Dehradun
देहरादून में 2024 नगर निकाय चुनाव के लिए कार्मिकों का रेंडमाइजेशन सम्पन्न !

देहरादून : स्थानीय नगर निकाय निर्वाचन-2024 के सफल सम्पादन हेतु आज जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी (स्थानीय) सविन बसंल की उपस्थिति में ऋषिपर्णा सभागार, कलेक्ट्रेट में कार्मिकों का प्रथम रेंडमाइजेशन सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर जनपद के 2 नगर निगम, 4 नगर पालिका परिषद और 1 नगर पंचायत के लिए कुल 1071 बूथों के लिए रिजर्व कार्मिकों सहित कुल 5888 कार्मिकों का रेंडमाइजेशन किया गया। इसमें नगर निगम देहरादून के 20 और नगर निगम ऋषिकेश के 5 पिंक बूथ भी शामिल हैं।
जिलाधिकारी सविन बसंल ने निर्देशित किया कि निर्वाचन हेतु नियुक्त कार्मिकों की सूचना संबंधित विभागाध्यक्ष को तुरंत दी जाए, ताकि उन्हें निर्वाचन ड्यूटी प्रशिक्षण हेतु कार्यमुक्त किया जा सके।
रेंडमाइजेशन के तहत नगर निगम देहरादून के 845 बूथ के लिए 1135 मतदान दल और 4540 कार्मिक, नगर निगम ऋषिकेश के 86 बूथ के लिए 118 मतदान दल और 472 कार्मिक, नगर पालिका परिषद डोईवाला के 59 बूथ के लिए 89 मतदान दल और 356 कार्मिक, नगर पालिका मसूरी के 30 बूथ के लिए 48 मतदान दल और 192 कार्मिक, नगर पालिका विकासनगर के 22 बूथ के लिए 35 मतदान दल और 140 कार्मिक, नगर पालिका हरिबर्टपुर के 14 बूथ के लिए 23 मतदान दल और 92 कार्मिक, और नगर पंचायत सेलाकुई के 15 बूथ के लिए 24 मतदान दल और 96 कार्मिकों का रेंडमाइजेशन किया गया।
इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी/उप जिला निर्वाचन अधिकारी अभिनव शाह, जिला सूचना विज्ञान अधिकारी रंजीत सिंह चौहान, जिला पर्यटन विकास अधिकारी सुषमा नौटियाल सहित अन्य संबंधित अधिकारी और कार्मिक उपस्थित थे।
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Dehradun
दून के तापस चक्रवर्ती को मिला प्रतिष्ठित साहित्य स्पर्श पुरस्कार, एक महीने में तीसरा सम्मान

देहरादून निवासी साहित्यकार तापस चक्रवर्ती को उनके नवीनतम यात्रा-वृत्तांत ‘हम्पी: उत्कर्ष से अपकर्ष तक’ के लिए प्रतिष्ठित साहित्य स्पर्श पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। तापस चक्रवर्ती को एक माह के भीतर ये तीसरा साहित्यिक सम्मान प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व उन्हें हाल ही में कादंबरी साहित्य सम्मान और उत्तराखंड सेल्यूट अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
दून के तापस चक्रवर्ती को मिला प्रतिष्ठित साहित्य स्पर्श पुरस्कार
साहित्य स्पर्श पुरस्कार लिटरेचरसलाइट पब्लिशिंग द्वारा प्रदान किए जाते हैं और द लिटरेचर टाइम्स द्वारा प्रायोजित किए जाते हैं। ये पुरस्कार विभिन्न विधाओं में एशिया के उत्कृष्ट लेखकों को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित करते हैं और कथा-वाचन की परंपरा को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ विविध और सशक्त साहित्यिक स्वरों को मंच प्रदान करने का उद्देश्य रखते हैं।
एक महीने में मिला तीसरा सम्मान
वर्तमान में तापस चक्रवर्ती केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर आयुक्तालय, देहरादून में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं और अब तक उनके पांच यात्रा-वृत्तांत प्रकाशित हो चुके हैं। वर्ष 2016 में उनके प्रथम यात्रा-वृत्तांत ‘रुक जाना नहीं’ को भारत सरकार द्वारा राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा, वर्ष 2018–19 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा उनकी कृति ‘मंदिरों का नगर: विष्णुपुर’ को राहुल सांस्कृत्यायन पर्यटन पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2024 में ओएनजीसी ने उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें ‘उत्तराखंड साहित्य सम्मान’ भी प्रदान किया।
कथा और पर्यटन का अनूठा संगम है ये पुस्तक
अपने यात्रा-वृत्तांत ‘हम्पी: उत्कर्ष से अपकर्ष तक’ में तापस चक्रवर्ती ने विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी के गौरवशाली इतिहास को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। इस कृति में हम्पी की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों, उनसे जुड़ी कथाओं और वहां की यात्रा के विविध अनुभवों को उन्होंने अत्यंत जीवंत और रोचक शब्दों में उकेरा है। ये यात्रा-वृत्तांत इतिहास, कथा और पर्यटन का एक अनूठा व सशक्त संगम प्रस्तुत करता है।
Uttarakhand
हरीश रावत ने रिवर्स पलायन को लेकर सरकार पर कसा तंज, कहा कि सरकार केवल सपने दिखा रही है

देहरादून: उत्तराखंड में Reverse Migration को बढ़ावा देने को लेकर सरकार के प्रयासों के बीच इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने Reverse Migration के मुद्दे पर धामी सरकार को घेरा लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल रिवर्स पलायन की बातें कर रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत इससे अलग है।
हरीश रावत का सरकार पर सीधा हमला
हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने लिखा कि सरकार उत्तराखंड वासियों को Reverse Migration का सपना दिखा रही है, लेकिन पहले लोगों को उनकी जमीन लौटाई जानी चाहिए। उनका कहना था कि लोग आसमान लेकर क्या करेंगे, जब उनके पास अपनी जमीन और संसाधन ही सुरक्षित नहीं हैं।
पलायन की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत
इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा पलायन को अधिक गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि आज डर और असुरक्षा के कारण लोग अपने गांव और घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि गुलदार, बाघ, हाथी, भालू, बंदर और लंगूर के साथ-साथ आवारा पशु और कुत्ते गांवों से लेकर कस्बों तक लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं। ऐसे हालात में रिवर्स पलायन की कल्पना व्यावहारिक नहीं लगती।
सरकार के प्रयास और Reverse Migration की अवधारणा
वहीं दूसरी ओर, हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिवर्स पलायन को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर जरुरी दिशा-निर्देश दिए थे। सरकार का मानना है कि वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में गांव खाली हुए हैं, जिन्हें दोबारा बसाने के लिए रोजगार और स्वरोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार का दवा कर रही है कि, गांवों में अवसर बढ़ाकर ही लोगों को वापस लौटने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
Crime
रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी, आरोपी जयपुर से गिरफ्तार

नैनीताल: उत्तराखंड में STF लगातार एक्शन मोड़ पर है। एसटीएफ ने एक रिटायर्ड अधिकारी से Digital Arrest का हवाला देकर 20 लाख रुपए की साइबर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साइबर ठगों ने तीन दिनों तक 80 वर्षीय बुजुर्ग को Digital Arrest रख कर धोखाधड़ी की। साइबर ठगों ने खुद को दिल्ली क्राईम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बताकर उनके आधार कार्ड से खोले गए एक बैंक खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन के बारे में बताया।
बुजुर्ग को Digital Arrest रखकर ठगे लाखों रूपए
दरअसल, नैनीताल निवासी बुजुर्ग ने दिसंबर 2025 में साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र, रुद्रपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। कि कुछ दिनों पहले साइबर ठगों ने फोन और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए यह झूठा दावा किया कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है और उनके नाम पर खुले एक बैंक खाते में करोड़ों रुपये का money laundering लेनदेन हुआ है। जांच के नाम पर बुजुर्ग को तीन दिनों तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर निगरानी में रखकर अलग-अलग खातों में कुल 20 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
पुलिस को चकमा देने के लिए बदलता रहा ठिकाने
शिकायत मिलने के बाद, STF और Cyber police टीम ने संबंधित बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का गहन सत्यापन किया। जांच में 19 वर्षीय महीम सिसौदिया, निवासी जयपुर, राजस्थान को चिन्हित किया गया। साइबर एएसपी कुश मिश्रा ने बताया कि आरोपी बेहद शातिर था और पुलिस से बचने के लिए लगातार अपनी पहचान और लोकेशन बदल रहा था। रकम निकालने के बाद आरोपी ने बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को स्विच ऑफ कर दिया था।
कई राज्यों में दर्ज हैं साइबर ठगी की शिकायतें
पुलिस ने जयपुर में उसके पते पर पहुंची लेकिन आरोपी वहाँ नहीं मिला। इसके बाद स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद नए पते पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जांच में ये भी पाया गया कि दिसंबर महीने में ही खाते से लाखों रुपये का लेनदेन हुआ था। आरोपी के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में टोटल 7 साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हैं, जिनके संबंध में संबंधित राज्यों से संपर्क किया जा रहा है।
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