Uttarakhand
उत्तरकाशी: जादूंग गांव में 10 करोड़ की लागत से बनेगा मेला स्थल, होम स्टे निर्माण कार्य जारी !

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी जिले के जादूंग गांव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ी योजना तैयार की जा रही है। चीन सीमा से लगे इस गांव में 10 करोड़ रुपये की लागत से मेला स्थल का निर्माण किया जाएगा, जिससे जाड़ समुदाय के लोग अपने पारंपरिक रीति-रिवाजों और सांस्कृतिक आयोजनों को आयोजित कर सकेंगे। इस परियोजना के लिए पर्यटन विभाग ने कंसलटेंट एजेंसी के माध्यम से विस्तृत कार्ययोजना (डीपीआर) तैयार करवाई है।
वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत होम स्टे का निर्माण
केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत, जादूंग गांव में पहले चरण में छह होम स्टे का निर्माण कार्य सितंबर 2024 में शुरू हुआ था। ये सभी होम स्टे पहाड़ी शैली में बनाए जा रहे हैं और इन्हें वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध के बाद खाली कराए गए जादूंग गांव के मूल निवासियों को सौंपा जाएगा।
मेला स्थल के निर्माण से संस्कृति को मिलेगा बढ़ावा
इस नए मेला स्थल के निर्माण से जाड़ समुदाय के लोगों को अपनी पारंपरिक सांस्कृतिक और लोकोत्सवों के आयोजन के लिए पर्याप्त स्थान मिल सकेगा। यह मैदान उनके लिए रीति-रिवाजों का प्रदर्शन करने और अपनी संस्कृति को संजोने का महत्वपूर्ण स्थल साबित होगा। कार्यदायी संस्था जीएमवीएन के सहायक अभियंता डीएस राणा ने बताया कि पहले तीन होम स्टे की नींव का निर्माण पूरा हो चुका है और चौथे होम स्टे की नींव का काम जारी है।
निर्माण कार्य में समय सीमा का निर्धारण
डीएस राणा ने बताया कि 30 नवंबर तक गंगोत्री नेशनल पार्क के गेट बंद होने के कारण निर्माण कार्य को रोक दिया जाएगा और अगले साल जून से फिर से काम शुरू होगा।
दूसरे चरण के लिए 17 होम स्टे का निर्माण
पर्यटन विभाग के मुताबिक, दूसरे चरण में जादूंग में 17 और होम स्टे बनाए जाएंगे। इसके लिए डीपीआर तैयार करने का कार्य भी शुरू हो चुका है। कुल 23 परिवारों के लिए होम स्टे बनाए जाएंगे, जिसमें पहले चरण में छह और दूसरे चरण में 17 होम स्टे शामिल हैं।
स्थानीय समुदाय से बातचीत जारी
जिला पर्यटन विकास अधिकारी, उत्तरकाशी, केके जोशी ने बताया कि मेला मैदान के निर्माण के लिए जादूंग गांव के मूल निवासी जाड़ समुदाय के लोगों से बातचीत चल रही है। इसके अलावा, दूसरे चरण में 17 होम स्टे निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जा रही है।
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big news
हल्द्वानी में करोड़ों की ज्वेलरी चोरी, 40 दिनों तक रेकी करने के बाद दिया घटना को अंजाम
हल्द्वानी : नैनीताल जिले के हल्द्वानी स्थित मुखानी चौराहे पर राधिका ज्वेलर्स शॉप को चोरों ने निशाना बनाते हुए करीब एक करोड़ रुपये की ज्वेलरी चोरी कर ली। चोरी का खुलासा रविवार सुबह उस समय हुआ, दुकान के मालिक नवनीत शर्मा दुकान खोलने पहुंचे। शटर उठाते ही उन्होंने देखा कि अंदर सारा सामान बिखरा पड़ा है, और गहने दुकान से गायब हैं।
बगल की दुकान से दीवार काटकर ज्वेलरी चोरी
जानकारी के मुताबिक, चोरों ने ज्वेलरी शॉप से सटी एक दुकान को पहले किराए पर लिया था। इसी दुकान से दीवार तोड़कर आरोपी राधिका ज्वेलर्स के अंदर दाखिल हुए। चोरों ने करीब 25 किलो चांदी और लगभग 300 ग्राम सोने के आभूषणों पर हाथ साफ किया। इसके अलावा गैस कटर से तिजोरी काटने का प्रयास भी किया गया,लेकिन वो अपने मंसूबों को अंजाम नहीं दे सक।
शुक्रवार शाम बंद हुई थी दुकान, शनिवार को रही थी छुट्टी
दुकान के मालिक ने बताया कि शुक्रवार शाम दुकान बंद कर वो घर चले गए थे, जबकि शनिवार को दुकान बंद थी। आशंका जताई जा रही है कि इसी दौरान चोरों ने पूरी प्लानिंग के साथ चोरी की वारदात को अंजाम दिया। घटना की सूचना मिलते ही मुखानी थाना पुलिस मौके पर पहुंची। साथ ही फॉरेंसिक टीम को बुलाकर घटनास्थल से सबूत जुटाए गए। पुलिस आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाल रही है।
किराएदारों की जानकारी नहीं, सभी फरार
जिस दुकान के जरिए चोरों ने ज्वेलरी शॉप में प्रवेश किया, वो दुकान पिछले करीब 40 दिनों से कुछ लोगों को किराए पर दी गई थी। किराएदारों ने कपड़े का शोरूम खोलने की बात कहकर दुकान ली थी। हैरानी की बात ये है कि दुकान मालिक के पास न तो किराएदारों का मोबाइल नंबर है और न ही आधार कार्ड जैसी कोई पहचान। वारदात के बाद सभी किराएदार फरार बताए जा रहे हैं।
एसपी सिटी मनोज कत्याल ने बताया कि मुखानी क्षेत्र स्थित ज्वेलरी शॉप में चोरी की घटना हुई है। फिलहाल दुकान के मालिक की तहरीर का इंतजार किया जा रहा है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।
-एसपी सिटी मनोज कत्याल-
Uttarakhand
हरीश रावत ने रिवर्स पलायन को लेकर सरकार पर कसा तंज, कहा कि सरकार केवल सपने दिखा रही है

देहरादून: उत्तराखंड में Reverse Migration को बढ़ावा देने को लेकर सरकार के प्रयासों के बीच इस मुद्दे पर सियासत भी तेज हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने Reverse Migration के मुद्दे पर धामी सरकार को घेरा लिया है। उन्होंने कहा कि सरकार केवल रिवर्स पलायन की बातें कर रही है, जबकि ज़मीनी हकीकत इससे अलग है।
हरीश रावत का सरकार पर सीधा हमला
हरीश रावत ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार पर तीखा तंज कसा है। उन्होंने लिखा कि सरकार उत्तराखंड वासियों को Reverse Migration का सपना दिखा रही है, लेकिन पहले लोगों को उनकी जमीन लौटाई जानी चाहिए। उनका कहना था कि लोग आसमान लेकर क्या करेंगे, जब उनके पास अपनी जमीन और संसाधन ही सुरक्षित नहीं हैं।
पलायन की मौजूदा स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत
इसके अलावा, पूर्व मुख्यमंत्री ने मौजूदा पलायन को अधिक गंभीर समस्या बताया। उन्होंने कहा कि आज डर और असुरक्षा के कारण लोग अपने गांव और घर छोड़ने को मजबूर हो रहे हैं। उन्होंने जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों का जिक्र करते हुए कहा कि गुलदार, बाघ, हाथी, भालू, बंदर और लंगूर के साथ-साथ आवारा पशु और कुत्ते गांवों से लेकर कस्बों तक लोगों के लिए खतरा बन चुके हैं। ऐसे हालात में रिवर्स पलायन की कल्पना व्यावहारिक नहीं लगती।
सरकार के प्रयास और Reverse Migration की अवधारणा
वहीं दूसरी ओर, हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रिवर्स पलायन को लेकर अधिकारियों के साथ बैठक कर जरुरी दिशा-निर्देश दिए थे। सरकार का मानना है कि वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव में गांव खाली हुए हैं, जिन्हें दोबारा बसाने के लिए रोजगार और स्वरोजगार योजनाएं चलाई जा रही हैं। सरकार का दवा कर रही है कि, गांवों में अवसर बढ़ाकर ही लोगों को वापस लौटने के लिए प्रेरित किया जा सकता है।
Crime
रिटायर्ड अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट कर लाखों की ठगी, आरोपी जयपुर से गिरफ्तार

नैनीताल: उत्तराखंड में STF लगातार एक्शन मोड़ पर है। एसटीएफ ने एक रिटायर्ड अधिकारी से Digital Arrest का हवाला देकर 20 लाख रुपए की साइबर ठगी करने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। साइबर ठगों ने तीन दिनों तक 80 वर्षीय बुजुर्ग को Digital Arrest रख कर धोखाधड़ी की। साइबर ठगों ने खुद को दिल्ली क्राईम ब्रांच और सीबीआई अधिकारी बताकर उनके आधार कार्ड से खोले गए एक बैंक खाते से करोड़ों रुपए का लेनदेन के बारे में बताया।
बुजुर्ग को Digital Arrest रखकर ठगे लाखों रूपए
दरअसल, नैनीताल निवासी बुजुर्ग ने दिसंबर 2025 में साइबर थाना कुमाऊं परिक्षेत्र, रुद्रपुर में शिकायत दर्ज कराई थी। कि कुछ दिनों पहले साइबर ठगों ने फोन और व्हाट्सएप वीडियो कॉल के जरिए यह झूठा दावा किया कि उनके आधार कार्ड का दुरुपयोग हुआ है और उनके नाम पर खुले एक बैंक खाते में करोड़ों रुपये का money laundering लेनदेन हुआ है। जांच के नाम पर बुजुर्ग को तीन दिनों तक व्हाट्सएप वीडियो कॉल पर निगरानी में रखकर अलग-अलग खातों में कुल 20 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए।
पुलिस को चकमा देने के लिए बदलता रहा ठिकाने
शिकायत मिलने के बाद, STF और Cyber police टीम ने संबंधित बैंक खातों और मोबाइल नंबरों का गहन सत्यापन किया। जांच में 19 वर्षीय महीम सिसौदिया, निवासी जयपुर, राजस्थान को चिन्हित किया गया। साइबर एएसपी कुश मिश्रा ने बताया कि आरोपी बेहद शातिर था और पुलिस से बचने के लिए लगातार अपनी पहचान और लोकेशन बदल रहा था। रकम निकालने के बाद आरोपी ने बैंक खाते से जुड़े मोबाइल नंबर को स्विच ऑफ कर दिया था।
कई राज्यों में दर्ज हैं साइबर ठगी की शिकायतें
पुलिस ने जयपुर में उसके पते पर पहुंची लेकिन आरोपी वहाँ नहीं मिला। इसके बाद स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद नए पते पर दबिश देकर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। जांच में ये भी पाया गया कि दिसंबर महीने में ही खाते से लाखों रुपये का लेनदेन हुआ था। आरोपी के खिलाफ कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब और उत्तर प्रदेश समेत अलग-अलग राज्यों में टोटल 7 साइबर ठगी की शिकायतें दर्ज हैं, जिनके संबंध में संबंधित राज्यों से संपर्क किया जा रहा है।
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