Dehradun
होमगार्डों को मिलेगी पहली बार होमगार्ड लाइन, जगह चिन्हित करने के कमांडेंट को दिए निर्देश।

देहरादून – उत्तराखंड के होमगार्डों को पहली बार अपनी होमगार्ड लाइन मिलने जा रही है। इसके लिए कमांडेंट जनरल होमगार्ड आईजी केवल खुराना ने सभी जिलों के होमगार्ड जिला कमांडेंट को अपने जिला मुख्यालय पर स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर जगह चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं। निर्देश जारी होते ही जिला मुख्यालयों पर जगह चिह्नित करने का काम युद्धस्तर पर शुरू हो गया है।
अब तक प्रदेश के सभी जिलों में पुलिस लाइन होती थी, लेकिन पहली बार प्रदेश के होमगार्डों को भी अपनी लाइन मिलेगी। दरअसल, कमांडेंट जनरल होमगार्ड आईजी केवल खुराना की ओर से होमगार्डों को पुलिस की तरह अपनी पहचान और सुविधा मुहैया कराने के लिए लगातार नई पहल शुरू की जा रही है, ताकि होमगार्डों का मनोबल कम न हो और वह खुद को ड्यूटी के प्रति समर्पित रहें।
इसी क्रम में अब आईजी केवल खुराना की ओर से सूबे के सभी जिलों में होमगार्ड लाइन खोले जाने का प्रस्ताव कुछ दिन पहले शासन स्तर पर रखा था। शासन ने इस प्रस्ताव को होमगार्डों के लिए अच्छी पहल बताया था और जगह उपलब्ध कराने की बाबत जानकारी ली थी। इस पर आईजी ने सूबे के सभी जिला कमांडेंट को अपने जिला मुख्यालय या आसपास जगह चिह्नित करने के निर्देश दिए हैं।
इसके बाद हरिद्वार समेत अन्य जिलों में भी जगह चिह्नित करने का काम स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर किया जा रहा है। जगह चिह्नित होने के बाद बजट का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। शासन से बजट जारी होते ही होमगार्ड लाइन का काम शुरू होगा
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आरक्षित जंगल में मोर का शिकार, वन विभाग ने दबोचे दो खूनी शिकारी

कालसी (देहरादून): बीते बुधवार शाम करीब 7 बजे आरक्षित वन क्षेत्र चांदपुर चोरखाला से दो युवकों को वन्यजीवों के साथ संदिग्ध हालात में पकड़ा गया। निक्का और उसका साथी वाजिद नाम के इन युवकों के पास से दो जंगली गोह घायल अवस्था में और एक मोर मृत अवस्था में मिला। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया। वन विभाग की टीम ने दोनों युवकों को मौके से हिरासत में लिया और उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
प्रभागीय वनाधिकारी कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग के निर्देश पर चौहड़पुर रेंज में वन्यजीवों के अवैध शिकार और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए गश्त को और तेज़ कर दिया गया है। वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वन्यजीव अपराध में संलिप्त किसी भी व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें कठोर कारावास तक की सजा दी जा सकती है। वन विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कहीं पर भी वन्यजीवों के शिकार या अवैध गतिविधियों की जानकारी मिले तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
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हर बूथ पर मिलेगी न्यूनतम सुविधा, दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचन आयोग ने कसी कमर

देहरादून: मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में सुगम मतदान हेतु राज्य स्तरीय प्रचालन समिति “स्टेट स्टेयरिंग कमेटी ऑन एक्सेसिबल इलेक्शन“ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में समिति के सदस्यों आयुक्त, निःशक्त जन, निदेशक समाज कल्याण, निदेशक शिक्षा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग,महानिदेशक सूचना एवं विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधियों से विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने विस्तृत दिशा निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी पोलिंग बूथों पर आयोग द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम सभी सुविधाओं ”एश्योर मिनिमम फैसेलिटी” (एएमएफ) को सुनिश्चित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि विभाग में दर्ज दिव्यांग पेंशनधारकों को मतदाता सूची में शत प्रतिशत पीडब्ल्यूडी श्रेणी में शामिल कराने के दृष्टिगत 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1जुलाई और 1 अक्टूबर की अर्हता तिथि के आधार पर हर तीन माह में अपडेटेड सूची निर्वाचन विभाग को उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसएसआर) में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मतदाताओं का चिन्हिकरण कर उनके पोलिंग बूथ के अनुसार उन्हें एएमएफ सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर डिस्ट्रिक स्वीप पीडब्ल्यूडी आईकॉन चिन्हित किए जाएं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एनआईईपीवीडी को ब्रेल आधारित मतदाता जागरुकता सम्बंधी प्रचार सामग्री तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने “स्टेट स्टेयरिंग कमेटी ऑन एक्सेसिबल इलेक्शन“ के सम्बंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार वर्ष-2018 से राज्य मंे कुल 03 प्रकार की समीतियां गठित हैं जिनमें राज्य,जनपद एवं विधान सभा स्तर पर समय-समय पर बैठक आयोजित की जाती हैं। प्रस्तुतीकरण में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य में 30-39 आयु वर्ग के दिव्यांग जनों का प्रतिशत सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि आयोग का मुख्य उद्ेश्य दिव्यांगजनों द्वारा पोलिंग बूथों पर दी जाने वाली न्यूनतम सुविधा जैसे – रैम्प, व्हील चेयर, सुविधानुसार शौचालय, पीने का पानी, शेड, बैठने की सुविधा आदि के आभाव को दूर करना है।
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उत्तराखंड में बॉन्ड तोड़ने वाले 234 डॉक्टर बर्खास्त होंगे, सरकार ने शुरू की कार्रवाई

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने लंबे समय से बिना सूचना के गायब चल रहे सरकारी डॉक्टरों पर बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 234 बांडधारी डॉक्टरों को बर्खास्त करने का फैसला लिया है। ये सभी डॉक्टर वह हैं जिन्होंने राज्य सरकार की सहायता से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की…लेकिन बांड की शर्तों के अनुसार सेवाएं देने के बजाय अपनी तैनाती से गायब हो गए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि इन डॉक्टरों ने एमबीबीएस में दाखिले के समय सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ पांच साल तक पर्वतीय जिलों में सेवा देने का अनुबंध किया था। इसके बावजूद इन्होंने न तो सेवा दी और न ही बॉन्ड के अनुसार निर्धारित धनराशि सरकार को जमा कराई।
सरकार अब इन डॉक्टरों की सूची नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) को भेजेगी ताकि वे किसी अन्य राज्य या निजी संस्था में नौकरी न कर सकें। साथ ही चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि बॉन्ड की शर्तों के अनुसार इनसे धनराशि वसूली जाए। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक को सभी गैरहाजिर डॉक्टरों की बर्खास्तगी की कार्रवाई शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले को लेकर सरकार ने संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सालयों के प्रभारी अधिकारियों से भी जवाब मांगा है कि आखिर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। राज्य सरकार का कहना है कि जिन डॉक्टरों ने कम शुल्क पर शिक्षा ली है, उनका यह कर्तव्य बनता है कि वे प्रदेश की जनता की सेवा करें…खासकर उन दूरस्थ क्षेत्रों में जहां चिकित्सकों की सबसे ज्यादा जरूरत है।
बॉन्डेड डॉक्टरों की जिलावार तैनाती सूची……
चमोली – 46 डॉक्टर
टिहरी गढ़वाल – 29 डॉक्टर
पौड़ी गढ़वाल – 26 डॉक्टर
उत्तरकाशी – 25 डॉक्टर
पिथौरागढ़ – 25 डॉक्टर
नैनीताल – 41 डॉक्टर
अल्मोड़ा – 16 डॉक्टर
चंपावत – 11 डॉक्टर
रुद्रप्रयाग – 14 डॉक्टर
बागेश्वर – 10 डॉक्टर
देहरादून – 1 डॉक्टर
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