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कैंचीधाम में जुटी रिकॉर्ड तोड़ भीड़, 22 मजिस्ट्रेटों को महोत्सव के दौरान दी गई 49 व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी।

मुख्यमंत्री धामी ने कैंचीधाम में जुटी रिकॉर्ड भीड़ प्रबंधन से दिया सुगम यात्रा का संदेश
कैंचीधाम महोत्सव में बाबा के दर्शन को पहली बार जुटे रिकॉर्ड ढ़ाई लाख से ज्यादा श्रद्धालु
हल्द्वानी से कैंचीधाम तक सरकार द्वारा संचालित 460 वाहनों की शटल सेवाओं से श्रद्धालुओं ने की सुरक्षित आवाजाही
22 मजिस्ट्रेटों को महोत्सव के दौरान दी गई 49 व्यवस्थाओं की बड़ी जिम्मेदारी
परिवहन और पुलिस के 50 से ज्यादा अफसरों ने खुद संभाली यातायात व्यवस्था
24 छोटे-बड़े पार्किंग स्थल, 7 पानी के टैंकर और 6 मोबाइल शौचालय की थी सुविधाएं
देहरादून – कैंचीधाम में बाबा नीब करौरी के 60वें जन्ममहोत्सव के सफल संचालन से सरकार ने सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा का संदेश दिया है। महोत्सव में पहली बार रिकॉर्ड ढ़ाई लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के पहुंचने पर सरकार ने ठोस प्रबंधन की नजीर पेश की है। खासकर दर्शन से लेकर श्रद्धालुओं से जुड़ी हर सुविधा और व्यवस्था का देश-दुनिया में देवभूमि के प्रति सुगम यात्रा का संदेश गया है।

इस साल बाबा नीब करौरी के जन्ममहोत्सव पर आयोजित कैंचीधाम महोत्सव ने श्रद्धालुओं की दर्शन को जुटी भीड़ से लेकर व्यवस्थाओं ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। खासकर यात्रा में देश-विदेश से जुटने वाली भीड़ को देखते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग की। नतीजन, रिकॉर्ड भीड़ के बावजूद हर श्रद्धालुओं ने बाबा के सुगम दर्शन किए और सुरक्षित यात्रा के साथ वापस लौटे।

सरकार ने महोत्सव के दौरान पिछले सालों में हुई अव्यवस्थाओं को देखते हुए इस बार ठोस प्लान तैयार किया था। खुद मुख्यमंत्री धामी ने प्लान की नजदीकी से मॉनिटरिंग की। इसके लिए हल्द्वानी से कैंचीधाम तक करीब 45 किमी हिस्से में अलग अलग 49 व्यवस्थाओं के लिए 22 मजिस्ट्रेटों को जिम्मेदारी दी थी। जबकि हल्द्वानी बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से कैंचीधाम दर्शन को आने जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए करीब 460 बसें और टैक्सी की शटल सेवा शुरू की गई थी। इसके लिए किराया भी 100 रुपये प्रति सवारी तय किया गया था। इससे श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की असुविधा नहीं हुई। साथ ही हल्द्वानी, भवाली, भीमताल और कैंचीधाम तक 24 स्थानों पर छोटी-बड़ी पार्किंग बनाई गई थी। इन पार्किंग स्थल से कैंचीधाम तक पैदल जाने के लिए सुरक्षित रास्तों से श्रद्धालुओं को आवाजाही कराई गई।

इस दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को 7 पानी के टैंकर, 6 मोबाइल शौचालय, मेडिकल टीमें समेत अन्य जरूरी व्यवस्थाएं की गई थी। यही कारण रहा कि पहली बार रिकॉर्ड श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने के बावजूद सरकार के कुशल प्रबंधन से सुगम, सुरक्षित और सुव्यवस्थित यात्रा का संदेश गया है। जबकि कैंचीधाम से अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और नैनीताल जिले के लोगों की आवाजाही भी हाईवे और वैकल्पिक मार्गों से सुरक्षित कराए जाने से सभी ने सरकार के द्वारा ठोस यात्रा प्रबंधन की खूब तारीफ की है। इसके अलावा बाबा के दर्शन को पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी सरकार की व्यवस्थाओं की खुले मन से सराहना की है।।

एसडीआरएफ और एनडीआरएफ थी मुस्तैद
कैंचीधाम महोत्सव में पहली बार एसडीआरएफ और एनडीआरएफ को भी मुस्तैद रखा गया था। इसके अलावा वन विभाग और अग्निशमन विभाग को भी तैनात किया था। खासकर भीषण गर्मी से जंगलों में लग रही आग या दुर्घटना की संभावनाओं को देखते हुए पूरी टीमें सक्रिय थी। इसकी मॉनिटरिंग भी लगातार की जा रही थी। खासकर चीड़ और अन्य जंगल वाले रास्ते पर मोबाइल टीमें गश्त कर रही थी।
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BIG NEWS ! नैनीताल हाई कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया से हटाई अंतरिम रोक, जानिए क्या हुआ मामले में…

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Uttarakhand police Bharti : कोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया से अंतरिम रोक हटाई, कहा आयु सीमा में छूट देना उचित नहीं
Uttarakhand police Bharti : उत्तराखंड हाईकोर्ट ने पुलिस, पीएसी और आईआरबी भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट से जुड़ी याचिका पर सुनवाई के बाद अहम फैसला सुनाया है। सुनवाई में वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने याचिका का निस्तारण करते हुए चयन प्रक्रिया पर पहले से लगी अंतरिम रोक को हटा दिया। इस फैसले के साथ ही राज्य में करीब 2000 पुलिस पदों पर चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है।
HC ने Uttarakhand police Bharti पर लगी अंतरिम रोक हटाई
कोर्ट ने अपने आदेश में साफ तौर पर कहा कि संबंधित भर्ती की चयन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है। ऐसे में राज्य सरकार को आयु सीमा में छूट देने पर विचार करने का निर्देश देना किसी भी तरह से उपयोगी नहीं होगा। ये भी स्पष्ट किया गया कि अगर आयु सीमा में छूट दी भी जाती है, तो भी याचिकाकर्ता जैसे अभ्यर्थी पात्रता की शर्तें पूरी नहीं कर पाएंगे, क्योंकि वे विज्ञापन में तय ऊपरी आयु सीमा पार कर चुके हैं। इस स्थिति में न्यायालय का हस्तक्षेप उचित नहीं माना गया।

Uttarakhand police Bharti में आयु सीमा बढ़ाना उचित नहीं : कोर्ट
दरअसल, इस मामले में चमोली जिले के रोशन सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। उन्होंने बताया कि पुलिस विभाग में जिला रिजर्व पुलिस, पीएसी और आईआरबी के लिए 20 अक्टूबर 2024 को UKSSSC ने 2000 पदों पर भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इसमें 1550 नए पदों के साथ-साथ वर्ष 2021-22 और 2022-23 के दौरान रिक्त रहे 450 पदों को भी शामिल किया गया था।
बेरोजगार संघ ने किए थे कई आंदोलन, नहीं निकला नतीजा
याचिकाकर्ता का तर्क था कि लंबे समय तक Uttarakhand police Bharti प्रक्रिया न होने के कारण उनकी आयु निर्धारित सीमा से अधिक हो गई है। इसी वजह से उन्होंने भर्ती में शामिल होने के लिए आयु सीमा में छूट देने की मांग की। साथ ही ये भी कहा गया कि पुलिस भर्ती के लिए तय आयु सीमा 18 से 22 वर्ष में संशोधन किया जाना चाहिए। इस संबंध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा सरकार को कई बार ज्ञापन सौंपे गए, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।

जल्द हो सकती है नियुक्ति
दूसरी ओर, राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि भर्ती की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है और उस पर लगी रोक हटाना आवश्यक है। सरकार ने यह भी दलील दी कि प्रदेश में पहले से ही पुलिस बल की भारी कमी है और ऐसे में चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति में देरी से प्रशासनिक कार्य प्रभावित हो सकते हैं।

पुलिस भर्ती का विज्ञापन कब जारी किया गया था?
यूकेएसएसएससी ने 20 अक्टूबर 2024 को पुलिस, पीएसी और आईआरबी के लिए भर्ती विज्ञापन जारी किया था।
पुलिस भर्ती में आयु सीमा क्या तय की गई थी?
भर्ती विज्ञापन के अनुसार आयु सीमा 18 से 22 वर्ष निर्धारित की गई थी।
क्या कोर्ट ने पुलिस भर्ती में आयु सीमा में छूट देने से इनकार किया है?
हाँ, कोर्ट ने कहा कि आयु सीमा में छूट देना उचित नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता तय ऊपरी आयु सीमा पार कर चुके हैं।
Uttarakhand police Bharti में कितने पदों पर नियुक्ति का रास्ता साफ हुआ है?
हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य में करीब 2000 पुलिस पदों पर नियुक्ति का मार्ग प्रशस्त हो गया है।
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नैनीताल में घर के बाहर से महिला को उठा ले गया गुलदार, घसीटते हुए जंगल तक ले गया आदमखोर

Nainital News : नैनीताल से दुखद खबर सामने आ रही है। नैनीताल के धारी क्षेत्र में आज सुबह घर के बाहर से गुलदार हेमा बरगली उठा ले गया। इस घटना के बाद से इलाके में हड़कंप मच गया है।
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नैनीताल में घर के बाहर से महिला को उठा ले गया गुलदार
Nainital में आज सुबह घर के बाहर से गुलदार हेमा बरगली उठा ले गया। मिली जानकारी के मुताबिक नैनीताल जिले के धारी ब्लॉक स्थित दीनी तल्ली में आज सवेरे एक गुलदार महिला पर हमला कर दिया। स्थानीय गोपाल बरगली की पत्नी हेमा बरगली गुलदार के हमले में अचेत हो गई। गुलदार हेमा को घसीटते हुए जंगल की तरफ ले गया।

घसीटते हुए जंगल तक ले गया आदमखोर
गुलदार महिला को घसीटते हुए जंगल तक ले जा रहा था। इसी दौरान वहां मौजूद लोगों के हल्ला करने के बाद गुलदार हेमा को तो छोड़ गया लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। सूचने मिलने पर राजस्व, वन और पुलिस टीम क्षेत्रीय लोगों के साथ मौके पर पहुंची। वन और राजस्व विभाग ने शव बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेजने की तैयारी कर रही है।

जंगल में ही धरने पर बैठे स्थानीय लोग
विधायक राम सिंह कैड़ा भी घटनास्थल पहुंचे। क्षेत्रीय जनता हमलावर वन्यजीवों के आतंक के खिलाफ वन विभाग की कार्यशैली को लेकर धरने पर बैठ गई है। लोगों का कहना है कि आए दिन गुलदार के हमले की घटनाएं सामने आ रही है लेकिन इसके बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। जिसके कारण आज हेमा को अपनी जान गंवानी पड़ी है। वहीं इस घटना के बाद पूरे इलाके में दहशत का माहौल है।
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सीएम धामी ने नैनीताल को दी सौगात, मेट्रोपोल सर्फेस पार्किंग का किया भूमि पूजन

Nainital News : पुष्कर सिंह धामी गुरूवार को नैनीताल पहुंचे। जहां उन्होंने नैनीताल को बड़ी सौगात देते हुए121 करोड़ 52 लाख 46 हजार रुपये की लागत के 13 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने Nainital को बड़ी सौगात दी है। सीएम ने गुरूवार को 121 करोड़ 52 लाख 46 हजार रुपए की लागत के 13 विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री नैनीताल विंटर कार्निवाल में भी प्रतिभाग करने पहुंचे है।
मेट्रोपोल सर्फेस पार्किंग का किया भूमि पूजन
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज Nainital पहुँचे। जहां उन्होंने मेट्रोपोल शत्रु संपत्ति में 42 करोड़ 77 लाख 31 हजार रुपये की लागत से बनने वाली मेट्रोपोल सर्फेस पार्किंग का भूमि पूजन किया गया। जिसमें 30 करोड़ 66 लाख रुपए की लागत के दो योजनाओं का लोकार्पण किया तथा 90 करोड़ 86 लाख 46 हजार रूपये की लागत के 11 योजनाओं का शिलान्यास किया गया।

सूखाताल झील का भी हुआ सौंदर्यीकरण
लोकार्पण योजनाओं में 29 करोड़ 16 लाख की लागत से सूखाताल झील को रिचार्जिंग जोन एवं टूरिस्ट डेस्टिनेशन प्वाइंट के रूप में विकसित किया गया। जिसके अंतर्गत सूखाताल झील का संवर्धन और सौंदर्याकरण का कार्य कराया गया।
योजना अंतर्गत स्थल पर दो झीलों का निर्माण व उनके मध्य डक्ट का निर्माण, झील में पानी की शुद्धता के लिए एयरेशन प्लांट की स्थापना, 9 दुकानों का निर्माण, शौचालय ब्लॉक का निर्माण व विकसित स्थल पर प्रवेश के लिए मुख्य मार्ग से लगते हुए लिफ्ट एवं ट्रांजिट भवन का निर्माण एवं झील के चारों तरफ पैदल पथ का निर्माण कराया गया।
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