Pithauragarh
पिथौरागढ़ में यौन और प्रजनन संक्रमण की जांच, 842 में से 18 मरीज संक्रमित

पिथौरागढ़- पिथौरागढ़ जिले में स्वास्थ्य विभाग ने यौन संचरित संक्रमण (एसटीआई) और प्रजनन पथ संक्रमण (आरटीआई) की जांच कर लोगों को जागरूक करने का कार्य तेज कर दिया है। विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन वर्षों में जिले में 842 लोगों की एसटीआई/आरटीआई जांच की गई, जिनमें 12 महिलाएं और 6 पुरुष संक्रमित पाए गए।
स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि महिलाओं में संक्रमण पुरुषों की तुलना में अधिक पाया गया है। चिकित्सकों के अनुसार, एक से अधिक लोगों के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध, गंदे कपड़े पहनना, संक्रमित व्यक्ति के शौचालय का उपयोग और हार्मोन असंतुलन मुख्य कारण हैं।
लक्षण और उपचार:
एसटीआई में जननांग में खुजली, सूजन, पेट के निचले हिस्से में दर्द और बुखार प्रमुख लक्षण हैं। आरटीआई में मांसपेशियों में दर्द, खांसी और अन्य अस्वस्थता दिखाई देती है। चिकित्सक बताते हैं कि बेंजाथीन पेंसिलिन इंजेक्शन से एसटीआई का इलाज संभव है, लेकिन समय पर इलाज न कराने पर संक्रमण तेजी से फैल सकता है।
जागरूकता और बचाव:
डॉक्टरों ने लोगों को गुप्तांगों की नियमित सफाई, माहवारी के दौरान स्वच्छता, निजी कपड़ों और रेजर का साझा उपयोग न करने की सलाह दी। संक्रमण की स्थिति में पति-पत्नी दोनों को इलाज कराना आवश्यक है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ललित भट्ट ने बताया कि लोगों को इस विषय में खुद जागरूक होना होगा ताकि एसटीआई और आरटीआई एचआईवी में न बदलें।
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मिड डे मील में एक्सपायरी दूध का खुलासा: स्कूलों में पहुंचा 5 साल पुराना दूध, होगी जांच

पिथौरागढ़ – सीमांत जनपद पिथौरागढ़ में सरकारी स्कूलों को एक्सपायरी दूध भेजे जाने के मामले ने शिक्षा विभाग और दुग्ध संघ की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। चार दिन पूर्व सामने आए इस प्रकरण के बाद अभिभावकों और विभिन्न संगठनों ने कड़ी नाराज़गी जताई थी। अब विभाग ने दूध की पूरी खेप वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
6,000 से अधिक पैकेट होंगे वापस
शिक्षा विभाग ने जानकारी दी कि जिले में 6,808 दूध के पैकेट स्कूलों में भेजे गए थे, जिनमें 5,549 एक किलो और 1,259 आधा किलो के पैकेट शामिल हैं। इनकी कीमत लगभग ₹25 लाख 33 हजार 185 रुपये बताई गई है। अब सभी पैकेट सील कर स्कूलों से वापस मंगवाए जा रहे हैं।
प्रयोगशाला जांच के लिए सैंपल
हर विकासखंड से एक-एक पैकेट का सैंपल खाद्य सुरक्षा विभाग को जांच हेतु भेजा जाएगा। पीएम पोषण योजना (मिड डे मील) के तहत कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में दो दिन फोर्टिफाइड दूध दिया जाता है।
सीईओ बोले— जांच होगी गहनता से
शिक्षा विभाग के सीईओ हरक राम कोहली ने कहा,
“एक्सपायरी दूध को पूरी तरह वापस किया जाएगा। हर ब्लॉक से सैंपल लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग को जांच के लिए भेजा जा रहा है। मामले की गहनता से जांच कराई जाएगी।”
दुग्ध संघ ने दी सफाई— प्रिंटिंग गलती
दुग्ध संघ के प्रबंधक प्रह्लाद सिंह ने कहा,
“प्रथम दृष्टया यह प्रिंटिंग की गलती लग रही है। फिर भी हम पूरी खेप को वापस ले रहे हैं और इसकी जगह नया दूध भेजा जाएगा।”
समय रहते खुला मामला, टला बड़ा हादसा
सूत्रों के अनुसार, यदि समय रहते एक्सपायरी दूध की जानकारी सामने नहीं आती तो हजारों बच्चों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता था। सौभाग्य से दूध बच्चों तक नहीं पहुंच पाया।
प्रिंटिंग में लापरवाही भी उजागर
जांच में यह भी पाया गया कि कुछ पैकेटों पर मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट उल्टी-सीधी छपी हुई है। एक पैकेट पर 2020 की पैकेजिंग दिख रही थी, जबकि दूसरे पर 2025 की— जिससे प्रिंटिंग में गड़बड़ी और संभावित लापरवाही की आशंका बढ़ गई है।
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दीपावली पर खुशियों का घर बना राख, आग में झुलसे बेटी की शादी के अरमान

पिथौरागढ़- उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से दीपावली के मौके पर एक दर्दनाक हादसे की खबर सामने आई है। जिले की थल तहसील के बल्याऊं गांव में मंगलवार देर रात एक दो मंजिला मकान में भीषण आग लग गई, जिससे एक परिवार की जिंदगी भर की मेहनत और गाढ़ी कमाई चंद मिनटों में राख हो गई।
बिजली के शॉर्ट सर्किट से लगी आग
घटना का कारण बिजली का शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। जिस मकान में आग लगी, वह भूपाल सिंह मेहरा और डीगर सिंह मेहरा का है। इस घर की देखरेख गांव के ही हयात सिंह मेहरा, उनकी पत्नी हेमा देवी और बेटी रेनू मेहरा पिछले 35 वर्षों से कर रहे थे।
दीपावली की रात पूजा-पाठ के दौरान परिवार मकान के निचले हिस्से में था, तभी अचानक मकान में आग लग गई। आग ने इतना विकराल रूप ले लिया कि मकान में रखा सारा सामान, जिसमें अनाज, कपड़े, घरेलू उपकरण, बर्तन, बिस्तर, कृषि यंत्र और बेटी की शादी के लिए जोड़े गए 5 तोला सोने और 10 तोला चांदी के जेवर तक जलकर खाक हो गए।
बेटी की शादी पर संकट
पीड़िता हेमा देवी ने बताया कि उनकी बेटी की शादी अगले महीने थी और उसके लिए वर्षों से एक-एक चीज जोड़कर तैयार की थी। लेकिन अब सब कुछ जल चुका है। उन्होंने कहा,
“हमारी जिंदगी भर की कमाई चली गई। अब बेटी की शादी कैसे करेंगे, कुछ समझ नहीं आ रहा।”
जानवरों को बचाया, बाकी सब राख
परिवार ने किसी तरह गोठ में बंधे जानवरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया, लेकिन मकान और सारा सामान आधे घंटे के भीतर जलकर नष्ट हो गया। पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है और कल शाम से भूखा-प्यासा है, क्योंकि खाने तक को कुछ नहीं बचा।
प्रशासन का दौरा, 65 लाख का नुकसान
घटना की सूचना मिलते ही आज सुबह राजस्व विभाग की टीम — राजस्व उपनिरीक्षक सुमन भंडारी, विपिन कापड़ी और दीपक पंचोली — मौके पर पहुंची और क्षति का जायजा लिया। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, परिवार को करीब 65 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
जरूरत है सरकारी मदद की
यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि यह दर्शाती है कि दूरस्थ पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन और सहायता कितनी जरूरी है। अब स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार से उम्मीद की जा रही है कि पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द आर्थिक मदद दी जाए ताकि बेटी की शादी और जीवन की पुनः शुरुआत संभव हो सके।
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पिथौरागढ़ में अब होगी 72 सीटर विमान की लैंडिंग, एयरपोर्ट विस्तार को मिली हरी झंडी

पिथौरागढ़: सीमांत ज़िले पिथौरागढ़ के लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। अब जल्द ही नैनीसैनी एयरपोर्ट से 72 सीटर विमानों की नियमित उड़ानें शुरू हो सकेंगी। यह संभव हो पाएगा एयरपोर्ट के उच्चीकरण के बाद जिसे लेकर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) के प्रस्ताव को राज्य सरकार की सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है।
फिलहाल नैनीसैनी एयरपोर्ट ‘टू-सी’ श्रेणी में आता है, जिसमें छोटे विमानों की ही उड़ानों की अनुमति थी। लेकिन अब इसे ‘थ्री-सी’ श्रेणी में अपग्रेड किया जाएगा…जिससे बड़े विमान यहां से उड़ान भर सकेंगे। इसके बाद एयरपोर्ट से 72 सीटर विमानों की आवाजाही संभव हो सकेगी।
विमानपत्तन प्राधिकरण की रिपोर्ट के आधार पर जिला प्रशासन ने एयरपोर्ट के तकनीकी सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है और अब विस्तारीकरण का विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजने की तैयारी की जा रही है। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने कहा कि नैनीसैनी एयरपोर्ट का उच्चीकरण पूरे जिले के लिए गौरव की बात है। इससे ना सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा…बल्कि सीमा क्षेत्र की सुरक्षा को भी मजबूती मिलेगी।
एयरपोर्ट के विस्तार के लिए भूमि अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती के रूप में सामने आ रही है। नैनीसैनी एयरपोर्ट के चारों ओर के क्षेत्र में स्थानीय ग्रामीणों के उपजाऊ खेत हैं…जहां बासमती व अन्य किस्मों की धान की खेती होती है। पूर्व में भी जब एयरपोर्ट की जमीन अधिग्रहित की गई थी तब कई आंदोलनों का सामना करना पड़ा था। अब एक बार फिर प्रशासन को स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना होगा। इसके साथ ही आसपास बने कई भवनों को हटाने की भी ज़रूरत पड़ेगी…जिनका सर्वे कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
इस उच्चीकरण और विस्तार के बाद पिथौरागढ़ जिले को सीधे हवाई मार्ग से जोड़ना आसान होगा। मुनस्यारी, चौकोड़ी, आदि कैलाश, पाताल भुवनेश्वर जैसे पर्यटन स्थलों तक पहुंचने के लिए यात्रियों को एक सुविधाजनक विकल्प मिलेगा। इससे स्थानीय लोगों को आर्थिक और व्यावसायिक अवसर भी मिलेंगे।
जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने बताया कि नैनीसैनी एयरपोर्ट के उच्चीकरण की स्वीकृति मिलना पूरे जिले के लिए गौरव की बात है। विस्तारीकरण का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। इससे पिथौरागढ़ को नई पहचान मिलेगी और पर्यटन को रफ्तार मिलेगी।
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