Dehradun
बागेश्वर में बच्चे की दर्दनाक मौत पर बड़ा एक्शन! सीएम धामी के आदेश पर कुमाऊं कमिश्नर जांच में जुटे

Big action on the painful death of a child in Bageshwar
देहरादून: बागेश्वर में इलाज के अभाव में एक मासूम की मौत ने पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर रख दिया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस हृदयविदारक घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह समाचार अत्यंत पीड़ादायक और दुर्भाग्यपूर्ण है। प्रथम दृष्टया ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ स्तर पर अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती है।
मुख्यमंत्री ने इस अत्यंत संवेदनशील मामले को गंभीरता से संज्ञान में लेते हुए कुमाऊं आयुक्त को तत्काल जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी साफ कहा कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही या उदासीनता पाई जाती है तो दोषियों पर कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। सीएम का स्पष्ट संदेश है….जनता के विश्वास और जीवन की रक्षा में कोई कोताही सहन नहीं की जाएगी।
घटनाक्रम: फौजी पिता का छलका दर्द, सिस्टम पर उठाए कई सवाल
मृतक बच्चे के पिता फौजी दिनेश चंद्र ने बेटे के अंतिम संस्कार के बाद सोशल मीडिया पर एक भावुक वीडियो साझा किया। इसमें उन्होंने सिस्टम पर सीधा सवाल खड़ा किया – “सरकारें वादे तो बहुत करती हैं, लेकिन सच यह है कि वक्त पर एक एंबुलेंस भी नहीं मिलती। अगर समय पर इलाज मिल जाता, तो शायद आज मेरा बेटा जिंदा होता।
दिनेश चंद्र ने आरोप लगाया कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर से एंबुलेंस के देर से आने का कारण पूछा, तो कोई ठोस जवाब नहीं मिला और उल्टा उनके साथ अभद्रता की गई। यह सिर्फ एक पिता का दुख नहीं है…बल्कि उस लापरवाह सिस्टम की स्याह तस्वीर है, जो किसी की जान जाने के बाद ही हरकत में आता है।
घटनाक्रम पर नजर डालें तो कई सवाल उठते हैं….
बच्चे को एक के बाद एक पाँच अस्पतालों में रेफर क्यों किया गया? क्या स्थानीय अस्पताल इतने असहाय हैं कि प्राथमिक इलाज तक नहीं दे सकते?
इमरजेंसी में एंबुलेंस समय पर क्यों नहीं मिली? क्या ऐसे समय में कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं होनी चाहिए?
पिता का दावा है कि सहयोग की बजाय अपमानित किया गया। अस्पताल स्टाफ के संवेदनहीन व्यवहार पर कोई निगरानी क्यों नहीं?
सीएमएस का कहना है कि अगर आधे घंटे में 108 सेवा नहीं आती तो अस्पताल की एंबुलेंस भेजी जाती। उस दिन ऐसा क्यों नहीं हुआ?
अगर डीएम को फोन न किया गया होता, तो क्या बच्चा एंबुलेंस तक भी न पहुंच पाता? क्या जिलाधिकारी के आदेश के बिना भी सिस्टम काम नहीं करता?
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सीएम धामी की निगरानी में आपदाग्रस्त धराली में युद्धस्तर पर राहत अभियान

उत्तरकाशी: मुख्यमंत्री तीन दिन से उत्तरकाशी में ही प्रवास कर स्वयं रेस्क्यू अभियान की कमान संभाले हुए हैं। मुख्यमंत्री ने आज सुबह जिला मुख्यालय उत्तरकाशी के निकटवर्ती मातली हेलिपैड में जाकर रेस्क्यू अभियान को लेकर अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिए और हेलीकॉप्टर से राहत सामग्री की खेप रवाना करवाई। मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार आपदा प्रभावित क्षेत्र में फंसे लोगों को निकालने के लिए मातली हेलीपैड से सुबह सात बजे से हेलिकॉप्टर्स की आवाजाही का सिलसिला शुरू हुआ। दोपहर तक 128 लोगों को हर्षिल से हेलिकॉप्टर के जरिए मातली हैलिपैड पहुंचाया जा चुका है।
मुख्यमंत्री रेस्क्यू अभियान का जायजा लेने में लिये आज फिर से धराली क्षेत्र के भ्रमण पर रवाना हुए हैं। आपदाग्रस्त धराली क्षेत्र में प्रभावितों को राहत पहुँचाने और लापता लोगों की खोजबीन का अभियान युद्धस्तर पर जारी है।
बुनियादी सुविधाओं तथा संचार व्यवस्था की बहाली के लिए विभिन्न एजेंसियां निरंतर जुटी हुई हैं। हर्षिल बगोरी में मोबाईल सेवा बहाल कर दी गई है।
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मुख्यमंत्री धामी ने उत्तराखंड की महिलाओं को दिया विशेष तोहफा

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राज्य की सभी महिलाओं के लिए रोडवेज बसों में निशुल्क यात्रा का तोहफा देकर इस पर्व को और भी खास बना दिया है। रक्षाबंधन के दिन, जब बहनें अपने भाइयों के घर राखी बांधने जाती हैं, तब यह सुविधा आर्थिक और सामाजिक रूप से उनके लिए राहत देने वाली साबित होगी।
सरकार ने लिया भावनात्मक और संवेदनशील फैसला
मुख्यमंत्री धामी के इस निर्णय के बाद, परिवहन विभाग ने आदेश जारी करते हुए स्पष्ट किया है कि रक्षाबंधन के दिन महिलाएं पूरे उत्तराखंड में रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा कर सकेंगी। इस फैसले से महिलाओं को न सिर्फ सुरक्षित और सुलभ यात्रा मिलेगी, बल्कि ये उनका सम्मान भी बढ़ाएगा।
परिवहन विभाग पर नहीं पड़ेगा आर्थिक बोझ
सरकार ने यह भी सुनिश्चित किया है कि इस निशुल्क यात्रा से परिवहन विभाग पर पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव को शासन स्तर से वहन किया जाएगा। यानी विभाग को कोई आर्थिक नुकसान नहीं होगा और महिलाएं भी बेझिझक यात्रा का लाभ उठा सकेंगी।
एक तोहफा, जो सिर्फ सुविधा नहीं, स्नेह का प्रतीक भी है
रक्षाबंधन भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक है स्नेह, सुरक्षा और सम्मान का त्योहार। मुख्यमंत्री का यह कदम केवल एक योजना नहीं, बल्कि राज्य की हर महिला के प्रति संवेदनशीलता और भरोसे की मिसाल है।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आपदा राहत हेतु देंगे एक माह का वेतन

Uttarkashi – उत्तरकाशी जिले के धराली एवं हर्षिल क्षेत्र में हाल ही में आई आपदा के दौरान राज्य सरकार द्वारा युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने एक माह के वेतन को आपदा राहत कार्यों हेतु प्रदान करने की घोषणा की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आपदा प्रभावित लोगों के साथ हर कदम पर खड़ी है और इस कठिन परिस्थिति में सभी को एकजुट होकर पीड़ितों की सहायता करनी चाहिए। उन्होंने जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वयंसेवी संगठनों एवं आम नागरिकों से भी अपील की कि वे अपनी क्षमता के अनुसार राहत कार्यों में सहयोग करें।
मुख्यमंत्री धामी स्वयं राहत एवं बचाव कार्यों की निरंतर निगरानी कर रहे हैं तथा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण कर जरूरतमंदों तक सहायता पहुंचाने के निर्देश दे चुके हैं।
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