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धामी सरकार आज से मसूरी में करेगी चिंतन, विकास का रोडमैप करेगी तैयार।
देहरादून – उत्तराखंड को 2025 तक देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए धामी सरकार आज से चिंतन का आयोजन करने जा रही है। यह चिंतन शिविर मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी में होगा।

शिविर में सीएम पुष्कर सिंह धामी, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, राज्य सरकार के सचिव, विभागाध्यक्ष सहित तमाम उच्च अधिकारी शिरकत करेंगे। बता दें कि राज्य के विकास का रोडमैप तैयार करने के लिए सरकार का यह पहला चिंतन शिविर है।
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नितीश कुमार 10 वीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, 20 नवंबर को होगा शपथग्रहण

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की प्रचंड जीत के बाद नितीश कुमार की अगुवाई में दोबारा बनेगी सरकार। नितीश कुमार 10 वीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, पटना स्थित गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह होगा।
10 वीं बार लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ नितीश कुमार
बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए की ऐतिहासिक जीत के बाद 20 नवंबर को पटना स्थित गांधी मैदान में भव्य शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया जाएगा। जिसमें नितीश कुमार 10 वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। शपथ ग्रहण में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े दिग्गज नेता शामिल होंगे। समारोह की तैयारियों का जायजा लेने स्वयं नीतीश कुमार पहुंचे।
प्रधानमंत्री ओर गृह मंत्री समेत कई दिग्गज नेता होंगे शामिल
बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने मीडिया बातचीत में बताया कि 20 नवंबर को होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के सभी वरिष्ठ नेता उपस्थित रहेंगे। इसके साथ ही कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शपथग्रहण समारोह में शामिल होंगे।
सम्राट चौधरी समेत दो उप मुख्यमंत्री बन सकते हैं इस बार
भाजपा विधायक दल की ओर से एक बार फिर सम्राट चौधरी को नेता चुना गया है। तमाम आरोप-प्रत्यारोपों के बाद भी पार्टी हाई कमान ने सम्राट चौधरी पर भरोसा जताकर उन्हें भाजपा विधायक दल का नेता चुना है। साथ ही विजय सिन्हा को भाजपा विधायक दल का उपनेता चुन कर भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार इस बार बिहार विधानसभा में सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा दो उप मुख्यमंत्री बन सकते हैं।
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उत्तराखंड में फिर सामने आया कोरोड़ों का घोटाला !, मामले की जांच हुई शुरू

उत्तराखंड में एक बार फिर से बड़ा घोटाला सामने आया है। नैनीताल के रुसी गांव के पास बने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट कार्य में 110 करोड़ की योजना का घोटाला सामने आया है। स्थानीय लोगों के मामला उठाने के बाद इस मामले में जिलाधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
उत्तराखंड में फिर सामने आया कोरोड़ों का घोटाला
नैनीताल की सीवेज परेशानियों को कम करने के लिए बनाई गई 110 करोड़ की योजना में घोटाले की खबर सामने आ रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि चौड़ा पाइप लगाने की जगह उसे अंदर से लेयर लगाकर और भी पतला कर दिया गया। इतना ही नहीं ट्रीटमेंट प्लांट भी उस जगह बनाया गया जहां भूस्खलन की समस्या है। जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एक कमेटी बनाकर इसकी जांच के आदेश दे दिए हैं।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट में स्थानीय लोगों ने लगाए बड़े आरोप
मिली जानकारी के मुताबिक 4 साल पहले नैनीताल की मॉलरोड से लेकर रूसी गांव की एस.टी.पी.प्लांट तक उत्तराखण्ड इंटीग्रेटेड एंड रेजीलियेन्ट शहरी विकास परियोजना(UIRUDP)के अंतर्गत काम हुआ। इसमें दो साल पहले मल्लीताल के रिक्शा स्टैंड से मॉलरोड और हल्द्वानी रोड होते हुए रूसी बाईपास के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट(STP) तक पाइपों के माध्यम से सीवर पहुंचाना था। इसका कॉन्ट्रैक्ट तिरुपति सीमेंट प्रोडक्ट्स को ₹96.15करोड़ में दिया गया था। जिसकी लागत 110करोड़ रूपए तक पहुंच गई। ये प्रोजेक्ट नवंबर 2021 से शुरू होकर मई 2025 तक पूरा होना था। इसे सीवेज का डेवलपमेंट, एस.टी.पी., ट्रंक सीवर, अलाइड और 5 सालों तक ऑपरेशन और मैन्टेनेंस के लिए दिया गया था।
स्थानीय लोगों का कहना है कि एसटीपी की क्षमता बढ़कर 17.50 एमएलडी हो जानी थी। इससे पहले साल 1982 में 10 हजार की आबादी को देखते हुए 600 एम.एम.व्यास(डायामीटर) वाली आर.सी.सी.(सीमेंट) की सीवर पाइप लाइन डाली गई थी। बताया गया है कि विभाग ने 2022 और 2023 में दो से 5 लाख की आबादी को देखते हुए 900एम.एम.डाया वाले डी.आई.(मैटल)पाइप डालने के लिए टेंडर निकाले। ठेकेदार ने लगभग ₹110 करोड़ के टेंडर में पुरानी पाइप लाइन को ही अंदर से रिपेयर कर इतिश्री कर दी।
जिलाधिकारी ने दिए मामले की जांच के आदेश
लोगों ने आरोप लगाए हैं कि सीवर पाइप का डायामीटर बढ़ने के बजाए दो सेंटीमीटर ‘इंटरनली कम’ हो गया। फलस्वरूप मॉलरोड में सीवर का ओवरफ्लो और ढक्कन उठना जारी रहा। पहले इसमें 600 एम.एम.डाया वाली आर.सी.सी.सीवर पाइप डाली गई थी। जबकी वर्तमान के ठेकेदार को अग्रीमेंट के मुताबिक इसकी जगह 900 एम.एम.डाया वाली डी.आई. (मैटल) पाइप डालनी थी। लेकिन अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर ठेकेदार ने सभी को ठग दिया। एस.टी.पी.प्लांट भी सत्तर प्रतिशत बनने के बाद भवन के आगे भारी भूस्खलन हो गया और उसका काम रुक गया। प्रशासन अब प्लांट लगाने के लिए दूसरे स्थान की तलाश कर रहा है। ग्रामीणों समेत नैनीताल शहरवासी अपने को ठगा महसूस कर रहे हैं। लोग अब इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग कर रहे हैं। जिलाधिकारी के संज्ञान में आने के बाद उन्होंने इस प्रोजेक्ट की जांच के आदेश दे दिए हैं।
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बांग्लादेश की पूर्व प्रधान-मंत्री शेख हसीना को सजा-ए -मौत, भारत से हसीना को वापिस सौंपने कि मांग

ढाका: बांग्लादेश की पूर्व प्रधान-मंत्री शेख हसीना और गृह मंत्री असदुज्जमां खान अगस्त 2024 में भड़के दंगों के बीच किसी तरह से भारत आ गये थे। तब से अभी तक वो दिल्ली स्थित किसी जगह पर गुप्त रूप से शरण लेकर रह रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने दोनों को बांग्लादेश में जुलाई में हुए नरसंहार के लिए मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई है। बांग्लादेश सरकार ने बाकायदा पत्र लिख कर भारत सरकार को दोनों आरोपियों को वापस सौंपने के लिए कहा है।
ICT ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधान-मंत्री शेख हसीना को दी सजा-ए -मौत
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने पहले ही शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। और अदालत ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया था। महीनो तक चले मुक़दमे में अब शेख हसीना समेत पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान को भी सजा-ए-मौत का फरमान जारी किया गया है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को औपचारिक रूप से भारत से अपदस्थ पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को द्विपक्षीय प्रत्यर्पण संधि का हवाला देकर तुरंत वापिस सौंपने की मांग की है। जिसमें आगे कहा गया किअगर भारत ऐसा नाहीओं करता है तो ये अत्यंत शत्रुतापूर्ण व्यवहार होगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने क्या कहा पूरे मामले पर
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा शेख हसीना को लेकर बांग्लादेश के इंटरनेशनल क्राइम ट्रिब्यूनल के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा गया कि – करीबी पडोसी देश होने के नाते हम बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, समावेशिता और राजनीतिक स्थिरता सहित वहां के लोगों के सर्वोत्तम हितों के लिए प्रतिबद्ध हैं। भारतीय विदेश मंत्रालय के बयान में शेख हसीना के प्रत्यर्पण की बांग्लादेश की मांग का सीधे तौर पर कोई भी जिक्र नहीं किया गया।
क्या है भारत-बांग्लादेश प्रत्यर्पण संधि
भारत और बांग्लादेश के बीच प्रत्यर्पण संधि (Extradition Treaty) पर 28 जनवरी 2013 को ढाका में दोनों देशों की सरकारों ने हस्ताक्षर किया था। यह संधि दोनों देशों के बीच साझा सीमाओं पर उग्रवाद, आतंकवाद और आपराधिक गतिविधियों से निपटने के उद्देश्य से बनाई गई थी। संधि 23 अक्टूबर 2013 से प्रभावी हुई और 2016 में इसमें संशोधन करके प्रत्यर्पण प्रक्रिया को सरल बनाया गया। संधि में कुल 13 अनुच्छेद हैं, जो अपराधियों के आदान-प्रदान की प्रक्रिया, अपवाद और केंद्रीय प्राधिकारों को परिभाषित करते हैं।
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