देहरादून: उत्तराखंड के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक एनीमिया एवं टीबी मुक्त बनाने के लिए सघन जनजागरूकता अभियान की घोषणा की है। इस अभियान में विद्यालयों, महाविद्यालयों, और विश्वविद्यालयों के शिक्षकों तथा छात्र-छात्राओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
आज शासकीय आवास पर उच्च एवं विद्यालयी शिक्षा विभाग की संयुक्त बैठक में डॉ. रावत ने कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी राजकीय महाविद्यालयों के शिक्षक व शिक्षा विभाग के अधिकारी नि:क्षय मित्र बनकर प्रत्येक टीबी मरीज को गोद लेंगे और एक साल तक उनके उपचार में सहयोग करेंगे।
उन्होंने बताया कि यह अभियान सामाजिक दायित्वों के तहत प्रदेशभर में चलाया जाएगा, जिसमें एनीमिया एवं टीबी मुक्त भारत अभियान में दोनों विभाग अपनी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। शिक्षा मंत्री ने इस अभियान के लिए रूपरेखा तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।
इसके तहत विद्यालयों और महाविद्यालयों में चरणबद्ध तरीके से जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान में छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अभिभावकों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। अभियान में कुपोषण से होने वाले एनीमिया को समाप्त करने के उपायों पर गोष्ठियों और कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा।
इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक संगठनों के सहयोग से छात्र-छात्राओं की टीबी और एनीमिया की जांच भी की जाएगी, ताकि वर्ष 2025 तक राज्य को टीबी और एनीमिया मुक्त बनाया जा सके।