Chamoli
बद्रीनाथ: बद्रीनाथ धाम में तीसरी बर्फबारी, सफेद चादर से ढक चुका है क्षेत्र !

बद्रीनाथ धाम: उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल बद्रीनाथ धाम में एक बार फिर से मौसम का मिजाज बदल चुका है। पिछले 24 घंटे से अधिक समय से लगातार हो रही बर्फबारी ने बद्रीनाथ धाम को एक बार फिर से बर्फ की सफेद चादर से ढक दिया है। यह सीजन की तीसरी बर्फबारी है, जिसने भगवान बद्री विशाल जी के धाम को और भी खूबसूरत बना दिया है।
बर्फबारी के कारण बद्रीनाथ धाम, नीति और माणा घाटी पूरी तरह से बर्फ की चपेट में आ चुके हैं। बद्रीनाथ की इस अद्भुत सुंदरता को हमने आपके लिए एक्सक्लूसिव तस्वीरों में कैद किया है, जहां प्रकृति स्वयं भगवान बद्री विशाल जी के सिंगार में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
यहां की ठंड भी अब काफी बढ़ चुकी है, और चारों ओर बर्फ ही बर्फ नजर आ रही है। इस बर्फबारी के बीच बद्रीनाथ धाम की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय सेना के जवान, पुलिस प्रशासन और बद्रीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के सेवादार 24 घंटे कड़ाके की ठंड में भी अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हैं।
बद्रीनाथ धाम में हो रही इस बर्फबारी ने एक बार फिर से इस धार्मिक स्थल की भव्यता और आकर्षण को बढ़ा दिया है, और यहां आ रहे श्रद्धालुओं के लिए यह एक यादगार अनुभव बन चुका है।
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सेवा के दौरान बिगड़ी तबीयत , वीर जवान सुरेन्द्र सिंह के निधन पर मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक

चमोली: जनपद चमोली के वाण गांव निवासी और गढ़वाल स्काउट ज्योतिर्मठ में तैनात लांस नायक सुरेन्द्र सिंह का आकस्मिक निधन हो गया। बताया जा रहा है कि ड्यूटी के दौरान अचानक तबीयत बिगड़ने के कारण उनकी मौत हुई। जवान के निधन की खबर से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर शोक व्यक्त करते हुए कहा—
“जनपद चमोली निवासी लांस नायक सुरेंद्र सिंह जी के निधन का समाचार अत्यंत दुःखद है। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।”
शहीद सुरेन्द्र सिंह का पार्थिव शरीर देर रात उनके गांव वाण पहुंचाया गया। अंतिम दर्शन के लिए ग्रामीणों की भीड़ उमड़ पड़ी। सुरेन्द्र अभी अविवाहित थे और अपने पीछे माता-पिता, दो भाई और एक बहन को छोड़ गए हैं।
आज उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
इस वीर सैनिक के बलिदान को पूरे उत्तराखंड ने नमन किया है।
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Uttarakhand में फिर टूटा कुदरत का कहर! Chamoli के मुख गांव में फटा बादल

चमोली: उत्तराखंड के चमोली जनपद में नंदप्रयाग घाट के आगे स्थित मुख गांव से बादल फटने की खबर ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। घटना की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम तुरंत राहत और बचाव कार्य के लिए मौके की ओर रवाना हो गई है। स्थानीय प्रशासन स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए है…और सभी आवश्यक तैयारियां की जा रही हैं।
तेज बारिश के चलते इलाके में भूस्खलन और भारी नुकसान की आशंका जताई जा रही है। मौसम विज्ञान विभाग के हाइड्रोमेट डिवीजन नई दिल्ली की ओर से राज्य में बाढ़ के खतरे को लेकर पूर्वानुमान जारी किया गया है। इसके बाद राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सभी जिलाधिकारियों को सतर्क रहने के निर्देश देते हुए जरूरी सावधानियां बरतने के लिए पत्र भेजा है।
प्राप्त सूचना के अनुसार सोमवार को 24 घंटे के भीतर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, देहरादून, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी और उत्तरकाशी जिलों में भारी वर्षा के कारण जलभराव और बाढ़ की स्थिति बनने की आशंका है। प्रशासन से कहा गया है कि संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरती जाए, और आवागमन पर नियंत्रण रखा जाए।
इधर प्रदेश में मूसलाधार बारिश के चलते 74 सड़कें बंद हो चुकी हैं। राज्य आपातकालीन केंद्र के अनुसार, रुद्रप्रयाग में पांच, उत्तरकाशी में एक नेशनल हाईवे और आठ ग्रामीण सड़कें, नैनीताल में एक, चमोली में एक राज्य मार्ग और 20 सड़कें, पिथौरागढ़ में 9, अल्मोड़ा में 3, बागेश्वर में 8, चंपावत में 1, पौड़ी में 6, देहरादून में 4, और टिहरी जिले में 8 ग्रामीण सड़के भूस्खलन के कारण बंद हो गई हैं।
वहीं पहले से बंद पड़ा ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी औजरी के पास अब तक नहीं खुल पाया है जिससे यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह अलर्ट पर हैं…लेकिन लगातार हो रही बारिश ने राहत कार्य में भी चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। सरकार ने लोगों से अपील की है कि अनावश्यक यात्रा से बचें और मौसम विभाग के ताज़ा अलर्ट्स का पालन करें।
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जंगल में घास लेने गई महिला की खाई में गिरकर दर्दनाक मौत, पढ़िए !

चमोली: नारायणबगड़ के गड़सीर गांव से एक दुखद खबर सामने आई है, जहां 36 वर्षीय कृष्णा देवी की जंगल में घास लेने के दौरान चट्टान से गिरकर मौत हो गई। यह घटना पटोरी के जंगल में हुई…जहां कृष्णा देवी अन्य महिलाओं के साथ घास काटने गई थीं।
सूचना के मुताबिक कृष्णा देवी का पैर अचानक फिसल गया और वह गहरी खाई में गिर गईं। साथ आई महिलाओं ने तुरंत इस घटना की सूचना गांव में दी। ग्रामीणों ने तहसील प्रशासन को सूचना देकर मदद मांगी। राजस्व पुलिस और डीडीआरएफ की टीम देर शाम घटना स्थल पर पहुंची और गहरी खाई से महिला का शव बरामद किया।
मौके पर मौजूद एसडीएम पंकज भट्ट ने बताया कि मृतक महिला के शव का पंचनामा भरकर उसे पोस्टमार्टम के लिए उपजिला अस्पताल कर्णप्रयाग भेज दिया गया है। उन्होंने घटना की जांच कराने के निर्देश भी दिए हैं। ग्रामीणों में इस दुखद घटना को लेकर शोक की लहर है। प्रशासन ने भी मृतक के परिवार को हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
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