Uttarakhand
उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में 134 रिक्त पदों पर नोटिफिकेशन जारी, जल्दी करें आवेदन…

मुख्य बिंदु
Uttarakhand CHO Vacancy 2026, 134 रिक्त पदों पर नोटिफिकेशन जारी
उत्तराखंड में GNM और BSc Nursing उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अच्छी खबर है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत उत्तराखंड में स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी CHO के 134 पदों पर भर्ती के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। जिसमें एक अच्छा सैलरी पैकेज भी रखा गया है। आवेदन की प्रक्रिया आज से शुरू हो चुकी है।
Uttarakhand CHO Vacancy 2026
GNM और BSc Nursing उत्तीर्ण अभ्यर्थियों के लिए अच्छी HNBUMU ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सीएचयू के 134 पदों पर अधिसूचना जारी की है। जिसके लिए आज से आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। अभ्यर्थियों के पास इस बार नौकरी पाने का ये अच्छा मौका है। उत्तराखंड के 11 जिलों में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।
| संस्था का नाम | हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी |
| पद का नाम | कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर |
| कुल पद | 134 |
| आयु सीमा | 18 से 45 वर्ष |
| नोटिफिकेशन तिथि | 21 दिसंबर 2026 |
| आवेदन शुरू | 22 दिसंबर 2026 |
| आवेदन अंतिम तिथि | — |
| परीक्षा तिथि | 01/02/2026 |
| चयन प्रक्रिया | लिखित परीक्षा और दस्तावेज़ जांच |
| आवेदन तरीका | ऑनलाइन |
| नौकरी स्थान | उत्तराखंड |
क्या होगी सैलरी ? Uttarakhand CHO Vacancy 2026 Salary
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर के पदों पर अभ्यर्थियों की नियुक्ति की जाएगी। जिसमें चयनित होने वाले अभ्यार्थियों को 35,000 – 45,000 वेतन दिया जाएगा।
कैसे करें आवेदन – How to Apply
इस भर्ती प्रक्रिया के लिए आवेदन करने के लिए आपको सबसे पहले हेमवती नंदन बहुगुणा उत्तराखंड मेडिकल एजुकेशन यूनिवर्सिटी (HNBUMU) की आधिकारिक वेबसाइट https://www.hnbumu.ac.in पर जाकर भर्ती से संबंधित जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। उम्मीदवारों को वेबसाइट के Recruitment टैब में जाकर CHO Advertisement एवं Apply Form 2026 के लिंक पर क्लिक करना होगा। इसके बाद योग्य एवं इच्छुक अभ्यर्थी अंतिम तिथि से पहले उत्तराखंड CHO ऑनलाइन आवेदन फॉर्म भरकर जमा कर सकते हैं।
आयु सीमा क्या होगी ? Age LImit For CHO Vacancy
उत्तराखंड CHO भर्ती 2026 के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की आयु सीमा 18 से 45 वर्ष के बीच निर्धारित की गई है। निर्धारित आयु सीमा में आने वाले उम्मीदवार कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचयू) पद के लिए आवेदन करने के पात्र होंगे और ऑनलाइन आवेदन फॉर्म जमा कर सकते हैं।
Total Vacancies District-Wise
उत्तराखंड CHO भर्ती 2026 के तहत जिला-वार पदों का विवरण नीचे दिया गया है। उम्मीदवार अपने जिले के अनुसार पदों की संख्या देखकर आवेदन कर सकते हैं।
| जिला का नाम | कुल पद |
|---|---|
| देहरादून | 06 |
| हरिद्वार | 14 |
| नैनीताल | 04 |
| टिहरी गढ़वाल | 10 |
| उत्तरकाशी | 05 |
| ऊधम सिंह नगर | 20 |
| पिथौरागढ़ | 16 |
| अल्मोड़ा | 15 |
| चंपावत | 07 |
| पौड़ी गढ़वाल | 24 |
| चमोली | 13 |
| कुल पद | 134 |
क्या होगा Syllabus – Uttarakhand CHO Vacancy 2026 Syllabus
- Community Health Nursing
- Health Education & Community Pharmacy
- Drug Store Management
- Environmental Hygiene
- Microbiology
- Nursing Management
- Mental health
- Psychology
- Computers in Nursing
- Medical Surgical Nursing
- Midwifery & Gynaecological Nursing
- Hospital & Clinical Pharmacy
- Human Anatomy & Physiology
- Biochemistry
- Pharmaceutical Chemistry
- Environmental Hygiene
- Fundamental of Nursing
- Basic Information of Nursing Subjec
Uttarakhand CHO Vacancy 2026 के लिए कितने पद हैं?
उत्तराखंड CHO भर्ती 2026 के तहत कुल 134 पदों पर भर्ती की जाएगी।
Uttarakhand CHO Vacancy 2026 के लिए कौन आवेदन कर सकता है?
GNM या BSc Nursing उत्तीर्ण अभ्यर्थी इस भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं।
Uttarakhand CHO Vacancy की परीक्षा कब होगी?
लिखित परीक्षा की संभावित तिथि 01/02/2026 है।
Uttarakhand CHO Vacancy 2026 में नौकरी कहां मिलेगी?
चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति उत्तराखंड राज्य के 11 जिलों में की जाएगी।
big news
इन्तेहां हो गई इंतजार की, आई ना खबर मंत्रिमंडल विस्तार की…

उत्तराखंड में यूं तो धामी मन्त्रिमण्डल के विस्तार की चर्चा लंबे समय से हो रही है। ये चर्चा इतनी लंबी हो गई है कि अब ये सालों पुरानी बात हो गई। मंत्रिमंडल विस्तार की राह देख रहे विधायकों की आस भी अब खत्म होती नजर आ रही है। क्योंकि इस आस में एक नहीं दो नहीं ब्लकि चार साल बीत गए हैं। लेकिन अब तक सिर्फ इसकी चर्चाएं ही हो रही हैं।
इन्तेहां हो गई इंतजार की, आई ना खबर मंत्रिमंडल विस्तार की
मंत्रिमंडल विस्तार का शिगूफा इतना पुराना हो गया कि अब खुद विधायकों को भी लगने लगा है कि उनकी बारी इस बार तो नहीं आएगी। दिन महीने और साल तक बीत गए लेकिन विधायकों को अच्छी खबर नहीं मिली। विधायकों की मनोस्थिति ऐसी हो गई है कि उन्हें अब नींद में भी एक ही ख्वाब आता है जिसमें वो गुनगुना रहे हैं – इन्तेहां हो गई इंतजार की, आई ना खबर मंत्रिमंडल विस्तार की। एक साल का ही समय बचा है लेकिन इसके बाद भी वो मंत्री बनने के सपने देख रहे हैं।
विधायकों के अरमानों पर पानी फिरता आ रहा नजर
बीजेपी सरकार में मंत्री बनने की हसरत पाले विधायकों के अरमानों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। 4 साल पूरे हो गए हैं इस दौरान कई मौसम आए और गए, कई होली-दिवाली भी बीत गई। लेकिन धामी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है। अब प्रदेश में चुनावी मौसम देखने को मिल रहा है और संगठन पूरी तरह से चुनावी मूड में आ गया है। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की खबर अब तक नहीं आई।
कभी लोकसभा, कभी संगठन के चुनाव तो कभी बिहार चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की बात तो कही गई लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की खबर आए ऐसी शुभ घड़ी अब तक नहीं आई। इस साल दिवाली से पहले तो चर्चाओं के बाजार गर्म थे कि दिवाली में विधायकों के सपने पूरे हो सकते हैं और जल्द ही नामों की घोषणा हो सकती है। लेकिन दिवाली को गए लंबा अरसा हो गया है और अब नया साल दस्तक देने को तैयार है लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की खबर अब तक नहीं आई। अब तो आलम ये है कि चार साल से कुर्सी ताकते रहे विधायक जनाब, मंत्री बनने का सपना रहा बस एक ख़्वाब। फाइलें चलीं, चर्चाएँ बढ़ीं, तारीखें बदलती रहीं, मंत्रिमंडल विस्तार न हुआ, उम्मीदें ही सिमटती रहीं।
मंत्रिमंडल विस्तार के अंगूर अब भी मीठे नहीं हो सके
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का तमगा लिए घूमने वाली भाजपा उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर पा रही है। ये हालात तब है जब 70 में से 47 विधायक बीजेपी के हैं। उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार वो अंगूर बन गए हैं जो अब भी मीठे नहीं हो सके हैं। राजनीतिक धुरंधरों की मानें तो कई माननीयों ने तो मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच ब्रांडेड सूट (कुर्ता-सुलार) भी सिलवा लिए थे। लेकिन अरसा बीत जाने के बाद भी वो समय नहीं आ पाया है कि वो इसे पहन सके। अब तो आलम ये है कि कुछ लोगों ने ये मान लिया है कि इस साल तो मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाए। आसान भाषा में कह दें तो माननीयों के दिल अरमा आसुंओं में बह गए और वो मंत्रिमंडल विस्तार के सपने देखते रह गए।
मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने की बात पिछले 4 सालों से हो रही है, लेकिन इसके बाद भी स्थिति ढाक के तीन पात वाली ही बनी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार बयान दे चुके हैं। बावजूद इसके विधायकों की हसरत पूरी नहीं हो पा रही। विधायकों के जज्बातों ने कई बार मंत्रिमंडल पद के हिलोरे मारे, लेकिन विधायकों के जज्बातों को केवल तारीख पर तारीख मिलती रही। इस पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी में कई गुट हैं, जो अपने-अपने विधायकों को मंत्री बनाना चाहते है, विकास को लेकर कतई भी गंभीर नहीं है।
उधर भाजपा संगठन भी कह रहा है कि मंत्रिमंडल के रिक्त पद अपेक्षित है। मुख्यमंत्री इसको लेकर कई बार हाई कमान से मिल चुके हैं। भाजपा संगठन का ये भी मानना है कि 2027 में विधानसभा चुनाव भी है ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार होना अनिवार्य है। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री से लेकर हाईकमान पर टिकीं हुईं हैं कि शेष एक वर्ष भाजपा में विधायकों की चार साल पुरानी हसरतें पूरी हो पाएंगी या ख्याली पुलाव अगले बरस भी पूरे साल पकते रहेंगे।
Dehradun
दून के तापस चक्रवर्ती को मिला प्रतिष्ठित साहित्य स्पर्श पुरस्कार, एक महीने में तीसरा सम्मान

देहरादून निवासी साहित्यकार तापस चक्रवर्ती को उनके नवीनतम यात्रा-वृत्तांत ‘हम्पी: उत्कर्ष से अपकर्ष तक’ के लिए प्रतिष्ठित साहित्य स्पर्श पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया है। तापस चक्रवर्ती को एक माह के भीतर ये तीसरा साहित्यिक सम्मान प्राप्त हुआ है। इससे पूर्व उन्हें हाल ही में कादंबरी साहित्य सम्मान और उत्तराखंड सेल्यूट अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
दून के तापस चक्रवर्ती को मिला प्रतिष्ठित साहित्य स्पर्श पुरस्कार
साहित्य स्पर्श पुरस्कार लिटरेचरसलाइट पब्लिशिंग द्वारा प्रदान किए जाते हैं और द लिटरेचर टाइम्स द्वारा प्रायोजित किए जाते हैं। ये पुरस्कार विभिन्न विधाओं में एशिया के उत्कृष्ट लेखकों को उनके साहित्यिक योगदान के लिए सम्मानित करते हैं और कथा-वाचन की परंपरा को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ विविध और सशक्त साहित्यिक स्वरों को मंच प्रदान करने का उद्देश्य रखते हैं।
एक महीने में मिला तीसरा सम्मान
वर्तमान में तापस चक्रवर्ती केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर आयुक्तालय, देहरादून में सहायक आयुक्त के पद पर कार्यरत हैं और अब तक उनके पांच यात्रा-वृत्तांत प्रकाशित हो चुके हैं। वर्ष 2016 में उनके प्रथम यात्रा-वृत्तांत ‘रुक जाना नहीं’ को भारत सरकार द्वारा राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
इसके अलावा, वर्ष 2018–19 में पर्यटन मंत्रालय द्वारा उनकी कृति ‘मंदिरों का नगर: विष्णुपुर’ को राहुल सांस्कृत्यायन पर्यटन पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त, वर्ष 2024 में ओएनजीसी ने उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें ‘उत्तराखंड साहित्य सम्मान’ भी प्रदान किया।
कथा और पर्यटन का अनूठा संगम है ये पुस्तक
अपने यात्रा-वृत्तांत ‘हम्पी: उत्कर्ष से अपकर्ष तक’ में तापस चक्रवर्ती ने विजयनगर साम्राज्य की राजधानी हम्पी के गौरवशाली इतिहास को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया है। इस कृति में हम्पी की प्रमुख ऐतिहासिक इमारतों, उनसे जुड़ी कथाओं और वहां की यात्रा के विविध अनुभवों को उन्होंने अत्यंत जीवंत और रोचक शब्दों में उकेरा है। ये यात्रा-वृत्तांत इतिहास, कथा और पर्यटन का एक अनूठा व सशक्त संगम प्रस्तुत करता है।
big news
भालू का आतंक, स्कूल में पढ़ रहे छात्र को उठा ले गया, ऐसे बची जान

Chamoli News : उत्तराखंड में जंगली जानवरों का आतंक कम होने का नाम नहीं ले रहा है। गुलदार से भी ज्यादा अब प्रदेश में भालू के हमले के मामले सामने आ रहे हैं। ऐसी ही खबर चमोली (Chamoli News) से सामने आ रहरी है।
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Chamoli News : चमोली में भालू का आतंक
उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में भालू के हमलों में कमी नहीं आ रही है। उत्तरकाशी से लेकर चमोली तक भालू के आतंक से जनता दहशत में है। आलम ये है कि लोग अपने घरों से बाहर निकलने में भी डर रहे हैं। ताजा मामला चमोली से सामने आया है। यहां भालू ने स्कूल में पढ़ाई कर रहे छात्र पर हमला कर दिया।

स्कूल में पढ़ रहे छात्र को उठा ले गया भालू
मिली जानकारी के मुताबिक चमोली जिले के पोखरी ब्लॉक के हरिशंकर में उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हरिशंकर में भालू ने स्कूल में पढ़ रहे बच्चे पर हमला कर दिया। भालू बच्चे को विद्यालय प्रांगण से उठाकर दूर झाड़ी में ले गया। साथी छात्र और शिक्षक बच्चे को बचाने के लिए पीछे भागे।
शोर सुनने और ज्यादा लोगों को देखकर भालू छात्र को झाड़ी में छोड़कर भाग गया। शिक्षकों ने छात्र को झाड़ी से निकाला। भालू ने बच्चे पर नाखून मारे हैं और कपड़े फाड़े हैं।
घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल
बताया जा रहा है कि भालू कक्षा छह के छात्र आरव को उठा ले गया। ये देख अन्य बच्चे दहशत में आ गए। वहीं शिक्षकों और कुछ छात्रों की हिम्मत के कारण बच्चे की जान बच सकी। इस खबर के बाद से इलाके में दहशत का माहौल है।
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