Dehradun
उत्तराखंड: आरटीआई की अवमानना पर निजी विश्वविद्यालय को सूचना आयोग का नोटिस, पेश होने का दिया निर्देश

देहरादून – सूचना के अधिकार अधिनियम की लगातार अवमानना कर रहे एक निजी विश्वविद्यालय के खिलाफ राज्य सूचना आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी और अपीलीय अधिकारी को अगली तारीख पर आयोग के समक्ष पेश किया जाना सुनिश्चित करें।
अगली सुनवाई 30 सितंबर को होगी। ऐसा संभवत: पहली बार है जब राज्य सूचना आयोग को नोटिस तामील कराने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को निर्देश देने पड़े। ये कार्यवाही चकराता रोड स्थित हिमगिरी जी विश्वविद्यालय के खिलाफ की गई है, जिसके बेपरवाह रवैये के चलते आयोग के समक्ष चार आरटीआई पर सुनवाई काफी समय से लंबित हैं।
ये चार आरटीआई बिहार के समस्तीपुर निवासी रजनीश तिवारी, बिहार के दरभंगा निवासी डॉ. परवीन कुमार और उत्तर प्रदेश के सहारनपुर निवासी डॉ. बसंत कुमार ने दाखिल की हुई हैं। उन्होंने विश्वविद्यालय में नियुक्ति संबंधी व अन्य कुछ सवाल किए हैं, जिसकी सूचना उन्हें न तो विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी से मिली, न ही अपीलीय अधिकारी ने जवाब दिए।
ऐसे में तीनों अपीलकर्ता ने राज्य सूचना आयोग के सामने बीती मई से अगस्त माह के बीच अपनी-अपनी अपील दाखिल की, जिन पर आयोग ने बीती जनवरी, फरवरी, मार्च, मई और जून में हर सुनवाई पर विश्वविद्यालय से जवाब मांगा लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से न कोई पेश हुआ, न ही लिखित जवाब दाखिल किया। ऐसे में आयोग ने सख्त रुख अपनाते हुए चारों अपील को संबद्ध करके संयुक्त आदेश पारित किया है।
राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने कहा कि हिमगिरी जी विश्वविद्यालय को तीनों अपीलों पर पक्ष रखने के बार-बार अवसर प्रदान किए गए लेकिन वह पेश नहीं हुए। इस रवैये से जाहिर है कि विश्वविद्यालय के लोक सूचना अधिकारी एवं अपीलीय अधिकारी द्वारा सूचना अधिकार अधिनियम का खुले तौर पर अवमानना हो रही है। अत: सूचना अधिकार अधिनियम की धारा 18 (3) (क) में निहित प्रावधानों के तहत कार्यवाही करने से पहले देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किए गए हैं कि संबंधित अधिकारियों को अगली तिथि 30 सितंबर को पेश करना सुनिश्चित किया जाए।
Uttarakhand
Dehradun : कांग्रेस ने एसएसपी को सौंपा शिकायत पत्र, 5 दिनों में कार्रवाई न होने पर आंदोलन की दी चेतावनी !

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DEHRADUN NEWS : सोशल मीडिया दुष्प्रचार के खिलाफ कांग्रेस का कड़ा रुख, कार्रवाई न होने पर आंदोलन की चेतावनी
DEHRADUN NEWS : उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष Ganesh Godiyal अन्य कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के कार्यालय पहुंचे। एसपी प्रमोद कुमार को एसएसपी के नाम संबोधित शिकायती पत्र सौंपा। सोशल मीडिया पर गोदियाल और कांग्रेस पार्टी के खिलाफ किए जा रहे कथित दुष्प्रचार को गंभीर बताते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की।
एआई का दुरुपयोग कर छवि ख़राब करने का आरोप
शिकायती पत्र में गणेश गोदियाल ने बताया कि 27 दिसम्बर 2025 को “वसूली अभियान मोर्चा” नामक फेसबुक अकाउंट के जरिए एआई तकनीक का दुरुपयोग कर एक फर्जी वीडियो और धर्म विशेष की पहचान वाली आपत्तिजनक पोस्ट प्रसारित की गई। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य उनकी राजनीतिक और सामाजिक प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और समाज में भ्रम और तनाव का माहौल बनाना है।
Ganesh Godiyal के खिलाफ पहले भी हो चुकी है ऐसी साजिश
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि वो थलीसैण और श्रीनगर विधानसभा क्षेत्रों से निर्वाचित विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के प्रदेश अध्यक्ष हैं। उन्होंने याद दिलाया कि 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले भी असामाजिक तत्वों द्वारा उनके फर्जी हस्ताक्षर वाला पत्र सोशल मीडिया पर वायरल किया गया था, जिससे धार्मिक आधार पर मतों के ध्रुवीकरण का प्रयास हुआ और कांग्रेस को नुकसान पहुंचा।
कार्रवाई न होने से बढ़े असामाजिक तत्वों के हौसले
गोदियाल ने आरोप लगाया कि पूर्व में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई, जिससे असामाजिक तत्वों के हौसले और बढ़ गए। अब आगामी विधानसभा चुनाव 2027 को देखते हुए एक बार फिर एआई से तैयार फर्जी वीडियो और आपत्तिजनक पोस्ट के जरिए उनकी और पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये न केवल राजनीतिक साजिश है, बल्कि सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास भी है।
एफआईआर की मांग, नहीं तो आंदोलन की चेतावनी
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मांग की कि “वसूली अभियान मोर्चा” फेसबुक अकाउंट के संचालक के खिलाफ संबंधित धाराओं में तत्काल एफआईआर दर्ज कर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि पांच दिन के भीतर इस मामले में ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो प्रदेश कांग्रेस कमेटी पुलिस मुख्यालय के घेराव के लिए बाध्य होगी। इस दौरान महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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देहरादून की सड़कों पर जल्द होगी आधुनिक EV बसों की एंट्री, FREE में ट्रंसपोर्ट कर सकेंगे ये लोग…

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GREEN TRANSPORT : देहरादून में जल्द दौड़ेंगी आधुनिक मिनी ईवी शटल बसें
DEHRADUN NEWS: राजधानी में यातायात दबाव कम करने और नागरिकों को सुविधाजनक आवागमन उपलब्ध कराने की दिशा में जिला प्रशासन ने एक और महत्वपूर्ण पहल की है। मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में प्रशासन द्वारा ऑटोमेटेड मैकेनिकल पार्किंग से जुड़े क्षेत्रों में जल्द ही आधुनिक 13-सीटर EV MINI BUS शटल सेवा शुरू की जाएगी। इस योजना के तहत EV Sakhi Cab Service को और विस्तार देते हुए अब मिनी ईवी बसों को भी बेड़े में शामिल किया जा रहा है।
DEHRADUN NEWS: पहले चरण में खरीदी जाएंगी 5 ईवी बसें
इस उद्देश्य को साकार करने के लिए जिला प्रशासन ने एडॉर्न एजेंसी के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल ने वर्चुअल बैठक के माध्यम से स्मार्ट सिटी और संबंधित विभागों के अधिकारियों को बसों की खरीद प्रक्रिया, चार्जिंग स्टेशन, स्टॉपेज, रूट चार्ट और डिज़ाइन से जुड़े कार्य शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए हैं। पहले चरण में 5 आधुनिक EV MINI BUS खरीदी जाएंगी, जबकि भविष्य में आवश्यकता के अनुसार इनकी संख्या बढ़ाई जाएगी।
पार्किंग से बाजार तक फ्री शटल सुविधा, आम जनता को भी मिलेगा लाभ
ऑटोमेटेड मैकेनिकल पार्किंग में वाहन खड़ा करने वाले नागरिकों को इन ईवी शटल बसों के माध्यम से निःशुल्क परिवहन सुविधा दी जाएगी। वहीं, आम जनता के लिए न्यूनतम टिकट दर निर्धारित की जाएगी। ये शटल सेवा परेड ग्राउंड, तिब्बती मार्केट और कोरोनेशन पार्किंग से घंटाघर, सुभाष रोड, गांधी पार्क समेत लगभग 10 किलोमीटर के दायरे में संचालित होगी। पल्टन बाजार, राजपुर रोड और सचिवालय रूट पर 10 ड्रॉप-पिकअप प्वाइंट बनाए जाएंगे।

जाम से राहत और सुव्यवस्थित शहर की ओर प्रशासन की दोहरी पहल
गौरतलब है कि वर्तमान में जिला प्रशासन द्वारा ऑटोमेटेड पार्किंग के साथ ‘ FREE EV Sakhi Cab Service’ भी संचालित की जा रही है, जिसके अंतर्गत ईवी टाटा पंच वाहन नागरिकों को व्यस्त इलाकों तक निःशुल्क पहुंचा रहे हैं। अब मिनी ईवी शटल बस सेवा के जुड़ने से शहर को जाम से राहत, पर्यावरण संरक्षण और स्मार्ट ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा मिलेगा। प्रशासन की यह पहल देहरादून को सुव्यवस्थित, स्मार्ट और ग्रीन सिटी ( GREEN TRANSPORT ) बनाने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
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अंकिता भंडारी हत्याकांड : कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च, निष्पक्ष जांच की मांग उठाई
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Ankita Bhandari Murder Case : उत्तराखंड में वीआईपी को लेकर सियासी पारा हाई, निष्पक्ष जांच के लिए सड़कों पर उत्तरी कांग्रेस
DEHRADUN NEWS : उत्तराखंड में इन दिनों Ankita Bhandari Murder Case एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में आ गया है। पूर्व भाजपा विधायक सुरेश राठौर की कथित पत्नी अभिनेत्री उर्मिला सनावर के ऑडियो और वीडियो जारी करने के बाद से ही उत्तराखंड में सियासी माहौल गरमाया हुआ है। कांग्रेस ने इस वीडियो को आधार बनाते हुए आरोप लगाया कि सरकार प्रभावशाली लोगों को बचाने की कोशिश कर रही है।
Ankita Bhandari Murder Case निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर कैंडल मार्च
इसी कड़ी में, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने डोईवाला ब्लॉक में कैंडल मार्च निकालकर विरोध दर्ज कराया। उन्होंने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि अंकिता को न्याय मिलना जरूरी है। कैंडल मार्च में बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। साथ ही कांग्रेस ने मांग की कि पूरे मामले की जांच हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में कराई जाए, ताकि सच्चाई सामने आ सके।
यूथ कांग्रेस का जोरदार प्रदर्शन
इसके साथ ही, अंकिता भंडारी मर्डर केस को लेकर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ता भी सड़कों पर दिखे। लैंसडाउन चौक के पास भाजपा महानगर कार्यालय की ओर कूच कर रहे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने कनक चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया। इस दौरान पुलिस और कार्यकर्ताओं के बीच धक्का-मुक्की भी हुई, जिसके बाद कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लेकर पुलिस लाइन भेजा गया। ये प्रदर्शन प्रदेश उपाध्यक्ष स्वाति नेगी के नेतृत्व में हुआ।
भाजपा के बड़े नेता पर गंभीर आरोप
दरअसल, वायरल वीडियो में अभिनेत्री उर्मिला सनावर ने भाजपा के एक बड़े नेता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अंकिता भंडारी केस में एक कथित वीवीआईपी के शामिल होने की बात कही, जिसका नाम भी सार्वजनिक किया गया। वीडियो के सामने आने के बाद ये मामला तेजी से सुर्खियों में आ गया और कांग्रेस ने भाजपा पर सवालों की बौछार कर दी। वहीं, भाजपा नेताओं की ओर से भी इस पर प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं।
क्या है Ankita Bhandari Murder Case का पूरा मामला
गौरतलब है कि पौड़ी गढ़वाल जिले के डोभ श्रीकोट की रहने वाली 22 वर्षीय अंकिता भंडारी यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में काम करती थी। जिसकी हत्या के मामले में जांच के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। निचली अदालत ने तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और फिलहाल वे जेल में बंद हैं। हालांकि, कांग्रेस का कहना है कि जब तक मामले में कथित वीआईपी की निष्पक्ष जांच नहीं होती, तब तक न्याय अधूरा रहेगा।
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