Kotdwar
जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि पर रक्तदान एवं स्वास्थ्य शिविर का किया गया आयोजन, स्पीकर ऋतु खण्डूडी व पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह वे युवाओ का बढाया हौसला।

देहरादून – कोटद्वार जीजीआईसी इंटर कॉलेज में देवभूमि विकास संस्थान द्वारा भारत के अमर सपूत एवं भारत देश के प्रथम सीडीएस पद्म भूषण से सम्मानित जनरल बिपिन रावत की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि दी गयी। इस अवसर पर जनरल बिपिन रावत की पुण्यस्मृति में रक्तदान एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमें कोटद्वार में बड़ी संख्या में युवाओं ने उनको याद करते हुए रक्तदान किया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने रक्तदान करने वाले युवाओं का हौसला बढ़ाया और उनकी सराहना की।
इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने कहा की आज विभिन्न बीमारियों में, दुर्घटनाओं के वक्त, गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी के दौरान, खून की कमी से जूझ रहे थै लेसीमिया और हिमोफीलिया जैसे रोगों में बड़ी संख्या में रक्त की जरूरत होती है। कई बार अस्पताल और ब्लड बैंक में रक्तदान की उपलब्धता ना होने के कारण मरीजों और उनके परिजनों को बड़े संकट से जूझना पड़ता है। ऐसे में स्वैच्छिक रक्तदान कर इन दिक्कतों से उभरा जा सकता है।

इस दौरान नगर निगम सभारगार सीडीएस जनरल विपिन रावत की पुण्यस्मृति में गोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमे जनरल विपिन रावत के देश के प्रति किए कार्यों पर चर्चा किया गई। गोष्ठी कार्यक्रम में जनरल विपिन रावत की छोटी पुत्री तारिणी रावत भी मौजूद रही कार्यक्रम में समाज सेवा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष जनरल विपिन कुमार को याद करते हुए कहा की जनरल रावत, जो एक दूरदर्शी नेता, एक विद्वान सैनिक और एक सैन्य सुधारक होने के साथ-साथ, अपनी व्यावसायिकता, सिद्धांतों, दृढ़ विश्वास और निर्णायकता के लिए जाने जाते थे। चार दशकों से अधिक लंबे कैरियर में, जनरल रावत की उपलब्धियां सैन्य और राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों के सभी क्षेत्रों में उल्लेखनीय थीं।

उन्होंने कहा की उत्तराखण्ड सैनिक बाहुल्य प्रदेश है तथा भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास में उत्तराखण्ड के सैनिकों का विशिष्ट योगदान रहा है. उन्होंने कहा कि जनरल बिपिन रावत की मातृभूमि के लिए चार दशकों की निःस्वार्थ सेवा असाधारण वीरता और रणनीतिक कौशल से परिपूर्ण थी।
कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बिपिन रावत को याद करते हुए कहा की देश की सुरक्षा के लिए जनरल रावत ने महान योगदान दिया। देश की सीमाओं की सुरक्षा एवं देश की रक्षा के लिए उनके द्वारा लिए गए साहसिक निर्णयों एवं सैन्य बलों के मनोबल को सदैव ऊंचा बनाए रखने के लिए उनके द्वारा दिए गए योगदान को देश सदैव याद रखेगा। सीडीएस जनरल बिपिन रावत की परवरिश उत्तराखंड के छोटे से गांव में हुई।
वह अपनी विलक्षण प्रतिभा, परिश्रम तथा अदम्य साहस एवं शौर्य के बल पर सेना के सर्वोच्च पद पर आसीन हुए ।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी, जनरल बिपिन रावत की सुपुत्री तारिणी रावत, जिलाध्यक्ष वीरेंद्र रावत,लेंसडोन विधायक महंत दिलीप , विधायक डोईवाला बृज भूषण गैरोला, देहरादून निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा,राज्यमंत्री राजेंद्र अंथवाल, मंडी अध्यक्ष सुमन कोटनाला आदि मौजूद रहे।
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घास काट रही महिला पर भालू ने किया हमला, गंभीर हालत में एम्स दिल्ली में कराया गया भर्ती

प्रदेश में भालू का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोटद्वार में भालू ने घास काट रही एक महिला पर हमला कर दिया। जिसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गई। आनन-फानन में महिला को अस्पताल ले जाया गया। जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे एम्स दिल्ली के लिए रेफर कर दिया गया है।
घास काट रही महिला पर भालू ने किया हमला
पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार के जिवई गांव में भालू ने एक महिला पर हमला कर दिया। मिली जानकारी के मुताबिक बीरोंखाल के जिवई गांव निवासी लक्ष्मी देवी (35) पत्नी महिपाल सिंह अपने गांव से सटे गांव बापता की सीमा पर घास काट रही थी। इसी दौरान भालू ने उस पर हमला कर दिया। पास में ही उसकी देवरानी और सास-ससुर बकरियां चरा रहे थे। महिला की चीख-पुकार सुन वो वहां पहुंचे जिस से भालू वहां से भाग गया।
भालू के हमले में महिला बुरी तरह घायल
भालू के हमले में महिला बुरी तरह घायल हो गई। भालू ने महिला का चेहरा बुरी तरह नोच डाला है और एक आंख को भी काफी नुकसान पहुंचा है। आनन-फानन में महिला को बीरोंखाल स्थित अस्पताल ले जाया गया। डॉ. शैलेंद्र रावत ने प्राथमिक उपचार कर सर्जरी के लिए हायर सेंटर रेफर किया। बताया जा रहा है कि महिला के पति महिपाल सिंह के दिल्ली में नौकरी करने के कारण परिजन घायल महिला को दिल्ली ले गए हैं। जहां उन्हें एमेस में भर्ती कराया गया है।
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विस अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण पहुंची प्राथमिक विद्यालय कोटद्वार, टीन शेड का किया लोकार्पण

कोटद्वार: विधानसभा अध्यक्ष और कोटद्वार से विधायक ऋतु खण्डूडी भूषण ने आज कोटद्वार वार्ड नं. 12 स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय (04 नंबर) में विद्यार्थियों के लिए भोजन व्यवस्था हेतु क्षेत्रवासियों के सहयोग से बनाए गए टीन शेड का लोकार्पण किया।
कार्यक्रम में पहुँचने पर गर्मजोशी से हुआ विधानसभा अध्यक्ष का स्वागत
कार्यक्रम में पहुंचने पर विद्यालय परिवार एवं स्थानीय नागरिकों ने विधानसभा अध्यक्ष का गर्मजोशी से स्वागत किया। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। विद्यालय के नन्हें-मुन्ने बच्चों द्वारा उनके स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए जिसकी उन्होंने सराहना की।

विधानसभा अध्यक्ष ने सम्बोधित करते हुए कहा कि
“क्षेत्रवासियों के सहयोग से यदि सरकारी विद्यालयों में इस प्रकार के सार्थक कार्य किए जाते हैं, तो यह अत्यंत प्रसन्नता का विषय होता है। इससे यह स्पष्ट होता है कि हमारे समाज में शिक्षा और शिक्षक के प्रति आज भी गहरी जागरूकता और सम्मान की भावना विद्यमान है। सरकार द्वारा लगातार विद्यालयों को सुरक्षित और आधुनिक बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं, और जब इनमें स्थानीय नागरिकों का सहयोग मिलता है, तो यह जनभागीदारी विकास की प्रक्रिया को और अधिक प्रभावी बनाती है”।
उन्होंने विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों, अभिभावकों और बच्चों से कहा कि वे सदैव किताबों और अध्ययन से जुड़े रहने की आदत बनाए रखें, क्योंकि शिक्षा ही उज्ज्वल भविष्य की आधारशिला है। इस अवसर पर उन्होंने स्वर्गीय सीडीएस जनरल बिपिन रावत के नाम से संचालित पुस्तकालय का भी उल्लेख करते हुए कहा कि यह पहल विद्यार्थियों में प्रेरणा, अनुशासन और देशभक्ति की भावना जागृत करती है।
कार्यक्रम में खण्ड शिक्षा अधिकारी अमित चंद, मण्डल अध्यक्ष विकासदीप मित्तल, प्रधानाचार्य कुलदीप रावत, नीना बेंजवाल, हरीश खर्कवाल, हिमानी बलूनी, सूर्यकांत बलूनी, उर्वशी अग्रवाल सहित क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिक एवं शिक्षकगण उपस्थित रहे।
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कोटद्वार का लाल देश पर कुर्बान, शहीद सूरज सिंह नेगी को नम आंखों से दी अंतिम विदाई

कोटद्वार (पौड़ी गढ़वाल): उत्तराखंड के कोटद्वार क्षेत्र में उस समय शोक की लहर दौड़ गई जब जम्मू-कश्मीर के बारामूला सेक्टर से खबर आई कि भारतीय सेना के राइफलमैन सूरज सिंह नेगी देश सेवा करते हुए क्रॉस फायरिंग में गोली लगने से वीरगति को प्राप्त हो गए हैं।
सिर्फ 25 वर्ष की उम्र में देश पर कुर्बान हुए सूरज सिंह नेगी का पार्थिव शरीर बीती रात कोटद्वार पहुंचा। आज उन्हें संपूर्ण सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। हजारों लोगों की मौजूदगी में “भारत माता की जय” और “सूरज सिंह अमर रहें” के नारों के बीच गांव के वीर सपूत को पंचतत्व में विलीन किया गया।
सूरज सिंह नेगी कोटद्वार के लालपुर गांव के निवासी थे। वे गोरखा रेजीमेंट में तैनात थे और वर्ष 2021 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे। बताया जा रहा है कि सीमावर्ती इलाके में ड्यूटी के दौरान अचानक क्रॉस फायरिंग शुरू हो गई…जिसमें उन्हें गोली लगी। तुरंत सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया…लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें बचा नहीं सके।
सूरज सिंह का सपना था कि वो सेना में जाकर देश की सेवा करें और उन्होंने उसी सपने को जीते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। कुछ ही दिन पहले वे छुट्टी पर घर आए थे और हाल ही में ड्यूटी पर वापस लौटे थे। उनके शहीद होने की खबर जब गांव पहुंची…तो पूरा लालपुर शोक और गर्व की भावनाओं से भर गया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है…लेकिन उनकी आंखों में अपने बेटे की शहादत को लेकर अटूट गर्व भी झलक रहा था।
मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सूरज सिंह नेगी की शहादत पर शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा: जम्मू-कश्मीर के बारामूला क्षेत्र में मां भारती की सेवा करते हुए कोटद्वार के वीर पुत्र, राइफलमैन सूरज सिंह नेगी के शहीद होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। आपकी वीरता और बलिदान को नमन, आपकी शौर्यगाथा सदैव हमारी स्मृतियों में जीवंत रहेगी। विनम्र श्रद्धांजलि!
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य सरकार शहीद परिवार के साथ खड़ी है…और उनकी वीरगाथा को यादगार बनाया जाएगा।
सूरज सिंह नेगी का पार्थिव शरीर विशेष सैन्य विमान से उत्तराखंड लाया गया। कोटद्वार में हजारों लोगों की उपस्थिति में उन्हें अंतिम विदाई दी गई। सेना की टुकड़ी ने उन्हें गौरवशाली सलामी दी और पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया।
गांव के बुजुर्गों और युवाओं का कहना है कि सूरज बचपन से ही देशभक्ति की भावना से भरे हुए थे। उनकी शहादत गढ़वाल ही नहीं, पूरे उत्तराखंड का गौरव है।
आज जब देश अपने बहादुर जवानों को सलाम करता है…तो सूरज सिंह नेगी का नाम हमेशा के लिए अमर हो गया है।
सूरज सिंह नेगी भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनके बलिदान, साहस और देशभक्ति की मिसाल हमेशा लोगों के दिलों में जीवित रहेगी। उनकी शहादत हमें यह याद दिलाती है कि देश की सीमाएं तब तक सुरक्षित हैं…जब तक ऐसे सूरज अपनी जान हथेली पर लेकर खड़े हैं।
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