Dehradun
पर्वतीय जिलों में उद्योग लगाओ और पाओ मोटी सब्सिडी! सरकार ने जारी किए आदेश

Uttarakhand Pahadi Subsidy Scheme क्या है?
देहरादून: Uttarakhand Pahadi Subsidy Scheme – उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। अब पर्वतीय जिलों में उद्योग लगाने पर निवेशकों को चार करोड़ से लेकर 40 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट नीति 2025 को लागू कर दिया है।
किन क्षेत्रों में मिलेगा यह लाभ?
उद्योग विभाग द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक, नई नीति के तहत राज्य में पर्वतीय प्रोत्साहन देने की व्यवस्था की गई है। इसमें दो श्रेणियां बनाई गई हैं। पहली यानी ए श्रेणी में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग और बागेश्वर जिले रखे गए हैं। दूसरी यानी बी श्रेणी में टिहरी जिले का पर्वतीय क्षेत्र, नैनीताल जिले के भीमताल, धारी, बेतालघाट, रामगढ़, ओखलकांडा विकासखंड और देहरादून जिले का चकराता विकासखंड शामिल हैं।
कितनी सब्सिडी मिल सकती है?
ए श्रेणी में लार्ज, अल्ट्रा लार्ज, मेगा और अल्ट्रा मेगा उद्योग लगाने पर निवेश के दो प्रतिशत या अधिकतम चार से 40 करोड़ रुपये तक अतिरिक्त सब्सिडी मिलेगी।
वहीं, बी श्रेणी में उद्योग लगाने पर निवेश के एक प्रतिशत या अधिकतम दो करोड़ से 20 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
उदाहरण के लिए, अगर कोई निवेशक पर्वतीय क्षेत्र में 51 करोड़ से 200 करोड़ रुपये का निवेश करता है, तो उसे एक करोड़ से चार करोड़ रुपये तक ज्यादा सब्सिडी मिलेगी। इसी तरह, अल्ट्रा मेगा श्रेणी में 1000 करोड़ से 2000 करोड़ रुपये के निवेश पर 20 करोड़ से 40 करोड़ रुपये तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य क्या है?
सरकार का मकसद है कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग पर्वतीय क्षेत्रों की ओर आएं, ताकि वहां रोजगार के अवसर बढ़ें और स्थानीय विकास को गति मिले। सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने बताया कि उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट नीति 2025 लागू कर दी गई है। इससे प्रदेश में बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा, खासकर पहाड़ी इलाकों में उद्योग लगाने पर विशेष प्रोत्साहन का प्रावधान रखा गया है।
नई नीति के तहत निवेशकों को निवेश की मात्रा के आधार पर सब्सिडी का सीधा लाभ मिलेगा, जिससे उत्तराखंड को औद्योगिक हब बनाने की दिशा में नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है।
FAQ……
प्रश्न 1: उत्तराखंड पहाड़ी सब्सिडी स्कीम क्या है?
उत्तराखंड सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई योजना, जिसमें 40 करोड़ रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है।
प्रश्न 2: इस स्कीम का लाभ कौन उठा सकता है?
वे निवेशक जो उत्तराखंड के पर्वतीय ज़िलों और क्षेत्रों में लार्ज, अल्ट्रा लार्ज, मेगा या अल्ट्रा मेगा कैटेगरी के उद्योग लगाएंगे।
प्रश्न 3: कितनी सब्सिडी मिल सकती है?
A श्रेणी क्षेत्रों में निवेश के 2% या अधिकतम 40 करोड़ रुपये तक, और B श्रेणी क्षेत्रों में 1% या अधिकतम 20 करोड़ रुपये तक सब्सिडी का लाभ मिलेगा।
प्रश्न 4: A और B श्रेणी में कौन-कौन से क्षेत्र शामिल हैं?
A श्रेणी: पिथौरागढ़, चमोली, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग, चंपावत, उत्तरकाशी।
B श्रेणी: टिहरी के पर्वतीय क्षेत्र, नैनीताल के भीमताल, धारी, बेतालघाट, रामगढ़, ओखलकांडा ब्लॉक, देहरादून का चकराता ब्लॉक।
प्रश्न 5: इस योजना का उद्देश्य क्या है?
पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश बढ़ाना, रोजगार के अवसर पैदा करना और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करना।
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अलर्ट! देहरादून में कल झमाझम बारिश….जिले के सभी स्कूल और आंगनबाड़ी रहेंगे बंद

देहरादून: उत्तराखंड में मौसम विभाग और एनडीएमए द्वारा जारी ताज़ा चेतावनी के बाद देहरादून प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाते हुए जनपद के सभी शासकीय, गैर-शासकीय एवं निजी स्कूलों (कक्षा 1 से 12 तक) के साथ सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को 21 जुलाई 2025 को बंद रखने का आदेश जारी किया है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र द्वारा भेजे गए अलर्ट में कहा गया है कि 21 जुलाई को देहरादून जिले के कई क्षेत्रों में कहीं-कहीं भारी से अत्यंत भारी वर्षा, तेज़ गर्जना, आकाशीय बिजली और झोंकेदार हवाओं (40-50 किमी प्रति घंटा) की संभावना है। मौसम विभाग ने इसके लिए ओरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके चलते भूस्खलन जैसी आपदाओं की भी आशंका जताई गई है।
जिला मजिस्ट्रेट देहरादून, सविन बंसल द्वारा जारी आदेश में साफ़ कहा गया है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह अवकाश घोषित किया जा रहा है। साथ ही, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून और जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया गया है कि वे इस आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराएँ।
प्रशासन ने नागरिकों से भी अपील की है कि खराब मौसम के दौरान सतर्क रहें, अनावश्यक यात्रा से बचें और आपदा की किसी भी स्थिति में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के हेल्पलाइन नंबर 0135-2726066 या 1077 पर तुरंत संपर्क करें।
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धर्म, अस्मिता और ‘उत्तराखंड के गौरव’ के असली रक्षक बने मुख्यमंत्री धामी! पाखंडियों पर टूटा कानून का कहर

देहरादून: उत्तराखंड की पहचान संस्कृति, परंपरा, और आध्यात्मिकता से है। ‘देवभूमि’ कहलाने वाले इस पावन राज्य में हर कण में आस्था है और हर नागरिक के जीवन में शांति, सहिष्णुता और सद्भाव बसता है। लेकिन बीते कुछ वर्षों में कुछ असमाजिक तत्वों और उपद्रवियों ने इसकी मर्यादा को भंग करने में कोई कमी नहीं छोड़ी, जिसे सीएम धामी के धाकड़ प्रहार ने ध्वस्त कर दिया।
उत्तराखंड की सांस्कृतिक अस्मिता और धार्मिक मर्यादा से खिलवाड़ करने वालों पर अब सरकार ने सीधा वार किया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में शुरू हुए सख्त अभियानों का असर अब साफ दिख रहा है। असामाजिक तत्वों में कानून का डर और खौफ दोनों है।
धर्मांतरण पर कड़ा कानून, अस्मिता की रक्षा का मजबूत संकल्प
पहले प्रदेश में लालच, भय या धोखे से धर्मांतरण की घटनाएं प्रकाश में आती रहती थी लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद ही सीएम धामी ने ये स्पष्ट कर दिया कि उत्तराखंड की धार्मिक स्वतंत्रता की मर्यादा को किसी भी कीमत पर लांघने नहीं दिया जाएगा। वर्ष 2022 में पारित उत्तराखंड धर्म‑स्वतंत्रता अधिनियम, 2022 के तहत जबरन धर्मांतरण को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध घोषित किया गया। दोषियों को 2 से 10 वर्ष की सज़ा और ₹25,000 से ₹10 लाख तक जुर्माना का प्रावधान किया गया है। हाल ही में छांगुर बाबा गिरोह के पांच सदस्यों के खिलाफ दर्ज मुकदमा भी इसी संकल्प का परिचायक है।
ऑपरेशन कालनेमी: छद्म वेशधारियों पर करारा वार
प्रदेश में भगवा चोले और धार्मिक पहचान की आड़ में लोगों को ठगी का शिकार बनने वाले और उनकी आस्था के साथ खिलवाड़ करने वाले तत्वों की तेजी से पहचान हो रही है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर चलाया गया “ऑपरेशन कालनेमि” एक ऐसा सशक्त अभियान है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड की शांति, सुरक्षा और संस्कृति की रक्षा करना है।
प्रदेश के 13 जिलों में चलाए जा रहे इस ऑपरेशन के तहत अब तक कुल 2448 लोगों की पहचान की गई, 377 संदिग्धों को चिह्नित किया गया और भगवा चोले की आड़ में पहचान छिपा कर लोगों को ठगने पर 222 अभियुक्तों पर कार्यवाही शुरू कर दी गई है जबकि 140 गिरफ्तारियां सुनिश्चित की गईं।
इस अभियान के तहत संवेदनशील इलाकों में पहचान पत्र, निवास प्रमाण, और दस्तावेजों की भी गहन जांच की जा रही है ताकि कोई ढोंगी बच न पाए।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह प्रमाणित किया है कि जब नेतृत्व संकल्पित हो, तो अस्मिता पर उठे हर हाथ को रोका जा सकता है।धर्म की रक्षा, अस्मिता की सुरक्षा, और प्रदेश की आत्मा – उत्तराखंडीयत की पहचान बनाए रखना ही धामी सरकार का मूल मंत्र है।
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मुख्यमंत्री धामी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी का किया स्वागत, भेंट किया चारधाम प्रसाद और हिमालयी उत्पाद

देहरादून – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को मुख्यमंत्री आवास में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी का स्वागत एवं अभिनंदन किया | इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें चारधाम का प्रसाद एवं देवभूमि उत्तराखंड के अंब्रेला ब्रांड “हाउस आफ हिमालया” के स्थानीय उत्पाद भी भेंट किए |
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री के मध्य दोनों राज्यों के हितों से संबंधित विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा हुई |
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