Dehradun
स्वतंत्रता दिवस: डीजीपी अभिनव कुमार ने ध्वजारोहण कर सभी को राष्ट्रीय एकता की दिलाई शपथ, शहीद दीपक सिंह को नम आंखों से दी श्रद्धांजलि।

देहरादून – आज स्वतंत्रता दिवस-2024 के अवसर पर पुलिस मुख्यालय, उत्तराखण्ड देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में अभिनव कुमार, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने ध्वजारोहण कर सभी को राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई।
इसके उपरान्त पुलिस महानिदेशक ने स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर पुलिस कर्मियों को सराहनीय सेवा पदक एवं उत्कृष्ट/सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह प्रदान कर सभी पदक विजेताओं को बधाई दी।
अपने सम्बोधन में पुलिस महानिदेशक ने कहा कि आज हम सब यहाँ एकत्रित हुए हैं 15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर, जो हमारे देश के स्वाभिमान, बलिदान, और अदम्य साहस का प्रतीक है। सबसे पहले, मैं उन सभी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को नमन करता हूँ, जिन्होंने अपनी जान की आहुति देकर हमें यह अमूल्य स्वतंत्रता दिलाई।
इस दिन का महत्व केवल हमारे इतिहास तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें हमारे कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की भी याद दिलाता है। यह दिन हमें प्रेरित करता है कि हम अपने देश को सुरक्षित, समृद्ध, और शक्तिशाली बनाने के लिए निरंतर प्रयास करें।
आज, हमारे प्रदेश की सुरक्षा और शांति बनाए रखने में पुलिस बल की अहम भूमिका है। हमारे जवान दिन-रात सीमा पर, सड़कों पर, और शहरों में, अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। मैं गर्व के साथ कह सकता हूँ कि देवभूमि की संस्कृति के अनुरूप हमारी मित्र पुलिस निरंतर हर परिस्थिति में हर मौसम में तत्परता के साथ अपना योगदान देती है। चार धाम यात्रा, कावड़ यात्रा, दैवीय आपदा सहित रूटीन की गतिविधिययों में उत्तराखंड पुलिस प्रामाणिकता के साथ योगदान दे रही है।
हमारी पुलिस बल का मुख्य उद्देश्य कानून और व्यवस्था को बनाए रखना, नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, और अपराध को रोकना है। इसके साथ ही, हमने समाज के कमजोर वर्गों की सुरक्षा के लिए भी कई कदम उठाए हैं। विशेष रूप से, महिलाओं, बच्चों, और वरिष्ठ नागरिकों की सुरक्षा के लिए कई पहल की गई हैं। हाल के वर्षों में, तकनीक का इस्तेमाल भी पुलिस बल के कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए किया गया है। डिजिटल प्लेटफार्मों और आधुनिक उपकरणों का प्रयोग करके, हमने अपराधों की जांच और अपराधियों को पकड़ने में काफी सफलता प्राप्त की है। परंतु, केवल कानून का पालन करना ही हमारा उद्देश्य नहीं है, बल्कि एक स्वस्थ, शिक्षित, और समृद्ध समाज का निर्माण भी हमारा कर्तव्य है। उत्तराखण्ड पुलिस ने समाज में जागरूकता फैलाने, नशा मुक्ति अभियान, और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण कार्य किए हैं।
इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, उत्तराखंड पुलिस प्रदेश भर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विजन के अनुरूप समाज के साथ मिलकर सुरक्षा, सेवा, और संवाद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वरिष्ठ जनों और प्रबुद्ध जनों से संवाद कर “मित्र पुलिसिंग” अभियान का प्रारंभ करेगी। इस अभियान का उद्देश्य आमजन के निकट जाकर उनकी सेवा, सुरक्षा और संवाद की समीक्षा, फीडबैक और सुझाव के माध्यम से पुलिस की कार्यकुशलता बढ़ाना होगा। इस अभियान में संपूर्ण प्रदेश के सभी थानों और चौकियों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारी, नागरिकों से भेंट करेंगे और मिष्ठान वितरण कर निरंतर जन संवाद के कार्यों का शुभारंभ करेंगे। इन वृहद कार्यक्रमों की श्रृंखला का संपूर्ण विवरण बाद में जारी किया जाएगा।
मैं इस अवसर पर विशेष रूप से जिक्र करना चाहूंगा अपने गोपनीय सहायक महेश सिहं के बेटे शहीद दीपक सिंह का, जिन्होंने दिनांक 14-08-2024 को देश की रक्षा में सीमा पर आतंकियों से लोहा लेते हुए कर्तव्य की वेदी पर अपने प्राणों की आहुति दी। उनके शौर्य, अदम्य साहस, और लीडरशिप पर हमें गर्व है। उत्तराखंड पुलिस परिवार और पूरा देश आपकी वीरता को नम आंखों से श्रद्धांजलि अर्पित करता है।
मैं सभी पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों को उनके योगदान के लिए धन्यवाद देता हूँ। आइए, इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, हम सब यह संकल्प लें कि हम अपने देश की सुरक्षा, समृद्धि और विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। हम सब मिलकर एक ऐसा समाज बनाएँगे, जहाँ हर नागरिक सुरक्षित, खुशहाल और स्वतंत्र महसूस करे।
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आरक्षित जंगल में मोर का शिकार, वन विभाग ने दबोचे दो खूनी शिकारी

कालसी (देहरादून): बीते बुधवार शाम करीब 7 बजे आरक्षित वन क्षेत्र चांदपुर चोरखाला से दो युवकों को वन्यजीवों के साथ संदिग्ध हालात में पकड़ा गया। निक्का और उसका साथी वाजिद नाम के इन युवकों के पास से दो जंगली गोह घायल अवस्था में और एक मोर मृत अवस्था में मिला। घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग ने तत्काल कार्रवाई करते हुए वन्यजीव संरक्षण अधिनियम की सुसंगत धाराओं में केस दर्ज किया। वन विभाग की टीम ने दोनों युवकों को मौके से हिरासत में लिया और उन्हें गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
प्रभागीय वनाधिकारी कालसी भूमि संरक्षण वन प्रभाग के निर्देश पर चौहड़पुर रेंज में वन्यजीवों के अवैध शिकार और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए गश्त को और तेज़ कर दिया गया है। वन अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि वन्यजीव अपराध में संलिप्त किसी भी व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उन्हें कठोर कारावास तक की सजा दी जा सकती है। वन विभाग ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कहीं पर भी वन्यजीवों के शिकार या अवैध गतिविधियों की जानकारी मिले तो तुरंत वन विभाग को सूचित करें।
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हर बूथ पर मिलेगी न्यूनतम सुविधा, दिव्यांग मतदाताओं के लिए निर्वाचन आयोग ने कसी कमर

देहरादून: मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम की अध्यक्षता में गुरुवार को सचिवालय में सुगम मतदान हेतु राज्य स्तरीय प्रचालन समिति “स्टेट स्टेयरिंग कमेटी ऑन एक्सेसिबल इलेक्शन“ की बैठक आयोजित की गई। बैठक में समिति के सदस्यों आयुक्त, निःशक्त जन, निदेशक समाज कल्याण, निदेशक शिक्षा, मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग,महानिदेशक सूचना एवं विभिन्न एनजीओ के प्रतिनिधियों से विभिन्न बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ बीवीआरसी पुरुषोत्तम ने विस्तृत दिशा निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी पोलिंग बूथों पर आयोग द्वारा दी जाने वाली न्यूनतम सभी सुविधाओं ”एश्योर मिनिमम फैसेलिटी” (एएमएफ) को सुनिश्चित करने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जाएं। उन्होंने समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिए कि विभाग में दर्ज दिव्यांग पेंशनधारकों को मतदाता सूची में शत प्रतिशत पीडब्ल्यूडी श्रेणी में शामिल कराने के दृष्टिगत 1 जनवरी, 1 अप्रैल, 1जुलाई और 1 अक्टूबर की अर्हता तिथि के आधार पर हर तीन माह में अपडेटेड सूची निर्वाचन विभाग को उपलब्ध करा दी जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आगामी विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम (एसएसआर) में इस पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पीडब्ल्यूडी मतदाताओं का चिन्हिकरण कर उनके पोलिंग बूथ के अनुसार उन्हें एएमएफ सुविधा पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। उन्होंने निर्देश दिए कि जिला स्तर पर डिस्ट्रिक स्वीप पीडब्ल्यूडी आईकॉन चिन्हित किए जाएं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने एनआईईपीवीडी को ब्रेल आधारित मतदाता जागरुकता सम्बंधी प्रचार सामग्री तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदंडे ने “स्टेट स्टेयरिंग कमेटी ऑन एक्सेसिबल इलेक्शन“ के सम्बंध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार वर्ष-2018 से राज्य मंे कुल 03 प्रकार की समीतियां गठित हैं जिनमें राज्य,जनपद एवं विधान सभा स्तर पर समय-समय पर बैठक आयोजित की जाती हैं। प्रस्तुतीकरण में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राज्य में 30-39 आयु वर्ग के दिव्यांग जनों का प्रतिशत सर्वाधिक है। उन्होंने बताया कि आयोग का मुख्य उद्ेश्य दिव्यांगजनों द्वारा पोलिंग बूथों पर दी जाने वाली न्यूनतम सुविधा जैसे – रैम्प, व्हील चेयर, सुविधानुसार शौचालय, पीने का पानी, शेड, बैठने की सुविधा आदि के आभाव को दूर करना है।
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उत्तराखंड में बॉन्ड तोड़ने वाले 234 डॉक्टर बर्खास्त होंगे, सरकार ने शुरू की कार्रवाई

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने लंबे समय से बिना सूचना के गायब चल रहे सरकारी डॉक्टरों पर बड़ा कदम उठाया है। चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 234 बांडधारी डॉक्टरों को बर्खास्त करने का फैसला लिया है। ये सभी डॉक्टर वह हैं जिन्होंने राज्य सरकार की सहायता से एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी की…लेकिन बांड की शर्तों के अनुसार सेवाएं देने के बजाय अपनी तैनाती से गायब हो गए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने जानकारी दी कि इन डॉक्टरों ने एमबीबीएस में दाखिले के समय सरकारी मेडिकल कॉलेजों के साथ पांच साल तक पर्वतीय जिलों में सेवा देने का अनुबंध किया था। इसके बावजूद इन्होंने न तो सेवा दी और न ही बॉन्ड के अनुसार निर्धारित धनराशि सरकार को जमा कराई।
सरकार अब इन डॉक्टरों की सूची नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) को भेजेगी ताकि वे किसी अन्य राज्य या निजी संस्था में नौकरी न कर सकें। साथ ही चिकित्सा शिक्षा निदेशक को निर्देश दिए गए हैं कि बॉन्ड की शर्तों के अनुसार इनसे धनराशि वसूली जाए। वहीं स्वास्थ्य महानिदेशक को सभी गैरहाजिर डॉक्टरों की बर्खास्तगी की कार्रवाई शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं। इस मामले को लेकर सरकार ने संबंधित जिलों के मुख्य चिकित्सा अधिकारियों और चिकित्सालयों के प्रभारी अधिकारियों से भी जवाब मांगा है कि आखिर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। राज्य सरकार का कहना है कि जिन डॉक्टरों ने कम शुल्क पर शिक्षा ली है, उनका यह कर्तव्य बनता है कि वे प्रदेश की जनता की सेवा करें…खासकर उन दूरस्थ क्षेत्रों में जहां चिकित्सकों की सबसे ज्यादा जरूरत है।
बॉन्डेड डॉक्टरों की जिलावार तैनाती सूची……
चमोली – 46 डॉक्टर
टिहरी गढ़वाल – 29 डॉक्टर
पौड़ी गढ़वाल – 26 डॉक्टर
उत्तरकाशी – 25 डॉक्टर
पिथौरागढ़ – 25 डॉक्टर
नैनीताल – 41 डॉक्टर
अल्मोड़ा – 16 डॉक्टर
चंपावत – 11 डॉक्टर
रुद्रप्रयाग – 14 डॉक्टर
बागेश्वर – 10 डॉक्टर
देहरादून – 1 डॉक्टर
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