Dehradun
गणतंत्र दिवस पर उत्तराखण्ड पुलिस के अधिकारियों को मिलेगा सम्मान , जानें कौन-कौन होगा सम्मानित….

देहरादून : उत्तराखण्ड शासन और पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड ने गणतंत्र दिवस-2025 के अवसर पर सेवा और विशिष्ट कार्यों के लिए पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा । उन्हें राज्यपाल उत्कृष्ट सेवा पदक, पुलिस महानिदेशक की प्रशस्ति डिस्क “गोल्ड” और “सिल्वर” से नवाजा जाएगा।
राज्यपाल उत्कृष्ट सेवा पदक (विशिष्ट कार्य हेतु)
- केवल खुराना, पुलिस महानिरीक्षक प्रशिक्षण, देहरादून
- अजय सिंह, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, देहरादून
- प्रमेन्द्र सिंह डोबाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, हरिद्वार
- सुरजीत सिंह पंवार, अपर पुलिस अधीक्षक, 40वीं वाहिनी पीएसी, हरिद्वार
- लोकजीत सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक, जनपद हरिद्वार
- दीपक सिंह पंवार, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद पौड़ी गढ़वाल
- ज्योति कन्याल, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद देहरादून
- प्रमोद कुमार उनियाल, अपर उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद उत्तरकाशी
पुलिस महानिदेशक प्रशस्ति डिस्क ‘गोल्ड’ (सेवा के आधार पर)
- प्रदीप कुमार राय, पुलिस अधीक्षक अभिसूचना, देहरादून
- राकेश रावत, पुलिस उपाधीक्षक, जनपद हरिद्वार
- बिपेन्द्र सिंह, पुलिस उपाधीक्षक, 40वीं वाहिनी पीएसी, हरिद्वार
- उमादत्त सेमवाल, निरीक्षक यातायात, जनपद टिहरी गढ़वाल
- कुंवर सिंह रावत, निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद पिथौरागढ़
- जगत सिंह बिष्ट, उप निरीक्षक एम0टी0, जनपद देहरादून
- विजय लक्ष्मी जुयाल, उप निरीक्षक (एम), पुलिस मुख्यालय, देहरादून
- राजेन्द्र सिंह, अपर गुल्मनायक, 31वीं वाहिनी पीएसी
- सुरेश लाल स्नेही, अपर उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, सीआईडी खण्ड, देहरादून
- साधना, मुख्य आरक्षी 10 ना0पु0, जनपद नैनीताल
पुलिस महानिदेशक प्रशस्ति डिस्क ‘गोल्ड’ (विशिष्ट कार्य हेतु)
- कमल कुमार लुन्ठी, निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद देहरादून
- प्रकाश शाह, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस एएनटीएफ, देहरादून
- दिनेश कुमार, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, एएसआईओ (वीके) मंगलौर, हरिद्वार
- नरेश चौहान, निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद ऊधमसिंहनगर
- नरेश सिंह, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद हरिद्वार
पुलिस महानिदेशक प्रशस्ति डिस्क ‘सिल्वर’ (सेवा के आधार पर)
- कृष्ण कुमार वी0के0, पुलिस महानिरीक्षक अभिसूचना/पुलिस दूरसंचार, देहरादून
- कमलेश पन्त, पुलिस उपाधीक्षक, सचिवालय/विधानसभा सुरक्षा, उत्तराखण्ड
- अनिल मनराल, पुलिस उपाधीक्षक, सतर्कता अधिष्ठान सैक्टर हल्द्वानी
- बिरेन्द्र सिंह कठैत, दलनायक, 40वीं वाहिनी पीएसी, हरिद्वार
- महेश चन्द्र, अग्निशमन अधिकारी, जनपद अल्मोड़ा
- जीवन सिंह बिष्ट, निरीक्षक(एम), सतर्कता अधिष्ठान मुख्यालय, देहरादून
- बालम सिंह बजेली, दलनायक, एसडीआरएफ वाहिनी, जौलीग्रांट, देहरादून
- नीरज यादव, निरीक्षक अभिसूचना, एलआईयू, हरिद्वार
- शेर बहादुर, निरीक्षक अभिसूचना, एसपीआर हल्द्वानी
- मंगल सिंह नेगी, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद पिथौरागढ़
- अरूण कुमार पाण्डेय, उप निरीक्षक अभिसूचना, एलआईयू, उत्तरकाशी
- सुरेन्द्र सिंह राणा, उप निरीक्षक एमटी, पुलिस मुख्यालय, देहरादून
- पुष्पा रौतेला, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, यातायात निदेशालय, पुलिस मुख्यालय
- चन्द्र प्रकाश सिंह, अपर उप निरीक्षक सशस्त्र पुलिस, जनपद नैनीताल
- जसवन्त सिंह, अपर गुल्मनायक, पीटीसी नरेंद्रनगर, टिहरी गढ़वाल
- सुशील कुमार, अपर उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जीआरपी उत्तराखण्ड
- मोहिनी देवी, अपर उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद हरिद्वार
- उमेश चन्द्र देवराड़ी, सहायक उप निरीक्षक(एम), पुलिस मुख्यालय, देहरादून
- सुन्दर सिंह, फायर सर्विस चालक, जनपद ऊधमसिंहनगर
- ललित प्रसाद, आरक्षी, आईआरबी प्रथम, रामनगर, नैनीताल
पुलिस महानिदेशक प्रशस्ति डिस्क ‘सिल्वर’ (विशिष्ट कार्य हेतु)
- अजय गणपति कुम्भार, पुलिस अधीक्षक, जनपद चम्पावत
- लक्ष्मण सिंह नेगी, निरीक्षक अभिसूचना, एलआईयू देहरादून
- त्रिभुवन रौतेला, निरीक्षक नागरिक पुलिस, साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून
- देवेश कुमार खुगसाल, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद देहरादून
- प्रद्युमन सिंह नेगी, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद पौड़ी गढ़वाल
- अमनदीप सिंह, उप निरीक्षक नागरिक पुलिस, जनपद चमोली
- विकास कुमार सैनी, मुख्य आरक्षी 139 नागरिक पुलिस, जनपद टिहरी गढ़वाल
- प्रदीप सिंह मेहता, आरक्षी 3340, एसडीआरएफ उत्तराखण्ड
- पंकज बिष्ट, आरक्षी पीएसी, पीटीसी नरेंद्रनगर, टिहरी गढ़वाल
- वसीम अकरम, आरक्षी 648 नागरिक पुलिस, जनपद हरिद्वार
यह सम्मान उत्तराखण्ड पुलिस के अधिकारियों और कर्मचारियों के कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण को मान्यता देने के रूप में दिया जाएगा। इन अधिकारियों ने विभिन्न कार्यों में अद्वितीय योगदान दिया है, जो पुलिस विभाग के उत्कृष्ट प्रदर्शन को दर्शाता है।
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ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ, DG सूचना बंशीधर तिवारी को मिला ये बड़ा सम्मान

देहरादून में आयोजित ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस का मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुभारंभ किया इस अवसर पर सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को सम्मानित भी किया गया।
ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस का शुभारंभ
तीन दिवसीय ऑल इंडिया पब्लिक रिलेशन कॉन्फ्रेंस का देहरादून में शुभारंभ हो गया है। तीन दिवसीय इस राष्ट्रीय आयोजन देश-विदेश के जनसंपर्क पेशेवरों, नीति-निर्माताओं और संचार विशेषज्ञों को एक मंच पर लाकर सुशासन, तकनीकी समावेश और संचार की बदलती भूमिका पर गहन विमर्श का अवसर प्रदान कर रहा है। बता दें कि ये सम्मेलन 13 से 15 दिसंबर 2025 तक देहरादून में आयोजित किया जा रहा है और इसका संचालन जनसंपर्क सोसायटी ऑफ इंडिया (PRSI) द्वारा किया जा रहा है।

DG सूचना बंशीधर तिवारी को मिला ये बड़ा सम्मान
मुख्यमंत्री ने उत्तराखंड के सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी को बेहतर सुशासन और प्रशासनिक उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किया। बंशीधर तिवारी वर्तमान में सूचना महानिदेशक के साथ-साथ अपर सचिव मुख्यमंत्री और देहरादून–मसूरी विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) के उपाध्यक्ष के रूप में भी अपनी जिम्मेदारियां निभा रहे हैं।

ये सम्मान आगे भी बेहतर कार्य करने के करेगा प्रेरित
बता दें कि उन्हें प्रशासनिक दक्षता, प्रभावी जनसंपर्क और सुशासन के क्षेत्र में किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए ये सम्मान प्रदान किया गया। सम्मान प्राप्त करने के बाद बंशीधर तिवारी ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए सम्मान अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। ऐसे सम्मान से न केवल आत्मविश्वास बढ़ता है, बल्कि जिम्मेदारियां भी और अधिक बढ़ जाती हैं। उन्होंने कहा कि ये सम्मान उन्हें आगे भी बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करेगा।
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छात्रों को संरचना विहीन संस्थान में रखना पड़ा भारी, सुभारती कॉलेज को 87.50 करोड़ का वसूली वारंट जारी

DEHRADUN NEWS : जिले के बड़े बकायेदारों के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत जिला प्रशासन ने सुभारती समूह पर अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देशों के अनुपालन में लंबित बकाया वसूली के तहत रू 87.50 करोड़ की कुर्की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।
छात्रों को संरचना विहीन संस्थान में रखना पड़ा भारी
देहरादून के जिलाधिकारी ने सुभारती समूह से बकाया राजस्व वसूली सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि भविष्य में भी किसी बड़े या छोटे बकायेदार को बकाया राशि न जमा करने पर कानूनी कार्रवाई से नहीं बख्शा जाएगा। जनपद में राजस्व वसूली को गति देने तथा सरकारी धन की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह कार्यवाही कर कड़ा संदेश दिया है। जिलाधिकारी ने द्वारा जारी कुर्की वारंट से स्पष्ट किया गया है कि बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद भुगतान न होने पर यह कठोर कदम उठाया गया है।
सुभारती कॉलेज को 87.50 करोड़ का वसूली वारंट जारी
जिलाधिकारी ने कहा कि ‘जनता के धन की लूट करने वालों को किसी भी स्थिति में छोड़ा नहीं जाएगा।” उन्होंने निर्देशित किया है कि समस्त उप जिलाधिकारी अपने-अपने तहसील क्षेत्रों में ऐसे सभी छोटे एवं बड़े बकायेदारों की सूची तैयार करें, जिन्होंने लंबे समय से देय राशि जमा नहीं की है या जानबूझकर भुगतान से बच रहे हैं। जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि इनके विरुद्ध विशेष वसूली अभियान चलाकर तत्परता से वसूली सुनिश्चित की जाए।
संस्थान को 6 वर्षों से 300 छात्रों से पूर्ण शुल्क वसूलने के बावजूद संरचना विहीन संस्थान में रखना भारी पड़ गया है, जिला प्रशासन ने वसूली वारंट जारी कर दिया है, अगले कुछ ही दिवसों में संस्थान का बैंक खाता सीज संपत्ति कुर्क करने की कार्रवाई की जा सकती है।चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने डीएम से की सिफारिशचिकित्सा शिक्षा निदेशक ने संस्थान से पूर्ण वसूली के जाने के सिफारिश जिलाधिकारी को की थी।

छह सालों में 300 बच्चों से ले चुके थे फीस
शैक्षिणक सत्र 2017-18 में प्रवेश पाए द्वितीय बैच के कुल 74 छात्रों द्वारा उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका (सिविल) योजित की गई थी। जिसमें में छात्रों की ओर से संस्थान में संरचना उपलब्ध नहीं है, और वो संस्थान से लगतार शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते हैं। याचिका में एमसीआई द्वारा अपने तथ्य रखे गए थे और याचिका में ये प्रश्न था कि छात्रों को अन्य संस्थान में प्रवेश देकर अन्तरित किया जाएं। वर्ष 2019 में उच्चतम न्यायालय ने ये निर्देश दिया गया था कि 300 छात्राओं को राज्य के तीन राजकीय मेडिकल कॉलेजों में अन्तरित किया जाए।
उच्चतम न्यायालय ने ये भी आदेश दिया गया था कि ये छात्र केवल राजकीय मेडिकल कॉलेज में लागू फीस का ही भुगतान करेंगे। उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश को 12 अप्रैल 2019 के आदेश में पुनः पुष्ट किया गया था। श्रीदेव सूमन सुभारती मेडिकल कॉलेज में इन सभी 300 छात्राओं को राजकीय मेडिकल कॉलेजों में समयोजित किए जाने हेतु लगभग एक नये मेडिकल कॉलेज को खोलने के अनुरूप अपेक्षित संरचना स्थापित करने की आवश्यकता थी, जिसमें राज्य सरकार पर अनापेक्षित वित्तीय भार आ गया था, जबकि उक्त संस्था द्वारा इन छात्रों से शुल्क बिना किसी काम के संग्रहित किया गया था।
राजस्व की हानि किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं
जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्देश दिए कि राजस्व की हानि किसी भी प्रकार से स्वीकार्य नहीं है। बकायेदारों द्वारा देरी या भुगतान से बचने की प्रवृत्ति पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सभी राजस्व अधिकारियों को निर्देश दिए कि बकायेदारों की विस्तृत रिपोर्ट तत्काल तैयार करें। इसके साथ ही प्राथमिकता के आधार पर बड़े बकायेदारों पर कार्रवाई करें, लगातार फॉलोअप करते हुए वसूली की दैनिक प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत करें, आवश्यक होने पर कुर्की, नोटिस, बैंक खाता कुर्की या अन्य विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाए।
जिलाधिकारी ने कहा कि सरकारी योजनाओं और विकास कार्यों के लिए जनता की कमाई से जुटाया गया धन अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसे में किसी भी प्रकार की लापरवाही या लूट बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने निर्देशित किया कि अभियान को पूरी गंभीरता और पारदर्शिता के साथ चलाया जाए ताकि जनपद में राजस्व वसूली की स्थिति मजबूत हो सके।
Uttarakhand
Uttarakhand : गैर-मौसमी व एग्जॉटिक सब्जियों की खेती पर फोकस, सगंध पौध क्लस्टर्स का होगा विस्तार

जैविक उत्पादों के ऑनलाइन प्रचार और वैल्यू चेन मजबूत करने के निर्देश
देहरादून : Uttarakhand के कृषि और बागवानी क्षेत्र को अधिक सशक्त, आधुनिक और बाजारोन्मुख बनाने की दिशा में महानिदेशक कृषि एवं उद्यान विभाग वंदना सिंह ने कई अहम पहल की हैं। इसी क्रम में उन्होंने विभागीय योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करते हुए आगामी कार्ययोजना को ज़मीनी जरूरतों के अनुरूप ढालने पर जोर दिया।
जायका परियोजना की समीक्षा, जमीनी हकीकत के अनुसार बदलाव के निर्देश
सबसे पहले महानिदेशक ने जायका–Uttarakhand एकीकृत बागवानी विकास परियोजना की समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि परियोजना की कार्ययोजना को फील्ड स्तर की वास्तविक गतिविधियों के अनुसार संशोधित किया जाए।
उन्होंने कहा कि जिन जनपदों में परियोजना के तहत क्लस्टर्स प्रस्तावित हैं, वहां इसी माह आवश्यक स्टाफ की तैनाती सुनिश्चित की जाए।
साथ ही योजना के अंतर्गत गैर-मौसमी (ऑफ-सीजन) और एग्जॉटिक सब्जियों की खेती के लिए पौध तैयार करने तथा सरकारी बागानों में पर्याप्त रोपण सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए।

राज्य की नर्सरियों के पुनर्जीवन की तैयारी पूरी
बैठक में नोडल अधिकारी ने जानकारी दी कि राज्य की नर्सरियों के पुनर्जीवन के लिए तैयार किया गया मास्टर प्लान लगभग पूरा हो चुका है। इसके अलावा नर्सरी विकास अधिकारियों के कार्य विभाजन और ड्यूटी चार्ट की प्रक्रिया भी इसी माह पूरी कर ली जाएगी।
इस अवसर पर राज्य में आलू बीज उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए तैयार विस्तृत योजना का प्रस्तुतीकरण भी किया गया। महानिदेशक ने इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए चिन्हित नर्सरियों में आलू विकास अधिकारी की तैनाती हेतु इसी सप्ताह आदेश जारी करने के निर्देश दिए।
सगंध पौध क्लस्टर्स और वैल्यू चेन पर विशेष जोर
इसके बाद महानिदेशक वंदना सिंह ने सगंध पौध केंद्र (कैप), सेलाकुई का निरीक्षण किया। उन्होंने केंद्र निदेशक डॉ. नृपेन्द्र चौहान को महक क्रांति के तहत सगंध पौध क्लस्टर्स में कार्य तेज करने, क्लस्टर्स का दायरा बढ़ाने और वैल्यू चेन को मजबूत करने के निर्देश दिए।
इसके अतिरिक्त उन्होंने कहा कि उद्यान विभाग के नव-नियुक्त कर्मचारियों—जैसे नर्सरी अधिकारी और माली—को उच्च गुणवत्ता की पौध सामग्री तैयार करने के लिए कैप द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने दिसंबर माह में प्रगतिशील सगंध कृषकों के साथ कैप में बैठक आयोजित करने के भी निर्देश दिए।
टिश्यू कल्चर से अखरोट पौध और च्यूरा उत्पादों पर काम
कैप स्थित टिश्यू कल्चर लैब के निरीक्षण के दौरान महानिदेशक ने अखरोट की पौध सामग्री को टिश्यू कल्चर तकनीक से विकसित करने के लिए केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान के सहयोग से कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही उन्होंने च्यूरा आधारित उत्पादों की वैल्यू चेन विकसित करने पर भी विशेष ध्यान देने को कहा।
जैविक उत्पादों के ऑनलाइन प्रचार पर जोर
वहीं महानिदेशक ने उत्तराखंड जैविक उत्पाद परिषद की समीक्षा बैठक भी की। इस बैठक में परिषद के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
उन्होंने मजखाली प्रशिक्षण केंद्र की गतिविधियों की जानकारी लेते हुए कृषि सखियों को जैविक खेती के प्रचार-प्रसार के लिए प्रेरित करने पर जोर दिया।
महानिदेशक ने अंतरराष्ट्रीय संस्थानों के अनुसंधान और विकास कार्यों को उत्तराखंड में लागू करने के लिए सहयोग स्थापित करने, जैविक उत्पादों को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध कराने और परिषद के आय स्रोत विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही GI टैग प्राप्त उत्पादों के अधिकृत उपयोगकर्ताओं की संख्या बढ़ाने पर भी बल दिया।
जमीनी स्तर पर किसानों से संवाद
कार्यक्रम के अंत में महानिदेशक ने देहरादून जनपद के ग्राम सीरियों और गुंदियावाला का भ्रमण किया, जहां उन्होंने जैविक खेती करने वाले किसानों से सीधे संवाद कर उनके अनुभव और समस्याएं जानीं।
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