Dehradun
बीजेपी के एक प्रतिनिधिमंडल की शिकायत के बाद निर्वाचन आयोग ने समस्त अधिकारीयों को दिए निर्देश, अब ये गाइडलाइन।

देहरादून – निर्वाचन आयोग ने समस्त जिलाधिकारी एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों को लोक सभा सामान्य निर्वाचन-2024, बैनर, झण्डे, कट-आऊट एवं स्टीकर आदि के प्रयोग के संबंध में दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।

जारी निर्देशों के मुताबिक जिसमें राजनैतिक दलों, अभ्यर्थियों, उनके अभिकर्ताओं, कार्याकर्ता और समर्थकों के द्वारा बैनर, झण्डे, कट-ऑऊट एवं स्टीकर आदि के प्रयोग के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश निर्गत किए गए हैं। आयोग के उक्त संदर्भित पत्र में स्पष्ट किया गया है कि :
किसी भी स्थानीय कानून, मा. न्यायालय के आदेश के अधीन (यदि कोई हो), राजनैतिक दल, अभ्यर्थी, उनके अभिकर्ता, कार्यकर्ता और समर्थक किसी पार्टी, संगठन और व्यक्ति के दबाव के बिना अपनी इच्छा से अपनी सम्पत्ति पर बैनर, झण्डे, कट-आऊट लगा सकते हैं। यह सुनिश्चित करना होगा, उनके ऐसा करने से किसी और को किसी भी तरह से कोई असुविधा न हो।
यदि बैनर, झण्डे आदि के ऐसे प्रदर्शन का उद्देश्य किसी विशेष अभ्यर्थी के लिए वोट मांगना है, तो आईपीसी की धारा-171 एच के प्रावधान लागू होंगें और उनका पालन करना होगा। उक्त के अतिरिक्त आयोग के पत्र संख्या-3/7/2008/JS-॥ दिनांक 07 अक्टूबर, 2008 में यह भी निर्देशित किया गया है कि
निजी वाहनों में, मोटर वाहन अधिनियम के प्रावधानों, तद्धीन नियमों और न्यायलय के आदेशों के अधीन (यदि कोई हो) वाहन स्वामी द्वारा स्वेच्छा से झण्डे और स्टीकर लगाए जा सकते हैं। यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके ऐसा करने से अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए कोई असुविधा न हो या उनका ध्यान भंग न हो। यदि झण्डे और स्टीकरों के इस तरह के प्रदर्शन का उद्देश्य किसी अभ्यर्थी विशेष के लिए वोट मांगना है तो आईपीसी की धारा-171 एच के प्रावधान लागू होंगें और उनका पालन करना होगा।
वाणिज्यिक वाहनों पर किसी भी झण्डे, स्टीकर के प्रदर्शन की अनुमति नहीं होगी, जब तक कि ऐसा वाहन जिला निर्वाचन अधिकारी / रिटर्निंग ऑफिसर से अपेक्षित अनुमति प्राप्त करने के बाद चुनाव प्रचार के लिए वैध रूप से उपयोग किए जाने वाला वाहन न हो। ऐसी अनुमति (परमिट) की मूल प्रति वाहन के विंड स्क्रीन पर प्रदर्शित की जानी चाहिए
वाहनों का बाहरी रूपान्तरण, लॉउडस्पीकर की फिटिंग आदि मोटर वाहन अधिनियम / नियमों और किसी अन्य स्थानीय अधिनियम / नियमों के प्रावधानों के अधीन होगा। मोडिफाईड वाहनों और विशेष अभियान वाहनों जैसे वीडियो रथ (वीडियो वैन) आदि का उपयोग मोटर वाहन अधिनियम के तहत सक्षम अधिकारियों से अपेक्षित अनुमति प्रापत करने के बाद ही किया जा सकेगा।
आयोग के पत्र संख्या-437/6/ INST/ECI/FUNCT/MCC/2024 (Campaign) दिनांक 02 जनवरी, 2024 में यह भी निर्देशित किया गया है कि :-
किसी पार्टी या अभ्यर्थी द्वारा झण्डों, बैनरों की अधिकत्तम संख्या और आकार इस प्रकार होगी
दोपहिया वाहन प्रत्येक वाहन पर अधिकत्तम 1×1/2 फीट (एक फीट x आधा फीट) के आकार के एक झण्डे का प्रयोग किया जा सकता है। दोपहिया वाहन पर बैनर का प्रयोग प्रतिबंधित होगा। वाहन पर उचित आकार के 1 या 2 (एक या दो) स्टीकर का प्रयोग किया जा सकता है।
तीन पहिया वाहन, चार पहिया वाहन एवं ई-रिक्शों- प्रतिबंधित होगा। केवल अधिकत्तम 1×1/2 फीट (एक फीट इन वाहनों पर भी बैनर आधा फीट) के आकार के एक झण्डे का प्रयोग किया जा सकता है। वाहन पर उचित आकार के 1 या 2 (एक या दो) स्टीकर का प्रयोग किया जा सकता है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि, यदि किसी राजनैतिक दल का किसी अन्य दल के साथ कोई चुनाव पूर्व गठबंधन/सीटों का बंटवारा होता है तो,
अभ्यर्थी / राजनैतिक दल के वाहन पर उक्त आकार के प्रत्येक दल के एक झण्डे का प्रयोग किया जा सकता हैअतः उक्त के संबंध में मुझे यह कहने के निदेश प्राप्त हुए हैं कि, कृपया Level Playing Field के सिद्धान्तों को ध्यान में रखते हुए आयोग के उपरोक्त दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित किए जाने हेतु सभी संबंधितों को निर्देशित करने का कष्ट करें। कृपया इस पत्र की प्रति मान्यता प्राप्त समस्त राजनैतिक दलों एवं निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को भी अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाय
Dehradun
दून पुलिस ने उतारी यूपी के विधायक के बेटे की हेकड़ी, जानिए क्या है पूरा मामला
देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर से विधायक के बेटे की दबंगई का मामला सामने आया है। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे वीआईपी कल्चर से लोग परेशान हैं। देहरादून की सड़कों पर यूपी के विधायक का बेटा हूटर बजाते हुए ट्रैफिक नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए दिखा। उत्तराखंड पुलिस ने करवाई में वाहन को सीज कर दिया है।
ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाता वाहन सीज
देहरादून में ब्लैक फिल्म, विधायक का बोर्ड और हूटर बजाते एक गाडी सड़कों पर शोर मचाते हुए देखा गया। थाना वसंत विहार पुलिस ने जब शक होने पर गाडी की तलाशी ली तो चालक ने खुद को उत्तर प्रदेश के एक विधायक का बेटा बताया। इसके बाद पुलिस ने गाड़ी से सभी प्रतिबंधित चीज़ों को हटा दिया।
दिल्ली बम धमाके के बाद से जारी है चेकिंग अभियान
दिल्ली लाल किले के बाहर हुए कार धमाके के बाद से लगातार जारी चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस जरा सा भी शक होने पर वाहनों की चेकिंग कर रही है। चेकिंग के दौरान मंगलवार रात बसंत विहार पुलिस ने एक संदिग्ध सफारी वाहन को रुकवाया। कार में आगे विधायक का बोर्ड, शीशों पर ब्लैक फिल्म और कार हूटर बजाते हुए सड़क पर दौड़ाई जा रही थी।
कार चालक ने खुद को विधायक का बेटा बताया
वाहन की चेकिंग में कोई भी विधायक गाड़ी में नहीं पाया गया। जबकि वाहन चालक युवक ने खुद को यूपी के विधायक का बेटा बताया। इसके बाद पुलिस ने जवाबी करवाई करते हुए वाहन स्वामी के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई करते हुए वाहन को सीज कर दिया है।
Accident
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसा, बिहार के युवक की मौत

देहरादून: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की एलिवेटेड रोड़ पर मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया। कार और बाइक की टक्कर में बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा, बाइक सवार की मौके पर मौत
उत्तराखंड में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन दुर्घटनाओं में आए दिन कई लोग अपनी जान गँवा रहे हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर कल एक और हादसे में एक युवक की मौत हो गयी है। बता दें, कि देहरादून-दिल्ली हाईवे पर मंगलवार को एक कार और बाइक की टक्कर में बाइक सवार युवक की मौत हो गयी है।
मृतक बिहार का रहने वाला था
हादसा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की एलिवेटेड रोड पर मंगलवार दोपहर को हुआ। जिसमें देहरादून से सहारनपुर की तरफ जा रही एक कार की टक्कर सहारनपुर से देहरादून की ओर आ रही एक बाइक से हुई। जिसमें बाइक सवार शिवम् की मौके पर ही मौत हो गयी है। बाइक सवार शिवम् बिहार का निवासी था। हादसे के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों से सम्पर्क किया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
Dehradun
राजकीय मेडिकल कॉलेजों को मिले 142 स्थाई असिस्टेंट प्रोफेसर,उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने घोषित किया परीक्षा परिणाम

राजकीय मेडिकल कॉलेजों को मिले 142 स्थाई असिस्टेंट प्रोफेसर,उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने घोषित किया परीक्षा परिणाम
चयनित विशेषज्ञ चिकित्सकों को कॉलेजों में शीघ्र दी जायेगी तैनाती
देहरादून: उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अंतर्गत विभिन्न संकायों के 142 असिस्टेंट प्रोफेसर का परीक्षा परिणाम विषयवार घोषित कर दिया है। चयन आयोग द्वारा चयनित इन संकाय सदस्यों को शीघ्र ही प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में जहां फैकल्टी की कमी दूर होगी वहीं छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा और सम्बद्ध चिकित्सालयों में मरीजों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी।
सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थाई नियुक्ति के लिये विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 439 पदों पर सीधी भर्ती के लिये अधियाचन भेजा गया था। जिसके क्रम में चयन बोर्ड के द्वारा उक्त पदों पर निर्धारित मानकों के तहत भर्ती प्रक्रिया आयोजित कर चयनित अभ्यर्थियों का अन्तिम परीक्षा परिणाम विषयवार घोषित कर दिया है। चयन बोर्ड द्वारा दो दर्जन से अधिक संकायों के लिये 142 विशेषज्ञ चिकित्साकों का चयन किया गया है। जिसमें एनेस्थीसिया संकाय में 16 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है। इसी प्रकार एनाटॉमी, पीडियाट्रिक्स व बॉयोकैमेस्ट्री में 7-7, ब्लड बैंक, रेडियोथेरेपी व डर्मेटोलॉजी में 3-3, कम्युनिटी मेडिसिन व पैथोलॉजी 12-12, डेंटिस्ट्री 2, इमरजेंसी व फॉरेन्सिक मेडिसिन 1-1, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, रेस्पीरेट्री मेडिसिन व फार्माकोलॉजी 5-5, माइक्रोबॉयोलॉजी व आर्थोपीडिक्स 9-9, ऑब्स्टेट्रीक एंड गायनी 8, ऑप्थैल्मोलॉजी 4 तथा ओटो-राइनो-लेरिंगोलॉजी, साईकाइट्री व फिजियोलॉजी संकाय में 6-6 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है। इन सभी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर को शीघ्र ही प्रदेशभर के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। इनकी नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण व प्रशिक्षण कार्यों में गुणात्मक वृद्धि होगी, जिसका फायदा मेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगी ही साथ ही सम्बद्ध अस्पतालों में उपचार को आये मरीजों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा।
उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अंतर्गत दो दर्जन से अधिक संकायों में 142 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन परिणाम घोषित कर दिया है। इन चयनित फैकल्टी को शीघ्र ही मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति दी जायेगी। स्थाई फैकल्टी मिलने से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण, प्रशिक्षण एवं शोधात्मक कार्यों में गुणात्मक वृद्धि होगी, जिसका फायदा मेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगी।- डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।
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