Dehradun
देहरादून स्मार्ट सिटी के कार्यों पर विराम, देश के 18 शहरों की सूचि में दून नही हुआ शामिल।

देहरादून – देहरादून में स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से अब कोई नया काम नहीं हो सकेगा। सिटीज 2.0 प्रोजेक्ट के लिए देशभर में 18 शहरों का चयन होना था, इसमें देहरादून शामिल नहीं हो पाया। इससे स्मार्ट सिटी को दोहरा झटका लगा है। प्रोजेक्ट के विस्तार की संभावनाएं तो शून्य हो ही गई हैं, सिटीज 2.0 से कचरा निस्तारण के लिए मिलने वाले 119 करोड़ रुपये भी दून को नहीं मिलेंगे। अब स्मार्ट सिटी अपने पहले से चल रहे अधूरे कार्यों को ही पूरा करेगा। अब सरकार के सामने बड़ा सवाल होगा कि क्या राज्य की राजधानी आधी-अधूरी ही स्मार्ट रहेगी?

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने सिटीज 1.0 में देश के 12 शहरों को चुना था। इसमें देहरादून भी शामिल था। इस परियोजना के तहत दून में ग्रीन कॉरिडोर, स्मार्ट स्कूल प्रोजेक्ट संचालित किए गए थे। स्कूलों के आसपास का क्षेत्र स्मार्ट बनाया गया था। वर्ष 2023 के अंत में मंत्रालय ने सिटीज 2.0 प्रोजेक्ट लांच किया। इसमें चयनित शहरों को ग्रीन सिटी बनाया जाना था। दून स्मार्ट सिटी लि. ने भी सिटीज 2.0 के लिए आवेदन किया था। स्मार्ट सिटी के सभी प्रोजेक्टों की समय सीमा पूरी होने के कारण यह प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के लिए बेहद अहम था।
अगर दून प्रोजेक्ट में शामिल होता, तो इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए 2027 तक स्मार्ट सिटी लि. को विस्तार भी मिल जाता। शहरी विकास मंत्रालय ने प्रोजेक्ट की समय सीमा 2027 तक बढ़ाने और केंद्र व राज्य सरकार को आधा-आधा खर्च करने संबंधी सहमति पत्र मांगा गया था। दोनों ही सहमति पत्र भेज दिए गए थे, लेकिन मंत्रालय की ओर से जारी सूची में देहरादून का नाम नहीं है।
Dehradun
मुख्य सचिव ने की मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा, तीन दिन में अपडेट देने के निर्देश

मुख्य सचिव आनंद बर्धन की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। मुख्य सचिव ने संबंधित सचिवों, विभागाध्यक्षों और जिलाधिकारियों को पूर्ण हो चुकी, गतिमान और किसी विशेष इश्यू के चलते अभी तक प्रारंभ नहीं की जा सकी ऐसी सभी सीएम घोषणाओं तथा गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस तथा राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर की गई सभी घोषणाओं का प्रथक- पृथक विवरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने की मुख्यमंत्री घोषणाओं की समीक्षा
मुख्य सचिव ने आज मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने गतिमान घोषणाओं की भौतिक और वित्तीय प्रगति का अपडेट तीन दिवस की अवधि में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही ऐसी घोषणाएं जिनको किसी भी प्रकार के इश्यू के चलते अभी तक प्रारंभ नहीं किया जा सका उनका विवरण कार्य प्रारंभ न करने का कारण बताते हुए सात दिवस की अवधि में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री घोषणाओं की सूची अलग से करें तैयार
मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस और राज्य स्थापना दिवस पर की गई मुख्यमंत्री घोषणाओं की सूची अलग से तैयार करें। इसके साथ ही उनको उच्च प्राथमिकता में लेते हुए अग्रिम कार्रवाई करना सुनिश्चित करें। उन्होंने संबंधित विभागों और जिलाधिकारियों को कहा कि ऐसी घोषणाऐं जिनको तत्काल प्रारंभ करने में कोई इशू नहीं है उनके तत्काल प्रस्ताव प्रस्तुत करें। जिन घोषणाओं को प्रारंभ करने में कोई इशू है उनकी समस्या की प्रकृति बताते हुए उचित निराकरण हेतु प्रथम बार विभागीय सचिव स्तर से निस्तारित कराएं यदि सचिव स्तर पर निस्तारण नहीं हो पाता तो उन्होंने उनके स्तर पर निराकरण हेतु प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
सीएम की कुल 3575 घोषणाओं में से 2215 घोषणाएं पूरी
मुख्य सचिव ने सचिव एस एन पांडेय को निर्देशित किया कि मुख्यमंत्री घोषणाओं की प्रगति तेजी से पूरी हो इसके लिए निगरानी का प्रभावी मेकैनिज्म बनाएं। जिन विभागों की जिस घोषणा में प्रगति संतोषजनक न हो उनको व्यक्तिगत अथवा दैनिक रूटीन से अवगत कराते हुए उसकी प्रगति बढ़ाएं। मुख्यमंत्री की कुल 3575 घोषणाओं में से 2215 घोषणाएं पूर्ण हो चुकी हैं। जबकि 777 पर कार्रवाई गतिमान हैं और 583 घोषणाएं अपूर्ण हैं।
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गढ़वाली से लेकर लोकल उत्पादों तक, जानें रजत जयंती समारोह में पीएम मोदी ने क्या कहा ?

रजत जयंती में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शिरकत की। पीएम मोदी ने गढ़वाली से अपने संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने गढ़वाली में प्रदेश के लोगों को नमस्कार किया और शहीदों को श्रद्धांजलि दी। अपने संबोधन की शुरूआत में पीएम ने कहा कि 9 नवंबर का दिन लंबी तपस्या का फल है।
प्रधानमंत्री ने गिनवाई 25 सालों की उपलब्धियां
पीएम मोदी ने प्रदेशवासियों को दी राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा कि उत्तराखंड से मेरा लगाव बहुत गहरा है। पीएम ने कहा कि पहले भी मैंने पहले भी कहा था ये दशक उत्तराखंड का है ये सिर्फ वाक्य नहीं था बल्कि मेरा आप पर पूरा भरोसा था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है।
पीएम मोदी के भाषण की बड़ी बातें
- प्रधानमंत्री ने गढ़वाली से की अपने संबोधन की शुरूआत, उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड का मेरा भाई बंधो, भैया भूली, आप सभी को मेरा नमस्कार।
- पीएम ने कहा कि देवभूमि की जनता का सपना 25 साल पहले अटल सरकार ने पूरा किया था।
- प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान गढ़वाली में कहा ‘2047 मा भारत थे विकसित देशों की लेन मा ल्याण थुणी म्यरो उत्तराखंड मेरो देवभूमि पूरी तरह से तैयार छिन।
- 25 सालों में उत्तराखंड की उपलब्धियां गिनाते हुए पीएम ने कहा कि 25 साल पहले उत्तराखंड का बजट चार हजार करोड़ था। आज ये बढ़कर एक लाख करोड़ रुपये को पार कर चुका है।
- 25 सालों में उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश बना है और आज बिजली उत्पादन चार गुना ज्यादा हो गया है।
- उत्तराखंड में लगातार रोड कनेक्टिविटी पर काम हो रहा है। 25 सालों में सड़कों की लंबाई बढ़कर दोगुनी हो गई है।
- पीएम मोदी ने कहा कि आज विकास की ऊंचाइयों पर उत्तराखंड पहुंच गया है और ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है।
- पीएम ने कहा कि आध्यात्मिक जीवन की उत्तराखंड धड़कन है। आने वाले समय में उत्तराखंड स्पिरिचुअल कैपिटल ऑफ वर्ल्ड के रूप में विकसित हो सकता है।
- प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘जहां चाह वहां राह’। हमें पता होगा कि हमारा लक्ष्य क्या है तो निश्चित ही हम आगे बढ़ेंगे। उत्तराखंड ने इसे साबित कर दिखाया है।
- उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों की संख्या बीते कुछ सालों में बढ़ी है। ऐसे में हमें पहाड़ी भोजन को पर्यटकों की परोसना होगा। इससे वे खुश होंगे बल्कि यही चीज है उन्हें दोबारा खीचेंगी।
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Uttarakhand@25 : रजत जयंती समारोह में पीएम ने कही बड़ी बात, ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड

पीएम मोदी ने गढ़वाली से अपने संबोधन की शुरूआत की। उन्होंने गढ़वाली में प्रदेश के लोगों को नमस्कार किया। अपने संबोधन की शुरूआत में पीएम ने कहा कि 9 नवंबर का दिन लंबी तपस्या का फल है।
पीएम मोदी ने गढ़वाली से की संबोधन की शुरूआत
पीएम मोदी ने प्रदेशवासियों को दी राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि दी। पीएम ने कहा कि उत्तराखंड से मेरा लगाव बहुत गहरा है। पीएम ने कहा कि पहले भी मैंने पहले भी कहा था ये दशक उत्तराखंड का है ये सिर्फ वाक्य नहीं था बल्कि मेरा आप पर पूरा भरोसा था।
ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड – PM Modi
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ये उत्तराखंड के उत्कर्ष का कालखंड है। पहले उत्तराखंड केंद्र की मदद पर निर्भर था लेकिन अब हर एक क्षेत्र में उत्तराखंड सफलता की विकासगाथाएं लिख रहा है। 25 सालों में सड़कों की लंबाई दोगुनी हुई है। पहले हवाई जहाज से छह महीने में 4 हजार यात्री उत्तराखंड आते थे। लेकिन आज एक दिन में 4 हजार यात्री आते हैं। पहले उत्तराखंड में एक मेडिकल कॉलेज था लेकिन अब 10 मेडिकल कॉलेज हैं।
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