Dehradun
मंत्री-विधायक किसी भी पद पर, राज्य की एकता पर बयानबाजी नहीं सहन की जाएगी: सीएम धामी !

देहरादून: उत्तराखंड में क्षेत्रवाद को लेकर भाजपा के नेताओं की बयानबाजी अब पार्टी के लिए सिरदर्द बन गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सख्त संदेश दिया कि कोई भी मंत्री या विधायक राज्य की एकता और प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं करेगा। सीएम ने कहा कि पार्टी अपने बड़बोले नेताओं को विवादित और संवेदनशील मुद्दों पर बोलने से रोकने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकती है।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राज्य में कुछ नेताओं के क्षेत्रवाद पर बार-बार दिए जा रहे बयान से न केवल राज्य का माहौल खराब हो रहा है, बल्कि विपक्ष को भी उसी अंदाज में जवाब देने का मौका मिल रहा है, जो भाजपा के लिए चिंता का कारण बन गया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को उनके बयान के लिए दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने कहा, “राज्य में कुछ लोगों द्वारा जिस तरह का वातावरण बनाया जा रहा है, उसे उचित नहीं कहा जा सकता। हमने कांग्रेस नेताओं से भी संवेदनशील मुद्दे पर बयानबाजी न करने की अपील की है।”
भाजपा को असहज कर चुके नेताओं के बयान
यह पहला मामला नहीं है जब भाजपा को अपने नेताओं की बयानबाजी के कारण असहज होना पड़ा है। इससे पहले भी पार्टी को हरिद्वार में पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच हुए विवाद से निपटना पड़ा था। हालांकि, चैंपियन अभी जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने उनके खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
इसके अतिरिक्त, सल्ट के विधायक महेश जीना और लैंसडौन विधायक दिलीप रावत के विवादों ने भी पार्टी को असहज किया है। कुछ समय पहले, सरकार के एक मंत्री के महकमे में भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई जांच के सवाल ने भी पार्टी और सरकार को विपक्ष के निशाने पर ला दिया।
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राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह से मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की शिष्टाचार भेंट, चारधाम यात्रा और मानसून तैयारियों पर चर्चा

देहरादून : उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मंगलवार को मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। इस अवसर पर राज्य में संचालित चारधाम यात्रा, मानसून से जुड़ी तैयारियों तथा अन्य समसामयिक विषयों पर राज्यपाल और मुख्य सचिव के बीच विस्तृत चर्चा हुई।
राज्यपाल ने चारधाम यात्रा की सुचारु व्यवस्था सुनिश्चित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया। साथ ही, मानसून सीजन को ध्यान में रखते हुए आपदा प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाओं तथा सड़क और यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निर्देश भी दिए।
मुख्य सचिव ने राज्यपाल को इन विषयों पर अद्यतन जानकारी प्रदान की और राज्य सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों से अवगत कराया।
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कांवड़ मेला-2025 के लिए मुख्यमंत्री धामी ने की प्रशासनिक बैठक, सुरक्षा इंतजामों को किया पुख्ता

देहरादून: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को आगामी कांवड़ मेला-2025 की तैयारियों की समीक्षा हेतु प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण बैठक की। मुख्यमंत्री ने पिछले वर्षों की व्यवस्थाओं का विस्तृत विश्लेषण कर कानून-व्यवस्था की दृष्टि से उत्पन्न हुई चुनौतियों की समीक्षा की और सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए, ताकि इस वर्ष कोई भी अवांछनीय घटना न हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विशाल धार्मिक आयोजन में किसी भी प्रकार की तोड़-फोड़, उपद्रव या अन्य असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए प्रभावी भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन एवं सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने शिविर संचालकों, कार्यरत कर्मियों, वॉलंटियर्स और धर्मशाला/होटल में ठहरने वाले श्रद्धालुओं का पूर्ण सत्यापन कराने के निर्देश भी दिए।
मुख्यमंत्री ने सभी प्रमुख स्थलों पर एक्स-रे सिस्टम, अग्निशमन उपकरण, फायर टेंडर और सुरक्षा कर्मियों की तैनाती के साथ-साथ खाद्य व पेय पदार्थों की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखने तथा जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए उचित इंतजाम करने को कहा। भीड़ प्रबंधन के लिए वॉलंटियर्स की मदद लेने, सीसीटीवी और ड्रोन से निरंतर निगरानी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय रखने पर विशेष जोर दिया गया।
यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अलग प्लान तैयार कर उसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए गए ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो। आतंकवाद से जुड़े खतरे को देखते हुए एटीएस और विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती भी सुनिश्चित करने को कहा गया।
हरिद्वार के घाटों, नीलकंठ महादेव मंदिर समेत अन्य प्रमुख स्थलों पर एम्बुलेंस और बैकअप की व्यवस्था करने के साथ-साथ सादे वस्त्रों में महिला व पुरुष सुरक्षाकर्मियों की पर्याप्त तैनाती करने तथा आपदा राहत उपकरणों से युक्त गोताखोरों और जल पुलिस को अलर्ट मोड पर रखने के निर्देश दिए गए। यात्रा मार्गों पर तेज ध्वनि विस्तारक यंत्रों, डीजे और लाउडस्पीकर के उपयोग को नियमबद्ध करने और दुर्घटनाओं की रोकथाम हेतु ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर सुधारात्मक कार्य करने को भी कहा गया।
कांवड़ यात्रियों को ‘क्या करें और क्या न करें’ की जानकारी पेम्फलेट, होर्डिंग, पब्लिक अनाउंसमेंट और सोशल मीडिया के माध्यम से देने के निर्देश भी दिए गए। लाठी, डंडा, नुकीली वस्तुएं आदि ले जाने पर प्रतिबंध लगाने हेतु प्रचार अभियान चलाने और यात्रा मार्गों में मादक पदार्थों, शराब एवं मांस की बिक्री पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश जारी किए गए।
महिला कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए महिला घाटों एवं धर्मशालाओं में विशेष पुलिस प्रबंध करने पर भी जोर दिया गया। साथ ही अंतर्राज्यीय समन्वय बढ़ाकर सूचनाओं का त्वरित आदान-प्रदान, सोशल मीडिया पर निगरानी, अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई तथा संबंधित पोस्टों का तत्काल खंडन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागीय सचिवों और पुलिस महानिरीक्षकों को आगामी तीन दिनों के भीतर कांवड़ मेला क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर तैयारियों की समीक्षा करने और कार्य योजनाओं को अंतिम रूप देने के निर्देश भी दिए।
बैठक में गृह सचिव श्री शैलेश बगोली, पुलिस महानिदेशक श्री दीपम सेठ, आपदा प्रबंधन सचिव श्री विनोद कुमार सुमन, गढ़वाल व कुमाऊं आयुक्त सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
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देहरादून में प्रशासन की बड़ी कार्रवाई, 30 अनधिकृत मोबाइल टावर सील

देहरादून: ज़िला प्रशासन ने शहर में अनधिकृत रूप से लगाए गए मोबाइल टावरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए अब तक 30 टावरों को सील कर दिया है। यह कार्रवाई प्रशासन, नगर निगम और अन्य संबंधित विभागों की संयुक्त टीम द्वारा की जा रही है।
ज़िलाधिकारी सविन बंसल ने कहा कि मोबाइल टावरों की स्थापना सिर्फ कंपनियों और उपभोक्ताओं के बीच का निजी मामला नहीं है। इसका प्रभाव पूरे मोहल्ले और शहरी ढांचे पर पड़ता है। कई बार यह टावर बिना रजिस्ट्रेशन के या असुरक्षित भवनों पर लगा दिए जाते हैं, जो न सिर्फ लोगों की सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं, बल्कि इससे राज्य को राजस्व की भी हानि होती है।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि जो भी मोबाइल टावर बिना तकनीकी मंजूरी, भूमि अनुमति या सुरक्षा मानकों के स्थापित किए गए हैं, उन पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी।
फिलहाल 30 मोबाइल टावर सील किए जा चुके हैं और यह अभियान अभी जारी है। अधिकारियों का कहना है कि शहर में सभी मोबाइल टावरों की जांच की जा रही है और जो भी टावर नियमों के विरुद्ध पाए जाएंगे, उन पर त्वरित कार्रवाई की जाएगी।
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