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राज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में फहराया झंडा, ‘‘आत्मा के स्वर’’ पुस्तक का किया विमोचन।

राज्यपाल ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में किया ध्वजारोहण।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश एवं प्रदेशवासियों को राज्यपाल ने दी शुभकामनाएं।
राज्यपाल ने किया ‘‘आत्मा के स्वर’’ पुस्तक का विमोचन।
राजभवन देहरादून 15 अगस्त, 2024
देहरादून – स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने ध्वजारोहण किया। उन्होंने देश व प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं दी। महान स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनके त्याग, बलिदान, शौर्य और संघर्ष के बल पर हमें आजादी प्राप्त हुई है। उन्होंने सीमा पर तैनात वीर जवानों को नमन करते हुए कहा कि उनके कारण ही हमारे देश की सीमाएं सुरक्षित हैं।

राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से भरा हुआ है जो सतत विकास के पथ पर तेजी से आगे बढ़ रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास करते हुए देश ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। हमने स्वतंतत्रा के 100 वर्षों अर्थात 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है, आने वाले अमृतकाल के इन 23 वर्षों में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी वर्गों का सहयोग जरूरी है।

राज्यपाल ने कहा कि देश की इस विकास यात्रा के साथ ही नया उत्तराखण्ड भी मजबूत इरादों से निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रदेश आज देश में तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है। आर्थिक वृद्धि दर और विकास के कई सूचकांकों में सुधार कर उत्तराखण्ड ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री के कथन के अनुरूप 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के पथ पर तीव्र गति से अग्रसर है इसमें युवा, किसान, मातृशक्ति और उद्यमियों की बड़ी भूमिका है।

राज्यपाल ने कहा कि टेक्नोलॉजी, एआई, स्पेस, साइबर, क्वांटम, रोबोटिक्स साइंस में अनंत संभावनाएं हैं, इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच को और मजबूत करने के प्रयास करने होंगे, जिससे हम देश के अग्रणी राज्य बनने में सफल हो सकें। उन्होंने कहा कि हमारी मातृशक्ति, प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। हमें राज्य में संतुलित विकास तथा राष्ट्र निर्माण के लिए महिलाओं और युवाओं की क्षमता कौशल वृद्धि पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने ‘‘आत्मा के स्वर’’ पुस्तक के खण्ड-2 का विमोचन किया। आत्मा के स्वर का यह दूसरा खण्ड राज्यपाल के 108 संबोधनों का संकलन है। आत्मा के स्वर पुस्तक में राज्यपाल द्वारा विभिन्न कार्यक्रमों, उत्सवों एवं दीक्षांत समारोह आदि के 108 प्रमुख संबोधनों का संकलन है। साथ ही पुस्तक में कुछ महत्वपूर्ण भाषणों में क्यूआर कोड दिए गए हैं जिन्हें स्कैन कर यूट्यूब में भी भाषणों को सुना जा सकेगा।
इस अवसर पर सचिव राज्यपाल रविनाथ रामन, विधि परामर्शी अमित कुमार सिरोही, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, एडीसी अमित श्रीवास्तव, मेजर सुमित कुमार शादिजा, उप सचिव जी.डी. नौटियाल, संयुक्त निदेशक सूचना डॉ. नितिन उपाध्याय, वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. महावीर सिंह एवं डॉ. ए.के. सिंह सहित राजभवन में तैनात अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
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महिलाओं पर आधारित पुस्तक का राज्यपाल ने किया विमोचन, लेखकों को दी बधाई

राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने शनिवार को राजभवन में “माउंटेन्स ऑफ लेबर, करन्ट्स ऑफ चेंज-वुमैंस लाइवलीहुड एंड इकोनॉमिक ट्रांजिशंस इन द हिमालयन रीजन एंड उत्तराखण्ड’’ पुस्तक का विमोचन किया।
महिलाओं पर आधारित पुस्तक का राज्यपाल ने किया विमोचन
भारतीय हिमालयी क्षेत्र में महिलाओं की आजीविका और आर्थिक परिवर्तन पर आधारित ये पुस्तक दून विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. सुरेखा डंगवाल, प्रो. राजेन्द्र पी. ममगाईं और श्रुति ढौंडियाल द्वारा संयुक्त रूप से लिखी गई है। राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं का आर्थिक सशक्तीकरण ही विकास की वास्तविक आधारशिला है। विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यह अनिवार्य है कि महिलाएं सामाजिक और आर्थिक परिवर्तन की अग्रदूत बनें।
लेखकों की टीम को राज्यपाल ने दी बधाई
बता दें कि “वन यूनिवर्सिटी, वन रिसर्च” पर आधारित यह शोधकृति उत्तराखण्ड के छह जिलों के 900 परिवारों पर किए गए सर्वेक्षण पर आधारित है। अध्ययन में मात्रात्मक आंकड़ों के साथ-साथ साक्षात्कारों, समूह चर्चाओं और क्षेत्रीय अवलोकन से प्राप्त जानकारियों को भी सम्मिलित किया गया है।
पुस्तक के विमोचन अवसर पर राज्यपाल ने लेखकों और दून विश्वविद्यालय की शोध टीम को बधाई देते हुए कहा कि ये अध्ययन “वन यूनिवर्सिटी, वन रिसर्च” पहल की भावना को साकार करता है। जिसका उद्देश्य उत्तराखण्ड की स्थानीय आवश्यकताओं पर आधारित प्रभावी और व्यावहारिक शोध को प्रोत्साहित करना है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक न केवल महिला सशक्तीकरण को नई दिशा प्रदान करेगी, बल्कि नीति-निर्माण के क्षेत्र में भी उपयोगी साबित होगी।
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रजत जयंती समारोह की तैयारियां जोरों पर, मुख्य सचिव ने लिया जायजा

मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने शनिवार को एफआरआई देहरादून जाकर उत्तराखण्ड रजत जयंती समारोह के दौरान 9 नवम्बर को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम की तैयारियों का जायजा लिया।
रजत जयंती समारोह की तैयारियों का मुख्य सचिव ने लिया जायजा
मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने आज एफआरआई पहुंचकर रजत जयंती महोत्सव की तैयारियों का जायजा लिया। मुख्य सचिव ने इस अवसर पर सभी सम्बन्धित अधिकारियों से तैयारियों की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि नौ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संभावित दौरे को देखते हुए सुरक्षा सहित सभी व्यवस्थाएं चाक चौबंध की जाएं।
सभी आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के दिए निर्देश
मुख्य सचिव ने कहा कि 9 नवम्बर को आयोजित होने वाले मुख्य कार्यक्रम में लगभग 60 से 70 हज़ार लोगों के शामिल होने की संभावना को देखते हुए सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित कि जाएं। उन्होंने निर्देश दिए कि आमजन को प्रवेश और निकासी में किसी प्रकार की दिक्कत ना हो इसके लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को देखते हुए यातायात और पार्किंग प्लान को वृहद स्तर पर बनाया जाए ताकि आमजन के कार्यक्रम में पहुंचने के साथ ही शहर के यातायात में किसी प्रकार की समस्या ना हो।
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राजभवन में दिखी सभी राज्यों की झलक, राज्यपाल बोले- ऐसे कार्यक्रम दर्शाते हैं भारत की एकता

राजभवन में विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया गया। इस दौरान इन राज्यों के उत्तराखण्ड में निवास कर रहे लोगों ने विविध सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुतियां दी। जिन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का स्थापना दिवस मनाया गया उनमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु़, केरल, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली, पुड्डुचेरी, अंडमान-निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप शामिल हैं।
राजभवन में दिखी सभी राज्यों की झलक
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने इस कार्यक्रम में प्रतिभाग करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लोगों को स्थापना दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के स्थापना दिवसों को मनाए जाने की इस पहल से सामाजिक एकीकरण और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिल रहा है।
ऐसे कार्यक्रम दर्शाते हैं भारत की एकता – राज्यपाल गुरमीत सिंह
राज्यपाल ने कहा कि ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ विचारधारा से प्रेरित यह कार्यक्रम भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता और राष्ट्रीय एकता की भावना, आपसी समझ और सम्मान की भावना को बढ़ाता है। राज्यपाल ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन भारत की विविधता को एकता के रूप में दर्शाते हैं साथ ही हम सब को एक परिवार के रूप में जोड़ने का कार्य करते हैं।
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