Dehradun
चारधाम यात्रा की तैयारियों को लेकर अपर पुलिस महानिदेशक ने पुलिस अधिकारीयों की ली बैठक, दिए ये निर्देश।

देहरादून – आगामी चारधाम यात्रा-2024 के दौरान यातायात को सुचारु एवं सुव्यवस्थित रुप से संचालित कराये जाने को लेकर ए0पी0 अंशुमान, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, के सम्बन्ध में पुलिस मुख्यालय में वीडियो कान्फ्रेन्स के माध्यम से पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, वरिष्ठ/पुलिस अधीक्षक, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली एवं सेनानायक, एसडीआरएफ एवं उक्त जनपदों के अपर पुलिस अधीक्षक/पुलिस उपाधीक्षक, यातायात के साथ बैठक आहूत कर चारधाम यात्रा के दौरान उक्त जनपद प्रभारियों द्वारा यातायात व्यवस्था के सुचारु रुप से संचालन के सम्बन्ध में की गयी तैयारियों की समीक्षा की गयी।
अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड महोदय द्वारा चारधाम यात्रा के दौरान यातायात व्यवस्था के सुचारु रुप से संचालन हेतु पुलिस मुख्यालय स्तर पर पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड को नोडल अधिकारी नामित किया गया है, से अवगत कराया गया।
तदोपरान्त अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड द्वारा निम्न निर्देश दिये गयेः-
1. जनपद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, टिहरी, उत्तररकाशी, चमोली एवं रुद्रप्रयाग द्वारा चारधाम यात्रा के दौरान यातायात के सुचारु रुप से संचालन हेतु तैयार किये गये यातायात प्लान का समाचार पत्रों, सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों से प्रचार-प्रसार कराये। साथ ही जगह-जगह चारधाम यात्रा मार्ग सम्बन्धी साईन बोर्ड भी लगाये जाये।
2. क्षतिग्रस्त मार्गों को समय से सही कराने के सम्बन्ध में जिलाधिकारी एवं अन्य सर्वसम्बन्धित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर अग्रेत्तर कार्यवाही करायी जाये।
3. भीड़-भाड़ वाले स्थानों, पार्किंग स्थलों एवं अन्य महत्वपूर्ण स्थलों आदि पर पी0ए0 सिस्टम स्थापित कर यात्रियों को यातायात एवं अन्य महत्वपूर्ण सूचनाओं से लगातार अवगत कराया जाये तथा स्थायी पार्किंग फुल होने की सम्भावना के दृष्टिगत समय से नये पार्किंग स्थालों को चिन्हित कर अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।
4. सभी जनपद अपने-अपने जनपदों के मुख्य-मुख्य स्थानों में लगे सीसीटीबी कैमरों का ग्रीड बनाकर, उसकी फीड को जनपद के कन्ट्रोल रुम के साथ-साथ पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था के साथ भी शेयर किया जाये।
5. यातायात प्रबन्धन हेतु ड्रोन का भी अधिक से अधिक प्रयोग किया जाये तथा उसके फीड को जिला कन्ट्रोल रुम से जोड़ा जाये।
6. चारधाम यात्रा में नियुक्त पुलिस बल को रहने एवं खाने आदि की पर्याप्त व्यवस्था समय से सुनिश्चित करायी जाये।
7. बाहरी राज्यों/जनपदों से चारों धामों एवं यात्रा मार्ग पर स्थित होटल, ढ़ाबे, दुकानें, सराय आदि पर काम करने वालों एवं घोड़े/खच्चर चलाने वालों आदि के समय से शत-प्रतिशत सत्यापन कराये जाये।
8. बाहरी राज्यों से आने वाले वाहन चालकों को पर्वतीय मार्ग में यात्रा करने, भूस्खलन सम्भावित क्षेत्रों आदि के सम्बन्ध में नियमित रुप से जानकारी देकर ब्रीफ किया जाये।
9. सम्पूर्ण यात्रा मार्गों पर यात्रा सम्बन्धी जानकारियों एवं अन्य दिशा-निर्देशों के सम्बन्ध में विभिन्न भाषाओं में डिस्पले बोर्ड, होर्डिंग्स लगाये जाये।
10. गढ़वाल परिक्षेत्र के समस्त जनपदों के यातायात प्रभारी चारधाम यात्रा मार्गों पर सुगम यातायात संचालन एवं यातायात प्रबन्धन की सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान हेतु एक व्हाटसएप ग्रुप बना लिया जाये, जिसमें पुलिस उपमहानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था को भी सम्मिलित किया जाये।
11. दुर्घटना सम्भावित क्षेत्रों एवं यातायात दबाव वाले स्थानों पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाये।
12. चारों धामों में कार्मिकों की रोटेशन में डयूटियां लगायी जाये।
13. साईबर फ्राड आदि शिकायतों के सम्बन्ध में जनपद स्तर पर एक सैल बनाया जाये, जिसमें यात्रियों की शिकायतों को सुनकर उनका त्वरित रुप से समाधान कराते हुए नियमानुसार अग्रेत्तर कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।
14. यात्रियों की शिकायतों पर अभियोग पंजीकृत होने की दशा में वादी के बयान उसी समय लेखबद्ध किये जाये, जिससे यात्रियों को अभियोग के सम्बन्ध में बयान दर्ज करवाने हेतु बार-बार ना आना पड़े।
15. यात्रा मार्ग के अवरुद्ध होने की सम्भावना के दृष्टिगत जिलाधिकारी, बीआरओ एवं अन्य सर्वसम्बन्धित से समन्वय स्थापित कर पूर्व से ही पूर्ण तैयारियां सुनिश्चित कर ली जाये।
16. चारधाम के दौरान यातायात बाधित होने की स्थिति में सम्बन्धित थाना प्रभारी की जवाबदेही निर्धारित की जायेगी।
17. चारधाम के दौरान घटित छोटी से छोटी घटनाओं पर तत्काल नियमानुसार कार्यवाही सम्पादित करायी जाये।
18. चारधाम के दौरान यातायात का अधिक दबाव होने के दृष्टिगत अलग-अलग स्थानों पर वाहनों को रोकने की व्यवस्था पूर्व से ही सुनिश्चित करायी जाये।
19. नदियों के घाटों, डूब क्षेत्रों आदि पर डूबने, सतर्कता बरतने के सम्बन्ध में आमजनमानस को पीए सिस्टम के माध्यम से जागरुक किया जाये।
20. चारधाम के दौरान सड़क जाम प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध नियमानुसार अभियोग पंजीकृत करते हुए वैधानिक कार्यवाही सुनिश्चित करायी जाये।
21. चारधाम यात्रा के दौरान बस/रेलवे स्टेशनों आदि पर जहरखुरानी/हयूमन ट्रैफिकिंग की घटनाओं की रोकथाम हेतु आवश्यकतानुसार टीमें नियुक्त की जाये।
22. चारधाम के दौरान ट्रैफिक डायवर्जन करने की स्थिति डायवर्जन का समय से प्रचार-प्रसार कराया जाये।
23. यात्रा मार्ग पर समय से ब्लैक स्पॉट चिन्हित कराकर उनके बोर्ड लगाये जाये।
इस अवसर पर करन सिंह नगन्याल, पुलिस महानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, पी0 रेणुका देवी, पुलिस उप महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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सीएम धामी का पूर्व सैनिकों संग संवाद, 2047 के उत्तराखंड के लिए मांगे सुझाव

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजधानी देहरादून में आयोजित ‘विकसित उत्तराखंड @2047 सामूहिक संवाद’ कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों के साथ संवाद किया। यह आयोजन प्रदेश के भावी विकास के रोडमैप के तहत पूर्व सैनिकों के अनुभव और सुझावों को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने पूर्व सैनिकों का सदैव सम्मान देने की भावना दोहराते हुए कहा कि वे स्वयं एक सैनिक पुत्र हैं और सैनिकों का जीवन, अनुशासन और राष्ट्र के प्रति समर्पण उन्होंने घर से ही सीखा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड जैसे सैन्य परंपरा वाले राज्य के विकास में पूर्व सैनिकों की भागीदारी अनिवार्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने सैनिकों और उनके परिजनों के हित में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए हैं। इसमें अनुग्रह राशि में अभूतपूर्व वृद्धि सहित कई योजनाएं शामिल हैं, जिनसे राज्य के हजारों सैनिक परिवारों को प्रत्यक्ष लाभ मिला है।
उन्होंने बताया कि उत्तराखंड सरकार द्वारा पूर्व सैनिकों की पेंशन, पुनर्वास, स्वास्थ्य सेवाओं और बच्चों की शिक्षा को लेकर लगातार नीति आधारित निर्णय लिए जा रहे हैं, जिससे उनका जीवन अधिक सुरक्षित और सम्मानजनक बन सके।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पूर्व सैनिकों से सीधा संवाद किया और उनके विचारों को गंभीरता से सुना। उन्होंने कहा कि ‘विकसित उत्तराखंड @2047’ एक ऐसा साझा सपना है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी जरूरी है, और सैनिकों की दृष्टि से प्राप्त सुझाव राज्य की नीतियों को और अधिक मजबूत आधार देंगे।
सीएम धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप उत्तराखंड 2047 तक एक सशक्त, आत्मनिर्भर और आधुनिक राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए सरकार हर स्तर पर संवाद स्थापित कर रही है…युवाओं से लेकर पूर्व सैनिकों तक।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में शिक्षाविद् व चिन्तक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि शिक्षाविद्, चिन्तक और भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी एक कुशल राजनीतिज्ञ, विद्वान और स्पष्टवादी नेता थे। राष्ट्र निर्माण में उनका अमूल्य योगदान अविस्मरणीय है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के विचार हमें सदैव राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।
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अब बिना रजिस्ट्रेशन मसूरी में नहीं मिल पाएगी एंट्री, सरकार का नया नियम लागू

मसूरी (उत्तराखंड): अगर आप इस सीजन में मसूरी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो अब आपको एक जरूरी सरकारी प्रक्रिया से होकर गुजरना होगा। उत्तराखंड सरकार ने मसूरी के लिए टूरिस्ट रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू कर दिया है…जिसके तहत यहां आने वाले हर पर्यटक को अपनी जानकारी पहले से पोर्टल पर दर्ज करानी होगी।
यह फैसला पर्यटन सीजन में होने वाले भारी ट्रैफिक जाम और अव्यवस्था से निपटने के लिए लिया गया है। हर वीकेंड पर मसूरी में लगने वाला जाम न केवल पर्यटकों…बल्कि स्थानीय प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता रहा है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड (UTDB) ने यह कदम उठाया है।
सरकार द्वारा बनाए गए पोर्टल पर पर्यटकों को अपना नाम, मोबाइल नंबर, वाहन संख्या, पता, और मसूरी में कितने दिन रुकना है इसकी जानकारी देनी होगी। इससे प्रशासन को पता रहेगा कि शहर में एक समय में कितने पर्यटक मौजूद हैं…और जरूरत पड़ने पर उनकी मदद कैसे की जा सकती है।
वीकेंड और छुट्टियों पर भारी ट्रैफिक की वजह से स्थानीय लोगों और टूरिस्टों को भारी परेशानी होती है। किसी आपात स्थिति…जैसे मौसम बिगड़ना या रास्ते बंद होना में टूरिस्टों का डेटा प्रशासन को मदद पहुंचाने में मदद करेगा। पर्यटन का अनुभव बेहतर हो सके, इसके लिए यह कदम जरूरी माना जा रहा है। स्थानीय लोग और पर्यटक दोनों ही इस फैसले को सरकार की एक सकारात्मक पहल मान रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि इसका मकसद किसी को रोकना नहीं बल्कि व्यवस्था को बेहतर बनाना है। हालांकि यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम अभी सिर्फ मसूरी में शुरू हुआ है…लेकिन जिस तरह की भीड़ ऋषिकेश, नैनीताल और अन्य हिल स्टेशनों पर देखने को मिलती है आने वाले समय में वहां भी ऐसी व्यवस्था लागू की जा सकती है।
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