देहरादून: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा से जुड़े अहम निर्णय लिए गए हैं, जिसके तहत अब राजकीय विश्वविद्यालयों को संचालन संबंधी अधिक अधिकार दिए जाएंगे। सरकार की भूमिका सिर्फ निगरानी की होगी। यह निर्णय राज्य के विश्वविद्यालयों को स्वतंत्र और उत्तरदायी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
समर्थ पोर्टल, जो अब तक शासन स्तर से संचालित होता था, उसकी जिम्मेदारी अब विश्वविद्यालयों को सौंपी गई है। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया है कि शासन अब सिर्फ पोर्टल की मॉनिटरिंग करेगा और खुलने व बंद होने की तिथि ही तय करेगा।
पिछले वर्ष समर्थ पोर्टल में आई तकनीकी दिक्कतों को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।
अब से सभी विश्वविद्यालय स्वयं अपना वार्षिक शैक्षिक कैलेंडर तैयार करेंगे। इसके लिए कुलपतियों को आपसी समन्वय कर समयबद्ध कैलेंडर जारी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि प्रवेश, परीक्षा और परिणाम तय समय पर घोषित किए जा सकें।
साथ ही, विश्वविद्यालयों में कम से कम 180 दिन कक्षाएं चलाना अनिवार्य होगा और छात्रों की 75% उपस्थिति सुनिश्चित करनी होगी।
उच्च शिक्षा मंत्री ने सभी राजकीय महाविद्यालयों में खाली प्राचार्य पद जल्द भरने के निर्देश दिए हैं। एक सप्ताह के भीतर डीपीसी कराने के आदेश निदेशक उच्च शिक्षा को दिए गए हैं।
साथ ही, विषयवार खाली असिस्टेंट प्रोफेसर पदों की रिपोर्ट भी तीन दिन के भीतर शासन को भेजने को कहा गया है, ताकि फैकल्टी की कमी को दूर किया जा सके।
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