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ये 350 जंगल नहीं, देवताओं का घर हैं, जानिए क्यों यहां पत्ता तोड़ना माना जाता है पाप !

नैनीताल: जहां एक ओर देशभर में जंगलों की अंधाधुंध कटाई चिंता का विषय बनी हुई है, वहीं उत्तराखंड समेत देश के कई हिस्सों में आज भी ऐसे जंगल मौजूद हैं…जिन्हें लोग देवताओं का निवास मानकर श्रद्धा से पूजते हैं। इन्हें देव वन कहा जाता है। ग्रामीणों की आस्था और संरक्षण की परंपरा ने इन वनों को वर्षों से सुरक्षित रखा है।
कुमाऊं और गढ़वाल मंडलों में सैकड़ों की संख्या में देव वन मौजूद हैं, जहां ग्रामीणों द्वारा एक पत्ता तक तोड़ने की मनाही है। मान्यता है कि इन जंगलों में देवता वास करते हैं और किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ से उनका कोप झेलना पड़ता है।
पिथौरागढ़ जिले में कोटगाड़ी देवी का विशेष स्थान है। यहां जंगलों को देवी को 5 से 20 वर्षों के लिए समर्पित किया जाता है…और इस दौरान कोई भी ग्रामीण उस जंगल में प्रवेश नहीं करता। इससे जंगल प्राकृतिक रूप से फलते-फूलते हैं और जैव विविधता बनी रहती है।
तेदांग गांव के ऊपर स्थित बोम्बासिंग और मार्टोली गांव के ऊपर भुजानी जंगलों को स्थानीय लोग भगवान का जंगल कहते हैं। यहां मृत लकड़ी या चारा लेने तक की अनुमति नहीं होती। केवल पारंपरिक मंदोड़ उत्सव के दौरान ही ग्रामीण इन जंगलों में प्रवेश करते हैं।
इन वनों में प्रमुख रूप से बांज, देवदार, भोजपत्र, रागा, रत्पा और जुनिपर जैसी पवित्र मानी जाने वाली प्रजातियां पाई जाती हैं। ग्रामीण इन पेड़ों की पूजा करते हैं, जिससे इन वनों की हरियाली लगातार बढ़ रही है।
उत्तराखंड के प्रमुख देव वन:
कुमाऊं: थलेकश्वर, ध्वज, चामुंडा देवी, नकुलेश्वर, धुरका देवी, हुंकारा देवी
गढ़वाल: हरियाली, मतकेश्वर, मानथाट, ताड़केश्वर, शेम मुखिमनाग, थत्यूर
प्राणी विज्ञान विभाग, एमबीपीजी कॉलेज के प्रो. सीएस नेगी ने अपनी किताब ‘The Sacred Uttarakhand’ में बताया है कि राज्य में 350 से अधिक देव वन हैं…जो ग्रामीणों की आस्था और संरक्षण भावना के कारण आज भी सुरक्षित हैं। यह परंपरा पर्यावरण संरक्षण का एक सशक्त और स्वाभाविक मॉडल बनकर उभरी है।
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लालकुआं से उठी विकास की लहर: 126 करोड़ की सौगात, सीएम धामी ने गौ-पूजन कर दिया सांस्कृतिक संदेश

लालकुआं (नैनीताल): मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नैनीताल में 126 करोड़ की 27 विकास परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इनमें शिक्षा, सड़क, चिकित्सा, सिंचाई, सीवरेज, नगर विकास, सौंदर्यीकरण और गौवंश संरक्षण की योजनाएं शामिल हैं। ₹25.93 करोड़ की 9 योजनाओं का लोकार्पण और ₹100.76 करोड़ की 18 योजनाओं का शिलान्यास हुआ।
उन्होंने कहा कि ये परियोजनाएं क्षेत्र की बुनियादी संरचना मजबूत करेंगी और जनता को बेहतर सुविधाएं देंगी। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश में हो रहे विकास कार्यों की सराहना की और राज्य सरकार की सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पहचान की रक्षा की प्रतिबद्धता बताई।
नैनीताल जिले को आदर्श बनाने के लिए मानसिक चिकित्सालय, कैंसर संस्थान, आयुष अस्पताल, आंबेडकर पार्क, रिंग रोड, बाईपास रोड, खेल विश्वविद्यालय जैसी परियोजनाएं तेजी से पूरी की जा रही हैं। हल्द्वानी को स्वच्छ और हरित बनाने के लिए वेस्ट मैनेजमेंट व सीवरेज योजनाएं शुरू की गई हैं, और जाम दूर करने के लिए मल्टी-स्टोरी पार्किंग बनाई जा रही है।
जमरानी बहुउद्देश्यीय बांध और खुरपिया में इंडस्ट्रियल स्मार्ट सिटी जैसे बड़े प्रोजेक्ट भी तराई क्षेत्र को लाभ देंगे।
उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है और पिछले तीन वर्षों में 200 से अधिक भ्रष्टाचारी जेल गए हैं। जनता से अपील की कि वे उत्तराखंड को देश का अग्रणी राज्य बनाने में सहयोग करें।
कार्यक्रम में अनेक प्रमुख विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ, जैसे नहरों का पुनर्निर्माण, आयुर्वेदिक भवन, सड़क मार्ग, पशु चिकित्सालयों का विकास, गौशालाओं का निर्माण, पर्यटन भवन निर्माण, जल आपूर्ति और सीवरेज योजनाएं, पुस्तकालय पुनरुद्धार आदि।
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कैंची धाम जाने वालों को जाम ने किया परेशान, पूरे दिन यातायात व्यवस्था रही चरमराई

नैनीताल: धाम में बाबा नीब करौरी महाराज के दर्शन को जा रहे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के चलते रानीबाग से लेकर कैंची धाम तक भीषण जाम लग गया। जाम की वजह से स्थानीय लोगों, पर्यटकों और यात्रियों को पूरे दिन परेशानी का सामना करना पड़ा।
सबसे अधिक दिक्कत अल्मोड़ा, रानीखेत, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और हल्द्वानी से आने-जाने वाले यात्रियों को उठानी पड़ी। इस जाम का असर न केवल आमजन पर पड़ा, बल्कि स्थानीय व्यापारियों के कारोबार पर भी दिखा।
भीमताल-काठगोदाम मोटर मार्ग पर भी रानीबाग, अमृतपुर और सलड़ी जैसे इलाकों में यातायात बाधित रहा। काठगोदाम से रानीबाग तक दोपहर के बाद वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। स्थिति को संभालने के लिए पुलिस ने कुछ मार्गों पर एकतरफा यातायात चलाया, लेकिन अमृतपुर तक भीमताल रोड पर जाम की स्थिति बनी रही। यातायात पुलिस जमी रही मोर्चे पर….लेकिन श्रद्धालुओं और पर्यटकों की भीड़ के सामने व्यवस्था कमजोर पड़ती नजर आई।
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सीएम धामी की बड़ी बैठक: विकास, जवाबदेही और जीरो टॉलरेंस पर सख्त निर्देश



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