Dehradun
सीएम धामी ने टनकपुर से देहरादून एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ कर किया खटीमा तक सफ़र, पहली संचालन ट्रेन के लिए पीएम मोदी और रेलमंत्री का जताया आभार।

मुख्यमंत्री ने टनकपुर देहरादून साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर किया शुभारंभ
टनकपुर से देहरादून के लिए पहली एक्सप्रेस ट्रेन संचालन के लिए प्रधानमंत्री एवं रेलमंत्री का जताया आभार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रही हैं
प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना हो रहा साकार
पूर्णागिरी धाम का बनाया जा रहा है मास्टर प्लान
आदर्श और विकसित चंपावत के लिए प्रतिबद्ध है हमारी सरकार-मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री धामी ने टनकपुर से खटीमा तक रेल में सफर भी किया
प्रदेश सरकार रेल विभाग की मदद से उत्तराखंड में रेल सेवाओं के विकास व विस्तार व आधुनिकीकरण के लिए प्रयासरत हैं
देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को रेलवे स्टेशन टनकपुर से टनकपुर-देहरादून साप्ताहिक एक्सप्रेस ट्रेन का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया मुख्यमंत्री ने टनकपुर से देहरादून के लिए पहली एक्सप्रेस ट्रेन संचालन के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का आभार जताते हुए इसेएक स्वप्न का पूरा होना भी बताया क्योंकि आजादी से पहले बने टनकपुर रेलवे स्टेशन से देहरादून के लिए यह पहली एक्सप्रेस ट्रेन संचालित हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि टनकपुर एक्सप्रेस के संचालन में टनकपुर से देहरादून तक अनेक महत्वपूर्ण शहरों को सीधे जोड़ा गया है, जिससे लोगों को सुविधा होगी। इस एक्सप्रेस के माध्यम से बनबसा, खटीमा, पीलीभीत, भोजीपुरा, बरेली सिटी, बरेली जंक्शन, चंदोसी, मुरादाबाद, नजीबाबाद, लक्सर, हरिद्वार रेलवे स्टेशन से जुड़े लोगों को यात्रा करने का आसानी से विकल्प भी मिलेगा और उनका समय भी बचेगा। इसके साथ ही यह ट्रेन सेवा इन शहरों से मां पूर्णागिरी के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यातायात का एक बेहतर विकल्प भी बनेगी। मुख्यमंत्री ने स्वयं भी ट्रेन से टनकपुर से खटीमा तक की यात्रा की तथा ट्रेन में यात्रियों से मुलाकात कर उनका फीडबैक लिया तथा सभी को शुभकामनाएं दी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय रेल स्वर्णिम युग की ओर बढ़ रही हैं। पिछले 10 वर्षों में भारतीय रेलवे को नए भारत की आकांक्षाओं तथा आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए तैयार किया जा रहा है । 2014 के बाद से भारतीय रेल एक नए रूप में हमारे सम्मुख है। आज जहां एक ओर ब्रॉड गेज रेल लाइनों से मानव रहित रेल क्रॉसिंग को ख़त्म करके भारतीय रेलवे को पहले से कहीं अधिक सुरक्षित बनाया गया है। वहीं दूसरी ओर आज भारतीय रेलवे की रफ्तार भी पहले से कहीं अधिक बढ़ चुकी है। आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के प्रतीक चिन्ह के रूप में वंदे भारत जैसी मेड इन इंडिया ट्रेनें रेल नेटवर्क का हिस्सा बन रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रधानमंत्री के नेतृत्व में उत्तराखंड में पहाड़ तक ट्रेन पहुंचाने का सपना सच होने जा रहा है। दुर्गम पहाड़ो के बीच से ऋषिकेश से आगे कर्णप्रयाग तक ट्रेन का संचालन होना किसी सपने का साकार होने जैसा है। ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेललाइन पर तेज गति से कार्य चल रहा है। टनकपुर-बागेश्वर रेल लाइन पर भी सर्वे का कार्य पूर्ण हो गया है और जल्दी ही इसमें भी काम शुरू हो जायेगा। इसी कड़ी में प्रधानमंत्री जी द्वारा अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत उत्तराखंड के छह स्टेशनों का पुनर्विकास किया जा रहा है। देहरादून से आनन्द विहार के बीच इसी वर्ष वन्दे भारत ट्रेन का संचालन होना हमारे लिए बड़ी उपलब्धि है। अब शीघ्र ही हमें देहरादून से अयोध्या और वाराणसी के मध्य भी वंदे भारत ट्रेन के संचालन की सौगात मिलने वाली है। आज हमारी डबल इंजन की सरकार अंतिम छोर में खड़े व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए तमाम योजनाओं को धरातल पर उतारने का कार्य कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद चंपावत के विकास के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। हमने मॉ पूर्णागिरी धाम में धार्मिक पर्यटन गतिविधियों को बढाये जाने के उददेश्य से पूर्णागिरी मन्दिर रोपवे के निर्माण हेतु 45 करोड की धनराशि स्वीकृत की है। साथ ही ककरालीगेट से पूर्णागिरी धाम तक अवस्थापना सुविधाओं को विकसित करने एवं श्रद्धालुओं की सुलभ सुविधाओं हेतु केदारनाथ की तर्ज पर मास्टर प्लान बनाये जाने हेतु येजना तैयार की जा रही है। शारदा कॉरिडोर के अंतर्गत हरिद्वार तथा ऋषिकेश की तर्ज पर घाट का निर्माण किया जाएगा जहां प्रातः एवं सायं काल आरती प्रतिदिन भव्य रूप से की जाएगी।
उन्होंने कहा कि हनुमानगढ़ी- गैंडाखाली-खेतखेड़ा में मोटर्स पुल का 13 करोड़ 77 लाख की लागत से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जिससे वर्षाकाल में मॉ पूर्णागिरी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना नहीं करना पडेगा। भारत एवं नेपाल सीमा में व्यापारिक गतिविधियों को बढावा देने एवं आर्थिक गतिविधियों के विकास हेतु 3.82 किलोमीटर के इंडो नेपाल ड्राई पोर्ट का निर्माण 177 करोड की धनराशि से किया जा रहा है।
टनकपुर एवं बनबसा क्षेत्र में जल निकासी के कार्य हेतु 130 करोड की डी0पी0आर0 का गठन कर लिया गया है। टनकपुर में 56 करोड़ की लागत से बस टर्मिनल का निर्माण प्रारम्भ कर दिया गया है। कुमांऊ के प्रमुख मन्दिरों को मानस खण्ड कोरिडोर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसमें जनपद चम्पावत के लगभग सभी प्रमुख मंदिर हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी योजनाओं के पूर्ण होने पर आदर्श और विकसित चंपावत की अवधारणा के साथ करें। उत्तराखंड को श्रेष्ठ एंव अग्रणी राज्य बनाने के अपने “विकल्प रहित संकल्प“ के मंत्र को साकार करने में भी हम सफल होंगे। उन्होंने श्रेष्ठ उत्तराखंड निर्माण के लिए सभी से सहयोग और समर्थन की भी अपेक्षा की।
इस मौके पर मंडलीय रेल प्रबंधक रेखा यादव ने कहा कि इस रेल सेवा का लाभ सीमांत के चंपावत व पिथौरागढ़ जिले के लोगों को मिलेगा और सस्ती शुलभ और आरामदायक रेल सेवा मिलेगी।
इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष निर्मल महरा,प्रदेश मंत्री भाजपा हेमा जोशी,विधायक प्रतिनिधि प्रकाश तिवारी,दीपक रजवार,भाजपा महामंत्री मुकेश कलखुडिया,पूर्वोत्तर रेल प्रबंधक रेखा यादव,जिलाधिकारी नवनीत पाण्डे,पुलिस अधीक्षक अजय गणपति सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि,गणमान्य नागरिक,रेलवे प्रशासन एवं जिला प्रशासन के अधिकारी उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड: पराली से भरी पिकअप में लगी भीषण आग, कुछ ही मिनटों में जलकर खाक

विकासनगर (देहरादून): विकासनगर जजरेड के पास सोमवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया..जब पराली से भरी एक पिकअप वाहन में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते वाहन आग की लपटों में घिर गया और कुछ ही मिनटों में पूरी पिकअप जलकर राख हो गई।
जानकारी के अनुसार वाहन संख्या UK 07 CB 0265 कालसी से सुरैऊ (जौनसार) की ओर जा रहा था। रास्ते में अचानक वाहन से धुआं उठता देखा गया। चालक ने तुरंत गाड़ी रोककर आग बुझाने की कोशिश की…लेकिन आग इतनी तेज़ी से फैली कि उस पर काबू पाना मुश्किल हो गया।
स्थानीय लोगों ने मौके पर पहुंचकर पानी और मिट्टी डालकर आग बुझाने का प्रयास किया पर तब तक पिकअप पूरी तरह जल चुकी थी। गनीमत रही कि इस हादसे में किसी प्रकार की जनहानि नहीं हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि आग लगने के कुछ ही मिनटों में लपटें कई फीट ऊंची हो गईं…जिससे आसपास अफरा-तफरी मच गई। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस और प्रशासन को घटना की सूचना दी। प्राथमिक जांच में अनुमान लगाया जा रहा है कि वाहन के इंजन या विद्युत तंत्र में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी। फिलहाल स्थानीय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
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उत्तराखंड: पति के नास्तिक होने से व्यथित पत्नी ने मांगा तलाक, मामला पहुंचा हाईकोर्ट !

नैनीताल: धर्म और विश्वास के टकराव से जन्मा एक अनोखा मामला उत्तराखंड उच्च न्यायालय में चर्चा का विषय बन गया है। पूनम नामक एक हिंदू महिला ने अपने पति भुवन चंद्र सनवाल से तलाक की मांग इस आधार पर की है कि उनका पति नास्तिक है और किसी भी धार्मिक रीति-रिवाज या परंपरा में विश्वास नहीं रखता।
पूनम का आरोप है कि उसका पति और ससुराल पक्ष स्वयंभू संत रामपाल के अनुयायी हैं तथा उन्होंने विवाह के बाद उसे पूजा-पाठ करने से रोक दिया। महिला ने अदालत को बताया कि शादी के बाद घर का मंदिर तक हटा दिया गया और देवताओं की मूर्तियाँ पैक कर बाहर रख दी गईं।

विवाद तब और गहराया जब बेटे के नामकरण संस्कार की बात आई। पूनम के अनुसार पति ने यह कहते हुए संस्कार करवाने से इनकार कर दिया कि उनके आध्यात्मिक मार्ग में ऐसे कर्मकांडों की अनुमति नहीं है। धार्मिक आस्थाओं से समझौता न कर पाने पर महिला ने पारिवारिक न्यायालय, नैनीताल में तलाक की अर्जी दाखिल की मगर वहां उसकी याचिका खारिज कर दी गई।
इसके बाद पूनम ने उच्च न्यायालय का रुख किया। सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति रवींद्र मैथाणी और आलोक महरा की खंडपीठ ने माना कि दंपति के बीच अभी सौहार्दपूर्ण समाधान की संभावना मौजूद है। अदालत ने दोनों पक्षों को काउंसलिंग (परामर्श) के लिए भेजने के निर्देश दिए, ताकि सात वर्षीय बेटे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए सुलह का रास्ता निकाला जा सके।
अदालत ने कहा कि ऐसे मामलों में आपसी संवाद और समझदारी से समाधान संभव है…क्योंकि परिवार और बच्चे की भलाई सर्वोपरि है।
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मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को उत्तराखंड में राज्य स्तरीय भूकंप मॉक ड्रिल होगी आयोजित

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को भूकंप तथा भूकंप के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली अन्य आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने तथा विभिन्न रेखीय विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। बुधवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भूकंप पर राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल कराने तथा विभिन्न रेखीय विभागों तथा केंद्र सरकार की एजेंसियों के बीच समन्वय की कड़ी को मजबूत करने, भूकंप तथा इससे जुड़ी अन्य आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी तरीके से संचालित करने, संसाधनों को बेहतर से बेहतर उपयोग हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास आयोजित करने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए ने मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।
12 नवंबर को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी तथा 15 नवंबर को राज्य के सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टेबल टॉप एक्सरसाइज में सभी जनपद अपनी तैयारियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती, मॉक ड्रिल के लिए अपनी योजना के बारे में बताएंगे।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, डॉ बिमलेश जोशी तथा यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू-प्रिपेयर के अधिकारी तथा विशेषज्ञ आदि मौजूद थे।
सभी जनपदों के अधिकारी तथा विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है राज्य-सुमन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखण्ड भूकंप के दृष्टिकोण से संवेदनशील राज्य है। सभी जनपद जोन 04 व 05 में आते हैं। इसलिए भूकंप से निपटने के लिए न सिर्फ सरकार व शासन-प्रशासन के स्तर पर बल्कि समुदाय स्तर पर भी प्रभावी प्रतिक्रिया जरूरी है ताकि भूकंप के प्रभावों को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए भूकंप चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर सायरन तथा सेंसरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। भूदेव एप विकसित किया गया है, जो पांच से अधिक की तीव्रता का भूकंप आने पर मोबाइल फोन में अलर्ट भेज देगा।
इवैकुएशन प्लान पर भी होगी रिहर्सल.
भूकंप आने की स्थिति में लोगों को किस प्रकार रेस्क्यू किया जाएगा, निर्धारित रूट्स, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और सुरक्षित ठिकानों को चिन्हित किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए नक्शों/चार्ट्स पर स्पष्ट मार्गदर्शन के अलावा बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए रेस्क्यू की प्रभावी योजना बनाई जाएगी।
राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा
मॉक अभ्यास के दौरान राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी। वहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए रियल टाइम में उन्हें परखा जाएगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस तथा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी राहत शिविरों में की जाएगी।
मॉक ड्रिल से परखी जाएंगी जनपदों की तैयारियां-स्वरूप
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन आनंद स्वरूप ने भूकंप पर आयोजित होने जा रही मॉक ड्रिल के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मॉक अभ्यास का उद्देश्य भूकंप से निपटने के लिए जनपदों की तैयारियों का परीक्षण करना, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना तथा मजबूत करना, राहत एवं बचाव उपकरणों की उपलब्धता और उपयोगिता की जांच करना, राहत शिविर संचालन तथा वहां भोजन, पानी, स्वास्थ्य सुविधा को परखना, चेतावनी तंत्र की प्रभावशीलता का परीक्षण करना, संवेदनशील क्षेत्रों की पूर्व निर्धारित निकासी योजना का अभ्यास करना तथा समुदायों की सहभागिता और उनकी प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना है।
जनपदों में अलग-अलग परिदृश्यों पर होगी ड्रिल-नेगी
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने बताया कि बहुमंजिला इमारत के ढहने के बाद लोगों का रेस्क्यू, कॉलेज/स्कूल भवन के क्षतिग्रस्त होने से बच्चों तथा शिक्षकों की सुरक्षित निकासी, पुल व फ्लाईओवर का ढहना, बांध की विफलता से उत्पन्न बाढ़ के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, अपार्टमेंट, शॉपिंग मॉल से लोगों की सुरक्षित निकासी, औद्योगिक क्षेत्र में कैमिकल रिसाव के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, ग्लेशियर झील का फटना, रेलवे ट्रेक क्षतिग्रस्त होना, भूस्खलन आदि परिदृश्यों पर मॉक अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रात्रि के समय भूकंप आने पर किस प्रकार प्रभावी तरीके से राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकते हैं, इस पर भी रात्रि के समय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
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