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सीएम आवास पर IAS आधिकारियों के साथ मख्यमंत्री की अनौपचारिक बैठक, विकल्प रहित संकल्प की हिदायत दी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की उपस्थिति में आज मुख्यमंत्री आवास में उत्तराखंड के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों की एक अनौपचारिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में राज्य के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन सहित सभी वरिष्ठ एवं युवा IAS अधिकारी उपस्थित रहे। ये बैठक वर्तमान में चल रहे प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन (AOC) के संदर्भ में थी।
मुख्यमंत्री आवास पर आज IAS आधिकारियों की अनौपचारिक बैठक
बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों का स्वागत करते हुए कहा कि यह किसी औपचारिक संबोधन का अवसर नहीं है, बल्कि उनकी प्रशासन के लिए संवेदनशील और आत्मीय भावनाओं को साझा करने का अवसर है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ने अपनी 25 वर्ष की यात्रा में अनेक चुनौतियों का सामना किया है और इन उपलब्धियों के पीछे राज्य के प्रशासनिक तंत्र की कड़ी मेहनत, निष्ठा और दूरदर्शिता का महत्वपूर्ण योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि—
“आप सभी ने कठिन परिस्थितियों में भी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता और संवेदनशील प्रशासन का परिचय दिया है। इसके लिए मैं आप सभी को हृदय से साधुवाद देता हूँ।”

“ये समय रुकने का नहीं, आगे बढ़ने का है” : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह समय अधिक गति, अधिक दृढ़ता और अधिक संकल्प के साथ काम करने का है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के शब्द— “ये दशक उत्तराखंड का दशक है” का उल्लेख करते हुए कहा कि इस संकल्प को साकार करना उत्तराखंड के प्रशासन का दायित्व है। उन्होंने कहा कि आने वाले पाँच वर्ष उत्तराखंड के लिए निर्णायक होंगे और हमें राज्य को ऐसे मोड़ पर लेकर जाना है, जहाँ हर नागरिक यह महसूस करे कि राज्य निर्णायक और सकारात्मक परिवर्तन से गुजर रहा है। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि—प्रशासन को तेजी और पारदर्शिता के साथ काम करना होगा। हर योजना और निर्णय लक्ष्य-आधारित और जन-केंद्रित होना चाहिए। व्यवस्था ऐसी बने कि फाइलों का निस्तारण समयबद्ध हो। योजनाओं का प्रभाव जमीनी स्तर पर तुरंत दिखाई दे |हर प्रक्रिया में जवाबदेही स्पष्ट हो।
“ये केवल नौकरी नहीं, समाज सेवा का दायित्व है”—मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उनकी मूल भावना का स्मरण कराते हुए कहा कि उन्होंने यह सेवा धन, पद या सुरक्षा के लिए नहीं चुनी होगी, बल्कि राष्ट्र एवं समाज के लिए कुछ करने की भावना से चुनी होगी। उन्होंने कहा कि: “आपके निर्णय सीधे लाखों लोगों को प्रभावित करते हैं। इसलिए संवेदनशीलता, दूरदृष्टि और तथ्यपरक सोच अत्यंत आवश्यक है।” मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी-कभी जनता की शिकायतें प्रशासन की छवि को आहत करती हैं। लालफीताशाही, शिकायत न सुने जाने और फाइलों में अनावश्यक देरी जैसी बातें व्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जनता के विश्वास को सर्वोपरि रखना चाहिए।

प्रेरणा के उदाहरण प्रस्तुत करते हुए मुख्यमंत्री का संबोधन
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासनिक इतिहास में सूर्यप्रताप सिंह, टी. एन. शेषन, नृपेंद्र मिश्र जैसे अनेक अधिकारी ऐसे रहे हैं जिन्होंने अपनी ईमानदारी, संकल्प और जनसेवा के माध्यम से समाज में स्थायी छाप छोड़ी। मुख्यमंत्री ने कहा—“पद की प्रतिष्ठा आपके कार्यकाल तक है, लेकिन आपके कार्यों का सम्मान आजीवन रहता है।” उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे अपने पद को केवल नौकरी नहीं, बल्कि समाज सेवा का पवित्र अवसर समझें।
उदासीनता की कोई जगह नहीं—मुख्यमंत्री का स्पष्ट संदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के ‘नए भारत’ में उदासीन कार्यशैली बर्दाश्त नहीं की जाती। उन्होंने निर्देश दिए कि—कोई भी कार्य अनावश्यक रूप से लंबित न रखा जाए।निर्णय तेजी और सूझबूझ से लिए जाएं। सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पारदर्शिता और समयबद्धता से पहुँचे। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को अपने क्षेत्रों में मासिक समीक्षा, निरंतर मॉनिटरिंग, और साइट निरीक्षण को सुनिश्चित करना चाहिए।
विकल्प रहित संकल्प, के साथ कार्य करने की आवश्यकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार “विकल्प रहित संकल्प” के मंत्र के साथ उत्तराखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए कार्यरत है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि IAS अधिकारी अपनी निष्ठा, मेहनत और संकल्प के साथ इस लक्ष्य को प्राप्त करने में अग्रणी भूमिका निभाते रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्य सचिव ने वर्तमान में चल रहे प्रशासनिक अधिकारी सम्मेलन (AOC) के अनुभव साँझा किये |
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देहरादून की सड़कों पर जल्द होगी आधुनिक EV बसों की एंट्री, FREE में ट्रंसपोर्ट कर सकेंगे ये लोग…

मुख्य बिंदु
GREEN TRANSPORT : देहरादून में जल्द दौड़ेंगी आधुनिक मिनी ईवी शटल बसें
DEHRADUN NEWS: राजधानी में यातायात दबाव कम करने और नागरिकों को सुविधाजनक आवागमन उपलब्ध कराने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक और महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रशासन द्वारा ऑटोमेटेड मैकेनिकल पार्किंग से जुड़े क्षेत्रों में जल्द ही आधुनिक 13-सीटर EV MINI BUS शटल सेवा शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत EV Sakhi Cab Service को और विस्तार देते हुए अब मिनी ईवी बसों को भी बेड़े में शामिल किया जा रहा है।
DEHRADUN NEWS: पहले चरण में खरीदी जाएंगी 5 ईवी बसें
इस उद्देश्य को साकार करने के लिए जिला प्रशासन ने एडॉर्न एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से स्मार्ट सिटी और संबंधित विभागों के अधिकारियों को बसों की खरीद प्रक्रिया, चार्जिंग स्टेशन, स्टॉपेज, रूट चार्ट और डिज़ाइन से जुड़े कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में 5 आधुनिक EV MINI BUS खरीदी जाएंगी, जबकि भविष्य में आवश्यकता के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
पार्किंग से बाजार तक फ्री शटल सुविधा, आम जनता को भी मिलेगा लाभ
ऑटोमेटेड मैकेनिकल पार्किंग में वाहन खड़ा करने वाले नागरिकों को इन ईवी शटल बसों के माध्यम से निःशुल्क परिवहन सुविधा दी जाएगी। वहीं, आम जनता के लिए न्यूनतम टिकट दर निर्धारित की जाएगी। ये शटल सेवा परेड ग्राउंड, तिब्बती मार्केट और कोरोनेशन पार्किंग से घंटाघर, सुभाष रोड, गांधी पार्क समेत लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में संचालित होगी। पल्टन बाजार, राजपुर रोड और सचिवालय रूट पर 10 ड्रॉप-पिकअप प्वाइंट बनाए जाएंगे।

जाम से राहत और सुव्यवस्थित शहर की ओर प्रशासन की दोहरी पहल
गौरतलब है कि वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा ऑटोमेटेड पार्किंग के साथ ‘ FREE EV Sakhi Cab Service’ भी संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत ईवी टाटा पंच वाहन नागरिकों को व्यस्त इलाकों तक निःशुल्क पहुंचा रहे हैं। अब मिनी ईवी शटल बस सेवा के जुड़ने से शहर को जाम से राहत, पर्यावरण संरक्षण और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। प्रशासन की यह पहल देहरादून को सुव्यवस्थित, स्मार्ट और ग्रीन सिटी ( GREEN TRANSPORT ) बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
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अंकिता भंडारी हत्याकांड : कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च, निष्पक्ष जांच की मांग उठाई
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Ankita Bhandari Murder Case : उत्तराखंड में वीआईपी को लेकर सियासी पारा हाई, निष्पक्ष जांच के लिए सड़कों पर उत्तरी कांग्रेस
DEHRADUN NEWS : उत्तराखंड में इन दिनों Ankita Bhandari Murder Case एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में आ गया है। पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी अभिनेत्री उर्मिला सनावर के ऑडियो और वीडियो जारी करने के बाद से ही उत्तराखंड में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस ने इस वीडियो को आधार बनाते हुए आरोप लगाया कि सरकार प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
Ankita Bhandari Murder Case निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कैंडल मार्च
इसी कड़ी में, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला ब्लॉक में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अंकिता को न्याय मिलना जरूरी है। कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। साथ ही कांग्रेस ने मांग की कि पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
यूथ कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
इसके साथ ही, अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी सड़कों पर दिखे। लैंसडाउन चौक के पास भाजपा महानगर कार्यालय की ओर कूच कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कनक चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिसके बाद कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेजा गया। ये प्रदर्शन प्रदेश उपाध्यक्ष स्वाति नेगी के नेतृत्व में हुआ।
भाजपा के बड़े नेता पर गंभीर आरोप
दरअसल, वायरल वीडियो में अभिनेत्री उर्मिला सनावर ने भाजपा के एक बड़े नेता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अंकिता भंडारी केस में एक कथित वीवीआईपी के शामिल होने की बात कही, जिसका नाम भी सार्वजनिक किया गया। वीडियो के सामने आने के बाद ये मामला तेजी से सुर्खियों में आ गया और कांग्रेस ने भाजपा पर सवालों की बौछार कर दी। वहीं, भाजपा नेताओं की ओर से भी इस पर प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं।
क्या है Ankita Bhandari Murder Case का पूरा मामला
गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल जिले के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 वर्षीय अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में काम करती थी। जिसकी हत्या के मामले में जांच के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और फिलहाल वे जेल में बंद हैं। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि जब तक मामले में कथित वीआईपी की निष्पक्ष जांच नहीं होती, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।
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बैंक में रखा था सोना, लॉकर खोला तो उड़ गए होश !, सोने के कंगन पीतल के निकलने से हड़कंप

Roorkee News : हरिद्वार के रूड़की से हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। यहां एक महिला ने तीन साल पहले बैंक के लॉकर में सोने के कंगन रखे थे। महिला ने जब बैंक का लॉकर खोला तो उसके होश उड़ गए। क्योंकि महिला के सोने के कंगन पीतल के निकले।
बैंक में रखा था सोना, लॉकर खोला तो उड़ गए होश !
हमारे देश में लोगों की ये धारणा है कि अपने धन और जेवरात को सुरक्षित रखने के लिए बैंक ही सबसे सुरक्षित स्थान है, लेकिन अगर बैंक में ही गड़बड़ी हो लोग क्या करें ?, Roorkee के मंगलौर स्थित जिला सहकारी बैंक से सामने आया है। जानकारी के अनुसार ढंढेरा निवासी अधिवक्ता गीता रानी ने वर्ष 2021 में मंगलौर जिला सहकारी बैंक में खाता खुलवाया था।

जिसके साथ उन्होंने एक लॉकर भी लिया था, जिसमें उन्होंने अपनी कीमती ज्वैलरी रखी हुई थी। करीब तीन साल बाद जब वह अपना लॉकर खोलने बैंक पहुंचीं, तो उसमें रखे दो सोने के कंगन पीतल के निकले।
खबर के बाद बैंक और पुलिस महकमे में हड़कंप
महिला ने इस घटना की जानकारी पुलिस और बैंक को दी। जिसके बाद बैंक और पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। पीड़ित महिला का आरोप है कि इस पूरे मामले में बैंक के कर्मचारियों की साजिश हो सकती है। वो पुलिस को तहरीर देने की तैयारी कर रही हैं।

जांच के बाद ही हो पाएगा खुलासा
बैंक के उप महाप्रबंधक चरण सिंह का कहना है कि ये एक गंभीर मामला है। लेकिन बैंक की इसमें कोई लापरवाही नहीं है, क्योंकि लॉकर की दो चाबियां होती हैं, एक बैंक के पास और दूसरी उपभोक्ता के पास रहती है। अब सोने के कंगन पीतल में कैसे तब्दील हुए, इसका खुलासा पुलिस जांच के बाद ही हो पाएगा।
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