Dehradun
आवारा कुत्तों को पकड़ने के लिए डॉग स्क्वाॅड का होगा गठन, शहरी विकास निदेशक ने एसओपी की जारी।

देहरादून – आवारा कुत्तों के काटने से त्रस्त लोगों को राहत देते हुए शहरी विकास निदेशालय ने एसओपी जारी कर दी है। इसके तहत हर नगर निकाय को एनिमल बर्थ कंट्रोल (एबीसी) मॉनिटरिंग कमेटी का गठन करने के साथ ही डॉग स्क्वाॅड बनाना होगा, जो कुत्ते के काटने की सूचनाओं का संज्ञान लेकर जांच करके उसे अपने साथ ले जाएगी।

इसके बाद सात दिन तक उसकी निगरानी होगी। अगर ये साबित हुआ कि कुत्ता उग्र है, तो उसे मूल जगह पर वापस नहीं छोड़ा जाएगा। शहरी विकास निदेशक नितिन भदौरिया की ओर से जारी निर्देशों के मुताबिक, यह मॉनिटरिंग कमेटी प्राथमिकता के आधार पर उग्र आवारा कुत्तों की समस्या से संबंधित शिकायत सुनेगी।
एसओपी के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए
शिकायतकर्ता का नाम, पता, फोन नंबर, कुत्ते के काटने की तिथि, समय, स्थान की जानकारी सहेजेगी। आवारा कुत्ते के काटने की पुष्टि होने पर डॉग स्क्वाॅड (डॉग वैन, ड्राइवर, दो डॉक कैचर) पकड़ लेगी। इसके बाद उसे एबीसी कैंपस में निगरानी के लिए रखा जाएगा।
सात दिन में निगरानी के बाद अगर यह तय हुआ कि वह आवारा कुत्ता उग्र और काटने वाली प्रवृत्ति का नहीं है, तो उसे बंध्याकरण के बाद वापस उसी जगह पर छोड़ दिया जाएगा। अगर जरूरत हुई तो एक से तीन सप्ताह तक उसकी निगरानी की जा सकती है।
ये भी निर्देश दिए गए कि अगर ये स्पष्ट हो जाता है कि वास्तव में वह कुत्ता उग्र व काटने वाली प्रवृत्ति का है, तो उसे मूल स्थान पर वापस नहीं छोड़ सकते। ऐसे आवारा कुत्तों की हर दो माह में पशु चिकित्सक समीक्षा करेंगे। ताकीद की गई कि इस प्रक्रिया में पशु क्रूरता से बचाव रखा जाए। निदेशालय ने सभी निकायों से इस बात पर भी नाराजगी जताई कि पूर्व में जारी नियमों के तहत अभी तक गंभीरता से काम नहीं हो रहा है। अब ताजा एसओपी के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
Dehradun
दून पुलिस ने उतारी यूपी के विधायक के बेटे की हेकड़ी, जानिए क्या है पूरा मामला
देहरादून: उत्तराखंड में एक बार फिर से विधायक के बेटे की दबंगई का मामला सामने आया है। प्रदेश में लगातार बढ़ रहे वीआईपी कल्चर से लोग परेशान हैं। देहरादून की सड़कों पर यूपी के विधायक का बेटा हूटर बजाते हुए ट्रैफिक नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए दिखा। उत्तराखंड पुलिस ने करवाई में वाहन को सीज कर दिया है।
ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाता वाहन सीज
देहरादून में ब्लैक फिल्म, विधायक का बोर्ड और हूटर बजाते एक गाडी सड़कों पर शोर मचाते हुए देखा गया। थाना वसंत विहार पुलिस ने जब शक होने पर गाडी की तलाशी ली तो चालक ने खुद को उत्तर प्रदेश के एक विधायक का बेटा बताया। इसके बाद पुलिस ने गाड़ी से सभी प्रतिबंधित चीज़ों को हटा दिया।
दिल्ली बम धमाके के बाद से जारी है चेकिंग अभियान
दिल्ली लाल किले के बाहर हुए कार धमाके के बाद से लगातार जारी चेकिंग अभियान के दौरान पुलिस जरा सा भी शक होने पर वाहनों की चेकिंग कर रही है। चेकिंग के दौरान मंगलवार रात बसंत विहार पुलिस ने एक संदिग्ध सफारी वाहन को रुकवाया। कार में आगे विधायक का बोर्ड, शीशों पर ब्लैक फिल्म और कार हूटर बजाते हुए सड़क पर दौड़ाई जा रही थी।
कार चालक ने खुद को विधायक का बेटा बताया
वाहन की चेकिंग में कोई भी विधायक गाड़ी में नहीं पाया गया। जबकि वाहन चालक युवक ने खुद को यूपी के विधायक का बेटा बताया। इसके बाद पुलिस ने जवाबी करवाई करते हुए वाहन स्वामी के खिलाफ मोटर वाहन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई करते हुए वाहन को सीज कर दिया है।
Accident
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर सड़क हादसा, बिहार के युवक की मौत

देहरादून: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की एलिवेटेड रोड़ पर मंगलवार दोपहर एक दर्दनाक सड़क हादसा सामने आया। कार और बाइक की टक्कर में बाइक सवार युवक की मौके पर ही मौत हो गई।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर दर्दनाक हादसा, बाइक सवार की मौके पर मौत
उत्तराखंड में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। इन दुर्घटनाओं में आए दिन कई लोग अपनी जान गँवा रहे हैं। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर कल एक और हादसे में एक युवक की मौत हो गयी है। बता दें, कि देहरादून-दिल्ली हाईवे पर मंगलवार को एक कार और बाइक की टक्कर में बाइक सवार युवक की मौत हो गयी है।
मृतक बिहार का रहने वाला था
हादसा दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की एलिवेटेड रोड पर मंगलवार दोपहर को हुआ। जिसमें देहरादून से सहारनपुर की तरफ जा रही एक कार की टक्कर सहारनपुर से देहरादून की ओर आ रही एक बाइक से हुई। जिसमें बाइक सवार शिवम् की मौके पर ही मौत हो गयी है। बाइक सवार शिवम् बिहार का निवासी था। हादसे के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों से सम्पर्क किया और पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
Dehradun
राजकीय मेडिकल कॉलेजों को मिले 142 स्थाई असिस्टेंट प्रोफेसर,उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने घोषित किया परीक्षा परिणाम

राजकीय मेडिकल कॉलेजों को मिले 142 स्थाई असिस्टेंट प्रोफेसर,उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने घोषित किया परीक्षा परिणाम
चयनित विशेषज्ञ चिकित्सकों को कॉलेजों में शीघ्र दी जायेगी तैनाती
देहरादून: उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अंतर्गत विभिन्न संकायों के 142 असिस्टेंट प्रोफेसर का परीक्षा परिणाम विषयवार घोषित कर दिया है। चयन आयोग द्वारा चयनित इन संकाय सदस्यों को शीघ्र ही प्रदेश के विभिन्न मेडिकल कॉलेजों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में जहां फैकल्टी की कमी दूर होगी वहीं छात्र-छात्राओं को बेहतर शैक्षणिक वातावरण मिलेगा और सम्बद्ध चिकित्सालयों में मरीजों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुलभ होंगी।
सूबे के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर की स्थाई नियुक्ति के लिये विभागीय मंत्री डॉ. धन सिंह रावत के निर्देश पर चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड को असिस्टेंट प्रोफेसर के रिक्त 439 पदों पर सीधी भर्ती के लिये अधियाचन भेजा गया था। जिसके क्रम में चयन बोर्ड के द्वारा उक्त पदों पर निर्धारित मानकों के तहत भर्ती प्रक्रिया आयोजित कर चयनित अभ्यर्थियों का अन्तिम परीक्षा परिणाम विषयवार घोषित कर दिया है। चयन बोर्ड द्वारा दो दर्जन से अधिक संकायों के लिये 142 विशेषज्ञ चिकित्साकों का चयन किया गया है। जिसमें एनेस्थीसिया संकाय में 16 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है। इसी प्रकार एनाटॉमी, पीडियाट्रिक्स व बॉयोकैमेस्ट्री में 7-7, ब्लड बैंक, रेडियोथेरेपी व डर्मेटोलॉजी में 3-3, कम्युनिटी मेडिसिन व पैथोलॉजी 12-12, डेंटिस्ट्री 2, इमरजेंसी व फॉरेन्सिक मेडिसिन 1-1, जनरल मेडिसिन, जनरल सर्जरी, रेस्पीरेट्री मेडिसिन व फार्माकोलॉजी 5-5, माइक्रोबॉयोलॉजी व आर्थोपीडिक्स 9-9, ऑब्स्टेट्रीक एंड गायनी 8, ऑप्थैल्मोलॉजी 4 तथा ओटो-राइनो-लेरिंगोलॉजी, साईकाइट्री व फिजियोलॉजी संकाय में 6-6 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन हुआ है। इन सभी चयनित असिस्टेंट प्रोफेसर को शीघ्र ही प्रदेशभर के राजकीय मेडिकल कॉलेजों में प्रथम तैनाती दी जायेगी। इनकी नियुक्ति से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण व प्रशिक्षण कार्यों में गुणात्मक वृद्धि होगी, जिसका फायदा मेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगी ही साथ ही सम्बद्ध अस्पतालों में उपचार को आये मरीजों को भी बेहतर इलाज मिल सकेगा।
उत्तराखंड चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड ने राजकीय मेडिकल कॉलेजों के अंतर्गत दो दर्जन से अधिक संकायों में 142 असिस्टेंट प्रोफेसर का चयन परिणाम घोषित कर दिया है। इन चयनित फैकल्टी को शीघ्र ही मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति दी जायेगी। स्थाई फैकल्टी मिलने से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षण, प्रशिक्षण एवं शोधात्मक कार्यों में गुणात्मक वृद्धि होगी, जिसका फायदा मेडिकल छात्र-छात्राओं को मिलेगी।- डॉ. धन सिंह रावत, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री, उत्तराखंड।
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