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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने ‘उत्कर्ष 1.0’ हैकाथॉन का किया उद्घाटन, छात्रों से नवाचार की ओर बढ़ने का किया आह्वान…

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हैकाथॉन ‘‘उत्कर्ष 1.0’’ में प्रतिभाग किया। इस हैकाथॉन में प्रदेश के 08 विश्वविद्यालयों सहित कुल 25 संस्थानों की 216 टीमों द्वारा प्रतिभाग किया गया। उन्होंने हैकाथॉन में भाग ले रहे विद्यार्थियों के नवाचार प्रोजेक्ट्स का अवलोकन किया और उनसे संवाद कर उनके विचारों को सराहा। इस अवसर पर राज्यपाल ने विश्वविद्यालय परिसर में एआई आर एंड डी हब, रोबोटिक्स लैब, तथा इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) लैब का उद्घाटन किया।
इस अवसर पर चैटबॉट कैटेगरी में जे०बी०आई०टी० कॉलेज देहरादून की टीम को प्रथम पुरस्कार, जीबीपीआईईटी पौड़ी की टीम को द्वितीय पुरस्कार और शिवालिक इजीनियरिंग कॉलेज देहरादून की टीम को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। डैैशबोर्ड विकसित किये जाने की श्रेणी में विश्वविद्यालय के आई०टी० गोपेश्वर की टीम को प्रथम पुरस्कार, तुलाज इंस्टीट्यूट देहरादून की टीम को द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। इसी क्रम में मोबाइल ऐप विकासित करने की श्रेणी में विश्वविद्यालय की फैकल्टी ऑफ टेक्नोलॉजी को प्रथम पुरस्कार, रुड़की कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, रुड़की को द्वितीय पुरस्कार एवं बी०आई०ए०एस० भीमताल को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि वर्तमान में डिजिटल हस्तक्षेप अब शासन-प्रशासन, शिक्षा, वित्त प्रबंधन और छात्र सेवाओं के हर पहलू में आवश्यक हो गया है। आज ज्ञान साझा करने, अपडेट करने और छात्र-छात्राओं की समझ को संवर्धित करने में, इंटरनेट, स्मार्टफोन, लैपटॉप आदि की अधिक पहुँच का सकारात्मक उपयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान में हम ऐसे युग में जी रहे हैं जिसे चौथी औद्योगिक क्रांति कहा जा रहा है। इस क्रांति की आधारशिला एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स और रोबोटिक्स जैसे नवाचारों पर टिकी है। ये न केवल हमारे दैनिक जीवन को बदल रहे हैं, बल्कि भारत को विश्व पटल पर एक वैश्विक नवाचार केंद्र के रूप में स्थापित कर रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि एआई अब स्वास्थ्य सेवाओं से लेकर कृषि, शिक्षा और रक्षा तक, सभी क्षेत्रों में क्रांतिकारी परिवर्तन ला रही है। भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया इंडिया एआई मिशन देश में एआई स्टार्टअप्स को बढ़ावा दे रहा है। उत्तराखण्ड जैसे राज्य में एआई का उपयोग आपदा प्रबंधन, पर्वतीय कृषि और स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं।
राज्यपाल ने उपस्थित विद्यार्थियों से कहा कि यह अत्यंत आवश्यक है कि आप इन तकनीकों के सिर्फ उपभोक्ता न बनें, बल्कि इनके निर्माता और नवाचारकर्ता बनें। भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आपका योगदान निर्णायक होगा। भारत की युवा शक्ति आज जिस ऊर्जा और उत्साह से नवाचार कर रही है, वह पूरे विश्व को चौंका रही है। स्टार्टअप इंडिया, डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों ने भारत को एक वैश्विक टेक्नोलॉजी पावर हाउस बनने की राह पर अग्रसर कर दिया है। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रशासन को अभिनव प्रयोगों को बढ़ावा देने हेतु बधाई दी और विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि ओपन सोर्स व ओपन ए०आई० से आप देश की सहायता के लिए ‘‘डीप शिवा’’ नाम से एक चैटबॉट जो ‘‘डीप सीक’’ से 108 गुना बेहतर हो बनाने की चुनौती तकनीकी विश्वविद्यालय को दी गई। इस कार्य को सफलतापूर्वक पूर्ण करने के लिए विजेता टीम को प्रथम पुरस्कार के रूप में 5 लाख रुपये, द्वितीय पुरस्कार 3 लाख और तृतीय पुरस्कार 2 लाख रुपये की धनराशि राज्यपाल द्वारा दी जायेगी। उन्होंने ‘‘डीप शिवा’’ नाम से एक चैटबॉट बनाने का लक्ष्य हैकाथॉन कार्यक्रम के अंतर्गत 31 दिसंबर, 2025 तक विश्वविद्यालय के छात्रों के सामने रखा गया है इसके लिए राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के कुलपति को इस प्रतियोगिता के आयोजन के लिए आवश्यक मापदण्डों के तहत करने को कहा।
इस अवसर पर उपस्थित तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि यह आयोजन तकनीकी के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होगा। कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने इस आयोजन के संबंध में जानकारी दी। इस अवसर पर दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो. पी.बी. शर्मा, सनफ्लॉक्स टेक्नोलॉजी के निदेशक रजत जैन, कुलसचिव सतेन्द्र सिंह सहित विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थी उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस, मामला दिल्ली तक पहुंचा

देहरादून: उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को हाल ही में कानूनी नोटिस भेजे जाने को लेकर उत्तराखंड में चर्चाओं के बाजार गर्म हैं। अब ये मामला ना केवल प्रदेश में बल्कि देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया है। जिसके बाद से अब देहरादून से लेकर दिल्ली तक मामले को लेकर चर्चाएं हो रही हैं।
बीते दो दिनों से उत्तराखंड में वरिष्ठ पत्रकार अजीत राठी को सिडकुल द्वारा कानूनी नोटिस भेजे जाने के बाद हर ओर इसकी चर्चा हो रही है। पत्रकारों से लेकर समाजसेवी तक अजीत राठी के समर्थन में उतर गए हैं। इसके साथ ही विपक्ष ने भी उनके समर्थन में बात की है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी अजीत राठी के समर्थन में सोशल मीाडिया पर पोस्ट किया है। इसके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है। उनके पोस्ट के बाद से दिल्ली में सत्ता के गलियारों में भी इसकी चर्चा हो रही है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा ने इस मामले को लेकर अपनी पोस्ट में लिखा है कि “एक बार फिर बीजेपी ने राज्य का भविष्य कॉरपोरेट मुनाफ़े के लिए गिरवी रख दिया गया। विडंबना ये है कि जवाबदेही तय करने के बजाय मुख्यमंत्री धामी की सरकार डराने-धमकाने पर उतर आई है।
इस घोटाले का पर्दाफाश करने वाले पत्रकार अजीत राठी को कानूनी नोटिस भेजा गया है, जिसमें उनसे अपनी रिपोर्ट वापस लेने और लिखित माफ़ी मांगने की मांग की गई है। जनसंपत्ति की इस निर्लज्ज लूट और सच्चाई को कुचलने की कोशिश ने बीजेपी का असली चेहरा उजागर कर दिया है — एक ऐसा चेहरा जो भ्रष्ट, आपराधिक और युवाओं के भविष्य के प्रति पूरी तरह बेपरवाह है।”
इसके साथ ही इस मामले में अब प्रेस क्लब ऑफ इंडिया द्वारा भी एक प्रेस नोट जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि अजीत राठी को मिला नोटिस उत्तराखंड सरकार की ऐसी कार्रवाइयाँ लोकतांत्रिक संवाद को दबाने और पत्रकारों को तथ्यों की रिपोर्टिंग करने के अपने कर्तव्य का निर्वहन करने से रोकने के उद्देश्य से सत्तावादी प्रवृत्तियों से उपजी हैं।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया मांग करता है कि राज्य प्रशासन उत्पीड़न की ऐसी हरकतें तुरंत बंद करे और सभी लोकतांत्रिक विचारधारा वाले लोगों से एकजुट होकर मीडिया को धमकाने वाली ऐसी अलोकतांत्रिक कार्रवाइयों को विफल करने की अपील करता है।
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पशुओं की दवाओं पर FDA का सख्त आदेश, उत्तराखंड में 34 एंटी माइक्रोबियल दवाओं पर रोक

देहरादून: देशव्यापी छापेमारी और केंद्रीय निर्देशों के बाद उत्तराखण्ड सरकार ने भी कफ सिरप और पशुओं में उपयोग की जाने वाली एंटीमाइक्रोबियल दवाओं के क्रय–विक्रय, आयात और बिक्री–वितरण पर कड़ा प्रतिबंध लगा दिया है। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन उत्तराखण्ड (FDA) के अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने इसके लिए आवश्यक आदेश जारी किए हैं। यह कार्रवाई स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 23 सितंबर 2025 को जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप की गई है।
अधिकारिक आदेश के अनुसार बच्चों को दिए जाने वाले कुछ कफ सिरपों के क्रय–विक्रय पर रोक लगाई गई है जबकि पशुओं के उपयोग के लिए कई वर्गों के रोगाणुरोधी (antimicrobial) पदार्थों और उनके फॉर्मूलेशन्स के आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अपर आयुक्त ने कहा है कि यह कदम मानव स्वास्थ्य और पशु स्वास्थ्य दोनों की सुरक्षा के उद्देश्य से उठाया गया है तथा दवाओं के दुरुपयोग से पैदा होने वाले एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) के जोखिम को रोका जाएगा।
प्रतिबंधित एंटीबायोटिक्स (Antibiotics)
आदेश में जिन एंटीबायोटिक्स पर रोक लगाई गई है…उनमें प्रमुख रूप से निम्न शामिल हैं:
Ureidopenicillins (यूरिडो-पेनिसिलिन्स)
Ceftobiprole (सेफ्टोबिप्रोल)
Ceftaroline (सेफ्टारोलाइन)
Siderophore cephalosporins (साइडेरोफोर सेफलोस्पोरिन)
Carbapenems (कार्बापेनेम्स)
Penems (पेनेम्स)
Monobactams (मोनोबैक्टम्स)
Glycopeptides (ग्लाइकोपेप्टाइड्स)
Lipopeptides (लिपोपेप्टाइड्स)
Oxazolidinones (ऑक्साजोलिडिनोन्स)
Fidaxomicin (फिडैक्सोमिसिन)
Plazomicin (प्लाजोमिसिन)
Glycylcyclines (ग्लाइसिलसाइक्लिन्स)
Eravacycline (एरावासाइक्लिन)
Omadacycline (ओमाडासाइक्लिन)
प्रतिबंधित एंटीवायरल्स (Antivirals)
पशुओं में उपयोग के लिए जिन एंटीवायरल दवाओं पर रोक लगाई गई है…वे इस प्रकार हैं:
Amantadine (अमैंटाडाइन)
Baloxavir marboxil (बालोक्साविर मार्बॉक्सिल)
Celgosivir (सेल्गोसिविर)
Favipiravir (फेविपिराविर)
Galidesivir (गैलिडेसिविर)
Lactimidomycin (लैक्टिमिडोमाइसिन)
Laninamivir (लैनिनामिवीर)
Methisazone / Metisazone (मेथिसाजोन/मेटिसाजोन)
Molnupiravir (मोलनुपिराविर)
Nitazoxanide (निटाज़ोक्सानाइड) — (नोट: इसे एंटीप्रोटोज़ुअल भी माना गया है)
Oseltamivir (ओसेल्टामिवीर)
Peramivir (पेरामिविर)
Ribavirin (रिबाविरिन)
Rimantadine (रिमांटाडाइन)
Tizoxanide (टिज़ोक्सानाइड)
Triazavirin (ट्रायजाविरिन)
Umifenovir (उमीफेनोविर)
Zanamivir (जानामिवीर)
इसके अतिरिक्त Nitazoxanide (निटाजोक्सानाइड) को एंटी‑प्रोटोज़ुअल दवा के रूप में भी सूचीबद्ध कर प्रतिबंधित किया गया है।
क्या बदलेगा राज्य में?
इन दवाओं का आयात, निर्माण, बिक्री और वितरण उत्तराखण्ड में प्रभावी रूप से प्रतिबंधित होगा। एफडीए ने चिकित्सा, पशु चिकित्सा और दवा आपूर्ति श्रृंखलाओं को निर्देश दिए हैं कि वे सूचीबद्ध दवाओं की उपलब्धता तथा स्टॉक‑रहितता की रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। नियमानुसार जो भी संस्थाएँ या व्यक्ति इन प्रतिबंधों का उल्लंघन पाए जाएंगे उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी…जिसमें लाइसेंस रद्द करने, जुर्माने व आवश्यक कानूनी प्रक्रिया शामिल है।
क्यों आवश्यक था यह कदम?
अधिकारियों के अनुसार इन उच्च-स्तरीय एंटीबायोटिक्स और एंटीवायरल्स का पशुओं में अनियंत्रित प्रयोग मानव स्वास्थ्य के लिए खतरा पैदा कर सकता है क्योंकि इससे एंटीबायोटिक प्रतिरोध (AMR) जैसी गंभीर चुनौतियाँ बढ़ती हैं। साथ ही, हालिया दिनों में देशभर में प्रतिबंधित कफ सिरप और हानिकारक दवाओं की तस्करी व दुरुपयोग की घटनाएँ बढ़ने के मद्देनजर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भी कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।
एफडीए का आदेश और आगे की प्रक्रिया
अपर आयुक्त ताजबर सिंह जग्गी ने कहा है कि आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है और संबंधित विभाग जल्द ही जिलेवार निर्देश जारी करेंगे ताकि इस प्रतिबंध का ठोस क्रियान्वयन हो सके। उन्होंने जनता से भी अनुरोध किया है कि वे किसी भी संदिग्ध दवा की खरीद–फरोख्त से परहेज करें और किसी संदिग्ध दवा की सूचना एफडीए को दें।
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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने पूर्व सैनिकों को बताया राष्ट्र की प्रेरणा, दिव्यांग जवानों को बांटे स्कूटर

देहरादून: राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को जसवंत सिंह ग्राउंड, गढ़ी कैंट में आयोजित ‘‘देवभूमि मेगा पूर्व सैनिक रैली’’ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, सीडीएस जनरल अनिल चौहान सहित हजारों की संख्या में पूर्व सैनिक एवं वीर नारियाँ उपस्थित रहीं। उत्तराखण्ड सब एरिया द्वारा आयोजित इस रैली के दौरान राज्यपाल एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने वार वूण्डेड संस्था की ओर से 14 दिव्यांग पूर्व सैनिकों को स्कूटर वितरित किए। साथ ही 20 वीर नारियों तथा उत्कृष्ट कार्य कर रहे भूतपूर्व सैनिकों को सम्मानित भी किया गया। वहीं सैनिक कल्याण विभाग द्वारा उत्तराखण्ड सब एरिया को गोल्फ कार्ट भी प्रदान किए गए। यह गोल्फ कार्ट पूर्व सैनिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उपनल (उत्तराखण्ड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड) के माध्यम से वित्त पोषित की गयी है।
राज्यपाल ने इस अवसर को “ऐतिहासिक” बताते हुए कहा कि इतनी बड़ी संख्या में पूर्व सैनिकों का एकत्र होना गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों का त्याग, अनुशासन और देशप्रेम हमारे समाज के लिए अमूल्य प्रेरणा है। उन्होंने कहा कि जो संस्कार और अनुशासन आप सभी ने अपने जीवन में स्थापित किए हैं, वे आने वाली पीढ़ियों का मार्गदर्शन करेंगे। राज्यपाल ने कहा कि यह हमारा कर्तव्य है कि हम आपके योगदान को सदैव स्मरण रखें और समाज के हर वर्ग को यह प्रेरणा दें कि – ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से ही भारत विश्व गुरु बनेगा।
राज्यपाल ने वीर नारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि वे स्वयं सहायता समूहों से जुड़कर अपनी आर्थिकी को सशक्त करें और आत्मनिर्भर बनें। उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों का आह्वान किया कि वे अपनी नेतृत्व क्षमता, अनुभव, अनुशासन और दृष्टिकोण को समाज के साथ साझा करें, जिससे युवा पीढ़ी को दिशा और प्रेरणा मिले। राज्यपाल ने कहा कि राजभवन में पूर्व सैनिकों की शिकायतों के समाधान हेतु एक शिकायत निवारण अधिकारी की तैनाती की गई है, जो उनकी समस्याओं के समाधान के लिए निरंतर कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व सैनिकों के लिए राजभवन के दरवाजे सदैव खुले हैं।
सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने भी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पूर्व सैनिकों के राष्ट्र निर्माण में योगदान की सराहना की और कहा कि उत्तराखण्ड, जो ‘‘वीरों की भूमि’’ है, ने हर युद्ध और संकट में अपनी वीरता से राष्ट्र का गौरव बढ़ाया है। सीडीएस ने कहा कि भारतीय सशस्त्र सेनाएं आज तेजी से आधुनिक युद्ध प्रणाली और तकनीक की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि हम एक शांतिप्रिय राष्ट्र हैं, लेकिन अपनी संप्रभुता पर किसी भी प्रकार का खतरा बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने पूर्व सैनिकों की सराहना व्यक्त करते हुए कहा कि वे राष्ट्र की सीमा पर वो आँखें हैं जो राष्ट्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने पूर्व सैनिकों की निस्वार्थ सेवा और राष्ट्र के प्रति समर्पण की सराहना की और युवाओं को उनसे प्रेरणा लेने का आह्वान किया।
सीडीएस ने कहा कि देहरादून मिलिट्री स्टेशन में इंटीग्रेटेड वेटरन्स वेलनेस एंड सेवा केंद्र स्थापित किया जाएगा। यह केंद्र पूर्ण रूप से तकनीक आधारित और पूर्व सैनिकों की सुविधा के लिए समर्पित होगा। उन्होंने मुख्यालय उत्तराखण्ड सब एरिया पर इस परियोजना को समयबद्ध रूप से पूर्ण करने का विश्वास जताया।
इस अवसर पर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार सेवारत और पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सदैव तत्पर है। रैली में जीओसी-इन-सी सेंट्रल कमांड ले. जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता, जीओसी उत्तर भारत एरिया ले. जनरल डी.जी. मिश्रा, जीओसी उत्तराखण्ड सब एरिया मेजर जनरल एम.पी.एस. गिल, वॉर वूंडेड फाउंडेशन के अध्यक्ष ले. जनरल असित मिस्त्री (से नि) व ब्रिगेडियर हरचरण सिंह (से नि) सहित अनेक गणमान्य अधिकारी तथा बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक उपस्थित रहे। रैली में 21 कंपनियों द्वारा जॉब फेयर, बैंकिंग सुविधाएं, राज्य सरकार की योजनाओं से संबंधित स्टॉल और निःशुल्क चिकित्सा शिविर भी आयोजित किए गए।
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