हरिद्वार : हरिद्वार जिले में मनरेगा योजना में करोड़ों रुपये का घोटाला सामने आया है। फर्जी मजदूरों के नाम पर काम दिखाकर डिजिटल उपस्थिति प्रणाली को धोखा दिया गया और उनका भुगतान निकाल लिया गया। जांच में पता चला कि जिन लोगों के नाम से भुगतान हुआ, उन्होंने कभी काम ही नहीं किया था, कुछ मृत और बाहर गए मजदूरों के नाम भी शामिल थे।
इस घोटाले के बाद प्रशासन ने 82 मेटों को नौकरी से हटा दिया है और 50 से ज्यादा ग्राम विकास अधिकारियों व रोजगार सेवकों को कारण बताओ नोटिस भेजे गए हैं। रुड़की और लक्सर इस घोटाले के मुख्य केंद्र रहे। मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोण्डे के निर्देश पर फिर से सत्यापन शुरू कर दिया गया है। यह घोटाला सिर्फ निचले स्तर की गड़बड़ी नहीं, बल्कि बड़े स्तर पर लापरवाही और मिलीभगत का संकेत देता है। अब मांग उठ रही है कि पूरे राज्य में ऐसे मामलों की विशेष जांच हो और दोषियों को सख्त सजा दी जाए, ताकि गरीबों की योजनाओं का पैसा सही जगह पहुंचे।
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