Haldwani
हल्द्वानी के शनिबाजार क्षेत्र में एक महीने से पेयजल किल्लत, गुस्साई महिलाओं ने सड़क पर बुग्गियां खड़ी कर आजवाही की ठप।

हल्द्वानी – हल्द्वानी के शनिबाजार क्षेत्र में एक महीने से पेयजल किल्लत बनी हुई है। इससे गुस्साई महिलाओं ने सड़क पर बुग्गियां खड़ी कर आजवाही ठप कर दी। महिलाओं के आवाजाही रोकने पर बनभूलपुरा पुलिस ने मौके पर पहुंचकर किसी तरह से महिलाओं का शांत कराया। इसके बाद महिलाएं सड़क से हटीं और आवाजाही सुचारु हुई। जल संस्थान ने समस्या हल कराने के लिए लाइन बिछाने के लिए कार्य शुरू करा दिया है।

शनिबाजार क्षेत्र में शकीला और नाजरा बेगम के नेतृत्व में महिलाओं ने पानी की समस्या को लेकर सड़क पर प्रदर्शन किया। उन्होंने शनिबाजार रोड पर बुग्गियां लगाकर आवाजाही रोक दी। महिलाओं का कहना था कि क्षेत्र में पिछले एक महीने से पानी नहीं आ रहा है। इसे लेकर विभाग के अधिकारियों से बात की गई लेकिन समाधान नहीं निकल पाया। भीषण गर्मी में उन्हें पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। लोगों को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। बनभूलपुरा पुलिस ने किसी तरह से महिलाओं को शांत कराया और समस्या का समाधान करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने समाधान नहीं होने पर उग्र आंदोलन की धमकी दी है। एई रविंद्र कुमार ने बताया कि इलाके में विभाग की ओर से दो टैंकरों से आपूर्ति कराई जा रही है। उन्होंने बताया कि मौके पर जेई भुवन भट्ट की टीम की ओर से सर्वे किया गया है।
आरएस लोशाली, ईई, जल संस्थान हल्द्वानी ने कहा कि शनिबाजार इंदिरानगर क्षेत्र में पेयजल समस्या को हल करने के लिए लटूरिया आश्रम से 30 मीटर पाइपलाइन बिछाकर आपूर्ति कराने का प्रयास किया जा रहा है। लाइन बिछाने का कार्य शुरू करा दिया है।
उपभोक्ताओं को हो रही दिक्कतों को देखते हुए सरकार ने सभी रोस्टरों को बंद करा दिया है। इसके बावजूद शहर और ग्रामीण इलाकों में बिजली आने-जाने की समस्या बरकरार है। बृहस्पतिवार को गौलापार, कमलुवागांजा, कठघरिया, टीपीनगर और लालकुआं क्षेत्र में बार-बार बिजली जाने की समस्या बनी रही। इससे उपभोक्ताओं को परेशान होना पड़ा। ईई ग्रामीण डीडी पांगती ने बताया कि रोस्टर को फिलहाल स्थगित कर दिया है। छोटे फॉल्ट दूर करने के चलते बिजली काटी गई।
सिंचाई विभाग और जल संस्थान के नलकूप हांफने लगे हैं। बृहस्पतिवार को खेड़ा का नलकूप खराब होने से ढाई हजार लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ा। वहीं, नलकूप खंड की ओर से बृहस्पतिवार को हिम्मतपुर नकायल, बागजाला के नलकूप की मरम्मत का कार्य जारी रहा।
ईई अंचित रमन ने बताया कि दोनों नलकूपों को जल्द ही ठीक कर दिया जाएगा। जल संस्थान की ओर से हर दिन 15 टैंकरों से पानी बांटा जा रहा है, बावजूद लोगों को पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। बृहस्पतिवार को कुसुमखेड़ा विकासनगर स्थित फेज-2 निवासी गिरीश भट्ट ने कहा कि उनकी कॉलोनी में दो माह से पेयजल किल्लत बनी हुई है। कहा कि उनकी कॉलोनी में 30 परिवार रहते हैं लेकिन गर्मी में अंतिम छोर तक पानी नहीं मिल रहा है। इधर दमुवाढूंगा जेके पुरम निवासी सतपाल और नवाबी रोड निवासी त्रिलोक चंद्र भट्ट ने बताया कि उनके क्षेत्र में कई दिनों से पेयजल संकट बना हुआ है। एई रविंद्र कुमार ने बताया कि बृहस्पतिवार को 15 टैंकरों से दमुवाढूंगा, कुसुमखेड़ा, बच्चीनगर, हिम्मतपुर, इंदिरानगर, गौला गेट और बरेली रोड क्षेत्र में पानी बांटा गया है। इधर, जल संस्थान के शाह फार्म स्थित नलकूप का मरम्मत कार्य बृहस्पतिवार को जारी रहा। जल संस्थान के एई नीरज तिवारी ने बताया कि छह टैंकरों के माध्यम से क्षेत्र में पानी बांटा गया है।
Crime
उत्तराखंड: पहाड़ी क्षेत्रों से चरस लाकर बेचने वाले तस्कर को STF और पुलिस ने किया गिरफ्तार

हल्द्वानी: हल्द्वानी में उत्तराखंड एसटीएफ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और हल्द्वानी कोतवाली पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए एक नशा तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 2 किलो 20 ग्राम चरस बरामद हुई है…जिसकी अंतरराष्ट्रीय कीमत लगभग 12 लाख रुपए आंकी जा रही है। पुलिस आरोपी के खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई कर रही है और उसके अन्य आपराधिक तारों की जांच कर रही है।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान नारायण सिंह परगई (58) निवासी ग्राम कुकना तहसील ओखेलकांडा जनपद नैनीताल के रूप में हुई है। वह हल्द्वानी के जय दुर्गा कॉलोनी में रह रहा था। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसने चरस चम्पावत के नौलिया गांव से खरीदी थी और मैदानी क्षेत्रों में ऊंचे दामों पर बेचने के इरादे से लाया था।
पुलिस ने बताया कि आरोपी पहले भी चरस तस्करी के आरोप में जेल जा चुका है और जमानत पर बाहर आया था। लेकिन पैसे कमाने के लालच में उसने फिर से तस्करी की शुरूआत की। STF टीम ने पूछताछ के दौरान अन्य ड्रग्स तस्करों के नाम भी सामने आए हैं…जिन पर अलग से कार्रवाई की जाएगी।
एसटीएफ और पुलिस ने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों से मैदानी क्षेत्रों में नशे की तस्करी थमने का नाम नहीं ले रही है और ऐसे मामलों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
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कुमाऊँ द्वार महोत्सव सिर्फ संस्कृति नहीं, हमारी पहचान – मुख्यमंत्री धामी

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को हल्द्वानी के एमबी इंटर कॉलेज मैदान में आयोजित पांच दिवसीय कुमाऊं द्वार महोत्सव में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमाऊँ द्वार महोत्सव यह केवल एक संस्कृति का उत्सव नहीं है बल्कि यह महोत्सव हमारी अस्मिता हमारी पहचान हमारी जड़ों से जुड़ाव रखता है। हर वर्ष यहां पर प्रतिभाग करने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि यह महोत्सव हमारे कलाकारों को भी एक मंच प्रदान करता है उनकी कला का प्रदर्शन का अवसर देता है और उनको सम्मानित करने का काम भी इस कुमाऊं द्वार महोत्सव के माध्यम से होता है। मुख्यमंत्री ने आयोजन की बधाई देते हुए महोत्सव में प्रस्तुति देने वाले सभी लोक कलाकारों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा सभी कलाकार हमारी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। यह आयोजन स्पष्ट प्रमाण है कि टेक्नोलॉजी और ग्लोबलाइजेशन के इस दौर में भी हमारे आने वाली पीढ़ी को हमारी जड़ों से जोड़ने का सुंदर कार्य यह महोत्सव कर रहा है, यहॉ के लोक कलाकारों ने भी अपने परिश्रम निष्ठा से उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को दुनिया के बीच लाने का कार्य किया है। यहॉं के लोक कलाकार उत्तराखंड की सीमाओं को लांघ कर विदेशों में भी जाकर उत्तराखंड की संस्कृति को दुनिया के बड़े मंच पर प्रदर्शित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2026 में प्रधानमंत्री जी द्वारा हमारे राज्य की जो ब्रह्म कमल की टोपी पहनी थी और उसके बाद पूरे देश और दुनिया में हमारी टोपी आज हमारी पहचान बन गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार राज्य की लोक भाषा और संस्कृति के संरक्षण और समर्थन के लिए निरंतर कार्य कर रही है। राज्य में लोक कलाकारों की सूची भी तैयार की जा रही है जिससे लोक कलाकारों को सत्यापित करने में सहायता भी मिल रही है ताकि उन्हें समय पर सहायता मिल सके | कोरोना काल के दौरान लगभग 3200 सूचीबद्ध कलाकारों को प्रतिमाह ₹2000 की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई थी, इसके अलावा लोक कला के क्षेत्र में अपना जीवन समर्पित करने वाले कलाकारों को प्रतिमाह की पेंशन भी प्रदान की जा रही है। गुरु शिष्य परंपरा के अंतर्गत 6 माह का लोक प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है, इन्हीं कार्यशालाओं के माध्यम से युवा पीढ़ी को हमारी पौराणिक संस्कृति की महत्व के प्रति जागरूक किया जा रहा है | राज्य सरकार लोक कलाकारों को आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही हैं जिससे संस्कृति को सुरक्षित और विकसित करने में सहायता मिल रही है। सरकार उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान, साहित्य भूषण, लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार के माध्यम से उत्कृष्ट साहित्यकारों को सम्मानित कर रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दशक उत्तराखंड का दशक है | माननीय प्रधानमंत्री जी के इस कथन ने हमारे अंदर ऊर्जा और प्रोत्साहन भरने का काम किया है | प्रधानमंत्री जी के इस कथन को आगे ले जाने वाला अग्रदूत कोई बनेगा तो वे हमारी माता बहने होगी।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री जी के स्वदेशी अपनाओ देश को मजबूत बनाओ के मंत्र को आत्मसात करते हेतु भी सभी से अपील की और कहा कि अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करें स्वदेशी का प्रयोग करें। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कुमाऊं द्वार महोत्सव हमारी संस्कृति परंपराओं को संरक्षित एवं संवर्धित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आयोजन साबित होगा।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉल का भी अवलोकन किया, जो महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने “लखपति दीदी योजना” के तहत महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी बात कही, जिससे प्रदेश की महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं।
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उत्तराखंड: 20 दिन से बिना नहाए कारीगर बना रहे थे पूजा का प्रसाद, पढ़ें अंदर की पूरी ख़बर!

हल्द्वानी: दीपावली के मौके पर पूजा में इस्तेमाल होने वाले बताशे, मिठाई और खिलौने बनाने वाली फैक्ट्रियों में गंदगी और अनियमितताएं सामने आई हैं। प्रशासन नगर निगम और खाद्य सुरक्षा विभाग की संयुक्त टीम ने गुरुवार शाम बनभूलपुरा और गांधीनगर में चार फैक्ट्रियों पर छापेमारी की। जांच में पाया गया कि इन जगहों पर सफाई का अभाव था…फूड लाइसेंस नहीं था और अनजाने केमिकल का इस्तेमाल हो रहा था।
टीम ने फैक्ट्रियों से खाने के सामान और निर्माण में प्रयोग किए जाने वाले केमिकल के सैंपल भी लिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि केमिकल बिना लेबल के मिले और इसका इस्तेमाल बताशे और खिलौनों को चमकदार बनाने के लिए किया जा रहा था, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है। एक फैक्ट्री में कारीगर ने बताया कि पिछले 20 दिन से नहाया तक नहीं…जिससे उत्पाद की गुणवत्ता पर सवाल उठते हैं।
बताशे की चिपकने की समस्या को दूर करने के लिए खड़िया पाउडर डाला जा रहा था, जो शरीर के लिए हानिकारक है। बनभूलपुरा की एक फैक्ट्री से खुला खड़िया पाउडर भी बरामद हुआ। इसके अलावा गंदे पानी का इस्तेमाल भी किया जा रहा था।
चारों फैक्ट्रियों को प्रशासन ने सील कर दिया है और काम करने वाले कारीगरों का सत्यापन करने के निर्देश दिए गए हैं। वरिष्ठ खाद्य सुरक्षा अधिकारी अभय सिंह ने कहा कि जांच रिपोर्ट आने के बाद असली स्थिति सामने आएगी।
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