Dehradun
आंखों की गुस्ताखियां’ फिल्म की शूटिंग शुरू, विक्रांत मैसी, शनाया कपूर और अरुषि निशंक के साथ सेट पर पहुंचे सीएम धामी !

देहरादून: हाल ही में अभिनेता विक्रांत मैसी अपने एक बयान के कारण सोशल मीडिया पर सुर्खियों में आए थे। उन्होंने फिल्मों से ब्रेक लेने का ऐलान किया, जिससे उनके फैंस को बड़ा झटका लगा। सोशल मीडिया पर यह अफवाहें फैलने लगीं कि विक्रांत फिल्मी दुनिया को अलविदा कह रहे हैं। हालांकि, अब वह अपनी अगली फिल्म की शूटिंग के लिए देहरादून में दिखाई दिए। फिल्म “आंखों की गुस्ताखियां” में विक्रांत मैसी के साथ अभिनेत्री शनाया कपूर और उत्तराखंड की बेटी, प्रसिद्ध कथक नृत्यांगना और अभिनेत्री अरुषि निशंक अहम भूमिका में नजर आएंगी।
फिल्म का उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने किया, जो फिल्म के सेट पर मौजूद थे। फिल्म का निर्माण मिनी फिल्म्स द्वारा किया जा रहा है, और इसे संतोष सिंह द्वारा निर्देशित किया जा रहा है।
सेट पर मुख्यमंत्री धामी का स्वागत
निर्माताओं मंसी और वरुण बगला ने मुख्यमंत्री धामी का फिल्म सेट पर स्वागत किया और उन्हें फिल्म के दृष्टिकोण के बारे में जानकारी दी। निर्माता टीम ने बताया कि यह फिल्म प्रसिद्ध लेखक रस्किन बांड की कालातीत कहानी कहने की कला से प्रेरित है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “मुझे खुशी है कि मंसी और वरुण बगला जैसे युवा फिल्म निर्माता उत्तराखंड की सुंदरता को प्रदर्शित कर रहे हैं और एक कालातीत कहानी पेश कर रहे हैं जो प्रेम और मानव सहनशीलता का जश्न मनाती है।”
आरुषि निशंक ने किया अपने किरदार का खुलासा
अभिनेत्री आरुषि निशंक ने इस अवसर पर अपनी भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने फिल्म के निर्माता और निर्देशक की दृष्टिकोण की सराहना की। आरुषि ने मुख्यमंत्री धामी का भी धन्यवाद किया और राज्य में फिल्म निर्माताओं का समर्थन करने के उनके प्रयासों को सराहा।
उत्तराखंड की सुंदरता को प्रदर्शित करने का वादा
निर्माता मंसी और वरुण बगला ने उत्तराखंड की खूबसूरत लोकेशन्स और संस्कृति को फिल्म में दिखाने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जताई। बागला ने कहा, “हमने इस रोमांटिक फिल्म के लिए सही कलाकारों का चयन किया है। विक्रांत मैसी एक शानदार अभिनेता हैं, और शनाया कपूर के साथ उनकी केमिस्ट्री बेहद आकर्षक है। वहीं, आरुषि निशंक इस किरदार के लिए पूरी तरह उपयुक्त हैं।”
विक्रांत मैसी का ब्रेक बयान
विक्रांत मैसी ने हाल ही में फिल्मों से ब्रेक लेने के अपने बयान में कहा था, “अक्टिंग ही वह चीज है जो मैं कर सकता हूं, इससे ही मुझे सब कुछ मिलता है। लेकिन मेरी शारीरिक और मानसिक स्थिति अभी ठीक नहीं है, इसलिए मैं थोड़ा ब्रेक लेना चाहता हूं। मैं बेहतर काम करना चाहता हूं और अपने परिवार और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहता हूं। मेरी पोस्ट को गलत समझा गया था कि मैं रिटायर हो रहा हूं।”
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Dehradun
मसूरी में जिंदगी फंसी जाम में: इलाज से पहले टूटी सांसें, नहीं पहुंच पाया वक्त पर अस्पताल

मसूरी: दिल्ली से मसूरी घूमने आए छह पर्यटकों के दल में शामिल 62 वर्षीय बुजुर्ग की इलाज से पहले ही मौत हो गई। बताया गया कि अचानक तबीयत बिगड़ने पर जब परिजन उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे, तब पौन घंटे तक सड़क जाम में फंसे रहे। समय पर इलाज न मिलने से उनकी मौत हो गई।
मृतक की पहचान दिल्ली निवासी कमल किशोर टंडन के रूप में हुई है, जो अपने रिश्तेदारों के साथ लाइब्रेरी क्षेत्र में ठहरे थे। परिवार के सदस्य अर्जुन कपूर ने बताया कि बृहस्पतिवार को बारिश और ठंड के कारण कमल किशोर की तबीयत अचानक बिगड़ गई — संभवतः हार्ट अटैक आया था।
परिवार ने तत्काल एंबुलेंस के लिए कॉल किया, लेकिन देहरादून से एंबुलेंस आने में समय लगने के कारण वे खुद उन्हें वाहन में लेकर अस्पताल के लिए रवाना हुए। लेकिन किंग्रेग मार्ग, गांधी चौक और मोतीलाल नेहरू रोड पर भारी ट्रैफिक जाम में पौन घंटे तक फंसे रहे। जब तक वे अस्पताल पहुंचे, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
परिजनों का आरोप है कि मसूरी जैसे पर्यटन स्थल पर आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं और मेडिकल सुविधा का अभाव है। उन्होंने सुझाव दिया कि सभी होटलों में बेसिक मेडिकल किट उपलब्ध होनी चाहिए और प्रशासन को स्थानीय स्वास्थ्य सेवाओं का प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
परिजनों ने यह भी बताया कि पुलिस ने उनकी मदद की, लेकिन जाम इतना ज़्यादा था कि स्थिति नियंत्रण में नहीं आई। स्थानीय लोगों का कहना है कि पर्यटन सीज़न में भारी वाहनों को किंग्रेग से ऊपर नहीं आने देना चाहिए। कोतवाल संतोष कुंवर का कहना है कि सभी चौराहों पर पुलिसकर्मी तैनात हैं, लेकिन उन्हें इस विशेष घटना की जानकारी नहीं है
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उत्तराखंड बना बारिश का पसंदीदा ठिकाना, हिमाचल, कश्मीर और दिल्ली से ज्यादा होती है वर्षा

देहरादून: ऐसा लगता है कि मेघों को उत्तराखंड बेहद पसंद है। मौसम विज्ञान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड में पड़ोसी राज्यों हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तुलना में हर साल अधिक बारिश दर्ज की जाती है।
राज्य में वार्षिक औसत वर्षा 1477.6 मिमी है, जो कि हिमाचल (1245.1 मिमी), जम्मू-कश्मीर व लद्दाख (1232.3 मिमी), पश्चिमी उत्तर प्रदेश (765.3 मिमी), पंजाब (565.5 मिमी) और दिल्ली-हरियाणा-चंडीगढ़ क्षेत्र (527.1 मिमी) से कहीं अधिक है।
राज्य की राजधानी देहरादून में तीन जून को 23.2 मिमी, चार को 7.8 मिमी और पांच जून को 0.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। इस लगातार हो रही बारिश के कारण गर्मी से कुछ हद तक राहत महसूस की गई है।
मौसम विभाग के निदेशक विक्रम सिंह के अनुसार, उत्तराखंड में मानसून के दौरान औसतन 1162.7 मिमी बारिश होती है, जिसमें जुलाई और अगस्त सबसे ज्यादा भीगे हुए महीने रहते हैं। उन्होंने बताया कि बंगाल की खाड़ी की शाखा उत्तराखंड में अधिक प्रभावी होती है, जिससे यहां अधिक बारिश होती है।
मौसम विभाग ने 1989 से 2018 के बीच दैनिक वर्षा आंकड़ों का विश्लेषण कर बताया कि कई जिलों में वर्षा के पैटर्न में बदलाव आया है।
नैनीताल, रुद्रप्रयाग, चमोली और बागेश्वर में वार्षिक वर्षा में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है।
वहीं पौड़ी जिले में मानसून और वार्षिक वर्षा में कमी दर्ज की गई है।
पिछले 26 वर्षों में उत्तराखंड में केवल तीन बार औसत से अधिक बारिश हुई है वर्ष 2000, 2007 और 2010 में। वहीं छह बार न्यूनतम और 18 बार सामान्य बारिश रिकॉर्ड की गई।
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चारधाम और वैष्णो देवी यात्रा से लौटे श्रद्धालु निकले कोरोना पॉजिटिव, एक ही दिन में सात नए मामले, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर

देहरादून: अब प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। वर्तमान में सभी सात सक्रिय मरीज घर पर ही आइसोलेट किए गए हैं। उत्तराखंड में कोरोना एक बार फिर से पैर पसारने लगा है। शुक्रवार को कोरोना वायरस के इस सीजन के सबसे अधिक मामले सामने आए। एक ही दिन में सात मरीजों में वायरस की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं।
शुक्रवार को सामने आए कोरोना के सात मरीजों में तीन ऐसे हैं, जो चारधाम और वैष्णो देवी की यात्रा कर लौटे थे। जानकारी के मुताबिक देहरादून के रायपुर क्षेत्र में सामने आया कोरोना का मरीज हाल ही में बदरीनाथ धाम की यात्रा कर लौटा था। सहसपुर निवासी मरीज केदारनाथ धाम से वापस आया था।
इन मरीजों में कोरोना के लक्षण मिलने पर आरटीपीसीआर जांच कराई गई थी। इसके अलावा चकराता रोड निवासी एक मरीज 25 मई को वैष्णो देवी से वापस आया था। इसके बाद उसकी तबीयत बिगड़ गई थी। उधर, चार अन्य मरीज भी कोरोना वायरस की चपेट में आए हैं।
डॉ. आर राजेश कुमार स्वास्थ्य सचिव उत्तराखंड :अब तक सामने आए कोरोना के ज्यादातर मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। मौजूदा समय में कोरोना के सिर्फ सात मरीज ही सक्रिय हैं। अभी तक किसी भी मरीज में वायरस के गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले हैं। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।
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