देहरादून: उत्तराखंड के जिलाधिकारी सविन बंसल द्वारा गुलर घाटी अन्न भण्डारण का औचक निरीक्षण किया गया, जहां प्रशासन की टीम ने कई गंभीर अनियमितताएँ पाईं। निरीक्षण के दौरान मिक्स इंडिकेटर मैथर्ड से किए गए परीक्षण में क्विंटलों अनाज के सैम्पल फेल हुए, जिसके बाद अन्न भण्डारण की रखरखाव व्यवस्था, स्टॉक रजिस्टर की अनुपस्थिति और अन्य कई खामियाँ सामने आईं। इन अनियमितताओं के कारण जिलाधिकारी ने एसएमओ विष्णु प्रसाद त्रिवेदी को निलम्बित करने और एआरओ अजय रावत को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के निर्देश दिए हैं।
जिलाधिकारी की टीम ने पिछले सप्ताह गुलर घाटी अन्न भण्डारण में 5 घंटे तक सघन जांच की। इस दौरान अन्न भण्डारण की गुणवत्ता, भौतिक सत्यापन और रिकॉर्ड की स्थिति का परीक्षण किया गया। अधिकारियों द्वारा 61 चावल के सैंपल लिए गए, जिसमें से 26 सैंपल रद्द श्रेणी में पाए गए।
मुख्य अनियमितताएँ
अनियमित भण्डारण: अनाज के बोरे का वजन नियमानुसार 50.5 किलो होना चाहिए था, लेकिन गेहूं और चावल के बोरे औसतन 43 किलो और 47 किलो पाए गए।
काफी अनियमित स्टॉक रजिस्टर: रजिस्टर में कई जगहों पर अंकन में भिन्नता और अहस्ताक्षरित जानकारी पाई गई। स्टैक कार्ड्स भी ठीक से डिस्प्ले नहीं किए गए थे।
गुणवत्ता परीक्षण में असफलता: चावल के 61 सैंपल में से 26 फेल हुए और इन्हें रद्द श्रेणी में डाला गया।
गोदाम में फिफो (First In, First Out) के नियमों का पालन भी नहीं किया गया। इसके तहत पुराने माल को पहले निकाला जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। साथ ही, कोई भी फिफो रजिस्टर भी मेंटेन नहीं किया गया।
गोदाम में रखे गए अनाज की गुणवत्ता नियंत्रण के लिए भारतीय खाद्य निगम द्वारा जारी एसओपी (Standard Operating Procedure) का उल्लंघन किया गया। निरीक्षण के दौरान इन्वेंटरी मैनेजमेंट के स्टॉक रजिस्टर में भी भारी गड़बड़ियां पाई गईं। इसके साथ ही, अनाज के भण्डारण और वितरण में नियमों का उल्लंघन स्पष्ट रूप से देखा गया।
जिलाधिकारी ने इस मुद्दे की गंभीरता को देखते हुए मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए, संबंधित कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। एसएमओ विष्णु प्रसाद त्रिवेदी को निलम्बित कर दिया गया है, जबकि एआरओ अजय रावत को लापरवाही के लिए प्रतिकूल प्रविष्टि दी गई है। इन कर्मचारियों पर सरकारी सेवा नियमावली-2003 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
यह कदम राज्य सरकार की पारदर्शिता सुनिश्चित करने और सरकारी गोदामों में अनाज की गुणवत्ता को बनाए रखने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। खासतौर पर, इस अन्न भण्डारण से पूरे गढ़वाल क्षेत्र, सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों और आंगनवाड़ी केंद्रों तक अनाज की आपूर्ति की जाती है, जो बच्चों, धात्री माताओं और बुजुर्गों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जिलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि शासन का यह प्रयास है कि जनता को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री मिले और कोई भी लापरवाही या भ्रष्टाचार इस क्षेत्र में न हो। गोदामों का संचालन कड़ाई से नियमों के अनुसार होना चाहिए। हम इस मामले में पूरी तरह से सख्त हैं और आगे से ऐसी कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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