Pithauragarh
पिथौरागढ़: चौकी घाट के पास पहाड़ी से गिरे पत्थर, कार क्षतिग्रस्त

पिथौरागढ़ – पिथौरागढ़ ज़िले के चौकी घाट से आगे सड़क मार्ग पर शनिवार को एक बड़ा हादसा टल गया, जब अचानक पहाड़ी से भारी भरकम पत्थर गिरने से एक चलती कार क्षतिग्रस्त हो गई। राहत की बात यह रही कि कार में सवार सभी 5 लोग—including चालक—सकुशल हैं और किसी को गंभीर चोट नहीं आई।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुँची और तत्परता दिखाते हुए कार में फँसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला। प्राथमिक जांच के बाद सभी को उनके गंतव्य की ओर रवाना कर दिया गया।
बारिश के मौसम में पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं आम हो जाती हैं। प्रशासन ने एक बार फिर नागरिकों से अपील की है कि खराब मौसम के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचें और घर से निकलने से पहले मार्ग की स्थिति की जानकारी अवश्य लें।
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पिथौरागढ़ में ततैयों का कहर: स्कूल जाते चार छात्र घायल, एक आईसीयू में भर्ती

पिथौरागढ़ (उत्तराखंड ): शनिवार को पिथौरागढ़ जिले के सीमांत डुंगरा गांव में एक भयावह घटना ने स्थानीय लोगों को दहशत में डाल दिया। स्कूल जा रहे चार छात्रों पर ततैयों के झुंड ने हमला कर दिया, जिसमें सभी घायल हो गए। इनमें से एक छात्रा की हालत गंभीर बनी हुई है और उसे जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती किया गया है।
स्कूल के रास्ते में हुआ हमला
सुबह करीब साढ़े सात बजे का वक्त था। दिव्यांशु (14), निशा (15), अनिकेत (13) और कमल सिंह (16) रोज़ की तरह अपने गांव डुंगरा से पैदल ही पास के राजकीय हाईस्कूल पाभैं की ओर जा रहे थे। रास्ते में अचानक एक पेड़ पर बने ततैयों के छत्ते से झुंड निकलकर बच्चों पर टूट पड़ा। बच्चों ने जान बचाने की पूरी कोशिश की, दौड़े, चिल्लाए… लेकिन ततैयों के डंक से कोई नहीं बच सका।
चारों छात्र अस्पताल में भर्ती, छात्रा की हालत गंभीर
घटना की जानकारी मिलते ही परिजन बच्चों को लेकर फौरन जिला अस्पताल पहुंचे। डॉक्टरों की टीम ने तत्काल इलाज शुरू किया। डॉक्टर भागीरथी गर्ब्याल, पीएमएस, जिला अस्पताल पिथौरागढ़ ने बताया कि चारों बच्चे अस्पताल लाए गए थे। तीन की हालत अब ठीक है…लेकिन छात्रा निशा को सांस लेने में तकलीफ और ब्लड प्रेशर गिरने की वजह से आईसीयू में भर्ती किया गया है। फिलहाल वह खतरे से बाहर है।
इस घटना ने गांववालों को झकझोर कर रख दिया है। अभिभावक डरे हुए हैं और अपनी चिंता साफ तौर पर जता रहे हैं। उनका कहना है कि जब तक ततैयों के छत्ते नहीं हटाए जाते और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जाते….वे बच्चों को स्कूल नहीं भेजेंगे।
घटना की जानकारी मिलने के बाद वन विभाग भी सक्रिय हुआ है। रेंजर पूरन देउपा ने कहा कि डुंगरा गांव में छात्रों पर ततैयों के हमले की जानकारी मिली है। विभागीय टीम जल्द मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी और ततैयों से निपटने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
यह कोई पहली घटना नहीं है जब ततैयों के हमले ने किसी की जान खतरे में डाली हो। सिर्फ तीन हफ्ते पहले मुनस्यारी के चौना गांव में एक 54 वर्षीय व्यक्ति की ततैयों के हमले से मौत हो गई थी। बीते पांच वर्षों में ऐसे हमलों में 12 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
कैसे बचें ततैयों के हमले से? कुछ ज़रूरी सुझाव
शांत रहें: ततैया दिखने पर दौड़ें नहीं, उन्हें उकसाने से वे आक्रामक हो जाती हैं।
तेज़ सुगंध से बचें: इत्र, परफ्यूम या मीठी गंध वाले उत्पाद बाहर न लगाएं।
पूरी बाजू के कपड़े पहनें: खेतों, जंगलों में जाते समय शरीर को ढकना ज़रूरी है।
भोजन ढककर रखें: मीठे पेय और खाद्य पदार्थ ततैयों को आकर्षित करते हैं।
छत्ते से दूरी रखें: खुद से छत्ता हटाने की कोशिश न करें। विशेषज्ञ की मदद लें।
प्राकृतिक उपाय: नींबू में लौंग गाड़कर रखने से ततैयों को दूर रखा जा सकता है।
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थल-पिथौरागढ़ सड़क पर फिर दर्दनाक हादसा, पूर्व फौजी और चालक की मौत

पिथौरागढ़: सीमांत जिले पिथौरागढ़ में शुक्रवार की दोपहर एक दर्दनाक हादसे ने दो परिवारों को गहरे शोक में डुबो दिया। थल से डुंगरीगाड़ा जा रही एक ऑल्टो कार अचानक बेकाबू होकर 150 मीटर गहरी खाई में जा गिरी। इस हादसे में कार सवार पूर्व फौजी मोहन सिंह बसेड़ा (65) और चालक तुषार चौहान (25) की मौके पर ही मौत हो गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हादसा थल से करीब 9 किलोमीटर दूर मालाझूला के पास हुआ। बताया जा रहा है कि पूर्व फौजी मोहन सिंह शुक्रवार सुबह अपनी पेंशन लेने थल के बैंक गए थे। पेंशन लेकर लौटते वक्त, दोपहर करीब साढ़े तीन बजे, उनका वाहन अचानक खाई में जा गिरा। कार में सिर्फ दो ही लोग सवार थे मोहन सिंह और चालक तुषार चौहान…जो सानीखेत गांव के रहने वाले थे।
जैसे ही थल पुलिस को दुर्घटना की सूचना मिली थानाध्यक्ष प्रकाश चंद्र पांडे अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद दोनों शवों को खाई से निकालकर सड़क तक लाया गया। हादसे की खबर जैसे ही गांव में पहुंची पूरे डुंगरीगाड़ा और सानीखेत में शोक की लहर दौड़ गई। ग्रामीणों के मुताबिक मोहन सिंह बसेड़ा बेहद मिलनसार और अनुशासित व्यक्ति थे…जिन्होंने फौज से सेवा निवृत्ति के बाद भी गांव की सेवा में खुद को समर्पित किया हुआ था।
यह पहली बार नहीं है जब थल क्षेत्र में ऐसा कोई हादसा हुआ हो। तीन महीने पहले 15 जुलाई को मुवानी के पास एक बड़ा सड़क हादसा हुआ था…जिसमें एक ही गांव के आठ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी जिनमें छात्राएं, महिलाएं और एक मासूम बच्ची भी शामिल थीं।
थल-पिथौरागढ़ और थल-उडियारी बैंड मोटर मार्गों की हालत इन दिनों बेहद चिंताजनक बनी हुई है। बरसात के बाद सड़क के दोनों ओर घनी झाड़ियां उग आई हैं…जिससे सड़कें संकरी हो गई हैं और हर मोड़ पर दुर्घटना का डर बना हुआ है। ये दोनों सड़कें लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधीन आती हैं…लेकिन अभी तक इनकी साफ-सफाई को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।
जहां एक ओर सरकार सड़क सुरक्षा को लेकर लगातार दावे कर रही है वहीं जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर समय रहते इन सड़कों की सफाई कर दी जाती और रेलिंग या संकेतक लगाए जाते…तो शायद आज दो जानें बच सकती थीं।
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उत्तराखंड: पॉलिटेक्निक कॉलेज की लैब में भड़की आग, छात्राएं झुलसीं

पिथौरागढ़: राजकीय पॉलिटेक्निक मूनाकोट में मंगलवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब फार्मेसी लैब में प्रैक्टिकल के दौरान अचानक आग भड़क उठी। हादसे में दो छात्राएं झुलस गईं…जबकि एक छात्र धुएं के कारण बेहोश हो गया। घायलों को फौरन जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से एक छात्रा की गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल रेफर किया गया।
जानकारी के अनुसार कॉलेज में पहली बार फार्मेसी की पढ़ाई शुरू की गई है। मंगलवार सुबह करीब 10 बजे फार्मेसी के 12 छात्रों का प्रैक्टिकल चल रहा था। छात्राएं प्रियंका ओली, सिमरन दिगारी और छात्र निखिल कुमार एक ग्रुप में काम कर रहे थे। प्रैक्टिकल के दौरान जब एक छात्रा ने स्पिरिट लैंप में इथेनॉल डाला, तभी अचानक आग की लपटें उठने लगीं।
प्रियंका और सिमरन आग की चपेट में आ गईं, जबकि निखिल को धुएं की वजह से सांस लेने में दिक्कत होने लगी। हादसे के बाद लैब में अफरा-तफरी मच गई। कॉलेज स्टाफ ने तुरंत आग बुझाई और घायलों को निजी वाहन से जिला अस्पताल पहुंचाया।
डॉक्टरों के मुताबिक, प्रियंका ओली का चेहरा और शरीर का ऊपरी हिस्सा मिलाकर लगभग 30 फीसदी तक झुलस चुका है। हालत गंभीर देखते हुए प्राथमिक उपचार के बाद उसे हल्द्वानी रेफर कर दिया गया। बाकी दो छात्र-छात्राओं की हालत अब स्थिर बताई जा रही है।
कॉलेज प्रशासन का कहना है कि छात्रा के हाथ में पहले से चोट थी इसलिए उसने लैब कोट नहीं पहना था। आम कपड़ों के संपर्क में आने से आग तेजी से फैल गई। हालांकि, समय रहते आग पर काबू पा लिया गया और छात्राओं को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया, जिससे बड़ा हादसा टल गया।
पॉलिटेक्निक कॉलेज मूनाकोट के प्राचार्य रवींद्र कुमार नरियाल ने कहा कि प्रैक्टिकल के दौरान लैब में आग लगी थी। तीनों विद्यार्थियों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। अब तीनों की स्थिति खतरे से बाहर है। घटना की जांच की जा रही है।
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