देहरादून: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर ढालीपुर नदी के किनारे 31 मार्च को 13 गौवंशों के अवशेष पाए जाने के बाद दोनों राज्यों में हड़कंप मच गया। घटना के बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और इस जघन्य अपराध में लिप्त आरोपियों को पकड़ने के लिए संयुक्त प्रयास किए।
घटना का विवरण: मोरी ब्लॉक के ढालीपुर नदी के किनारे गायों के अवशेष मिलने से हिंदू संगठनों में भारी रोष था। यह जानकारी मिलने पर एसएसपी देहरादून ने घटनास्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। विकासनगर कोतवाली में घटना की सूचना दी गई और जांच शुरू की गई।
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के पुरूवाला थाने में भी संबंधित रिपोर्ट दर्ज की गई। इसके बाद दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों के बीच समन्वय बढ़ाकर इस मामले में तेजी से कार्रवाई की गई।
गिरफ्तारी और उपकरणों की बरामदगी: सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर से मिली जानकारी के आधार पर, 1 अप्रैल को पुलिस ने घटनास्थल के पास से 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया। साथ ही सिरमौर पुलिस ने दो और आरोपियों को पकड़ा। आरोपियों के पास से गौवशों की हत्या में प्रयुक्त उपकरण जैसे चापड़, खुखरी, और पशु कटान के उपकरण बरामद हुए हैं।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे हिमाचल और उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में लावारिस गौवंशों को चुराकर उनका अवैध रूप से कटान करते थे और गौमांस बेचकर मुनाफा कमाते थे। आरोपियों के अनुसार, 31 मार्च को भी यमुनानदी के पास गौवशों की हत्या कर उनके अवशेष फेंक दिए थे।
सुरक्षा और कार्रवाई: घटना की संवेदनशीलता को देखते हुए दोनों राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने आपसी समन्वय से गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए। पुलिस ने आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद उनके द्वारा की गई अन्य गौकशी घटनाओं के बारे में भी जानकारी प्राप्त की है।
पुलिस की अपील: पुलिस ने कहा कि इस प्रकार के जघन्य अपराधों में लिप्त व्यक्तियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दोनों राज्यों के पुलिस बलों का समन्वित प्रयास जारी रहेगा और अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।