता गरीब थे लेकिन उन्होनें शीतल की शारीरिक स्थिति देखकर हार नहीं मानी और अपनी बड़ी बेटी शीतल को विद्यालय भेजा। और पढ़ाना लिखाना शुरू किया सेना द्वारा शीतल को उसकी पढाई लिखाई के लिए मदद शुरू की गई और 11 राष्ट्रीय राइफल्स भारतीय सेना ने कर्नल शीशपाल सिंह कैंतुरा की कमान में मई 2020 में शीतल को गोद लेकर (Adopted Girl) उसको सदभावना की विभिन्न गतिविधियों में शामिल करना शुरू किया। शीतल को युवाओं के लिए व दिव्यांग बच्चों के माता पिता के लिए प्रेरणा स्त्रोत के रूप में ख्याति मिलनी शुरू हुई।

मई 2021 में पौड़ी गढ़वाल उत्तराखंड के रहने वाले 11 राष्ट्रीय राइफल्स के सी ओ कर्नल कैंतुरा ने मेघना गिरीश से संपर्क किया और शीतल के लिए कृत्रिम हाथों के लिए सहायता मांगी मेघना बहादुर अफसर मेजर अक्षय गिरीश की वीर माता हैं और बेंगलुरू में रहकर अपने पति विंग कमांडर गिरीश कुमार के साथ मिलकर मेजर अक्षय गिरीश मेमोरियल ट्रस्ट नामक स्वयं सेवी संगठन चलाती हैं और देश भर में वीर परिवारों की सेवा कर रही हैं।

मेघना ने शीतल के बारे में जानकार तुरंत सी ओ 11 राष्ट्रीय राइफल्स को आश्वासन दिया और मदद के लिए कोशिशें करने लगी। इसके बाद मेघना ने प्रसिद्ध अभिनेता अनुपम खेर से संपर्क किया और शीतल के बारे में उन्हें विस्तार से बताया। अनुपम खेर शीतल के जीवन व उसकी प्रतिभा को सुनकर प्रभावित हुए और उन्होनें आश्वासन दिया की वे शीतल को उसके कृत्रिम हाथ दिलाएंगे
इसके बाद टेलीफोन पर सी ओ 11 राष्ट्रीय राइफल्स , मेघना गिरीश व अनुपम खेर के बीच विचार विमर्श हुआ और शीतल के इलाज का कार्यक्रम तय हुआ सब कुछ तय होने के बाद शीतल व उसके माता पिता को एक सैनिक के साथ बेंगलुरु भेजा गया। बेंगलुरु में मेघना गिरीश तथा स्वयं सेवी संगठन ‘द बीइंग यू ‘ की प्रीती राय ने सारा प्रबंध किया और अस्पताल में शीतल के टेस्ट किये गए और उसको वापस किश्तवार भेजा फिर दो महीने बाद शीतल अपने माता पिता के साथ बेंगलुरू भेजी और वहां विख्यात डॉक्टर श्रीकांत ने शीतल को कृत्रिम हाथ लगाये
इस दौरान प्रीती राय ने देखा की शीतल की ताकत उसके पैरों में है और शीतल को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय ख्याति के दिव्यांग खिलाड़ियों से मिलाना शुरू किया। शीतल के खेलों की काबिलियत के लिए विभिन्न टेस्ट करवाए गए और यह पाया गया की शीतल में वो क्षमता है की वह पैरा गेम्स कर सकती है
शीतल को तीरंदाज़ी के लिए उपयुक्त पाया गया
इसके बाद कोच कुलदीप बैदवान व अभिलाषा चौधरी ने कड़ी मेहनत करते हुए शीतल को अभ्यास करना शुरू किया। शीतल कोचों के मार्गदर्शन में माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड कटरा में तीरंदाज़ी का प्रशिक्षण ले रहीं हैं हाल ही में संपन्न हुए एशियाई पैरा गेम्स में शीतल ने कीर्तिमान स्थापित करते हुए 2 स्वर्ण व 1 रजत पदक हासिल किया और देश का ध्वज ऊँचा किया। प्रधानमंत्री ने भी शीतल को समान्नित किया और उनकी हौसला अफ़ज़ाई की अब शीतल की नज़र 2024 में पैरिस , फ्रांस में होने वाले ओलंपिक्स पर है जहाँ से वे देश के लिए स्वर्ण पदक लाना चाहती हैं
Pauri
पौड़ी में आदमखोर गुलदार को किया गया ढेर, शिकारी जॉय हुकील के हाथ लगी कामयाबी

Joy Hukill ने पौड़ी गढ़वाल में आतंक का पर्याय बन गए आदमखोर को मार गिराया है। जिले में बीते कुछ दिनों से गुलदार के आतंक के कारण लोगों को घर से बाहर निकलने में भी डर लग रही थी। गुलदार के आतंक के कारण चार शिकारियों को आदमखोर को मारने के लिए तैनात किया गया था। जिसमें से मशहूर शिकारी जॉय हुकील के हाथ कामयाबी लगी है।
पौड़ी में आदमखोर गुलदार को Joy Hukill ने किया ढेर
पौड़ी गढ़वाल जिले के गजेल्ड (गजल्ड) गांव में पिछले कुछ समय से आतंक मचा रहे नर-भक्षी गुलदार को आखिरकार ढेर कर दिया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के त्वरित, स्पष्ट और सख्त निर्देशों के बाद वन विभाग ने विशेष शिकारियों की टीम तैनात की थी। लगातार निगरानी, ट्रैकिंग और सघन अभियान के बाद टीम ने गुलदार को सफलतापूर्वक मार गिराया। कई लोगों को अपना शिकार बनाने वाले आदमखोर को मशहूर शिकारी Joy Hukill ने मार गिराया है।

सीएम धामी ने जल्द से जल्द मारने के दिए थे निर्देश
मुख्यमंत्री धामी ने घटना को गंभीरता से लेते हुए निर्देश दिए थे कि ग्रामीणों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने आदमखोर को जल्द से जल्द मार गिराने के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में वन विभाग, स्थानीय प्रशासन और शिकार विशेषज्ञों ने समन्वित प्रयास करते हुए ये कार्रवाई पूरी की। जिसमें Joy Hukill ने आदमखोर को मारने में कामयाबी हासिल की है।
सरकार ने आश्वासन दिया है कि प्रभावित क्षेत्र में सतर्कता और गश्त बढ़ाई जाएगी। ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया है कि उनकी सुरक्षा और जीवन की रक्षा के लिए राज्य सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है।
Uttarakhand
गोवा अग्निकांड मे पौड़ी के सपूत की दर्दनाक मौत : 8 महीने की बच्ची के सिर से उठा पिता का साया…

Goa Fire Accident में Pauri जिले के सुमित नेगी का निधन
पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लॉक के छानी गांव के लिए बीते रविवार की शाम कभी न भूलने वाला दुख लेकर आई. Goa Fire Accident में छानी गांव निवासी 31 वर्षीय सुमित नेगी पुत्र गजेन्द्र सिंह नेगी की मौत की खबर जैसे ही गांव पहुंची, पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. घर-घर मातम पसरा है और हर आंख नम है.
गांव तक पहुंची दर्दनाक खबर, सदमे में परिजन
जिला पंचायत सदस्य कलूंण क्षेत्र के भरत रावत ने बताया कि रविवार देर शाम सुमित की मौत की पुष्टि हुई. खबर मिलते ही परिजनों की चिंता और बढ़ गई कि इतनी दूर गोवा से पार्थिव शरीर गांव कैसे लाया जाएगा. परिवार ने प्रशासन से लगातार संपर्क बनाए रखा और कई स्तरों पर प्रयास किए.
सरकार और प्रशासन की पहल के बाद सुमित का शव गोवा से दिल्ली हवाई सेवा के माध्यम से लाया गया, जहां से एम्बुलेंस द्वारा हरिद्वार पहुंचाया गया. इस प्रक्रिया ने परिवार को थोड़ी राहत दी, हालांकि दर्द और गम अब भी गहरा है. सुमित का अंतिम संस्कार पूरे विधि-विधान से हरिद्वार में कर दिया गया है.
नाइट क्लब में लगी आग ने छीनी कई जिंदगियां
यह Goa Fire Accident एक नाइट क्लब में लगी भीषण आग के कारण हुआ, जिसने कई परिवारों की खुशियां पल भर में उजाड़ दीं. हादसे में कुल 9 लोगों की मौत हुई, जिनमें उत्तराखंड के पांच युवक शामिल थे.
मृतकों की पहचान
- सुमित नेगी (Pauri, Uttarakhand)
- जितेंद्र सिंह
- मनीष सिंह
- सतीश सिंह
- सुरेंद्र सिंह
ये सभी नाइट क्लब में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे. इसके अलावा दिल्ली निवासी विनोद कबड़वाल, कमला कबड़वाल, अनीता जोशी और सरोज जोशी की भी इस हादसे में मौत हो गई. वे गोवा घूमने गए थे.
तीन महीने से गोवा में काम कर रहे थे सुमित
पौड़ी जनपद (Pauri district) के पाबौ ब्लॉक निवासी सुमित नेगी बीते तीन महीनों से गोवा में होटल और नाइट क्लब में काम कर रहे थे. परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी उन्हीं के कंधों पर थी. अचानक हुए इस हादसे ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया है.
ग्रामीणों का कहना है कि जब पहली बार हादसे की खबर आई तो किसी को यकीन नहीं हुआ. जैसे-जैसे सूचना पुख्ता होती गई, पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया.
आठ महीने की मासूम बेटी के सिर से उठा पिता का साया
सुमित नेगी अपने पीछे बुजुर्ग माता-पिता, पत्नी और मात्र आठ महीने की मासूम बेटी को छोड़ गए हैं. इतनी छोटी उम्र में बच्ची के सिर से पिता का साया उठ जाना हर किसी को भीतर तक झकझोर रहा है.
सुमित तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे थे. उनकी दोनों बड़ी बहनों का विवाह हो चुका है. बेटे की असमय मौत से माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल है. गांव के लोग परिवार को ढांढस बंधाने पहुंच रहे हैं, लेकिन दर्द इतना गहरा है कि शब्द कम पड़ रहे हैं.
Pauri से लेकर पूरे उत्तराखंड में शोक
Goa Fire Accident में उत्तराखंड के युवकों की मौत की खबर फैलते ही पौड़ी गढ़वाल ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में शोक का माहौल है. स्थानीय लोग हादसे की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जाएं.
यह हादसा एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि पर्यटक स्थलों और नाइट क्लबों में सुरक्षा मानकों का पालन कितना जरूरी है. पौड़ी के सपूत सुमित नेगी की मौत ने पूरे Pauri जिले को गहरे दुख में डुबो दिया है, जिसे शायद समय भी पूरी तरह नहीं भर पाएगा.
❓ अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)
❓ गोवा अग्निकांड (Goa Fire Accident) में सुमित नेगी की मौत कैसे हुई?
गोवा के एक नाइट क्लब में लगी भीषण आग के दौरान पाबौ ब्लॉक, पौड़ी गढ़वाल निवासी सुमित नेगी की दम घुटने और झुलसने से मौत हो गई.
❓ सुमित नेगी कहां के रहने वाले थे?
सुमित नेगी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लॉक स्थित छानी गांव के निवासी थे.
❓ सुमित नेगी गोवा में क्या काम करते थे?
सुमित नेगी गोवा के एक होटल और नाइट क्लब में कर्मचारी के रूप में कार्यरत थे और पिछले तीन महीनों से वहीं काम कर रहे थे.
❓ गोवा अग्निकांड में कुल कितने लोगों की मौत हुई?
इस हादसे में कुल 9 लोगों की मौत हुई, जिनमें उत्तराखंड के 5 युवक शामिल हैं.
❓ सुमित नेगी अपने परिवार में किसे छोड़ गए हैं?
सुमित नेगी अपने पीछे माता-पिता, पत्नी और आठ महीने की मासूम बच्ची को छोड़ गए हैं.
❓ सुमित नेगी का अंतिम संस्कार कहां किया गया?
सुमित नेगी का अंतिम संस्कार हरिद्वार में पूरे विधि-विधान के साथ किया गया.
❓ गोवा अग्निकांड को लेकर प्रशासन ने क्या कार्रवाई की?
हादसे की जांच के आदेश दिए गए हैं और नाइट क्लब में सुरक्षा मानकों की जांच की जा रही है.
❓ पौड़ी (Pauri) जिले में इस घटना का क्या असर पड़ा?
घटना की खबर मिलते ही पूरे पाबौ ब्लॉक और आसपास के गांवों में शोक की लहर दौड़ गई और लोग गहरे सदमे में हैं.
Pauri
पौड़ी में आदमखोर गुलदार अब तक नहीं हुआ ढेर, दो और शिकारियों को किया गया तैनात

पौड़ी गढ़वाल जिले में बीते कुछ समय से गुलदार का आतंक इतना बढ़ गया है कि लोगों का अपने रोजमर्रा के काम करना भी मुश्किल हो गया है। बीते दिनों एक शख्स को निवाला बनाने के बाद गुदला को आदमखोर घोषित कर मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
आदमखोर गुलदार को मारने के हैं आदेश
पौड़ी में गुलदार के आतंक के कारण बच्चे स्कूल जाने से डर रहे हैं लोग रात ही नहीं दिन भी अपने घरों से बाहर निकलने में डर रहे हैं। चार दिन पहले एक शख्स को गुलदार द्वारा निवाला बनाने के बाद से ही गुलदार पकड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
लेकिन अब तक वन विभाग के हाथ कामयाबी नहीं लग पाई है। जिसके बाद इसे आदमखोर घोषित कर मारने के लिए दो शिकारी तैनात किए गए थे। दो दिन बीत जाने के बाद अब और शिकारी तैनात किए गए हैं।
गुलदार को मारने के लिए 2 और शिकारी तैनात
वन विभाग के सभी प्रयास विफल होने के बाद इसे मारने के आदेश जारी कर दिए गए हैं। लेकिन अभी भी वन विभाग के हाथ खाली हैं। जिसके बाद सोमवार को पूर्व से तैनात दो शूटरों की मदद के लिए अब दो क्षेत्रीय शिकारियों को भी तैनात कर दिया गया है।

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