Dehradun
राष्ट्रपति दौरे के चलते देहरादून में ट्रैफिक रूट डायवर्ट, जानिए

देहरादून: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 19 जून से 21 जून तक देहरादून दौरे पर रहेंगी। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम के मद्देनजर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को सशक्त बनाने के साथ-साथ शहर में ट्रैफिक प्रबंधन के लिए विशेष रूट प्लान भी जारी किए हैं। अधिकारियों और पुलिस कर्मचारियों को सुरक्षा और ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर पहले ही ब्रीफिंग दी जा चुकी है।
19 जून के लिए ट्रैफिक रूट प्लान:
ऋषिकेश की ओर से देहरादून आने वाले वाहनों को भानियावाला होते हुए देहरादून शहर के लिए रानीपोखरी, भोगपुर, थानो और 6 नंबर पुलिया के रास्ते सहस्त्रधारा क्रॉसिंग और सर्वे चौक के माध्यम से प्रवेश कराया जाएगा।
ऋषिकेश से मसूरी जाने वाले वाहनों को रानीपोखरी, भोगपुर, थानो, 6 नंबर पुलिया, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, आईटी पार्क और साईं मंदिर से मसूरी के लिए भेजा जाएगा।
हरिद्वार से देहरादून आने वाले वाहनों को भानियावाला फ्लाईओवर सर्विस लेन, डोईवाला चौक, दूधली मार्ग और कारगी चौक के रास्ते भेजा जाएगा।
हरिद्वार से मसूरी जाने वाले वाहनों के लिए भानियावाला फ्लाईओवर सर्विस लेन, डोईवाला चौक, दूधली मार्ग, कारगी चौक, आईएसबीटी, शिमला बाईपास, जीएमएस रोड, कैंट और अनारवाला मार्ग तय किया गया है।
आशारोड़ी और प्रेमनगर क्षेत्र से मसूरी जाने वाले वाहनों को आईएसबीटी, शिमला बाईपास, जीएमएस रोड, बल्लुपुर चौक, कैंट और अनारवाला होते हुए मसूरी भेजा जाएगा।
देहरादून से हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले वाहनों को कारगी चौक, दूधली मार्ग, डोईवाला चौक, भानियावाला सर्विस लेन, लालतप्पड़ और नेपाली फार्म तिराहा से भेजा जाएगा।
मसूरी से हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले वाहनों को कुठाल गेट, ओल्ड मसूरी रोड, सांई मंदिर, काठ बंगला पुलिस, किरशाली चौक, आईटी पार्क, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, 6 नंबर पुलिया, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और थानो रोड से उनके गंतव्य की ओर भेजा जाएगा।
19 जून को इन स्थानों पर ट्रैफिक डायवर्ट रहेगा:
भोगपुर तिराहा (रानी पोखरी), भानियावाला फ्लाईओवर, डोईवाला थाने के आगे दूधली रोड, कारगी चौक, शिमला बाईपास चौक, एनेक्सी तिराहा, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, साईं मंदिर और राजपुर रोड।
समय: दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक।
20 जून के लिए रूट प्लान:
ईसी रोड से मसूरी जाने वाले वाहन सर्वे चौक, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, आईटी पार्क और साईं मंदिर के रास्ते मसूरी के लिए जाएंगे।
घंटाघर से मसूरी वाहन द ग्रेट वैल्यू, कैनाल रोड, काठ बंगला पुल, साईं मंदिर मार्ग से जाएंगे।
हाथीबड़कला और दिलाराम चौक से आने वाले वाहन दिलाराम, ग्रेट वैल्यू, कैनाल रोड, काठ बंगला पुल और साईं मंदिर से मसूरी जाएंगे।
मसूरी से देहरादून आने वाले वाहन कुठाल गेट, ओल्ड मसूरी रोड, सांई मंदिर, काठ बंगला पुलिस, किरशाली चौक, आईटी पार्क, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग से शहर में प्रवेश करेंगे।
20 जून को ये स्थान होंगे डायवर्ट पॉइंट:
दिलाराम चौक, ग्रेट वैल्यू तिराहा, साईं मंदिर तिराहा और कुठाल गेट तिराहा।
समय: सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक।
21 जून के लिए रूट प्लान:
ऋषिकेश से देहरादून आने वाले वाहन भानियावाला, रानीपोखरी, भोगपुर, थानो, 6 नंबर पुलिया, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग और सर्वे चौक से शहर में प्रवेश करेंगे।
ऋषिकेश से मसूरी जाने वाले वाहन रानीपोखरी, भोगपुर, थानो, 6 नंबर पुलिया, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, आईटी पार्क और साईं मंदिर होते हुए मसूरी जाएंगे।
हरिद्वार से देहरादून आने वाले वाहन भानियावाला फ्लाईओवर सर्विस लेन, डोईवाला चौक, दूधली मार्ग और कारगी चौक से शहर में प्रवेश करेंगे।
हरिद्वार से मसूरी जाने वाले वाहन भानियावाला फ्लाईओवर सर्विस लेन, डोईवाला चौक, दूधली मार्ग, कारगी चौक, आईएसबीटी, शिमला बाईपास, जीएमएस रोड, कैंट और अनारवाला से मसूरी जाएंगे।
आशारोड़ी और प्रेमनगर से मसूरी जाने वाले वाहन आईएसबीटी, शिमला बाईपास, जीएमएस रोड, बल्लूपुर चौक, कैंट और अनारवाला मार्ग से जाएंगे।
देहरादून से हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले वाहन कारगी चौक, दूधली मार्ग, डोईवाला चौक, भानियावाला सर्विस लेन, लालतप्पड़ और नेपाली फार्म तिराहा से जाएंगे।
मसूरी से हरिद्वार और ऋषिकेश जाने वाले वाहन कुठाल गेट, ओल्ड मसूरी रोड, सांई मंदिर, काठ बंगला, किरशाली चौक, आईटी पार्क, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, 6 नंबर पुलिया, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज और थानो रोड से निकलेंगे।
21 जून को डायवर्ट पॉइंट होंगे:
भोगपुर तिराहा (रानी पोखरी), भानियावाला फ्लाईओवर, डोईवाला थाने के आगे दूधली रोड, कारगी चौक, शिमला बाईपास चौक, एनेक्सी तिराहा, सहस्त्रधारा क्रॉसिंग, साईं मंदिर और राजपुर रोड।
समय: सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजे तक।
एसएसपी देहरादून अजय सिंह ने जनता से अपील की है: किसी भी असुविधा से बचने के लिए लिंक मार्गों पर दोपहिया वाहनों और सार्वजनिक परिवहन का अधिकतम प्रयोग करें। आपातकालीन सेवा वाहनों को मार्ग दिए जाएंगे। देहरादून की जनता से अनुरोध है कि निर्धारित डायवर्ट प्लान का पालन करते हुए पुलिस को सहयोग प्रदान करें।
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Harela parv: 7 लाख पेड़! उत्तराखंड के हरेला पर्व ने रचा रिकॉर्ड, जानिए कैसे ?

देहरादून (Harela parv): उत्तराखंड की सांस्कृतिक आत्मा और प्रकृति से गहरा जुड़ाव रखने वाला हरेला पर्व अब सिर्फ परंपरा का हिस्सा नहीं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक व्यापक जनआंदोलन बन चुका है। इस साल हरेला पर पूरे उत्तराखंड में कुछ ऐसा हुआ….जिसने इतिहास रच दिया और हर व्यक्ति को हरियाली के प्रति अपने दायित्व की याद दिला दी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू हुए “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई ऊँचाइयों पर पहुँचाते हुए इसे “हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ” जैसे गहरे और संवेदनशील संदेश से जोड़ा।
देहरादून में खुद पौधारोपण कर मुख्यमंत्री ने इस मुहिम की शुरुआत की। खास बात यह रही कि इसे केवल सरकारी कार्यक्रम तक सीमित नहीं रखा गया, बल्कि हर गाँव, शहर, स्कूल और मोहल्ले को इस हरित महोत्सव का हिस्सा बनाया गया। प्रदेश के सभी 13 जिलों में हजारों जगहों पर एक साथ पौधे लगाए गए।
7 लाख से ज्यादा पौधे लगाए
आंकड़ों की मानें तो इस अभियान के तहत अब तक पूरे उत्तराखंड में 7 लाख से ज्यादा पौधे लगाए जा चुके हैं। यह किसी एक पर्व पर उत्तराखंड में हुआ सबसे बड़ा पौधारोपण अभियान बन गया है। लेकिन इस पहल की सबसे बड़ी ताकत सिर्फ आंकड़ों में नहीं, बल्कि उसमें छुपी आस्था, ज़िम्मेदारी और लोगों की भागीदारी में है।
जन-जन की भागीदारी से बना उत्सव
हरेला पर्व के इस विशेष अभियान में वन विभाग, जिला प्रशासन, स्वयंसेवी संगठन, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, महिला समूह और युवाओं ने खुलकर हिस्सा लिया। हर हाथ में कुदाल और हर दिल में हरियाली के सपने के साथ लोगों ने पौधे लगाए, और इस पर्व को सिर्फ उत्सव नहीं, बल्कि एक संकल्प में बदल दिया।
हरियाली, उम्मीद और आस्था का प्रतीक
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि हरेला अब केवल सांस्कृतिक परंपरा नहीं, बल्कि प्रदेशवासियों की सामूहिक चेतना का उत्सव बन चुका है। उन्होंने इस पर जोर दिया कि राज्य सरकार विकास और आस्था, दोनों के बीच संतुलन बनाकर चल रही है और पर्यावरण संरक्षण उसकी प्राथमिक नीतियों में शामिल है।
जो पौधे आज लगाए जा रहे हैं…वे सिर्फ पेड़ नहीं हैं, बल्कि आने वाले कल के लिए हरियाली, उम्मीद और सतत विकास के बीज भी हैं। यही बीज एक हरित, स्वच्छ और संवेदनशील उत्तराखंड की नींव रखेंगे, जहाँ प्रकृति के साथ सच्चा प्रेम ही असली विकास का रास्ता दिखाता है
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उत्तराखंड तकनीकी विवि की नई कुलपति बनीं Dr. Tripta Thakur, जानिए प्रोफाइल

देहरादून: उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय को नई कुलपति मिल गई हैं। राज्यपाल एवं कुलाधिपति लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने डॉ. तृप्ता ठाकुर (Dr. Tripta Thakur) को कुलपति नियुक्त किया है।
डॉ. ठाकुर इस समय राष्ट्रीय विद्युत प्रशिक्षण प्रतिष्ठान (एनपीटीआई), फरीदाबाद में महानिदेशक के पद पर कार्यरत थीं। अब वह उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय का नेतृत्व करेंगी।
उनकी नियुक्ति उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय अधिनियम 2005 की धारा‑9 के अंतर्गत की गई है। डॉ. तृप्ता ठाकुर का कार्यकाल तीन वर्ष या आगामी आदेश तक मान्य रहेगा।
राजभवन, उत्तराखंड से इस संबंध में आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिया गया है। विश्वविद्यालय परिवार और शिक्षाविदों में इस नियुक्ति को लेकर सकारात्मक माहौल है…और सभी को नई कुलपति से नई ऊर्जा और दिशा की उम्मीद है।
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Government Employee Rules: जमीन या टीवी खरीदने से पहले अफसर को देनी होगी खबर! नया फरमान जारी

देहरादून: Government Employee Rules उत्तराखंड में सरकारी कर्मचारियों के लिए अब ज़मीन खरीदने या 5000 रुपये से अधिक की कोई भी बड़ी ख़रीदारी करने से पहले अपने विभागाध्यक्ष को जानकारी देना अनिवार्य कर दिया गया है। मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन की ओर से इस बारे में सभी प्रमुख सचिव, सचिव, मंडलायुक्त, विभागाध्यक्ष और जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर उत्तराखंड राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली 2022 के सख़्त पालन के निर्देश दिए गए हैं।
इसके तहत, कोई भी सरकारी कर्मचारी अपने नाम या परिवार के नाम से ज़मीन तभी खरीद सकेगा, जब वह पहले अपने अधिकारी को इसकी जानकारी देगा। यही नहीं, अगर कोई सरकारी कर्मचारी टीवी, फ्रिज, एसी या अन्य चल संपत्ति खरीदना चाहता है, जिसकी क़ीमत उसके एक महीने के वेतन या 5000 रुपये (जो भी कम हो) से ज़्यादा है, तो इसके लिए भी उसे पहले अपने अफसर को सूचित करना होगा।
हर पांच साल में देनी होगी संपत्ति की जानकारी
नियमावली के मुताबिक, हर सरकारी कर्मचारी को नियुक्ति के समय और फिर हर पांच साल में अपनी अचल संपत्ति का पूरा ब्योरा देना होगा। अगर विभाग चाहे, तो कर्मचारी से किसी भी समय उसकी चल और अचल संपत्ति का विवरण माँगा जा सकता है। इस विवरण में यह भी साफ़ करना होगा कि संपत्ति किस तरह अर्जित की गई है।
मुख्य सचिव ने साफ़ कर दिया है कि अगर कोई कर्मचारी बिना सूचना के इस तरह की संपत्ति खरीदता है, तो यह नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और उस पर कार्रवाई हो सकती है।
सरकारी कर्मचारियों के लिए यह कदम पारदर्शिता बढ़ाने और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
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