Chamoli
राज्य गठन के बाद पहली बार देश के प्रथम गांव माणा के ग्रामीण अपने पैतृक गांव में ही करेंगे मतदान, लोगों में उत्साह।

चमोली – राज्य गठन के बाद पहली बार देश के प्रथम गांव माणा में रहने वाले भोटिया जनजाति के ग्रामीण अपने पैतृक गांव में ही मतदान करेंगे। पहली बार गांव में ईवीएम पहुंचेगी। चुनाव को लेकर ग्रामीणों में उत्साह बना हुआ है।
जिला निर्वाचन कार्यालय ने माणा गांव के प्राथमिक विद्यालय भवन को पोलिंग बूथ बनाया है। यहां इन दिनों मरम्मत का काम चल रहा है। माणा के अलावा नीती घाटी के भोटिया जनजाति के ग्रामीण भी पहली बार पैतृक गांवों के मतदान केंद्रों में वोट डालेंगे। नीती घाटी और माणा में 3,884 मतदाता हैं, जो अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
नीती और माणा घाटी में भोटिया जनजाति के ग्रामीण निवास करते हैं। ये शीतकाल में बर्फबारी के चलते जिले के निचले क्षेत्रों में रहते हैं, जबकि ग्रीष्मकाल में अपने पैतृक गांवों में लौट जाते हैं। माणा गांव के ग्रामीण जिले के घिंघराण गांव में निवास करते हैं और नीती घाटी के ग्रामीण नंदप्रयाग, तेफना, देवलीबगड़, बिरही आदि गांवों में रहते हैं।
नीती घाटी में सुरांईथोटा से नीती तक नौ गांव हैं, जबकि माणा घाटी में माणा गांव माइग्रेशन वाला है। राज्य बनने के बाद पहली बार हुआ है कि चारधाम यात्रा के दौरान यहां विस उपचुनाव हो रहा है। नीती गांव में 220 मतदाता, माणा में 824, मलारी में 599, कैलाशपुर में 210, गमशाली में 836, झेलम में 393, कोषा में 243, द्रोणागिरि में 368, जुम्मा में 141 मतदाता हैं। माणा गांव के ग्राम प्रधान पीतांबर मोल्फा का कहना है कि मतदान को लेकर ग्रामीणों में उत्साह है। लोग अपने पैतृक गांव में ही मतदान करेंगे।
1996 में हुआ था लोकसभा का उपचुनाव
वर्ष 1996 के अप्रैल से मई माह तक तीन चरणों में लोकसभा का उपचुनाव हुआ था। तब सीमांत गांवों के ग्रामीण अपने पैतृक गांवों में ही थे, तब बैलेट पेपर से मतदान होता था। नीती और माणा घाटी के ग्रामीण अप्रैल में अपने सीमांत गांवों में लौट जाते हैं, जबकि चारधाम यात्रा संपन्न होने के बाद नवंबर माह में निचले क्षेत्रों में लौट जाते हैं।
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बदरीनाथ हाईवे पर गिरा भारी मलबा, बाल-बाल बचे लोग…आवाजाही ठप

कर्णप्रयाग ( चमोली): उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया है। आज सुबह बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग गौचर तलधारी के पास भूस्खलन के कारण बंद हो गया। पहाड़ी से अचानक भारी मलबा और बड़े-बड़े बोल्डर सड़क पर गिर गए। गनीमत रही कि उस समय सड़क पर चल रहे लोग बाल-बाल बच गए।
इसी के साथ कर्णप्रयाग-नेनीसैंण मोटर मार्ग पर भी एक चट्टान टूटकर गिर गई। यह घटना आईटीआई से लगभग 500 मीटर आगे हुई, जिससे मार्ग बाधित हो गया है। सड़क बंद होने की वजह से कपीरीपट्टी के लोगों को डिम्मर-सिमली होते हुए कर्णप्रयाग की ओर जाना पड़ रहा है।
इधर मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। इन क्षेत्रों में आज दिनभर और रात के समय बहुत भारी बारिश की संभावना जताई गई है। अन्य जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट के तहत तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
गंगा का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। शुक्रवार सुबह से जारी बारिश के बाद जलस्तर बढ़कर 292.90 मीटर तक पहुंच गया है, जो चेतावनी रेखा 293 मीटर के बेहद करीब है। गंगा घाटों को खाली करवा दिया गया है और प्रशासन ने आसपास रहने वाले लोगों को सतर्क कर दिया है।
आपदा प्रबंधन टीम और प्रशासन चौकस है। राज्य के साथ-साथ उत्तर प्रदेश का प्रशासन भी अलर्ट पर है। नदी-नालों के किनारे जाने से बचने और पर्वतीय क्षेत्रों में अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
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चमोली में बादल नहीं, मुसीबत बरसी! बदरीनाथ हाईवे बंद, गांवों में तबाही

चमोली: चमोली जनपद में शुक्रवार रात से लगातार हो रही तेज बारिश ने पूरे इलाके का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के चलते कई जगहों पर भूस्खलन हुआ है जिससे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जगह-जगह मलबा जमा हो गया और यातायात बाधित हो गया है।
नंदानगर क्षेत्र के पास पर्थाडीप में एक यात्रा वाहन मलबे में फंस गया था। गनीमत रही कि वाहन में सवार सभी तीर्थयात्रियों को समय रहते सुरक्षित निकाल लिया गया। बाद में जेसीबी मशीन की मदद से वाहन को बाहर निकाला गया। फिलहाल इस हिस्से में हाईवे से मलबा हटाकर यातायात आंशिक रूप से बहाल किया गया है, हालांकि सड़क किनारे अब भी भारी मात्रा में मलबा जमा है।
क्षेत्रपाल इलाके में वैकल्पिक मार्ग के जरिए दोपहिया वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है…और अब धीरे-धीरे बड़े वाहनों को भी निकाला जा रहा है। वहीं पीपलकोटी के पास भनेरपाणी क्षेत्र में हाईवे अभी भी पूरी तरह बंद है और मलबा हटाने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है।
इस बीच थिरपाक गांव की अनुसूचित जाति बस्ती पर बारिश की सबसे बड़ी मार पड़ी। रात करीब एक बजे ‘नौलाकलाना गदेरा’ अचानक उफान पर आ गया। तेज बहाव और भारी मलबे ने गांव में बनी तीन गौशालाओं को पूरी तरह तबाह कर दिया जिससे रघु लाल, बलवीर लाल और गरीब लाल के दो बैल और सात बकरियां मलबे में दबकर मर गईं। इन ग्रामीणों के मकानों को भी भारी नुकसान पहुंचा है।
हालात बिगड़ते देख ग्रामीणों ने रात में ही पास के सरकारी अस्पताल में शरण ली। सुबह जब बारिश कुछ थमी और लोग अपने घर लौटे, तो देखा कि उनकी खेती भी पूरी तरह बर्बाद हो चुकी थी। मंडुवा, झंगोरा, गेहूं और मक्का जैसी फसलें मलबे के नीचे दब गई हैं। मनोहर लाल और सज्जन लाल के घरों में मलबा घुसने से उनका राशन और जरूरी घरेलू सामान भी खराब हो गया।
ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल राहत और मदद की मांग की है। कई परिवारों के पास अब न तो अनाज बचा है और न ही रहने की सुरक्षित जगह।
जिला प्रशासन ने कहा है कि प्रभावित इलाकों में टीमें भेजी जा रही हैं और नुकसान का आंकलन किया जा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे तक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है…जिससे हालात और बिगड़ सकते हैं।
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15 साल से बंधुआ बना रहा चमोली का राजेश, अब समय है इंसाफ का !

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जिले से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसने सभी को भावुक कर दिया। यहां थराली ब्लॉक के कौब थाना गांव का रहने वाला युवक राजेश लाल करीब 15 साल पहले किसी बात से नाराज होकर घर से निकल गया था। इतने वर्षों तक उसका परिवार उससे कोई संपर्क नहीं कर सका।
राजेश के लापता होने के बाद किसी को अंदाजा नहीं था कि वह पंजाब के अमृतसर जिले में एक गौशाला में बंधुआ मजदूरी कर रहा है। हाल ही में पंजाब की एक सामाजिक संस्था के कार्यकर्ताओं ने वहां पहुंचकर जब स्थिति की जांच की…तो राजेश का वीडियो बनाकर वायरल किया जिसमें वह यह कहता हुआ नजर आया कि ज्यादा बात करने या काम न करने पर गौशाला मालिक उसकी पिटाई करता है।
वीडियो में राजेश ने बताया कि वह उत्तराखंड के चमोली जिले का रहने वाला है। यह वीडियो सामने आते ही चमोली पुलिस हरकत में आई और युवक की पहचान कर उसे छुड़ाने की कार्रवाई शुरू की। पुलिस ने पंजाब प्रशासन से संपर्क कर सामाजिक संस्था की मदद से राजेश को मालिक के चंगुल से मुक्त कराया।
जब राजेश का वीडियो उसके परिजनों तक पहुंचा, तो उन्हें पहले तो यकीन ही नहीं हुआ। फिर जैसे ही पुष्टि हुई परिजन तुरंत पंजाब रवाना हो गए। 15 साल बाद बेटे को सामने देखकर मां-बाप की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। यह एक ऐसा क्षण था…जिसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है।
गढ़वाल सांसद अनिल बलूनी ने राजेश से जुड़ा एक वीडियो साझा किया इसके साथ ही उन्होंने इस गंभीर मामले को लेकर उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह से बात की। राज्यपाल ने तुरंत पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) से संपर्क कर युवक की रिहाई के लिए आवश्यक निर्देश दिए। इसके बाद युवक को बंधुआ मजदूरी से मुक्त कराकर उसके परिजनों से मिलवाया गया।
इस बीच मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी पूरे मामले पर गंभीरता दिखाते हुए अधिकारियों को समन्वय के साथ तेजी से कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उत्तराखंड के किसी भी नागरिक के साथ अन्य राज्य में अन्याय न हो और समय रहते मदद मिले।
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