Dehradun
मीनाक्षी सुंदरम के साथ अभद्रता पर गुस्साए अधिकारी, सचिवालय संघ का आज कार्य बहिष्कार l

देहरादून: वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आर मीनाक्षी सुंदरम और उनके स्टाफ के साथ हुई अभद्रता के मामले में राज्यभर में विरोध का माहौल बन गया है। सचिवालय संघ और आईएएस एसोसिएशन समेत विभिन्न संगठनों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
शुक्रवार को सचिवालय संघ ने कार्यबहिष्कार का एलान किया, और आईएएस एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात कर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की। आईएएस एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर स्पष्ट किया कि वे मामले में किसी प्रकार के दबाव को स्वीकार नहीं करेंगे और चाहते हैं कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। मुख्यमंत्री धामी ने एसोसिएशन को आश्वस्त किया कि यह मामला बिना किसी दबाव के सुलझाया जाएगा और आरोपी व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्य सचिव को सौंपा शिकायती पत्र
आईएएस एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने पहले दिन में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी से मुलाकात की और घटना के संबंध में शिकायती पत्र सौंपा। पत्र में कहा गया है कि सचिव मीनाक्षी सुंदरम और उनके स्टाफ के साथ हुई अभद्रता और मारपीट की घटना न केवल निंदनीय है, बल्कि इससे सभी अधिकारियों में भय और असंतोष का माहौल उत्पन्न हुआ है। साथ ही, उन्होंने यह भी शिकायत की कि मार्च में नगर आयुक्त गौरव कुमार के साथ हुई अभद्रता के मामले में आठ महीने बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने गृह सचिव को निर्देश दिया कि आरोपियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए।
सचिवालय संघ का विरोध जारी
सचिवालय संघ ने इस घटना के विरोध में एटीएम चौक पर एक आमसभा आयोजित की, जिसमें सभी संघों ने एकजुट होकर घटना की कड़ी निंदा की। संघ ने यह निर्णय लिया कि शुक्रवार दोपहर 1 बजे से सभी कर्मचारी कार्यबहिष्कार करेंगे। यदि समय रहते दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जाती है, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। संघ के अध्यक्ष सुनील लखेड़ा ने कहा कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और सचिवालय कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
अन्य संगठनों ने भी उठाई आवाज
उत्तरांचल पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन और हाइड्रो इलेक्ट्रिक इंप्लाइज यूनियन समेत कई अन्य संगठनों ने भी इस घटना की कड़ी निंदा की और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उत्तरांचल बिजली कर्मचारी संघ के प्रमुख महामंत्री प्रदीप कुमार कंसल और अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भी इस मामले में निष्पक्ष जांच की मांग की है।
राज्य कर्मचारी परिषद और कांग्रेस विधायक का भी समर्थन
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष अरुण पांडे और महामंत्री शक्ति प्रसाद भट्ट ने भी इस घटना की आलोचना करते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। कांग्रेस विधायक ममता राकेश ने भी मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर इस घटना पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है।
सुरक्षा की सख्त मांग
सचिवालय संघ और अन्य संगठनों ने सरकार से सचिवालय कर्मचारियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। उन्होंने कहा कि इस घटना ने सचिवालय कर्मचारियों के बीच असुरक्षा का माहौल उत्पन्न किया है, जिसे तुरंत दूर किया जाना चाहिए।
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सीएम धामी का पूर्व सैनिकों संग संवाद, 2047 के उत्तराखंड के लिए मांगे सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में आयोजित ‘विकसित उत्तराखंड @2047 सामूहिक संवाद’ कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। यह आयोजन प्रदेश के भावी विकास के रोडमैप के तहत पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों का सदैव सम्मान देने की भावना दोहराते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं और सैनिकों का जीवन, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण उन्होंने घर से ही सीखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सैन्य परंपरा वाले राज्य के विकास में पूर्व सैनिकों की भागीदारी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इसमें अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि सहित कई योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य के हजारों सैनिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की पेंशन, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की शिक्षा को लेकर लगातार नीति आधारित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया और उनके विचारों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ‘विकसित उत्तराखंड @2047’ एक ऐसा साझा सपना है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है, और सैनिकों की दृष्टि से प्राप्त सुझाव राज्य की नीतियों को और अधिक मजबूत आधार देंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड 2047 तक एक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित कर रही है…युवाओं से लेकर पूर्व सैनिकों तक।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शिक्षाविद् व चिन्तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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