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उत्तराखंड में औद्योगिक इकाइयों को बड़ा झटका: 620 औद्योगिक इकाइयों को केंद्र ने अपात्र किया घोषित, जानिए वजह…

देहरादून – सब्सिडी का लाभ पाने के लिए पूंजी निवेश प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत राज्य में स्थापित 620 औद्योगिक इकाइयों को केंद्र सरकार ने अपात्र घोषित कर दिया है। सबसे बड़ा झटका हरिद्वार जिले की 251 औद्योगिक इकाइयों को लगा है। जबकि इस आदेश से ऊधमसिंहनगर जिले की 134 और देहरादून जिले की 95 औद्योगिक इकाइयां भी प्रभावित हुई हैं। उद्यमियों का कहना है कि निवेश करने के बाद भी सब्सिडी का लाभ न मिलना निराशाजनक है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने 30 जुलाई 2024 को राज्य सरकार को पत्र भेजकर स्पष्ट किया कि उत्तराखंड की 620 इकाइयों का रजिस्ट्रेशन नहीं हुआ है। ये इकाइयां स्कीम के लिए पात्र नहीं हैं। ऐसे में अब सैकड़ों इकाइयों की सब्सिडी पर विराम लग गया है। बताया जा रहा है कि विभिन्न तकनीकी कारणों और रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन प्रक्रिया में देरी के चलते इन इकाइयों को लाभ की श्रेणी से बाहर कर दिया है। उधर, उद्यमियों ने इस पर निराशा जताई है। साथ ही मुख्यमंत्री समेत विभिन्न स्तरों पर पत्र भेजकर सब्सिडी दिलाए जाने की मांग की है।
सब्सिडी का लाभ नहीं मिलने पर सबसे ज्यादा हरिद्वार जिले के उद्यमियों में रोष है। इसे लेकर औद्योगिक सलाहकार एवं पूर्व राज्यमंत्री ठाकुर संजय सिंह की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री डाॅ. रमेश पोखरियाल निशंक को पत्र भेजा है। जिसमें उन्होंने बताया है कि निवेश करने वाली सभी इकाइयों को सब्सिडी का लाभ दिलाया जाए। ताकि राज्य में निवेश का बेहतर वातावरण बन सके।
जिलेवार सब्सिडी से वंचित औद्योगिक इकाइयां
जिला | सब्सिडी से वंचित इकाइयां |
अल्मोड़ा | 29 |
चमोली | 01 |
चंपावत | 03 |
देहरादून | 95 |
गढ़वाल | 34 |
हरिद्वार | 251 |
नैनीताल | 37 |
रुद्रप्रयाग | 03 |
टिहरी | 24 |
ऊधमसिंहनगर | 134 |
उत्तरकाशी | 03 |
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Accident
उत्तराखंड: बेकाबू कार खाई में गिरी, बुजुर्ग की मौत, महिला गंभीर रूप से घायल

रानीखेत: ताड़ीखेत-रामनगर स्टेट हाईवे पर एक कार के खाई में गिर जाने से 87 वर्षीय बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई…जबकि कार में सवार एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। हादसा शनिवार को हाइडिल कॉलोनी के पास उस वक्त हुआ जब ढलान पर कार का चालक नियंत्रण खो बैठा और गाड़ी करीब 100 मीटर गहरी खाई में जा गिरी।
हादसे का शिकार हुई कार (नंबर UK 19 4895) को ऐराड़ी निवासी लाखन सिंह बिष्ट चला रहे थे। वह सुबह ताड़ीखेत की ओर रवाना हुए थे। कार में उनके साथ गांव के ही 87 वर्षीय कुशाल सिंह रौतेला भी बैठे थे। रास्ते में एक अन्य युवक करन रजौरिया और तौड़ा में सिलाई प्रशिक्षण केंद्र की प्रशिक्षक अनुराधा (पत्नी कुलदीप बिष्ट) ने भी लिफ्ट ली। जैसे ही कार हाइडिल कॉलोनी से पहले एक तीखे मोड़ पर पहुंची चालक लाखन सिंह कार पर नियंत्रण खो बैठा और वाहन सीधे गहरी खाई में गिर गयी।
हादसे के बाद चालक लाखन सिंह और सवार करन रजौरिया को कोई गंभीर चोट नहीं आई। दोनों किसी तरह बाहर निकलकर सड़क तक पहुंचे और स्थानीय लोगों को सूचना दी। आस-पास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायलों को खाई से निकालने में मदद की। साथ ही 108 आपातकालीन सेवा को बुलाया गया।
सभी घायलों को सीएचसी ताड़ीखेत ले जाया गया….जहां चिकित्सकों ने बुजुर्ग कुशाल सिंह को मृत घोषित कर दिया। घायल महिला अनुराधा को प्राथमिक उपचार के बाद गोविंद सिंह माहरा नागरिक चिकित्सालय रानीखेत रेफर किया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों और पुलिस की प्रारंभिक जांच में आशंका जताई जा रही है कि कार के ब्रेक फेल हो गए, जिससे चालक ढलान पर नियंत्रण नहीं रख सका और हादसा हो गया। 87 वर्षीय कुशाल सिंह की मृत्यु की खबर से गांव में शोक की लहर फैल गई। स्थानीय लोगों ने घटना को बेहद दुखद बताते हुए, सड़क सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
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बारिश के बीच फिसलकर तड़ाग ताल में गिरी मैक्स, चारों सवारों की सूझबूझ से टली बड़ी दुर्घटना

अल्मोड़ा (चौखुटिया)। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में भारी बारिश के बीच एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। चौखुटिया क्षेत्र में एक मैक्स वाहन अचानक अनियंत्रित होकर तड़ाग ताल में जा गिरा। राहत की बात यह रही कि वाहन में सवार चारों लोग समय रहते बाहर निकल आए, वरना यह घटना एक दर्दनाक दुर्घटना में बदल सकती थी।
बारिश बना हादसे की वजह
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा उस वक्त हुआ जब मैक्स वाहन तालाब के पास की सड़क से गुजर रहा था। लगातार बारिश के चलते सड़क पर पानी भरा हुआ था और जैसे ही चालक ने पानी पार करने की कोशिश की, गाड़ी फिसल गई और सीधे तालाब में जा गिरी। कुछ ही पलों में वाहन पूरी तरह पानी में समा गया।
साहस और सूझबूझ से बची जान
गाड़ी के भीतर सवार यात्रियों ने हिम्मत और सूझबूझ से काम लिया। चालक ने किसी तरह दरवाजा खोला और सभी चार लोग बाहर निकलने में सफल रहे। तैरकर तालाब के किनारे पहुंचे यात्रियों को देख मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली और उनकी मदद भी की।
ग्रामीणों और ट्रैक्टर की मदद से निकाली गई गाड़ी
घटना की सूचना मिलते ही आसपास के लोग मौके पर जुट गए। तालाब में डूबी गाड़ी को बाहर निकालने के लिए ग्रामीणों ने ट्रैक्टर और अन्य संसाधनों की मदद ली। काफी मशक्कत के बाद वाहन को तालाब से सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। चालक का कहना है कि तेज बारिश के कारण सड़क पर पानी भर गया था और गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया।
बारिश में बढ़ा खतरा, प्रशासन अलर्ट मोड पर
स्थानीय लोगों का कहना है कि तड़ाग ताल के आसपास की सड़कें बारिश के समय बेहद खतरनाक हो जाती हैं। फिसलन और जलभराव के चलते ऐसे हादसों की आशंका बनी रहती है।
गौरतलब है कि इन दिनों उत्तराखंड में भारी बारिश का दौर जारी है। पहाड़ी क्षेत्रों में कई जगहों पर सड़कें टूट चुकी हैं, जिससे आवागमन प्रभावित हुआ है। प्रशासन और संबंधित विभाग रास्तों को सुचारु करने में जुटे हुए हैं, ताकि आम लोगों को राहत मिल सके।
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बोल्डर की चपेट में आया ग्रामीण, रामनगर में मरीज को लेकर फंसी एंबुलेंस

बोल्डर की चपेट में आया ग्रामीण
रामनगर/भिकियासैंण: उत्तराखंड में लगातार हो रही मूसलधार बारिश अब लोगों की ज़िंदगी पर भारी पड़ने लगी है। एक ओर पहाड़ी से गिरते पत्थर लोगों की जान पर बन आए हैं, वहीं दूसरी ओर बरसाती नाले और गदेरे जिंदगी के रास्ते रोक रहे हैं। मंगलवार की शाम अल्मोड़ा जिले के भिकियासैंण-बासोट मोटर मार्ग पर एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब पीपलगांव निवासी फकीर सिंह बाजार से घर लौटते समय अचानक गिरते बोल्डरों की चपेट में आ गए।
बस एक पल की देर थी…
करीब डेढ़ किलोमीटर दूर फकीर सिंह जैसे ही भिकियासैंण बाजार से आगे बढ़े, अचानक पहाड़ी से भारी पत्थर और बोल्डर टूटकर सड़क पर गिरने लगे। फकीर सिंह इनका शिकार हो गए। उनके सिर और पैरों में गंभीर चोटें आईं। राह चलते लोगों ने तुरंत उन्हें संभाला और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिकियासैंण पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया।
हर साल बारिश आती है, लेकिन सुरक्षा इंतज़ाम नहीं…
स्थानीय ग्रामीणों में इस घटना को लेकर ग़ुस्सा है। उनका कहना है कि भिकियासैंण-बासोट रोड पर हर बरसात में यही हाल होता है। न कहीं चेतावनी बोर्ड हैं, न सुरक्षात्मक दीवारें। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस मार्ग पर जालीदार बैरिकेड, चेतावनी संकेत और निगरानी टीम की व्यवस्था की जाए, ताकि जान-माल का नुकसान रोका जा सके।
रामनगर: गदेरे ने रोकी एंबुलेंस, मरीज घंटों परेशान
उधर, रामनगर-भंडारपानी मार्ग पर टेड़ा गांव के पास मंगलवार को एक और बड़ी परेशानी सामने आई, जब तेज बारिश के कारण बरसाती नाला उफान पर आ गया। नाले का पानी सड़क पर फैल गया और ट्रैफिक पूरी तरह जाम हो गया।
इस बीच, अमगढ़ी पाटकोट क्षेत्र से एक मरीज को ले जा रही 108 एंबुलेंस भी नाले के किनारे फंस गई। घंटों तक मरीज, परिजन और स्वास्थ्यकर्मी परेशान रहे, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं थी। हालात ये थे कि कोई न आगे जा सकता था, न पीछे लौट सकता था।
लापरवाही की तस्वीर: बहाव में डगमगाई पिकअप
सबको रोकने की चेतावनी दी जा रही थी, लेकिन जैसे ही नाले का बहाव थोड़ा कम हुआ, एक पिकअप चालक ने रिस्क लेते हुए गाड़ी गदेरे में उतार दी। तेज बहाव में गाड़ी लड़खड़ाई, डिसबैलेंस हुई, लेकिन चालक ने किसी तरह संतुलन बना लिया। यह देख कई अन्य वाहनों ने भी पीछे-पीछे नाले को पार करने की कोशिश की, जिससे स्थिति और बिगड़ गई।
स्थानीय लोग बोले – हर साल यही होता है, लेकिन सुनवाई नहीं
टेड़ा गांव के निवासी नमित अग्रवाल कहते हैं कि हर साल यह नाला लोगों के लिए मुसीबत बनता है। “प्रशासन मुनादी तो करता है, लेकिन नाले को पार करने से रोकने के लिए कोई सख्त कदम नहीं उठाता। लोग भी जान जोखिम में डालते हैं, और कई बार इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है।”
प्रशासन अलर्ट मोड पर, लेकिन ज़मीन पर तैयारी अधूरी
रामनगर सहित कई इलाकों में सड़कें बंद, रास्ते कटे और जलभराव जैसी समस्याएं लगातार बढ़ रही हैं। मौसम विभाग ने भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है, और प्रशासन ने लोगों से नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है। लेकिन ग्रामीण इलाकों में बुनियादी इंतज़ामों की कमी, हर बरसात को हादसे में बदल रही है।
सावधानी ही सुरक्षा है
प्रशासन का कहना है कि लोग यदि सतर्क रहें और जोखिम भरे रास्तों पर न जाएं, तो हादसों से बचा जा सकता है। लेकिन जमीनी हकीकत यही है — जब सुरक्षा इंतज़ाम अधूरे हों, तो आम जनता के पास लापरवाही और मजबूरी के बीच कोई विकल्प नहीं बचता।
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