Champawat
तेंदुए से एक घंटे संघर्ष कर बुजुर्ग दंपत्ति ने अपनी और परिवार की बचाई जान !

टनकपुर: टनकपुर में एक बुजुर्ग दंपत्ति ने तेंदुए से करीब एक घंटे तक संघर्ष किया और अपनी और अपने परिवार की जान बचाई। यह घटना 2 जनवरी को दूरस्थ धूरा के चौड़ाकोट गांव में घटी, जहां तेंदुआ लगभग 17 घंटे तक बुजुर्ग लाल सिंह के घर में घुसा रहा। घटना के बाद, घायल बुजुर्ग लाल सिंह बोहरा और उनकी पत्नी चंद्रा देवी ने स्थानीय उप जिला अस्पताल में इलाज कराया।
बुजुर्ग दंपत्ति ने बताया कि यह उनका तेंदुए से पहली बार सामना था और संघर्ष के दौरान उन्हें काफी डर का सामना करना पड़ा। लाल सिंह की बांयींं आंख में चोट आई है। उन्होंने बताया कि जब वह सुबह चार बजे शौच के लिए बाहर गए, तो उनके साथ पालतू कुत्ता भी बाहर था, लेकिन जैसे ही वे घर लौटे, तेंदुआ कुत्ते के पीछे आ गया और उन पर हमला करने की कोशिश की। बाद में तेंदुआ ने उनकी पत्नी चंद्रा देवी पर हमला किया, लेकिन दंपत्ति ने खुद को रजाई में लपेटकर बचाया।
कुछ समय बाद, तेंदुआ घर के ऊपरी मंजिल में चला गया और वहां से दंपत्ति की पुत्री और पोती को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान घर का मुख्य दरवाजा बंद किया गया और फिर तेंदुआ घर से बाहर निकलने में सफल हुआ। इसके बाद परिवार के अन्य सदस्य भी सुरक्षित बाहर आ गए।
वन रेंज के रेंजर गुलजार हुसैन ने बताया कि तेंदुआ घर में सुबह चार बजे से रात नौ बजे तक रहा, और रात में पिंजड़े के ऊपर लगे लकड़ी के पट्टे को तोड़कर बाहर निकला। इसके बाद वन विभाग ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया और गांववासियों को सतर्क रहने की सलाह दी। वन विभाग ने क्षेत्र में गश्त को बढ़ा दिया है और ग्रामीणों से तेंदुए के हमलों से बचने के लिए सावधानी बरतने की अपील की है।
Accident
चंपावत में सड़क हादसा, मैक्स वाहन दुर्घटनाग्रस्त; एक यात्री को गंभीर हालत में किया गया एयरलिफ्ट

चंपावत: पाटी विकास खंड के लफड़ा रोड पर एक मैक्स वाहन के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से बड़ा हादसा हो गया। हादसे में चार यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए हैं…जिनमें से एक की हालत नाजुक होने पर उसे एयरलिफ्ट कर हल्द्वानी भेजा गया है। वाहन में कुल 11 लोग सवार थे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार सात अन्य यात्रियों को मामूली चोटें आई हैं। घायलों को पाटी और लोहाघाट के अस्पतालों में प्राथमिक उपचार के लिए लाया जा रहा है।
घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई है। आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक राहत और बचाव कार्य जारी है…लेकिन अभी तक दुर्घटना के कारणों की विस्तृत जानकारी सामने नहीं मिल पाई है।
Champawat
निर्माणाधीन हॉस्टल में दर्दनाक हादसा: सेप्टिक टैंक की गैस से इंजीनियर और कारपेंटर की मौत

टनकपुर (चंपावत): डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इंजीनियरिंग कॉलेज के निर्माणाधीन गर्ल्स हॉस्टल में रविवार को दर्दनाक हादसा हो गया। सेप्टिक टैंक की शटरिंग खोलने के बाद उसमें उतरे साइट इंजीनियर और कारपेंटर की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई। दोनों को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
हादसा दोपहर करीब 3:30 बजे हुआ। रामपुर की अग्रवाल कंस्ट्रक्शन कंपनी के अंतर्गत कार्य कर रहे इंजीनियर शिवराज चौहान (28) और कारपेंटर हसन (24) सेप्टिक टैंक में उतरे थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, पहले एक चैंबर की शटरिंग खोली गई, जिसके बाद दोनों कर्मचारी दूसरे चैंबर में नीचे उतरे। कुछ ही देर में दोनों बेहोश होकर गिर पड़े।
मौके पर मौजूद कर्मियों ने जब काफी देर तक दोनों को बाहर न आते देखा तो शोर मचाया और तत्काल पुलिस व राहत टीमों को सूचना दी। कोतवाल चेतन रावत के नेतृत्व में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड और पुलिस टीम मौके पर पहुंचीं। टैंक से दोनों को निकालकर अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉ. मानवेंद्र शुक्ला ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पाँच माह से बंद था टैंक, गैस बनने की आशंका
साथी मजदूरों ने बताया कि यह सेप्टिक टैंक करीब पाँच माह पहले बना दिया गया था, लेकिन बारिश के कारण इसके तीनों चैंबर खोले नहीं जा सके थे। टैंक में करीब एक फुट पानी भरा हुआ था। लंबे समय तक बंद रहने की वजह से भीतर जहरीली गैस बनने की संभावना जताई जा रही है।
मृतकों के घरों में पसरा मातम
इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही दोनों के घरों में कोहराम मच गया। इंजीनियर शिवराज चौहान मूल रूप से ग्राम चगेटी (भनोली तहसील) के रहने वाले थे और वर्तमान में घसियारामंडी में रह रहे थे। उनके परिजन पवन चौहान ने बताया कि शिवराज अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। उनकी तीन बहनें हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।
वहीं, हसन उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के नौगवां बीसलपुर का रहने वाला था। वह भी अविवाहित था और तीन भाइयों में सबसे छोटा था। परिजन सलमान ने बताया कि परिवार उसकी शादी की तैयारी में लगा था।
पुलिस ने की जांच शुरू
सीओ वंदना वर्मा ने बताया कि प्राथमिक जांच में सेप्टिक टैंक में बनी जहरीली गैस को हादसे का कारण माना जा रहा है। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है और परिजनों को सूचना दे दी गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
Almora
भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त: अल्मोड़ा-बागेश्वर में सड़कों पर मलबा, कई मार्ग बंद

अल्मोड़ा-बागेश्वर में सड़कों पर मलबा, मार्ग बंद
अल्मोड़ा : कुमाऊं क्षेत्र में बीती रात से जारी भारी बारिश ने अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों के लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। लगातार हो रही तेज बारिश के चलते पहाड़ियों से गिर रहे बोल्डर और मलबे ने कई सड़कों को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है। सड़कें बंद होने से न केवल स्थानीय लोगों का आवागमन प्रभावित हुआ है, बल्कि प्रशासन को भी राहत और बचाव कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
लाइफलाइन एनएच-109 बंद
अल्मोड़ा की लाइफलाइन मानी जाने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग 109 क्वारब पुल के पास मलबा आने से पूरी तरह बंद हो गया है। यह मार्ग न केवल पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि स्थानीय आवागमन का प्रमुख जरिया भी है। प्रशासन ने वैकल्पिक मार्ग से यातायात बहाल करने की कोशिशें शुरू कर दी हैं।
जिले की 9 सड़कें ठप
अल्मोड़ा जिले में दो राष्ट्रीय राजमार्ग, दो मुख्य जिला मार्ग और चार ग्रामीण सड़कें बंद पड़ी हैं। मासी-जालली मोटर मार्ग पर तो स्थिति और भी खराब है, जहां गोजाशीष के पास सड़क पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इस क्षेत्र में आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है और 16 अगस्त तक लोगों को वैकल्पिक रास्तों से ही गुजरना होगा।
हर तरफ मलबा और बोल्डर
राजमार्ग 52 (जैनल-मानिला-डोटियाल मोटर मार्ग), वालमारा स्याल्दे केदार मार्ग, भिकियासैंण बासोट घट्टी मार्ग, देघाट-चिन्तोली मार्ग, मंगलता-त्रिनेली मार्ग, सिमलधार-सेलापानी मार्ग और राजमार्ग 58 (बागेश्वर-गिरिछीना मार्ग) भी मलबा और पत्थरों की चपेट में आ गए हैं। इन सभी मार्गों पर आवाजाही ठप है और सड़क किनारे फंसे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन ने उठाए राहत कदम
जिला आपदा नियंत्रण कक्ष ने संबंधित विभागों को अलर्ट कर दिया है। लोनिवि, प्रांतीय खंड, और पीएमजीएसवाई विभाग की ओर से जगह-जगह JCB मशीनें तैनात कर मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने जानकारी दी कि “सभी आवश्यक संसाधन तैनात किए जा चुके हैं, जल्द ही मार्गों को सामान्य स्थिति में लाने का प्रयास किया जा रहा है।”
चंपावत में भी हालात खराब
चंपावत जिले में भी हालात कुछ अलग नहीं हैं। स्वाला डेंजर जोन में एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित हो गया है। पिछले एक साल से इस क्षेत्र में पहाड़ी ट्रीटमेंट का कार्य चल रहा है, लेकिन बार-बार हो रहे भू-स्खलनों के कारण यह जोन यात्रियों के लिए सिरदर्द बन गया है। पिछले वर्ष भी स्वाला में भारी भू-स्खलन से सड़क पूरी तरह से टूट गई थी, जिससे महीनों तक मार्ग ठप रहा था।
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