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कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किया पुलिस कार्यालय में हंगामा…गिरफ्तारी की मांग।

रुद्रपुर – कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा और निवर्तमान मेयर रामपाल सिंह के बीच हुई मारपीट का मामला तूल पकड़ रहा है। कांग्रेसियों ने शर्मा से मारपीट करने वाले बाहरी लोगों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस कार्यालय में धरना प्रदर्शन कर हंगामा किया। उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होने पर रविवार सुबह पुलिस कार्यालय पर धरना देने की घोषणा की। आवेश में आए शर्मा ने रविवार दोपहर 12 बजे आत्मदाह की चेतावनी दी है।

शनिवार दोपहर कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा की अगुवाई में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने पुलिस कार्यालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान सीओ पंतनगर तपेश कुमार वहां पहुंचे और कांग्रेसियों से वार्ता की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि काॅलोनी में घुसकर शर्मा के साथ मारपीट करने वालों की गिरफ्तारी नहीं की गई है जबकि सीसीटीवी फुटेज में मारपीट करने वाले साफ नजर आ रहे हैं। फुटेज होने के बाद भी पुलिस सत्ता के दबाव में गिरफ्तारी नहीं कर रही है। इस दौरान सीओ से नोकझोंक के बाद कार्यकर्ता वहीं धरने पर बैठ गए और नारेबाजी शुरू कर दी।
करीब आधा घंटे तक चले हंगामे के बाद फिर से सीओ ने वार्ता की। कहा कि इस मामले में दोनों पक्षों की ओर से तहरीर दी गई और इनमें लगाए गए आरोपों की जांच की जा रही है। पूरे मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी। रविवार सुबह दस बजे तक वे जांच कर स्टेटस बताएंगे।
कार्यकर्ताओं ने रविवार सुबह तक गिरफ्तारी नहीं होने पर धरना देने की घोषणा की। वहीं शर्मा ने कहा कि अगर उनसे मारपीट करने वालों की गिरफ्तारी नहीं की गई तो वे पुलिस कार्यालय पर दोपहर 12 बजे आत्मदाह करेंगे। साथ ही कार्यकर्ता गिरफ्तारी देंगे।
वहा पर प्रदेश प्रवक्ता डॉ. गणेश उपाध्याय, हरीश पनेरू, संदीप चीमा, मोहन खेड़ा, ममता नारंग, सुनील आर्य आदि मौजूद रहे।
इधर, सीओ तपेश कुमार ने कहा कि दबाव में जांच के आरोप गलत हैं। दोनों पक्षों ने मारपीट के साथ ही जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने का आरोप लगाया है। मामले की जांच हो रही है और सीसीटीवी फुटेज भी देखे जा रहे हैं। इसके बाद केस दर्ज करने की कार्यवाही की जाएगी।
सीओ तपेश कुमार से वार्ता के दौरान कांग्रेस नेता एक दूसरे को ही चुप कराते नजर आए। हरीश पनेरू ने माहौल को गर्म करने के साथ ही सीओ से बेहद तल्खी से बात कही। यही नहीं एक बार सीओ से वार्ता विफल होने पर धरने पर बैठे कार्यकर्ताओं ने रघुपति राघव राजा राम… भजन गाया। सीओ से वार्ता हुई तो हरीश ने कह दिया कि दोनों पक्षों ने जातिसूचक शब्दों से गाली की झूठी बात कही है। पुलिस जांच कर ले। इस दौरान दूसरे कार्यकर्ताओं ने उनको टोका तो वे बिफर गए। यहां तक कह दिया कि या तो उनको बोलने दें या फिर वह चले जाते हैं। ऐसा एक बार नहीं कई बार हुआ था।
कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा के साथ हुई घटना के बाद भी संगठन मेंं एका का अभाव रहा। कांग्रेस का एक धड़ा महानगर अध्यक्ष के साथ पुलिस कार्यालय पर प्रदर्शन करता रहा जबकि दूसरे धड़े ने दूरी बनाए रखी। उन्होंने मामले में पड़ना तो दूर शर्मा का स्वास्थ्य का हाल जानने की जहमत तक नहीं उठाई। यहीं नहीं कार्यकर्ता पुलिस कार्यालय पर गरजे तो महिला कांग्रेस कार्यकर्ता सम्मेलन में व्यस्त रही।
इधर शर्मा ने बताया कि उनको फोन कर प्रदेश अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष ने हाल चाल जानने के साथ ही घटना की जानकारी ली। कांग्रेस जिलाध्यक्ष हिमांशु गाबा ने बताया कि इस मामले को मुखर ढंग से उठाया जा रहा है और आरोपियों की गिरफ्तारी करके ही पार्टी दम लेगी। बताया कि रविवार को होने वाले धरना प्रदर्शन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा भी शामिल होंगे।
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सत्ता के सेमीफाइनल में धामी की आंधी! पंचायत चुनाव में भाजपा का परचम, विपक्ष ढेर

सत्ता के सेमीफाइनल में भाजपा की प्रचंड जीत
सीएम धामी की धुंआधार पारी से विपक्ष चारों खाने चित
पहाड़ पर चहुंओर चली धामी की आंधी
जिला पंचायत की 12 में से 10 सीट पर भाजपा का कब्जा, नैनीताल का रिजल्ट आना शेष
ब्लॉक प्रमुख के 70 फीसदी पदों पर खिला कमल
ग्राम प्रधान की 85 प्रतिशत सीट पर भाजपा का कब्जा
देहरादून: उत्तराखंड की राजनीति में पिछले चार वर्षों में एक बात लगातार साफ होती जा रही है सीएम पुष्कर सिंह धामी का नेतृत्व न केवल सशक्त है, बल्कि भाजपा के लिए लगातार जीत की गारंटी भी बन चुका है। विधानसभा उपचुनाव से लेकर लोकसभा, नगर निकाय और अब पंचायत चुनाव तक, धामी की धुंआधार पारी ने विपक्ष को चारों खाने चित कर दिया है। गुरुवार को जब जिला पंचायत चुनाव के नतीजे आने शुरू हुए, तो पहाड़ से लेकर मैदान तक भाजपा के कमल ने जीत का परचम लहराना शुरू कर दिया।
इस बार हुए 12 जिला पंचायत सीटों के चुनाव में भाजपा ने 10 सीटों पर विजय हासिल की, जिनमें से 5 सीटों पर भाजपा प्रत्याशी पहले ही निर्विरोध जीत दर्ज कर चुके थे। गुरुवार को हुए चुनाव में रुद्रप्रयाग, बागेश्वर, चमोली, पौड़ी, अल्मोड़ा में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की जबकि, उत्तरकाशी, चंपावत, टिहरी, पिथौरागढ़, ऊधम सिंह नगर में भाजपा उम्मीदवार पहले ही जीत दर्ज कर चुके थे, इसके साथ ही नैनीताल पर अभी दुबारा मतगणना होनी है, जिस कारण इस सीट का रिजल्ट होल्ड पर रखा गया है। वहीं हरिद्वार जिला पंचायत सीट पहले से ही भाजपा के कब्जे में है। देहरादून में भी भाजपा ने कांटे की टक्कर दी।
यही नहीं, ब्लॉक प्रमुख और ग्राम प्रधान के चुनाव में भी पार्टी का प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा, हरिद्वार की छह सीटों को छोड़कर प्रदेश की 89 ब्लॉक प्रमुख सीटों पर चुनाव हुए, जिनमें भाजपा ने 75 प्रतिशत से अधिक सीटों पर कब्जा जमाया। चुनाव के बाद जैसे ही नतीजे आने शुरू हुए तो, भाजपा की आंधी के सामने कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार कहीं ठहर नहीं पाए। जबकि ग्राम प्रधान की 85 प्रतिशत सीट पर भाजपा का कब्जा है।
इस जीत का सबसे बड़ा पहलू पहाड़ी अंचलों में भाजपा का जबरदस्त दबदबा रहा। धामी के करिश्माई नेतृत्व और जनकल्याणकारी नीतियों ने गाँव-गाँव में विकास की नई कहानी लिखी। सड़क, पानी, बिजली, स्वास्थ्य और रोजगार… हर क्षेत्र में धामी सरकार के काम ने जनता का भरोसा मजबूत किया है।
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा की यह विराट जीत 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल है। यह साफ संकेत है कि उत्तराखंड की जनता सीएम धामी के नेतृत्व पर न केवल भरोसा करती है, बल्कि भाजपा की नीतियों को ही प्रदेश के विकास की राह मानती है। यह परिणाम विपक्ष के लिए स्पष्ट चेतावनी है कि आने वाले चुनावी महासंग्राम में मुकाबला आसान नहीं होगा।
सीएम धामी ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि जनसेवा, विकास और पारदर्शी शासन ही उनकी प्राथमिकता है, और यही उनकी जीत की सबसे बड़ी ताकत है। 2027 की राह में यह विजय पताका भाजपा के आत्मविश्वास को नई ऊंचाई दे रही है और विपक्ष के लिए यह एक गंभीर संदेश है।
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CM Dhami ने किया विभाजन स्मृति स्थल का वर्चुअल शिलान्यास, कहा 14 अगस्त 1947 देश की सबसे काली रात थी

CM Dhami ने किया विभाजन स्मृति स्थल का वर्चुअल शिलान्यास
देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर काशीपुर, ऊधमसिंहनगर में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने विभाजन स्मृति स्मारक स्थल का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने देश के विभाजन का दंश झेलने वालों को नमन करते हुए कहा कि 14 अगस्त 1947 का दिन हम कभी नहीं भूल सकते, जब मजहब की आड़ में भारत को दो हिस्सों में बाँट दिया गया। उन्होंने कहा कि जहां एक ओर 15 अगस्त 1947 को पूरा देश आजादी का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा था वहीं, उससे ठीक एक दिन पहले ही, देश को दो टुकड़ों में बाँट दिया गया।
उन्होंने कहा कि करोड़ों लोगों को विभाजन की विभिषिका से गुजरते हुए अपने घर, गाँव, खेत-खलिहान, दुकान-व्यापार और अपनों से बिछड़कर शरणार्थी के रूप में रहने को मजबूर होना पड़ा। आज भी उन लोगों की आँखों में वो पीड़ा है, जिनके माँ-बाप इतिहास के उस काले दौर में उन्हें छोड़ कर इस दुनिया से चले गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी के बदले किये गये उनके त्याग और बलिदान की भरपाई कर पाना असंभव है। उनके इस त्याग, बलिदान और पीड़ा के महत्त्व को समझते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2021 में 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया ताकि आने वाली पीढ़ियां अपने पूर्वजों द्वारा किए गए त्याग और बलिदान को हमेशा याद रख सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कश्मीर से धारा 370 की समाप्ति, ट्रिपल तलाक जैसी कुप्रथा का अंत जैसे कड़े फैसले लिए गए। सीएए एवं वक्फ संशोधन कानून लागू करने तथा 1984 के दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने जैसे निर्णयों के माध्यम से एक भारत, श्रेष्ठ भारत की परिकल्पना को भी साकार रूप प्रदान किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक मूल्यों और डेमोग्राफी को संरक्षित रखने के लिये पूर्ण रूप से संकल्पबद्ध होकर काम कर रही है। प्रदेश में सख्त धर्मांतरण विरोधी और दंगा विरोधी कानूनों को लागू किया है। प्रदेश में सात हजार एकड़ से अधिक की सरकारी भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराया गया है।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सांसद अजय भट्ट, मेयर काशीपुर दीपक बाली, मेयर रुद्रपुर विकास शर्मा, विधायक त्रिलोक सिंह चीमा, पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा, स्वामी हरि चैतन्या महाराज, अजय मौर्य एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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बड़ी खबर: धामी सरकार में सुबोध उनियाल को मिली नई और अहम जिम्मेदारी

देहरादून: उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को बड़ी ज़िम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें संसदीय कार्य मंत्री का अतिरिक्त प्रभार सौंपा है। नई जिम्मेदारी के तहत सुबोध उनियाल अब विधानसभा में सरकार के कार्यों को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सुबोध उनियाल पहले से ही प्रदेश में अपने सक्रिय कार्य और लंबे अनुभव के लिए जाने जाते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि उनकी नियुक्ति से सरकार की विधायी कार्यप्रणाली और अधिक मजबूत एवं प्रभावी होगी।
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