देहरादून: उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन मुफ्ती शमून काजमी ने आज संसद में पेश होने वाले वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह विधेयक न केवल मुसलमानों के अधिकारों की रक्षा करेगा, बल्कि वक्फ संपत्तियों के सही उपयोग को सुनिश्चित करेगा। मुफ्ती काजमी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वतंत्रता के बाद कांग्रेस ने वक्फ संपत्तियों में हेराफेरी की और मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। उन्होंने यह भी कहा कि 60 वर्षों तक कांग्रेस ने मुसलमानों के बीच भ्रांति फैलाई और वक्फ संपत्तियों का गलत इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप गरीबों को कभी उनका हक नहीं मिला।
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन शादाब शम्स ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि इस विधेयक को ‘उम्मीद’ के नाम से जाना जाएगा, क्योंकि यह गरीब मुसलमानों के लिए एक सकारात्मक कदम है। शादाब शम्स ने केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू को ‘उम्मीद की किरण’ बताया और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने यह स्पष्ट किया है कि वह गरीब मुसलमानों को मुख्यधारा में लाएंगे।
शादाब शम्स ने आरोप लगाया कि विपक्षी दलों ने पिछले 70 वर्षों में वक्फ संपत्तियों का दुरुपयोग किया और गरीबों के हक को छीन लिया। उन्होंने कहा कि अब यह समय है जब मोदी सरकार गरीब मुसलमानों को उनका हक दिलाएगी। साथ ही, उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए कहा कि जो लोग इस विधेयक का विरोध कर रहे हैं, वे असल में मुसलमान नहीं हैं, बल्कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, आप और अन्य राजनीतिक दलों के समर्थक हैं, जो वक्फ लाभार्थी हैं और इस विधेयक के खिलाफ अपनी राजनीतिक चालें चल रहे हैं।
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