Dehradun
राजधानी में भू कानून और मूल निवास की मांग को लेकर महारैली में उमड़ा जनसैलाब..देखे तस्वीरे

देहरादून – उत्तराखंड में भू कानून और मूल निवास की मांग को लेकर आज हजारों लोगों का हुजूम देहरादून की सड़कों पर देखने को मिला। मूल निवास और भू कानून समन्वय संघर्ष समिति के आह्वान पर यह महारैली आयोजित हुई जिसमें हजारों की संख्या में लोग समर्थन देने पहुंचे। इस रैली में खास बात यह रही कि बच्चे, बुजुर्ग महिलाएं, युवा व राज्य आंदोलनकारी जिन्होंने अपनों को पृथक राज्य की मांग के लिए खोया व राज्य के लिए बड़ा संघर्ष किया वह भी इस रैली में बड़ी संख्या में पहुंचे। यह रैली देहरादून के परेड ग्राउंड से शहीद स्मारक तक पहुंची।

उत्तराखंड के गांधी कहे जाने वाले स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी की जयंती पर देहरादून की सड़कों पर राज्य के तमाम लोगों ने महारैली में शिरकत की। इस रैली में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पहुंचे। मांग है कि नौकरियां और योजनाओं का लाभ लेने के लिए केवल मूल निवास होना चाहिए जिसकी कट ऑफ 1950 हो साथ ही समिति ने अस्थाई निवास की व्यवस्था को भी समाप्त करने की मांग की है। इस पूरे प्रदर्शन में खास बात यह रही की किन्नर समाज ने भी महारैली में आकर मूल निवास और भू कानून की मांग का समर्थन किया। उन्होंने कहा है कि उनकी भी मांग है कि उन्हें मूल निवास दिया जाए।

वही पृथक राज्य की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे राज्य आंदोलनकारी भी बड़ी संख्या में आज सड़कों पर दिखाई दिए। उनका कहना है कि जिसके लिए उन्होंने पृथक राज्य की लड़ाई लड़नी शुरू की जबकि 2000 में राज्य अलग हुआ अब 23 साल बाद भी राज्य में वह चीजें लागू नहीं हो पाई है जिसके लिए उन्होंने लड़ाई लड़ी। वही इस महारैली को समर्थन देने के लिए एक राज्य आंदोलनकारी व्हीलचेयर पर पर पहुंचा और सभी से महारैली में आने का भी आग्रह किया। इस पूरे प्रदर्शन में युवा भी बड़ी संख्या में पहुंचे और वही नारे लगाने शुरू कर दिए जो पृथक राज्य की मांग को लेकर लगाए गए थे। युवाओं का कहना है कि सख्त भू कानून और मूल निवास को लागू करने के लिए उनका संघर्ष जारी रहेगा। जब तक सरकार उनकी इस मांग को नहीं मानती है तब तक वे सड़कों पर उतरकर इसी तरह प्रदर्शन करेंगे।

समिति को प्रदेश भर से 50 से अधिक सामाजिक और राजनीतिक संगठनों ने समर्थन दिया। जिसमें कांग्रेस, आम आदमी पार्टी सहित कई राजनीतिक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर मूल निवास और सख्त भू कानून के लिए नारेबाजी की। कुल मिलाकर हजारों की तादाद में पहुंचे लोगों की एक ही मांग थी कि राज्य में सख्त भू कानून और मूल निवास लागू हो ऐसे में देखने वाली बात यह होगी की सरकार द्वारा गठित की गई समिति इस पर क्या निर्णय लेती है।

संघर्ष समिति की ये भी हैं प्रमुख मांगें
– प्रदेश में ठोस भू कानून लागू हो।
– शहरी क्षेत्र में 250 मीटर भूमि खरीदने की सीमा लागू हो।
– ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगे।
– गैर कृषक की ओर से कृषि भूमि खरीदने पर रोक लगे।
– पर्वतीय क्षेत्र में गैर पर्वतीय मूल के निवासियों के भूमि खरीदने पर तत्काल रोक लगे।
– राज्य गठन के बाद से वर्तमान तिथि तक सरकार की ओर से विभिन्न व्यक्तियों, संस्थानों, कंपनियों आदि को दान या लीज पर दी गई भूमि का ब्यौरा सार्वजनिक किया जाए।
– प्रदेश में विशेषकर पर्वतीय क्षेत्र में लगने वाले उद्यमों, परियोजनाओं में भूमि अधिग्रहण या खरीदने की अनिवार्यता है या भविष्य में होगी, उन सभी में स्थानीय निवासी का 25 प्रतिशत और जिले के मूल निवासी का 25 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित किया जाए।
– ऐसे सभी उद्यमों में 80 प्रतिशत रोजगार स्थानीय व्यक्ति को दिया जाना सुनिश्चित किया जाए।
वहीं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भू कानून को लेकर स्पष्ट किया कि हमारी सरकार राज्य निर्माण की मूल अवधारणा के संरक्षण को लेकर कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि कठोरतम नकल निरोधक और धर्मांतरण कानून के बाद मूल निवासियों के हित में सख्त भू कानून भी भाजपा सरकार ही लेकर आएगी।
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देहरादून जिले के चार रेलवे फाटक आज 12 घंटे तक बंद, जानें कौन-कौन से फाटक बंद रहेंगे

देहरादून: जिले के विभिन्न इलाकों में आज चार रेलवे फाटक 12 घंटे तक बंद रहेंगे। यह कदम रेलवे लाइन की मरम्मत कार्य के चलते उठाया गया है। रेलवे की ओर से उपजिलाधिकारी को पत्र के माध्यम से सूचित किया गया है कि रायवाला स्टेशन का फाटक संख्या 20बी, कॉसरो-डोईवाला के बीच फाटक संख्या 28सी, हर्रावाला-देहरादून के बीच फाटक संख्या 38बी और हर्रावाला-देहरादून के बीच फाटक संख्या 41बी 27 अक्टूबर को सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक बंद रहेंगे।
रेलवे प्रशासन ने स्थानीय लोगों और यात्रियों से अपील की है कि इस दौरान वैकल्पिक मार्गों का प्रयोग करें और किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए रेलवे फाटक पर सुरक्षित इंतजार करें। इस बंदी के कारण यातायात में कुछ देरी और असुविधा हो सकती है, इसलिए लोगों से सलाह दी गई है कि यात्रा की योजना पहले से बनाएं।
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रोजगार सृजन में बड़ा कदम: उत्तराखंड में पहली बार होगी कौशल जनगणना

देहरादून: प्रदेश सरकार अब युवाओं को उनकी रुचि और योग्यता के अनुरूप रोजगार से जोड़ने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रही है। उत्तराखंड में पहली बार कौशल जनगणना (Skill Census) कराई जाएगी। इसका उद्देश्य राज्य के युवाओं के कौशल, शिक्षा और रोजगार की जरूरतों का सटीक आंकड़ा जुटाना है ताकि उसी आधार पर रोजगार और प्रशिक्षण योजनाएं तैयार की जा सकें।
कौशल विकास समिति ने इस दिशा में तैयारियां शुरू कर दी हैं। शासन से परियोजना को अनुमोदन मिल चुका है…और अब इसके लिए डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) बनाने हेतु कंसलटेंसी चयन की प्रक्रिया चल रही है।
कौशल जनगणना के नोडल अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि यह पहल युवाओं को उद्योगों की जरूरतों के अनुरूप प्रशिक्षित करने में सहायक होगी। उत्तराखंड, इस तरह की जनगणना कराने वाला देश का दूसरा राज्य होगा। इससे पहले आंध्र प्रदेश के मंगलगिरी विधानसभा क्षेत्र और थुल्लूर मंडल में इस परियोजना का पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है।

ऐसे होगी कौशल जनगणना
कौशल जनगणना के दौरान युवाओं की शैक्षणिक योग्यता, रुचि और कौशल से जुड़ी जानकारी एकत्र की जाएगी। साथ ही उद्योगों और संस्थानों से उनकी कौशल आवश्यकताओं का भी डेटा लिया जाएगा। इन सभी आंकड़ों के आधार पर हर व्यक्ति को एक ‘कौशल आईडी (Skill ID)’ दी जाएगी जो उसके हुनर और दक्षता का डिजिटल प्रमाण होगी। सरकार इस डाटा का उपयोग प्रदेश में मौजूद कौशल अंतराल (Skill Gap) को समझने उसे भरने और युवाओं को रोजगार-उन्मुख प्रशिक्षण देने में करेगी। अभी यह तय नहीं हुआ है कि डेटा एकत्रीकरण ऑनलाइन होगा या ऑफलाइन….इस पर निर्णय जल्द लिया जाएगा।
कौशल जनगणना से ये होंगे लाभ
प्रदेश में युवाओं के वास्तविक कौशल का व्यापक मूल्यांकन हो सकेगा।
उद्योगों की जरूरतों और लोगों की क्षमताओं के बीच का अंतर स्पष्ट होगा।
जुटाए गए डेटा के आधार पर नए प्रशिक्षण कार्यक्रम और रोजगार योजनाएं बनाई जाएंगी।
युवाओं को उनकी रुचि और कौशल के अनुरूप सही नौकरी या स्वरोजगार से जोड़ा जा सकेगा।
सरकार को शिक्षा और कौशल नीति में बदलाव लाने के लिए ठोस आधार मिलेगा।
आंध्र प्रदेश में चल रही जनगणना
आंध्र प्रदेश में यह जनगणना पहले से शुरू हो चुकी है। वहाँ इंफोसिस इस परियोजना पर काम कर रही है। परियोजना दो चरणों में चल रही है पहले चरण में कंपनियों की कौशल आवश्यकताओं का सर्वे किया जा रहा है…जबकि दूसरे चरण में 15 से 59 वर्ष की आयु वर्ग के लोगों की शिक्षा और कौशल क्षमता का आंकलन किया जा रहा है।
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छठ पूजा 2025: देहरादून में ट्रैफिक प्लान जारी, भीड़-भाड़ और आतिशबाजी पर पूर्ण प्रतिबंध

छठ पूजा के अवसर पर आमजनमानस को असुविधा से बचाने हेतु यातायात प्लान जारी
भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर भगदड़ मचने की आशंका के दृष्टिगत डी जे संचालन एव आतिशबाजी (बम/पटाखों को फोडना) रहेगा पूर्णतः प्रतिबंधित।
देहरादून: छठ पूजा के अवसर पर प्रमुख रूप से प्रेम नगर/ मालदेवता/ चंद्रबदनी/ नेहरू कालोनी आदि क्षेत्रों में नदी/घाटों के किनारे पूजा अर्चना की जाती है। छठ पूजा के अवसर पर दिनांक 27 अक्टूबर व 28 अक्टूबर को यातायात प्लान निम्नवत रहेगा।
पार्किंग सुविधा :-
A – आसन नदी
रूट एवं मार्ग:-
सेलाकुई/झाझरा/ प्रेम नगर देहरादून शहर क्षेत्र के वाहनों हेतु पार्किंग स्थल –
1- सुभारती कॉलेज पार्किंग
2- उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के पास घाट पर
3- नंदा की चौकी पेट्रोल पंप के पास
4- आसन नदी के तट पर
B- सेलाकुई
रूट एवं मार्ग :-
सेलाकुई क्षेत्र के वाहनो हेतु पार्किंग स्थल –
1- नदी किनारे खाली स्थान पर
C- मालदेवता
रूट एवं मार्ग :-
मालदेवता/रायपुर/ बालावाला से आने वाले वाहनो के लिये पार्किंग स्थल –
1- मालदेवता रोड
D- चंद्रबदनी
रूट एवं मार्ग :-
आईएसबीटी/क्लेमेंट टाउन/मोहब्बेवाला क्षेत्र के वाहनो के लिए पार्किंग स्थल –
1- चंद्रबदनी हाट बाजार ग्राउंड
डाइवर्जन व्यवस्था :-
1- देहरादून से सहसपुर/विकासनगर जाने वाले वाहनों हेतु रूट-रांघडवाला तिराहा- दरू चौक- बडोवाला -सिंधनीवाला तिराहा-धुलकोट से अपने गतन्व की और भेजा जायेगा।
2- देहरादून शहर से नन्दा की चौकी छठ पूजा मे सम्मिलित होने वाले श्रद्वालु हेतु रूट- रांघडवाला तिराहा- प्रेमनगर चौक -नन्दा की चौकी स्थल।
3- भाऊवाला से प्रेमनगर जाने वाले वाहनों हेतु रूट- सुद्वोवाला चौक-बालाजी धाम कट-ठाकूरपुर रोड -प्रेमनगर चौक से अपने गंतव्य के लिये।
4- बिधोली से प्रेमनगर जाने वाले वाहनों हेतु रूट- नन्दा की चौकी -सुद्वोवाला चौक- बालाजी धाम कट-ठाकूरपुर रोड -प्रेमनगर चौक से अपने गनतव्य के लिये।
5- प्रेमनगर से झाझरा/सुद्वोवाला/विधोली जाने वाले वाहनों को ठाकुरपुर रोड – बालाजी धाम से होते हुये भेजा जायेगा।
6- धूलकोट तिराहा से भारी वाहनों का सिंघनीवाला की तरफ डायवर्ट किया जायेगा, जो बडोवाला होते हुए अपने गंतव्य की ओर जायेंगे।
7- नन्दा की चौकी प्रेमनगर क्षेत्र मे ट्रैफिक का दबाव होने पर आवश्यकता अनुसार स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार ट्रैफिक प्लान में बदलाव किया जा सकता है।
Advisory :-
1- नो पार्किंग जोन में वाहन खड़ा करने पर ट्रैफिक क्रेन द्वारा वाहन को टो किया जाएगा।
2- देहरादून पुलिस का समस्त दून वासियों से अनुरोध है कि निर्धारित पार्किंग स्थलों पर ही अपने वाहनों को पार्क कर उत्सव का आनंद ले।
3- छठ पूजा को ध्यान में रखते हुए निजी वाहनों का प्रयोग बहुत आवश्यक होने पर ही करें, जितना हो सके पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रयोग करें।
4- आवश्यक सेवाओं से संबंधित वाहनों को रोका/ डाइवर्ट नहीं किया जाएगा।
5- भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर भगदड़ मचने की आशंका के दृष्टिगत ऐसे स्थानों पर डी जे संचालन एव आतिशबाजी (बम/पटाखों को फोडना) पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा।
दूनवासियों से अनुरोध व्यवस्था बनाने में पुलिस को अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करें।
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