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चीन में छोटे बच्चों में फ़ैल रही बीमारी, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सभी देशों को किया अलर्ट, प्रदेश में भी गाइडलाईन हुई जारी।

देहरादून – चीन में छोटे बच्चों में सांस से संबंधित बीमारी माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सभी देशों को अलर्ट जारी किया है। जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार ने भी देश के सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए हैं। केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों के बाद उत्तराखंड सरकार भी सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने इसको लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं। गाइडलाईन में साफ निर्देश किया गया है कि बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों पर विशेष निगरानी रखी जाए।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि चीन में बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य में सर्विलांस बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के लिए निर्देश दिए गये हैं। इसको लेकर विस्तृत गाईडलाइन जारी कर दी गई है। राज्य के सभी जिला अधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि अपने-अपने जनपद में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू रोगियों के उपचार के लिए आईसोलेशन बेड/वार्ड, ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर की प्रयाप्त मात्रा में व्यवस्था की जाये।

स्वास्थ्य विभाग उत्तराखंड द्वारा जारी की गई गाईडलाइन
सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS-CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों से बचाव एवं नियंत्रण विषयक।
वर्तमान में चीन देश में सीजनल इन्फ्लुएंजा, मायकोप्लाज्मा निमोनिया, SARS- CoV-2 आदि श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगियों (विशेषकर बच्चों में) की संख्या में निरंतर वृद्धि दर्ज की जा रही है। आगामी माहों में शीत ऋतु के आगमन के साथ ही विभिन्न श्वसन तंत्र सम्बंधित रोगों यथा कोविड-19, सीजनल इन्फ्लूएंजा (H1N1, H3N2) एवं Influenza like Illness (ILI) व Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के प्रसारण की संभावना भी बढ़ जाती है। इसी कम में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा DO No. T- 18015/80/2023-IDSP (Pt.1) दिनांक 25.11.2013 प्रेषित किया गया है। अतः उपरोक्तानुसार इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगों की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए निम्नलिखित दिशा-निर्देशों का जनपद स्तर पर अनुपालन करना सुनिश्चित करें।
1- भारत सरकार द्वारा प्रदत दिशा निर्देश “Operational guidelines for revised surveillance strategy in context of COVID-19” (संलग्न) का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए।
2 -सभी चिकित्सालयों में इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोगियो के उपचार हेतु पर्याप्त आईसोलेशन बेड/वार्ड, आक्सीजन बेड, आई०सी०यू० बेड, वेंटिलेटर, आक्सीजन सिलेण्डर इत्यादि की व्यवस्था सुनिश्चित रखें।
3 – समस्त चिकित्सालयों (मेडिकल कॉलेज/जिला/बेस/संयुक्त/ सी०एच०सी०/पी०एच०सी० स्तर तक) में आवश्यक औषधियों (Oseltamivir Cap./Syp., /antibiotics etc), सामग्री (PPE, N-95 Mask, VTM etc) की उपलब्धता एवं चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित रखी जाये।
4 – चिकित्सालय एवं समुदाय स्तर पर Influenza like Illness (ILI)/Severe Acute Respiratory Illness (SARI) के लक्षणों वाले रोगियों की सघन निगरानी की जाये। उक्त सभी रोगियों का विवरण अनिवार्य रूप से आई०डी०एस०पी० के अंतर्गत Integrated Health Information Platform (IHIP) पोर्टल में प्रविष्ट किया जाये।
5 – SARI के लक्षणों से ग्रसित रोगियों के Nasal & Throat Swab samples जांच हेतु निकटवर्ती मेडिकल कॉलेज जांच केन्द्रों में संदर्भित किये जायें।
6 – समुदाय स्तर पर यदि किसी जगह ILI/SARI केस की क्लस्टरिंग मिलती है तो वहां पर जांच सुविधा की उपलब्धता एवं त्वरित नियन्त्रण एवं रोकथाम कार्यवाही की जाये।
7 – आई०डी०एस०पी० कार्यकम के अर्न्तगत गठित रैपिड रेस्पान्स टीम को इन्फ्लुएंजा / निमोनिया रोग से होने वाली किसी भी असामान्य स्थिति की निरन्तर मॉनिटरिंग तथा नियन्त्रण हेतु त्वरित कार्यवाही हेतु निर्देश दिये जायें।
8 – इन्फ्लुएंजा / निमोनिया सम्बंधित रोगों के संचरण से बचाव हेतु आम जनमानस में जागरूकता हेतु विभिन्न माध्यमों से व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये
1 – बच्चों एवं बुर्जुगों तथा किसी अन्य गम्भीर रोग से ग्रसित लोगों में विशेष सावधानी बरती जाये।
2 – छींकते या खांसते समय नाक और मुंह को ढकने के लिए रुमाल / टिश्यू का इस्तेमाल करना।
3 – साबुन पानी से हाथों को स्वच्छ रखना।
4 – सार्वजनिक स्थानों पर थूकने से परहेज करना।
5- ILI/SARI के लक्षण होने पर चिकित्सकीय परामर्श लेना तथा चिकित्सकीय परामर्श पर ही औषधि का सेवन करना।
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मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को उत्तराखंड में राज्य स्तरीय भूकंप मॉक ड्रिल होगी आयोजित

देहरादून: मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर 15 नवंबर को भूकंप तथा भूकंप के प्रभाव से उत्पन्न होने वाली अन्य आपदाओं का प्रभावी तरीके से सामना करने तथा विभिन्न रेखीय विभागों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। बुधवार को सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर ओरिएंटेशन तथा कोऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया। इस दौरान सभी जनपदों को मॉक ड्रिल के आयोजन को लेकर विभिन्न पहलुओं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया गया।
सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने बताया कि मुख्यमंत्री ने भूकंप पर राज्य स्तरीय मॉक ड्रिल कराने तथा विभिन्न रेखीय विभागों तथा केंद्र सरकार की एजेंसियों के बीच समन्वय की कड़ी को मजबूत करने, भूकंप तथा इससे जुड़ी अन्य आपदाओं के दौरान राहत और बचाव कार्यों को प्रभावी तरीके से संचालित करने, संसाधनों को बेहतर से बेहतर उपयोग हो, यह सुनिश्चित करने के लिए राज्य स्तरीय मॉक अभ्यास आयोजित करने के निर्देश दिए थे।
उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए ने मॉक ड्रिल को लेकर तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं।
12 नवंबर को टेबल टॉप एक्सरसाइज आयोजित की जाएगी तथा 15 नवंबर को राज्य के सभी 13 जनपदों में मॉक ड्रिल का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल का आयोजन आईआरएस यानी त्वरित प्रतिक्रिया प्रणाली के अंतर्गत किया जाएगा। उन्होंने बताया कि टेबल टॉप एक्सरसाइज में सभी जनपद अपनी तैयारियों के साथ ही संसाधनों की उपलब्धता, उनकी तैनाती, मॉक ड्रिल के लिए अपनी योजना के बारे में बताएंगे।
बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, यूएलएमएमसी के निदेशक डॉ. शांतनु सरकार, डॉ बिमलेश जोशी तथा यूएसडीएमए, यूएलएमएमसी तथा यू-प्रिपेयर के अधिकारी तथा विशेषज्ञ आदि मौजूद थे।
सभी जनपदों के अधिकारी तथा विभिन्न संस्थानों के विशेषज्ञ ऑनलाइन बैठक में शामिल हुए।
भूकंप के लिहाज से संवेदनशील है राज्य-सुमन
सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने बताया कि उत्तराखण्ड भूकंप के दृष्टिकोण से संवेदनशील राज्य है। सभी जनपद जोन 04 व 05 में आते हैं। इसलिए भूकंप से निपटने के लिए न सिर्फ सरकार व शासन-प्रशासन के स्तर पर बल्कि समुदाय स्तर पर भी प्रभावी प्रतिक्रिया जरूरी है ताकि भूकंप के प्रभावों को कम किया जा सके। उन्होंने बताया कि यूएसडीएमए भूकंप चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। आईआईटी रुड़की के साथ मिलकर सायरन तथा सेंसरों की संख्या बढ़ाई जा रही है। भूदेव एप विकसित किया गया है, जो पांच से अधिक की तीव्रता का भूकंप आने पर मोबाइल फोन में अलर्ट भेज देगा।
इवैकुएशन प्लान पर भी होगी रिहर्सल.
भूकंप आने की स्थिति में लोगों को किस प्रकार रेस्क्यू किया जाएगा, निर्धारित रूट्स, ट्रांसपोर्ट संसाधनों और सुरक्षित ठिकानों को चिन्हित किया जाएगा। लोगों की सुविधा के लिए नक्शों/चार्ट्स पर स्पष्ट मार्गदर्शन के अलावा बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों, दिव्यांगों के लिए रेस्क्यू की प्रभावी योजना बनाई जाएगी।
राहत शिविरों की व्यवस्थाओं को परखा जाएगा
मॉक अभ्यास के दौरान राहत शिविरों की स्थापना की जाएगी। वहां बिजली, पानी, भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, शिशु आहार के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए समुचित व्यवस्थाएं सुनिश्चित करते हुए रियल टाइम में उन्हें परखा जाएगा। महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस तथा होमगार्ड के जवानों की तैनाती भी राहत शिविरों में की जाएगी।
मॉक ड्रिल से परखी जाएंगी जनपदों की तैयारियां-स्वरूप
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-प्रशासन आनंद स्वरूप ने भूकंप पर आयोजित होने जा रही मॉक ड्रिल के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि मॉक अभ्यास का उद्देश्य भूकंप से निपटने के लिए जनपदों की तैयारियों का परीक्षण करना, विभिन्न विभागों के बीच समन्वय और प्रतिक्रिया क्षमता को परखना तथा मजबूत करना, राहत एवं बचाव उपकरणों की उपलब्धता और उपयोगिता की जांच करना, राहत शिविर संचालन तथा वहां भोजन, पानी, स्वास्थ्य सुविधा को परखना, चेतावनी तंत्र की प्रभावशीलता का परीक्षण करना, संवेदनशील क्षेत्रों की पूर्व निर्धारित निकासी योजना का अभ्यास करना तथा समुदायों की सहभागिता और उनकी प्रतिक्रिया को मजबूत बनाना है।
जनपदों में अलग-अलग परिदृश्यों पर होगी ड्रिल-नेगी
अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी-क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी ने बताया कि बहुमंजिला इमारत के ढहने के बाद लोगों का रेस्क्यू, कॉलेज/स्कूल भवन के क्षतिग्रस्त होने से बच्चों तथा शिक्षकों की सुरक्षित निकासी, पुल व फ्लाईओवर का ढहना, बांध की विफलता से उत्पन्न बाढ़ के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, अपार्टमेंट, शॉपिंग मॉल से लोगों की सुरक्षित निकासी, औद्योगिक क्षेत्र में कैमिकल रिसाव के उपरांत राहत एवं बचाव कार्य, ग्लेशियर झील का फटना, रेलवे ट्रेक क्षतिग्रस्त होना, भूस्खलन आदि परिदृश्यों पर मॉक अभ्यास का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि रात्रि के समय भूकंप आने पर किस प्रकार प्रभावी तरीके से राहत एवं बचाव कार्य किए जा सकते हैं, इस पर भी रात्रि के समय मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी।
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उत्तराखंड विधानसभा में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के स्वागत और दो दिवसीय विशेष सत्र की तैयारियों के लिए उच्चस्तरीय बैठक

देहरादून: आगामी दो दिवसीय विशेष सत्र के सफल एवं सुव्यवस्थित संचालन के उद्देश्य से आज उत्तराखंड विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में राज्य शासन के सभी संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों, पुलिस प्रशासन, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, चिकित्सा, ऊर्जा, पेयजल, लोक निर्माण, परिवहन तथा विधानसभा सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।
बैठक में आगामी विशेष सत्र के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विधानसभा आगमन से संबंधित तैयारियों, सुरक्षा प्रोटोकॉल एवं अन्य व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। विधानसभा अध्यक्ष ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि राष्ट्रपति जी के आगमन एवं सत्र के आयोजन के दौरान किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए तथा सभी व्यवस्थाएं निर्धारित समयसीमा के भीतर पूर्ण की जाएं। उन्होंने कहा कि यह सत्र उत्तराखंड के लिए ऐतिहासिक होगा, क्योंकि इसमें राज्य निर्माण के 25 वर्षों की विकास यात्रा पर व्यापक चर्चा की जाएगी। इस अवसर पर प्रदेश के विकास की उपलब्धियों, चुनौतियों और भविष्य की योजनाओं पर सार्थक विमर्श होगा।
बैठक में यह निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति के आगमन एवं संबोधन के दौरान सुरक्षा व्यवस्था, मीडिया कवरेज, फोटोग्राफी एवं वीडियोग्राफी की सूची पूर्व निर्धारित की जाएगी। इस कार्य के लिए शासन एवं विधानसभा सचिवालय के अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है। विधानसभा परिसर में प्रवेश, आवागमन एवं बैठक की समस्त गतिविधियों के लिए विशेष पास प्रणाली लागू की जाएगी। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को मीडिया प्रतिनिधियों की सूची निर्धारित कर 31 अक्टूबर तक विधानसभा सचिवालय को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि राष्ट्रपति के संबोधन के समय विधानसभा परिसर में शांति, सुरक्षा एवं अनुशासन का विशेष ध्यान रखा जाएगा। उन्होंने संबंधित विभागों को यह भी निर्देश दिया कि मीडिया और प्रशासन के बीच समन्वय बनाए रखें ताकि राष्ट्रपति जी के आगमन के दौरान सभी प्रोटोकॉल का पूर्णतः पालन हो सके। बैठक में विधानसभा भवन परिसर की साफ-सफाई, सौंदर्यीकरण, अग्निशमन, जल एवं विद्युत आपूर्ति, अतिथियों के स्वागत, बैठने की व्यवस्था, यातायात नियंत्रण और चिकित्सा सुविधा जैसी व्यवस्थाओं की समीक्षा की गई।
विधानसभा अध्यक्ष ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि विधानसभा भवन के आस-पास के क्षेत्रों की सफाई, उद्यानों का सौंदर्यीकरण, फूलों की सजावट एवं प्रकाश व्यवस्था को प्राथमिकता के साथ पूर्ण किया जाए। अग्निशमन विभाग को सतर्क मोड में रहने तथा आपातकालीन स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया दल तैयार रखने के निर्देश दिए गए। चिकित्सा विभाग को विधानसभा परिसर में एक पूर्ण चिकित्सा दल, प्राथमिक उपचार कक्ष, आवश्यक दवाइयाँ और एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कहा गया। ऊर्जा विभाग को निर्बाध विद्युत आपूर्ति तथा बैकअप जनरेटर की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए। जल संस्थान एवं नगर निगम को स्वच्छ पेयजल और सीवरेज व्यवस्था के लिए निर्देशित किया गया।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राष्ट्रपति के संबोधन के दौरान शासन एवं विधानसभा सचिवालय के मीडिया प्रकोष्ठ द्वारा अधिकृत फोटोग्राफर एवं वीडियोग्राफर की सूची तैयार की जाएगी। इस दौरान मीडिया की रिकॉर्डिंग एवं सीधा प्रसारण (लाइव कवरेज) की व्यवस्था सूचना विभाग द्वारा की जाएगी। लोक संपर्क विभाग, दूरदर्शन, आकाशवाणी एवं विधानसभा सचिवालय के मीडिया अधिकारी समन्वय में रहेंगे ताकि कार्यक्रम का सुनियोजित और गरिमामय प्रसारण सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक के समापन पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी भूषण ने सभी अधिकारियों से आह्वान किया कि वे आपसी समन्वय एवं पूर्ण तत्परता के साथ कार्य करें, ताकि यह विशेष सत्र शांतिपूर्ण, अनुशासित और ऐतिहासिक रूप से संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की 25 वर्षों की विकास यात्रा केवल समीक्षा का अवसर नहीं बल्कि आने वाले वर्षों के लिए नई दिशा तय करने का भी माध्यम बनेगी। उन्होंने कहा कि इस सत्र के दौरान जनहित एवं राज्य के विकास से जुड़े महत्वपूर्ण विषयों पर गंभीर, सार्थक और सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए और यही यही सभी का साझा उद्देश्य होना चाहिए।
बैठक में उत्तराखंड शासन के मुख्य सचिव आनंद वर्धन, पुलिस महानिदेशक दीपम सेठ, एडीजी अभिनव कुमार, गृह सचिव शैलेश बगौरी, स्वास्थ्य सचिव आर. राजेश कुमार, एसएसपी देहरादून अजय सिंह, पेयजल निगम के हेड संजय सिंह, डीजी हेल्थ डॉ. सुनीता शर्मा,विधानसभा सचिव प्रभारी हेम चंद पंत, वोएसडी अशोक शाह स्थित सूचना विभाग के अधिकारी सहित विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
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उत्तराखंड की झांकी ‘अष्ट तत्त्व और एकत्व’ गुजरात के स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परेड में प्रदर्शित होगी

देहरादून: लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर गुजरात के एकता नगर में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के सामने आगामी 31 अक्टूबर को आयोजित होने वाली परेड में उत्तराखण्ड राज्य की झांकी ‘अष्ट तत्त्व और एकत्व’ प्रदर्शित की जाएगी।
इस झांकी के माध्यम से देवभूमि उत्तराखण्ड के आध्यात्मिक और प्राकृतिक वैभव के साथ ही सांस्कृतिक और प्रगतिशील विकास के विभिन्न आयाम दर्शाए जाएंगे। एकता दिवस के मुख्य समारोह में राज्य के लोक कलाकार उत्तराखण्ड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम पेश करेंगे।

सूचना विभाग उत्तराखण्ड के महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के सामने आयोजित राष्ट्रीय स्तर के मुख्य समारोह में उत्तराखण्ड को भाग लेने का गौरव प्राप्त हुआ है। गृह मंत्रालय, भारत सरकार की विशेषज्ञ समिति द्वारा कई दौर की समीक्षा और परीक्षण के बाद देश के चुनिंदा आठ राज्यों के साथ उत्तराखण्ड की झांकी का अंतिम रूप से चयन किया गया।
राज्य की झांकी ‘अष्ट तत्त्व और एकत्व’ में आठ तत्त्वों की समरसता और एकता की भावना का प्रतीक दिखाया जाएगा। इसमें उत्तराखण्ड के धार्मिक स्थल, प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक समृद्धि और सतत विकास के प्रति प्रगतिशील दृष्टिकोण को प्रदर्शित किया जाएगा।
उत्तराखण्ड की झांकी के नोडल अधिकारी एवं सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक के.एस. चौहान के निर्देशन में इसका निर्माण कराया गया है। चौहान ने बताया कि झांकी और कलाकारों की सांस्कृतिक प्रस्तुति की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। एकता परेड में राज्य के लोक कलाकारों का चौदह सदस्यीय दल पारंपरिक लोक नृत्य प्रस्तुत करेगा। राज्य की टीम ने बुधवार को ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ के सामने आयोजित फुल ड्रेस रिहर्सल में सफलतापूर्वक भाग लिया।
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