Dehradun
उत्तराखंड: 5 अक्टूबर को नहीं हो पाई थी परीक्षा, अब इस दिन दोबारा

देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की बहुप्रतीक्षित सहकारी निरीक्षक और सहायक विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा जिसे पेपर लीक विवाद के चलते स्थगित करना पड़ा था अब 16 नवंबर को कराई जाएगी। इस बार आयोग ने किसी भी गड़बड़ी को रोकने के लिए फुलप्रूफ सुरक्षा इंतजाम किए हैं। आयोग के सचिव डॉ. शिव कुमार बरनवाल ने जानकारी दी कि यह परीक्षा पहले 5 अक्टूबर को होनी थी…लेकिन कुछ प्रशासनिक कारणों से इसे टालना पड़ा। उन्होंने बताया कि परीक्षा के लिए नई तिथि तय कर दी गई है…और एडमिट कार्ड जल्द ही जारी किए जाएंगे।
अब केवल सरकारी संस्थानों में होंगे परीक्षा केंद्र
डॉ. बरनवाल के अनुसार इस बार परीक्षा केंद्रों के चयन में भी बड़ा बदलाव किया गया है। केवल सरकारी शिक्षण संस्थानो…जैसे विश्वविद्यालय और सरकारी पॉलिटेक्निक कॉलेज को ही केंद्र बनाया जाएगा। इन केंद्रों की निगरानी अब और सख्त होगी। पुलिस और मजिस्ट्रेट की संयुक्त टीमें परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण करेंगी। वहीं परीक्षा केंद्रों पर बायोमीट्रिक उपस्थिति पूरी तरह से तलाशी और निगरानी की पुख्ता व्यवस्था की जाएगी।
समूह-ग भर्तियों का नया परीक्षा कैलेंडर भी जल्द
आयोग ने यह भी घोषणा की है कि समूह-ग की बाकी भर्तियों का नया परीक्षा कैलेंडर भी जल्द ही जारी किया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि अब भर्तियों में कोई देरी नहीं होगी और पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ संपन्न कराई जाएगी।
पुस्तकालय भर्ती का परिणाम विभाग को भेजा गया
वहीं दूसरी ओर, आयोग ने उप पुस्तकालयाध्यक्ष, सूचना सहायक, सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष और सूचीकार पदों की भर्ती परीक्षा की प्रक्रिया पूरी कर ली है। आयोग ने चयन सूची सोमवार को संबंधित विभाग को भेज दी है। अब विभाग द्वारा अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने कहा कि हमने आगामी परीक्षाओं के लिए कुछ अहम बदलाव किए हैं। इस बार पहले बनाए गए परीक्षा केंद्रों को हटाकर केवल सरकारी संस्थानों को चुना जाएगा। निगरानी व्यवस्था इतनी कड़ी होगी कि किसी भी प्रकार की अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी।
big news
देहरादून के इन इलाकों में हिंदुओं की घटी आबादी, मुस्लिमों की संख्या बढ़ने पर चौंकाने वाली रिपोर्ट !

प्रदेश में बीते कुछ समय से डेमोग्राफिक चेंज की बातें सामने आ रही हैं। इसी तरह की बात अब राजधानी देहरादून से भी सामने आई है। एक रिपोर्ट में देहरादून के 28 गांवों में हिंदू आबादी घटने और मुस्लिम आबादी में तेजी से बढ़ोतरी का दावा किया गया है।
देहरादून के इन इलाकों में हिंदुओं की घटी आबादी
प्रदेश के कई इलाकों से जनसांख्यिकी बदलाव की बातें सामने आने के बाद अब देहरादून से भी जनसांख्यिकी बदलाव का मामला सामने आ रहा है। एनडी टीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक देहरादून के 28 गांवों में मुस्लिम आबादी तेजी से बढ़ी है जबकि इन गावों में हिंदू आबादी घटी है। ये मामला देहरादून के विकासनगर से सामने आया है। जिस पहले पछवादून कहा जाता था।
हिमाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश से लगने वाले इस क्षेत्र के करीब 28 गावों में मुस्लिम आबादी बढ़ गई है और हिंदुओं की आबादी कम हो गई है। लगातार जनसंख्या असंतुलन की खबरें सामने आने के बाद जब इस मामले में जांच की गई तो चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जिसने सभी को हैरान कर दिया।
28 गांवों ऐसे मुस्लिम हो गए बहुसंख्यक
डेमोग्राफिक चेंज की लगातार सामने आ रही बातों के कारण जब जांच की गई तो उसमें सामने आया कि मुस्लिम ग्राम प्रधानों ने अपनी कुर्सी को कायम रखने के लिए परिवार रजिस्टरों में गड़बड़ की थी। उन्होंने ग्राम सभा के अधिकारियों की मिलीभगत से अपने रिश्तेदारों के नाम यहां के परिवार रजिस्टरों में दर्ज करवा लिए। इतना ही नहीं शादी होने के बाद भी लड़कियों के नाम परिवार रजिस्टर से नहीं काटे गए। ब्लकि उनके पतियों और बच्चों के नाम भी यहीं चढ़ा दिए गए।
मिली जानकारी के अनुसार परिवार रजिस्टर में चढ़ाए गए नाम वाले लोग देहरादून से सभी सरकारी सुविधाएं ले रहे हैं। उनके नाम यहीं की वोटर लिस्ट में भी हैं। परिवार रजिस्टर के आधार पर ही इन लोगों ने अपने आधार कार्ड और राशन कार्ड भी बनवा लिए हैं। सिर्फ देहरादून ही नहीं बल्कि प्रदेश के कई इलाकों में तेजी से मुस्लिम आबादी बढ़ने के मामले सामने आ चुके हैं।
राज्य की डेमोग्राफी से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
देहरादून में सामने आए डेमोग्राफिक चेंज के मामले पर सीएम धामी की प्रक्रिया भी सामने आई है। कुमाऊं दौरे पर पहुंचे सीएम ने पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए कहा है कि राज्य की डेमोग्राफी चेंज नहीं होनी चाहिए। यहां का मूल अस्तित्व बचा रहना चाहिए। इसके लिए राज्य के सभी जिलों को पहले ही निर्देश दिए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि फर्जी दस्तावेज जिन्होंने बनाए हैं उन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
28 गावों में हिंदुओं की तेजी से घटी संख्या
गांव – हिन्दू आबादी – मुस्लिम आबादी
- ढकरानी -40% हिंदू – 60% मुस्लिम
2011 में – 60% हिंदू -40% मुस्लिम - ढलीपुर -50% हिंदू -50% मुस्लिम
2011 -75% हिंदू – 25% मुस्लिम - कुंजा- 50% हिंदू- 50% मुस्लिम
2011- 65% हिंदू -35% मुस्लिम - तिमली -5% हिंदू – 95% मुस्लिम
2011- 25% हिंदू -75% मुस्लिम - बैरागी वाला-50% मुस्लिम -50% हिंदू
2011 -60% हिंदू – 40% मुस्लिम - जमनीपुर-70% हिंदू -30% मुस्लिम
2011 – 80% हिंदू – 20% मुस्लिम - केदारावाला -30% हिंदू – 70% मुस्लिम
2011 – 55% हिंदू – 45% मुस्लिम - कुंजाग्रांट-23% हिंदू -77% मुस्लिम
2011 – 30% हिंदू – 70% मुस्लिम - कुल्हाल – 15% हिंदू – 85% मुस्लिम
2011 – 20% हिंदू – 80% मुस्लिम - धर्मावाला -50% हिंदू – 50% मुस्लिम
2011 -70% हिंदू – 30% मुस्लिम - नवाबगढ़ -44% हिंदू – 56% मुस्लिम
2011 में – 60% हिंदू – 40% मुस्लिम - जसोवाला – 55% हिंदू -45% मुस्लिम
2011 -65% हिंदू -35% मुस्लिम - माजरी -30% हिंदू -70% मुस्लिम
2011में – 65% हिंदू – 35% मुस्लिम - आम वाला(पौंधा)- 40% हिंदू- 60% मुस्लिम
2011 में – 45% हिंदू – 55% मुस्लिम - जाटों वाला -20% हिंदू – 80% मुस्लिम
2011 में – 60% हिंदू – 40% मुस्लिम - बुलाकी वाला- 75% हिंदू – 25% मुस्लिम
2011- 88% हिंदू – 11% मुस्लिम - मेहूवाला खालसा-55% हिंदू – 45% मुस्लिम
2011 -75% हिंदू – 25 प्रतिशत मुस्लिम - जीवनगढ़ -50% हिंदू – 50% मुस्लिम
2011 में – 65% हिंदू – 35% मुस्लिम - जाटों वाला -20% हिंदू – 80% मुस्लिम
2011 में – 60% हिंदू – 40% मुस्लिम - सभावाला-55% हिंदू -45% मुस्लिम
2011 -75 % हिंदू – 25% मुस्लिम - कल्याणपुर/ हसनपुर- 15% हिंदू – 85% मुस्लिम
2011 – 55% हिंदू – 45% मुस्लिम - शेरपुर- 70% हिंदू -30% मुस्लिम
2011 -75 % हिंदू – 25% मुस्लिम - सिंघनीवाला/शीशम बाड़ा- 50% हिंदू -50% मुस्लिम
2011 -55% हिंदू – 45% मुस्लिम - लक्ष्मीपुर -25% हिंदू -75% मुस्लिम
2011 – 30% हिंदू – 70% मुस्लिम - रामपुर कला – 5% हिंदू -95% मुस्लिम
2011 – 20% हिंदू -80% मुस्लिम - कुशालपुर – 4% तक हिंदू -96% मुस्लिम
2011 -10% हिंदू – 90% मुस्लिम - ढाकी -20% हिंदू -80% मुस्लिम
2011 -30% हिंदू -70% मुस्लिम - सहसपुर -38% हिंदू -62% मुस्लिम
2011 -50% हिंदू – 50% मुस्लिम - शंकरपुर -35% हिंदू -65% मुस्लिम
2011 – 40% हिंदू – 60% मुस्लिम
Dehradun
देहरादून: अवैध अतिक्रमण पर दून पुलिस का चला डंडा

देहरादून: त्योहारी सीजन को देखते हुए देहरादून पुलिस ने शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है। एसएसपी देहरून अजय सिंह के निर्देश पर पुलिस ने एक व्यापक अभियान चलाते हुए मुख्य सड़कों, फुटपाथों और बाजारों में अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की।
अभियान में अब तक की प्रमुख कार्रवाई:
158 लोगों के खिलाफ 152 बीएनएसएस के तहत रिपोर्ट मजिस्ट्रेट को भेजी गई।
280 व्यक्तियों के चालान 81 पुलिस एक्ट के तहत किए गए और 70,000 का जुर्माना वसूला गया।
85 व्यक्तियों पर 83 पुलिस एक्ट के तहत चालान की कार्रवाई की गई।
पुलिस ने बताया कि दुकानों के आगे सामान फैलाकर, वर्कशॉप के बाहर सड़क पर वाहन खड़े कर आमजन के आवागमन में बाधा उत्पन्न की जा रही थी। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जा रहे हैं।
एसएसपी के निर्देश के अनुसार सभी थाना प्रभारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय निगरानी रखने और अतिक्रमण के मामलों में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस का कहना है कि सार्वजनिक स्थानों को अतिक्रमण से मुक्त कराना और यातायात को सुचारू बनाए रखना उनकी प्राथमिकता है।
क्या है पुलिस का संदेश?
देहरादून पुलिस ने स्पष्ट किया है कि आने वाले दिनों में अतिक्रमण के खिलाफ और भी सख्त अभियान चलाया जाएगा। जनता से भी अपील की गई है कि वे किसी भी प्रकार का अवैध अतिक्रमण न करें…अन्यथा कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
Dehradun
लखपति दीदी और स्वयं सहायता समूहों को मिली मजबूती, श्रीनगर में सीएम ने की सराहना

सहकारिता से समृद्धि की राह पर अग्रसर उत्तराखंड, सहकारिता आंदोलन बनेगा ग्रामीण विकास और महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र
सहकारिता ही सामाजिक एकता और आर्थिक स्वावलंबन की आधारशिला – मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को आवास विकास मैदान श्रीनगर में आयोजित नौ दिवसीय सहकारिता मेले में प्रतिभाग किया।
देहरादून: मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों/समूहों/संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उन्हें बाजार से जोड़ने के प्रयासों के लिए काश्तकारों एवं स्वयं सहायता समूहों की सराहना की।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में सहकारिता आंदोलन ग्रामीण विकास एवं महिला सशक्तिकरण का प्रेरक सूत्र बनने के साथ सामाजिकता तथा आंशिक स्वावलंबन का आधार भी है। सहकारिता समाज को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को और प्रगाढ़ करेगा तथा महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को उनके उत्पादों को एक व्यापक मंच उपलब्ध कराएगा। उन्होंने कहा कि सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन पद्धति का प्रतीक है, जिसकी झलक “वसुधैव कुटुम्बकम” की भावना में भी दिखाई देती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है और सहकारी से समृद्धि के लक्ष्य को साकार करने हेतु केंद्र सरकार ने एक अलग सहकारी मंत्रालय का गठन किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने के तहत अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। साथ ही 13 जनपदों की 5511 समितियों में से 3838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर अपलोड कर ऑनलाइन किए जा चुके हैं।
उन्होंने कहा कि गत वर्ष की तुलना में मंडुवा की खरीद में 5.50 रुपये प्रति किलो की वृद्धि कर 48.86 प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर क्रय किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि कार्याें हेतु किसानों को पं दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना से तीन तथा महिला स्वयं सहायता समूहों को पांच लाख रुपये तक का ब्याजमुक्त ऋण प्रदान किया जा रहा है। कहा कि आज प्रदेश के सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ रुपये की सहकारी पूंजी जमा होना जनता के विश्वास का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला उद्यमिता को नई दिशा मिल रही है और “लखपति दीदी” अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के “इक्कीसवीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का होगा” कथन को राज्य की महिलाएँ अपने गुणवत्तापूर्ण उत्पादों के माध्यम से साकार कर रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने जनपदों में चल रहे विकास कार्यों को प्राथमिकता दी है। राज्य में समान नागरिक संहिता लागू कर उत्तराखंड देश का पहला राज्य बना है। नकल माफियाओं पर अंकुश लगाने हेतु देश का सबसे सख़्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है और सौ से अधिक नकल माफियाओं को जेल भेजा गया है। हाल ही में हरिद्वार में उजागर नकल प्रकरण पर त्वरित संज्ञान लेते हुए आवश्यक कार्यवाही की और युवाओं की अपेक्षा के अनुरूप सीबीआई जांच की संस्तुति की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में एक सख्त भू-कानून लागू कर भूमाफियाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया गया है, जिससे उत्तराखंड के मूल अस्तित्व और भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीनगर में सीवर लाइन एवं पेयजल आपूर्ति की डीपीआर प्राप्त होते ही तत्काल स्वीकृति दी जाएगी, जिससे नगर में पंद्रह घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में वर्तमान में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हैं, जिसे 50 लाख तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। सहकारिता द्वारा प्रदेशभर के 16 लाख किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण वितरित किया गया है। उन्होंने बताया कि श्रीनगर में आयोजित सहकारिता मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने लगभग 35 लाख का व्यापार किया है तथा इस मेले से श्रीनगर में लगभग 1 करोड़ का व्यापार हुआ है।
मंत्री ने बताया कि कॉपरेटिव इस समय 30 करोड़ रुपये के लाभ में है। लखपति दीदी योजना के तहत महिलाओं को आर्थिक स्वावलंबन से जोड़ा जा रहा है। सहकारिता मंत्री ने बताया कि सरकार के प्रयासों से रोजगार के अवसरों में निरंतर वृद्धि हो रही है। कल 1500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जिससे राज्य में रोजगार का आंकड़ा 26,500 के पार पहुंच जाएगा।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री व सहकारिता मंत्री ने शक्ति स्वयं सहायता समूह पाबौ को बागवानी के लिए, उड़ान स्वयं सहायता समूह पाबौ को मुर्गीपालन, सवेरा स्वयं सहायता समूह पलिगांव पाबौ को दोना-पत्तल, महादेव स्वयं सहायता समूह पैठाणी को मुर्गीपालन, जयहरीखाल के मालन स्वयं सहायता समूह को बद्री गाय पालन के लिए 5-5 लाख के चेक वितरित किये। इसके अलावा वसुंधरा स्वायत्त सहकारिता पसीणा तथा जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता कंडेरी को कृषि विभाग की एसएमएएम योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों के लिए 4-4 लाख के चेक जबकि गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने विद्यालय के बच्चों की उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुतियों की प्रशंसा करते हुए उनका उत्साहवर्धन किया।
कार्यक्रम में विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्षा रचना बुटोला, जिलाधिकारी स्वाति एस. भदौरिया, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लोकेश्वर सिंह सहित सहकारिता से जुड़े लोग एवं अन्य जनप्रतिनिधि व अधिकारी उपस्थित रहे।
- Accident2 years ago
सिल्क्यारा टनल हादसा: सीएम धामी ने की प्रेसवार्ता दी रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी।
- Breakingnews2 years ago
देहरादून पहुँचे बीजेपी के राष्टीय अध्यक्ष जे पी नड्डा, सीएम धामी ने किया स्वागत।
- Uttar Pradesh5 years ago
उत्तर प्रदेश बोर्ड : 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए 05 जनवरी 2021 तक ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं छात्र….
- Haryana2 years ago
नायब सिंह सैनी को बनाया गया हरियाणा का नया सीएम, सैनी ने पीएम मोदी का जताया आभार…पूर्व सीएम के लोकसभा चुनाव लड़ने की चर्चा हुई तेज।
- Breakingnews3 years ago
बरातियों से भरी मैक्स सड़क से 70 मीटर नीचे खेतों जा गिरी, 2 की मौत 10 घायल।
- Crime2 years ago
पूर्व विधायक किन्नर महिला के ग्रुप की ऑटो चालक ने की बीच सड़क पर पिटाई, वीडियो वायरल।
- Breakingnews5 years ago
23 जनवरी को पीएम मोदी जाएंगे कोलकाता , ‘पराक्रम दिवस’ समारोह को करेंगे संबोधित…..
- Breakingnews5 years ago
राज्यपाल बेबी रानी मौर्य और मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को दी मकर संक्रांति पर्व की शुभकामनाएं…..