Crime
शिक्षा विभाग में पदोन्नति की फाइल गायब, 4 हजार से ज्यादा शिक्षकों की पदोन्नति लटकी…विभाग में मचा हडकंप,मुकदमा दर्ज।

देहरादून – तदर्थ पदोन्नति की अनुमति की फाइल गुम होने से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया गया। फाइल गुम होने से हजारों शिक्षकों की पदोन्नति लटक गई है। शासन और शिक्षा निदेशालय में फाइल नहीं मिल रही है। मामले में दोनों ने मुकदमा दर्ज कराया है। फाइल न मिलने से शिक्षकों की वरिष्ठता तय न होने से चार हजार से अधिक शिक्षकों की पदोन्नति लटक गई है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक, मामले में शिक्षा निदेशालय ने रायपुर थाने और शासन ने पलटन बाजार पुलिस चौकी में मुकदमा दर्ज कराया है।

शिक्षा विभाग में तदर्थ पदोन्नति और सीधी भर्ती के शिक्षकों की वरिष्ठता का विवाद बना हुआ है। राज्य लोक सेवा आयोग से चयनित सीधी भर्ती के प्रवक्ताओं के मुताबिक, वर्ष 2005-06 में उनकी नियुक्ति हुई थी। विभाग ने अगस्त 2010 में कुछ शिक्षकों को प्रवक्ता के पद पर मौलिक नियुक्ति दी, जिसमें कुछ शिक्षकों को बैक डेट से वरिष्ठता दे दी।
जिन शिक्षकों को वर्ष 2010 में मौलिक नियुक्ति मिली, वे शिक्षक उनसे वरिष्ठ हो गए। विभाग में हुए इस अन्याय के खिलाफ वह 2012 में हाईकोर्ट चले गए, जबकि तदर्थ पदोन्नति पाने वाले शिक्षकों का कहना है कि प्रवक्ता 50 प्रतिशत पदों पर सीधी भर्ती होती है, जबकि अन्य 50 प्रतिशत पद विभागीय पदोन्नति के पद हैं।
राज्य गठन के बाद राज्य लोक सेवा आयोग न होने से कुछ शिक्षकों को एलटी से प्रवक्ता के पद पर 2001 एवं विभिन्न वर्षों में तदर्थ पदोन्नति दी गई। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक, उत्तराखंड राज्य गठन के बाद शासन ने कुछ शिक्षकों को तदर्थ पदोन्नति की अनुमति दी थी। उस दौरान राज्य लोक सेवा आयोग न होने से ये पदोन्नतियां दी गई।
आयोग 2003 में बना था। जिस शासनादेश से तदर्थ पदोन्नतियां दी गई, वह शासनादेश और उसकी फाइल न शिक्षा निदेशालय में मिल रही और न ही शासन में। यही वजह है कि बीते दिनों इस मामले में शिक्षा निदेशालय और शासन की ओर से तदर्थ पदोन्नति की अनुमति की फाइल व आदेश गुम होने का मुकदमा कराया गया है।
शिक्षा विभाग में आयोग से चयनित वर्ष 2005 के प्रवक्ताओं का कहना है कि विभाग में वरिष्ठता के इस विवाद के चलते उन्हें पिछले 18 साल से एक भी पदोन्नति नहीं मिली।
विभाग ने कहा, शिफ्टिंग में खो गई फाइल
माध्यमिक शिक्षा निदेशक महावीर सिंह बिष्ट के मुताबिक, वर्तमान में जिस स्थान पर सचिवालय है, उस स्थान पर कभी शिक्षा निदेशालय और डायट था। शासन ने डायट को मयूर विहार में शिफ्ट कर दिया था। जिस पर डायट और निदेशालय मयूर विहार में चलने लगे। इसके बाद ननूरखेड़ा में शिक्षा निदेशालय का अपना भवन बन गया। इस तरह निदेशालय के एक से दूसरी जगह शिफ्ट होने से फाइल गुम हो गई।
Uttarakhand
बेटा निकला पिता की हत्या का मास्टरमाइंड, 30 लाख और स्कार्पियो में दी सुपारी

हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार से रिश्ते को शर्मशार करने वाली एक घटना सामने आयी है। जहाँ एक युवक ने अपने ही पिता की हत्या कर दी। आरोपी पहले मनगढ़ंत कहानी से पुलिस को गुमराह कर रहा था। सख्ती से पूछताछ करने पर जुर्म कबूल किया। पिता की करोड़ों की सम्पति के लालच में आरोपी बेटे ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया।
सम्पति के लालच में बेटे ने करवाई पिता की हत्या
दरअसल, 29 नवंबर की देर रात पुलिस कण्ट्रोल रूम को मृतक भगवान् सिंह के बेटे यशपाल ने एक सूचना दी थी। जिसमें उसने एक अज्ञात व्यक्ति द्वारा पिता की गोली मरकर हत्या करने की बात कही थी। उसने बताया कि, वो अपने पिता के साथ रोशनाबाद शादी में जा रहा था। जटवाड़ा पुल के करीब एक व्यक्ति ने लिफ्ट मांगी और कार में बैठते ही पिता को गोली मारकर मौके से फरार हो गया। सम्बंधित मामले की जाँच बहादराबाद थाना, रानीपुर कोतवाली और सीआईयू की संयुक्त टीमें कर रहीं थी।
सख्ती से पूछताछ के बाद कबूला जुर्म
एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने बताया कि जब पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर यशपाल से पूछताछ की तो वह अपने ही बयान बदलने लगा। शादी में किस दोस्त के यहां जाना था, इस पर भी वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। यहीं से शक की सुई बेटे की ओर घूम गई। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो बेटे के जवाब लगातार उलझते गए। आखिरकार वो टूट गया और उसने पिता की हत्या करवाने का जुर्म स्वीकार किया। उसने पुलिस को बतया कि पिता की हत्या उसी ने दोनों दोस्तों के साथ मिलकर करवाई है।
सम्पति के लालच में करवाई पिता की हत्या
पुलिस के अनुसार मृतक भगवान सिंह एयरफोर्स से सेवानिवृत थे। उनके पास करोड़ों की सम्पति थी, बेटे की गलत संगत और आदतों के चलते दोनों के बीच हमेशा विवाद की स्थिति बनी रहती थी। आरोपी यशपाल ने पिता पर कई बार संपत्ति अपने नाम कराने को लेकर दबाव बनाया था, लेकिन मृतक ने साफ मना कर दिया और उसे सम्पति से बेदखल करने तक की चेतावनी दी थी। इसी रंजिश के चलते बेटे ने बाप की हत्या की योजना बना कर अपने मंसूबों को अंजाम दिया।
30 लाख और एक स्कॉर्पियो के बदले दी हत्या की सुपारी
पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि यशपाल ने अपने दोस्त ललित मोहन उर्फ राजन और शेखर से बात कर पिता की हत्या के बदले 30 लाख और एक स्कॉर्पियो देने का सौदा तय किया था। तीनों ने 29 नवंबर की दोपहर नहर पटरी पर रेकी की और रात में वारदात को अंजाम दिया। रात करीब आठ बजे यशपाल अपने पिता को दोस्त की शादी का झांसा देकर कार में साथ ले गया। जटवाड़ा पुल से आगे बैराज के पास उसके साथी राजन और शेखर पहले से मौजूद थे। योजना के तहत यशपाल ने पिता से गाड़ी रुकवाई और खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया। इसी दौरान राजन को उसने दोस्त बताकर कार में बैठाया।
कार चलने के कुछ ही मिनट बाद राजन ने तमंचे से भगवान सिंह की कनपटी पर दो गोलियां मार दीं। वारदात के बाद राजन मौके से फरार हो गया। कुछ देर बाद बेटे ने घटना को अंजान बताकर 112 पर कॉल कर पुलिस को गुमराह किया। आरोपी यशपाल, ललित मोहन उर्फ राजन, शेखर को धर दबोचा। राजन की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा, एक खोखा कारतूस, वारदात के समय पहने कपड़े व जूते उसके किराये के कमरे से बरामद हुए।
Crime
पूर्व प्रधान के लोगों पर मजदूरों से मारपीट का आरोप, पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

हरिद्वार: बहादराबाद थाना क्षेत्र में पूर्व प्रधान के लोगों द्वारा मजदूरों से मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि पूर्व प्रधान के भतीजे और अन्य लोगों ने उनके साथ गली-गलौज कर लाठी डंडों से मारपीट की। नामजद आरोपी तमंचा लहराते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए।
पूर्व प्रधान के लोगों पर मजदूरों से मारपीट का आरोप
बहादराबाद थाना क्षेत्र के बढ़ेडी राजपूतान गांव निवासी सुल्तान ने पुलिस को तहरीर देते हुए बताया कि, बीती 26 नवंबर की शाम को वो और उसका पड़ोसी शकील मजदूरी कर अपने घर वापस जा रहे थे। जैसे ही दोनों गुडलक ढाबे के पास पहुंचे, तो रास्ते में ही गांव के पिंटू, चुन्नू, निक्की, सन्नी और विक्की ने उनका रास्ता रोककर उन्हें घेर लिया।
तमंचा दिखाकर जान से मारने की धमकी देने का आरोप
पीड़ित ने बताया कि, आरोपियों ने जान से मारने की नीयत से लाठी डंडों और लोहे की रॉड से उन पर जानलेवा हमला किया। आरोपियों ने कई जानलेवा वार भी किए हैं। मार-पीट होते देख राहगीरों की भीड़ मौके पर जमा हो गई, जिसके बाद आरोपी तमंचा लहराते हुए जान से मारने की धमकी देकर मौके से फरार हो गए।
पूर्व प्रधान के लोगों पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा
वहीं पीड़ितों ने पुलिस से जान की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए तहरीर देकर आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। बताया जा रहा है कि आरोपी पूर्व प्रधान के परिवार के लोग हैं। आरोप है कि बीते दिनों भी आरोपी कानून की धज्जियाँ उड़ाते हुए काफिला निकालकर हूटर बजा रहे थे।
पीड़ित की तहरीर के आधार पर पिंटू, चुन्नू, निक्की, सन्नी, विक्की निवासी बढ़ेड़ी राजपूतान के खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। जांच के बाद उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
-अंकुर शर्मा, प्रभारी निरीक्षक, बहादराबाद थाना-
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सेलाकुई में रिश्ते को शर्मशार करने वाला मामला, मौसा पर नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोप

देहरादून: सेलाकुई से रिश्ते को कलंकित करने वाला एक मामला सामने आया है। सगे मौसा पर नाबालिग बालिका से दुष्कर्म के आरोप लगे हैं। पुलिस ने आरोपी पर पॉक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर दिया है।
सगे मौसा पर यौन उत्पीड़न के आरोप
सेलाकुई के स्थानीय विद्यालय में जब एक नाबालिग बालिका चल नहीं पा रही थी और दर्द से कराह रही थी। तो उसकी सहेलियों ने इसका कारण पूछा जिसके बाद पीड़ित नाबालिग का दर्द छलका और मामला सामने आया।
आरोपी कई बार कर चुका है नाबालिग बालिका से दुष्कर्म
जिसके बाद अध्यापिका थाने पहुंची और पूरा मामला पुलिस को बताया। शुक्रवार को पुलिस ने आरोपी को क्षेत्र से गिरफ्तार कर आरोपी के खिलाफ दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। पीड़िता की मेडिकल जांच की प्रकिया चल रही है। पीड़िता ने बताया कि मौसा अक्तूबर महीने से कई बार उसके साथ गलत काम कर चुका था। किसी को बताने पर आरोपी नाबालिग बालिका को जान से मारने की धमकी भी देता है। डर के कारण उसने ये बात मौसी को भी नहीं बताई।
प्रदर्शन कर दुकान को बंद कराया, फ्लैक्स बोर्ड फाड़ा
आरोपी की गिरफ्तारी के बाद भी उसकी दुकान चल रही थी। विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने आरोपी की दुकान के बाहर प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ लोगों ने दुकान का फ्लैक्स बोर्ड गिराकर फाड़ दिया। दुकान में तोड़फोड़ की कोशिश की गई जिसकी सूचना मिलने पर मौके पहुंची पुलिस ने कार्यकर्ताओं और लोगों को शांत कराया।
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