Dehradun
कुमाऊं क्षेत्र में दुर्लभ ओनोस्मा पिरामिडल पौधा संकट में, संरक्षण के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत !

देहरादून: कुमाऊं क्षेत्र में पाए जाने वाले दुर्लभ जड़ी-बूटी वाले पौधे ओनोस्मा पिरामिडल को विकासात्मक गतिविधियों और अत्यधिक चराई के कारण गंभीर खतरा उत्पन्न हो गया है, जिससे उसकी सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। यह पौधा, जो लगभग 2,800 मीटर की ऊंचाई पर पनपता है, काली घाटी और मुनियालीखेत क्षेत्रों में पाया जाता है और इसका सीमित वितरण इसे विलुप्त होने के प्रति संवेदनशील बनाता है।
काली घाटी में चल रहे सड़क निर्माण जैसे विकास कार्य इस पौधे के निवास स्थान को खंडित कर रहे हैं, जिससे आनुवंशिक विविधता घट रही है और पर्यावरणीय बदलावों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ रही है। इसके अलावा, कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में चराई के कारण नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर अतिरिक्त दबाव बन रहा है, जिससे न केवल ओनोस्मा पिरामिडल बल्कि अन्य मूल प्रजातियां भी प्रभावित हो रही हैं।
यह पौधा अपनी लटकती, लाल रंग के फूलों के लिए प्रसिद्ध है, जो जुलाई और अगस्त के बीच खिलते हैं। इसके अलावा, यह बागवानी में उपयोग की क्षमता भी रखता है। वन अनुसंधान संस्थान के शोध सहयोगी मनोज सिंह ने इस पौधे के आवास की रक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, “यह पौधा जैव विविधता का एक आवश्यक हिस्सा है और इसकी दुर्लभता इसे मानवीय गतिविधियों से होने वाले खतरों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील बनाती है।”
ओनोस्मा पिरामिडल न केवल पारिस्थितिकीय महत्व रखता है, बल्कि इसके औषधीय गुण भी बेशकीमती हैं। इसका उपयोग ब्रोंकाइटिस, पेट दर्द, त्वचा की समस्याओं, बुखार, घावों और मूत्र संबंधी विकारों के उपचार के लिए किया जाता है। इसके फूलों को उत्तेजक और कार्डियोटॉनिक माना जाता है, जबकि इसकी जड़ों का उपयोग रंगाई और औषधीय तैयारियों में किया जाता है।
वनस्पति विज्ञान के प्रोफेसर ललित तिवारी ने कहा कि पौधे के संरक्षण के लिए स्थायी भूमि उपयोग प्रथाओं और स्थानीय समुदायों के माध्यम से जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है। मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने कहा, “ओनोस्मा पिरामिडल की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। वन विभाग इसके निवास स्थान का मानचित्रण करेगा, प्रसार तकनीक विकसित करेगा, और इसके अस्तित्व को सुनिश्चित करने के लिए इसे उसके प्राकृतिक वातावरण में फिर से पेश करेगा।”
इस प्रजाति का संरक्षण न केवल उत्तराखंड के पारिस्थितिकीय स्वास्थ्य के लिए, बल्कि हिमालयी पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। संरक्षण प्रयासों को मौजूदा आबादी की रक्षा करने, आवासों को बहाल करने, चराई को नियंत्रित करने और इस अद्वितीय पौधे के बारे में सार्वजनिक जागरूकता बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
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अंकिता भंडारी हत्याकांड : कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च, निष्पक्ष जांच की मांग उठाई
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Ankita Bhandari Murder Case : उत्तराखंड में वीआईपी को लेकर सियासी पारा हाई, निष्पक्ष जांच के लिए सड़कों पर उत्तरी कांग्रेस
DEHRADUN NEWS : उत्तराखंड में इन दिनों Ankita Bhandari Murder Case एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में आ गया है। पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी अभिनेत्री उर्मिला सनावर के ऑडियो और वीडियो जारी करने के बाद से ही उत्तराखंड में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस ने इस वीडियो को आधार बनाते हुए आरोप लगाया कि सरकार प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
Ankita Bhandari Murder Case निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कैंडल मार्च
इसी कड़ी में, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला ब्लॉक में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अंकिता को न्याय मिलना जरूरी है। कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। साथ ही कांग्रेस ने मांग की कि पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
यूथ कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
इसके साथ ही, अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी सड़कों पर दिखे। लैंसडाउन चौक के पास भाजपा महानगर कार्यालय की ओर कूच कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कनक चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिसके बाद कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेजा गया। ये प्रदर्शन प्रदेश उपाध्यक्ष स्वाति नेगी के नेतृत्व में हुआ।
भाजपा के बड़े नेता पर गंभीर आरोप
दरअसल, वायरल वीडियो में अभिनेत्री उर्मिला सनावर ने भाजपा के एक बड़े नेता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अंकिता भंडारी केस में एक कथित वीवीआईपी के शामिल होने की बात कही, जिसका नाम भी सार्वजनिक किया गया। वीडियो के सामने आने के बाद ये मामला तेजी से सुर्खियों में आ गया और कांग्रेस ने भाजपा पर सवालों की बौछार कर दी। वहीं, भाजपा नेताओं की ओर से भी इस पर प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं।
क्या है Ankita Bhandari Murder Case का पूरा मामला
गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल जिले के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 वर्षीय अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में काम करती थी। जिसकी हत्या के मामले में जांच के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और फिलहाल वे जेल में बंद हैं। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि जब तक मामले में कथित वीआईपी की निष्पक्ष जांच नहीं होती, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।
Crime
DEHRADUN : घर से भगाकर किशोरी को सहारनपुर ले गया आरोपी, दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज

DEHRADUN NEWS; पिता की दुकान से हुई थी दोनों की पहचान, बहला-फुसला कर सहारनपुर ले जाकर दुष्कर्म का आरोप
मुख्य बिंदु : DEHRADUN NEWS
DEHRADUN NEWS : नेहरू कॉलोनी थाना क्षेत्र में एक नाबालिग किशोरी को बहला-फुसलाकर घर से भगा ले जाने और उसके साथ दुष्कर्म करने का गंभीर मामला सामने आया है। मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को अजबपुर फ्लाईओवर के नीचे से पकड़ा गया, जबकि किशोरी को भी सुरक्षित बरामद कर लिया गया है।
पड़ोस से शुरू हुई पहचान, इंस्टाग्राम पर हुई बात
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी की उम्र 19 वर्ष है और उसके पिता इलाके में वैध (डॉक्टर ) के रूप में कार्य करते हैं। आरोपी भी अक्सर अपने पिता की दुकान पर बैठता था। इसी दौरान उसकी पहचान पास में रहने वाली 17 वर्षीय नाबालिग किशोरी से हुई। धीरे-धीरे दोनों के बीच बातचीत शुरू हो गई।
आईएसबीटी से सहारनपुर तक ले जाने का आरोप
आरोप है कि आरोपी ने अपने एक दोस्त के साथ मिलकर किशोरी को उसके घर के पास से बुलाया और उसे देहरादून आईएसबीटी ले गया। इसके बाद आरोपी किशोरी को बस में बैठाकर सहारनपुर ले गया। पुलिस के अनुसार आरोपी का दोस्त ही दोनों को आईएसबीटी तक छोड़ने गया था और बस में बैठाने में मदद की थी।
सहारनपुर ले जा कर दुष्कर्म करने का आरोप
पुलिस जांच में सामने आया है कि आरोपी और किशोरी के बीच इंस्टाग्राम पर बातचीत होती थी। जब इस बात की जानकारी किशोरी की मां को हुई तो उन्होंने बेटी को डांटा, जिसके बाद ऑनलाइन बातचीत बंद हो गई। पीड़िता के चाचा का कहना है कि इसके बाद आरोपी ने किशोरी को मिलने के लिए घर से बाहर बुलाया और उसे अपने साथ ले गया। किशोरी ने लौटने के बाद बताया कि वो घर जाना चाहती थी, लेकिन आरोपी उसे सहारनपुर ले गया।
POCSO ACT में मुकदमा दर्ज, आरोपी न्यायिक हिरासत में
थाना नेहरू कॉलोनी प्रभारी संजीत कुमार ने बताया कि 21 दिसंबर को परिजनों की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ POCSO ACT के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस टीम ने किशोरी को आरोपी के साथ अजबपुर फ्लाईओवर के नीचे से बरामद किया। जांच में ये भी सामने आया है कि आरोपी ने किशोरी को बहला-फुसलाकर सहारनपुर ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
Dehradun
ऑपरेशन कालनेमि के तहत बड़ी कार्रवाई, अब तक 511 गिरफ्तार, 724 मुकदमे दर्ज
Dehradun News : ऑपरेशन कालनेमि के तहत देवभूमि की अस्मिता से खिलवाड़ करने वालों पर सख़्त कार्रवाई की जा रही है। इसके तहत अब तक प्रदेश में 4,802 से अधिक लोगों का सत्यापन हो चुका है। जबकि 724 मुकदमे और 511 गिरफ्तारियां भी हुई हैं। इस दौरान अवैध रूप से रह रहे 19 बांग्लादेशी भी गिरफ्तार किए गए। जिसमें से 10 को डिपोर्ट कर दिया गया है जबकि 9 पर कार्रवाई जारी है।
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ऑपरेशन कालनेमि के तहत बड़ी कार्रवाई
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में उत्तराखंड सरकार देवभूमि की सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक अस्मिता की रक्षा के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री का स्पष्ट दृष्टिकोण है कि उत्तराखंड केवल एक भौगोलिक राज्य नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की आस्था, परंपरा और विश्वास का केंद्र है, और इसकी गरिमा से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा।
इसी नीति के तहत राज्य सरकार द्वारा धर्म और आस्था की आड़ में पाखंड, ठगी, अवैध गतिविधियों और संदिग्ध तत्वों के विरुद्ध “Operation Kalnemi” को 10 जुलाई से प्रदेशभर में प्रभावी रूप से लागू किया गया। इस अभियान का उद्देश्य देवभूमि की पवित्रता को बनाए रखते हुए कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ करना और जनता के विश्वास की रक्षा करना है।
हरिद्वार जिले में की गई सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां
Operation Kalnemi के अंतर्गत हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जैसे संवेदनशील जिलों में व्यापक स्तर पर सत्यापन और प्रवर्तन कार्रवाई की गई। हरिद्वार जिले में 3,091 व्यक्तियों का सत्यापन किया गया, जिनमें से 715 मामलों में अभियोग पंजीकृत किए गए तथा 305 व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया। ऊधमसिंहनगर जिले में 220 संदिग्ध व्यक्तियों के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करते हुए गंभीर मामलों में अभियोग दर्ज किए गए।
देहरादून में 206 लोग किए गए गिरफ्तार
देहरादून जिले में 1,711 व्यक्तियों का सत्यापन करते हुए 206 गिरफ्तारियाँ की गईं। 9 अभियोग पंजीकृत किए गए और 380 व्यक्तियों के विरुद्ध निरोधात्मक कार्रवाई की गई। इसके साथ ही अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों के विरुद्ध भी सख़्त कार्रवाई की गई।
अब तक 511 गिरफ्तार, 724 मुकदमे दर्ज
प्रदेश स्तर पर अब तक कुल 4,802 से अधिक व्यक्तियों का सत्यापन, 724 अभियोग पंजीकरण और 511 गिरफ्तारियां की गई हैं। इसके अतिरिक्त अवैध रूप से रह रहे 19 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें से 10 को डिपोर्ट किया जा चुका है, जबकि शेष मामलों में विधिक प्रक्रिया प्रचलित है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान किसी वर्ग या समुदाय के विरुद्ध नहीं, बल्कि कानून, व्यवस्था और देवभूमि की गरिमा की रक्षा के लिए है। आस्था का सम्मान किया जाएगा, लेकिन आस्था की आड़ में अपराध, पाखंड और धोखाधड़ी को किसी भी परिस्थिति में संरक्षण नहीं मिलेगा।
FAQs: Operation Kalnemi | Dehradun News
Q1. ऑपरेशन कालनेमि क्या है?
A. ऑपरेशन कालनेमि उत्तराखंड सरकार द्वारा शुरू किया गया विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य धर्म और आस्था की आड़ में होने वाले पाखंड, ठगी, अवैध गतिविधियों और संदिग्ध तत्वों पर कार्रवाई करना है।
Q2. ऑपरेशन कालनेमि की शुरुआत कब हुई?
A. इस अभियान को 10 जुलाई से पूरे उत्तराखंड में लागू किया गया है।
Q3. अब तक ऑपरेशन कालनेमि के तहत कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं?
A. प्रदेशभर में अब तक कुल 511 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।
Q4. कितने मुकदमे दर्ज किए गए हैं?
A. ऑपरेशन कालनेमि के तहत अब तक 724 मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
Q5. कितने लोगों का सत्यापन किया गया है?
A. तीन जिलों में अब तक 4,802 से अधिक लोगों का सत्यापन किया जा चुका है।
Q6. किन जिलों में सबसे ज्यादा कार्रवाई हुई है?
A. हरिद्वार, देहरादून और ऊधमसिंहनगर जिलों में व्यापक स्तर पर कार्रवाई की गई है, जिसमें हरिद्वार जिले में सबसे अधिक गिरफ्तारियां हुई हैं।
Q7. हरिद्वार जिले में कितनी कार्रवाई हुई?
A. हरिद्वार में 3,091 सत्यापन, 715 मुकदमे दर्ज और 305 गिरफ्तारियां की गई हैं।
Q8. देहरादून जिले में कितने लोग गिरफ्तार हुए?
A. देहरादून जिले में 206 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
Q9. क्या विदेशी नागरिकों पर भी कार्रवाई हुई है?
A. हां, अवैध रूप से रह रहे 19 बांग्लादेशी नागरिक गिरफ्तार किए गए हैं, जिनमें से 10 को डिपोर्ट किया जा चुका है।
Q10. क्या यह अभियान किसी विशेष समुदाय के खिलाफ है?
A. नहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि ये अभियान किसी समुदाय के खिलाफ नहीं, बल्कि कानून-व्यवस्था और देवभूमि की गरिमा की रक्षा के लिए है।
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