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जंगल में मिली 20 दिन से लापता बुजुर्ग की लाश, पुलिस मामले की जांच में जुटी
रामनगर : नैनीताल जिले के रामनगर में बैलगाड़ के पास जंगल में एक बुजुर्ग व्यक्ति की लाश मिलने से इलाके में सनसनी फ़ैल गई। स्थानीय लोगों ने घटना की जानकारी तत्काल पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार मृतक की पहचान 75 वर्षीय सोहन लाल पुत्र बंशी लाल निवासी किशनपुर छोई, रामनगर के रूप में हुई है। पुलिस ने परिजनों से संपर्क कर उनको मामले की जानकारी दी।
जंगल में मिली 20 दिन से लापता बुजुर्ग की लाश
मृतक के बेटे कृपाल ने बताया की 20 दिन पहले उनके पिता हरिद्वार जाने के लिए घर से निकले थे। उसके बाद उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया और न ही वो घर लौटे थे। परिजनों ने काफी तलाश की लेकिन सोहन लाल का कुछ पता नहीं चल पाया। आज बीस दिनों बाद उनकी लाश जंगल से बरामद हुई है।
जंगली जानवरों के हमले की जताई जा रही आशंका
पूछताछ के दौरान कृपाल ने बताया की उनके पिता बहुत ही सरल स्वभाव के थे। उनका किसी से कोई झगड़ा नहीं था। उन्होंने जंगली जानवरों के हमले की आशंका जताई है। अब तक मौत के वास्तविक कारणों का पता नहीं चल पाया है। पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
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नैनीताल में रंगे हाथ पकड़े गए चरस तस्कर, पहाड़ों से लाकर हल्द्वानी में करते थे तस्करी

नैनीताल : नैनीताल एसओजी और काठगोदाम पुलिस की सयुक्त कार्रवाई से बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने दो नशे के तस्करों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के दौरान आरोपियों से एक किलो से अधिक की चरस बरामद की गई।
नैनीताल में रंगे हाथ पकड़े गए चरस तस्कर
नैनीताल पुलिस ने दो चरस त्सकरों को रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें कोर्ट में पेश किया जा रहा है। पुलिस ने बताया कि काठगोदाम थाना पुलिस और एसओजी की टीम ने चरस के दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से एक किलो से अधिक की चरस बरामद हुई है। पुलिस के मुताबिक कल देर रात एसओजी की टीम को सूचना मिली थी कि काठगोदाम क्षेत्र में पहाड़ों से चरस की सप्लाई होने जा रही है।
पहाड़ों से लाकर हल्द्वानी में करते थे तस्करी
सूत्रों से मिली सूचना पर पुलिस ने जांच अभियान चलाया जिस पर टीम को दो संदिग्ध युवक दिखाई दिए। पुलिस ने जब रोक कर उनकी तलाशी ली तो आरोपियों से एक किलो 133 ग्राम चरस मिली। आरोपियों की पहचान सोनू साहू निवासी धर्मशाला इंद्रानगर वनभूलपुरा और कैलाश चंद्र निवासी पिनरा छोटा कैलाश भीमताल के रूप में की गई है। आरोपियों ने बताया कि वो नैनीताल के पहाड़ी क्षेत्रों से चरस लाकर हल्द्वानी और आसपास के क्षेत्रों में बेचते थे।
लाखों बताई जा रही है बरामद चरस की कीमत
आरोपियों के पास एक किलो से अधिक चरस बरामद हुई है। बरामद चरस की कीमत लगभग दो लाख रुपए बताई जा रही है। आरोपियों पर काठगोदाम थाने में एनडीपीएस एक्ट में मुकदमा दर्ज कर कोर्ट में पेश किया जा रहा है।
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ठंड के रंग में रंगा उत्तराखंड, विंटर्स में इन पर्यटन स्थलों पर लें घूमने का मजा।

उत्तराखंड में इस बार मानसून के लौट जाने के कुछ दिन बाद तक भी पक्षिमी विक्षोभ के कारण बारिश होती रही। लेकिन अब मौसम अब शुष्क हो गया है और तापमान में गिरावट के साथ साथ ठण्ड बढ़ने लगी है। पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की चहल-पहल शुरू होने लगी है। विंटर्स में खासी संख्या में पर्यटक बर्फबारी का मजा लेने के लिए उत्तराखंड का रूख करते हैं।
विंटर्स में उत्तराखंड के इन जगहों पर लें घूमने का मजा

मसूरी – विंटर्स में पहाड़ों की रानी मसूरी हमेशा से पर्यटकों की पहली पसंद होती है। देहरादून से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित मसूरी एक बेहद खूबशूरत हिल स्टेशन है। इस मौसम में आप यहाँ पर मॉल रोड, लैंढ़ौर जैसे कई स्थानों पर घूम सकते हैं।
धनौल्टी – देहरादून से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस हिल स्टेशन पर आप दोस्तों के साथ घूमने जा सकते है। आप यहाँ से 8 किलोमीटर दूर प्रसिद्ध शक्तिपीठ सुरकंडा के दर्शन भी कर सकते हैं।
चकराता – सर्दियों के मौसम में बर्फ़बारी का मजा लेना हो तो चकराता हो सकता है आपके लिए परफेक्ट डेस्टिनेश। साथ ही आप यहाँ पर जौनसारी संस्कृति को करीब से देख सकते हैं।
औली का रोमांच जिंदगी भर रहेगा याद
औली – चमोली जिले में स्थित औली एडवेंचर्स खेलों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर आप स्कीइंग, ट्रैकिंग और रोपवे जैसी गतिविधियों का मजा ले सकते हैं। यहाँ से नंदा देवी, द्रोणगिरि समेत कई हिमालयी चोटियों भी देखने को मिलती है।
चम्बा – चम्बा टिहरी जिले में स्थित है आप यहाँ मसूरी या नरेंद्रनगर होते हुए पहुंच सकते है। फोटोग्राफी और वीडियो ग्राफी के लिए ये काफी सुन्दर जगह है। साथ ही शांति और प्राकृतिक सुंदरता के लिए ये जगह बेहद ख़ास है।

झीलों की नगरी नैनीताल में उठाएं बोटिंग का मजा
नैनीताल – उत्तरखंड में पर्यटकों के लिए नैनीताल एक विशेष आकर्षण का केंद्र है। यहाँ स्थित नैनी झील , नैना देवी मंदिर, मॉल रोड घूमने कपल्स के लिए एक अच्छी जगह है। साथ ही राज भवन, उच्च न्यायालय भी यहाँ घूमने लायक प्रसिद्ध जगहें हैं। यहाँ से प्रसिद्ध नीम करोली बाबा के धाम भी जा सकते हैं।
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कुमाऊं यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति ने किया प्रतिभाग, मेधावियों को प्रदान किए गोल्ड मेडल

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कुमाऊँ विश्वविद्यालय, नैनीताल के 20वें दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल और उपाधियां प्रदान की। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) भी उपस्थित रहे।
कुमाऊं यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में शामिल हुई राष्ट्रपति
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा किसी भी राष्ट्र के विकास की नींव होती है। इसलिए, शिक्षा का उद्देश्य केवल विद्यार्थियों की बुद्धि और कौशल का विकास करना ही नहीं, बल्कि उनके नैतिक बल और चरित्र को भी सुदृढ़ करना होना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा हमें आत्मनिर्भर बनाती है, साथ ही हमें विनम्र होना और समाज व देश के विकास में योगदान देना सिखाती है। उन्होंने विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे अपनी शिक्षा को वंचित वर्गों की सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्य में समर्पित करें। उन्होंने कहा कि यही सच्चा धर्म है, जो उन्हें सच्चा सुख और संतोष प्रदान करेगा।
देश में शोध, नवाचार को बढ़ावा देना आवश्यक
राष्ट्रपति ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था विश्व की सबसे तेजी से विकसित होती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। सरकार निरंतर प्रगति सुनिश्चित करने के लिए अनेक नीतिगत पहल कर रही है। ये पहल युवाओं के लिए अनेक अवसर उत्पन्न कर रही हैं। उच्च शिक्षण संस्थानों को चाहिए कि वे युवाओं को इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रेरित करें।
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में शोध, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देना अत्यंत आवश्यक है। उन्हें ये जानकर प्रसन्नता हुई कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में उत्कृष्टता के प्रति समर्पित है। उन्होंने कहा कि शिक्षा और अनुसंधान के प्रभावी अनुप्रयोग के लिए बहुविषयक दृष्टिकोण अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्हें विश्वास है कि विश्वविद्यालय इस दिशा में निरंतर अग्रसर रहेगा।
विद्यार्थियों से किया लोगों की समस्याओं को जानने का आग्रह
राष्ट्रपति ने कहा कि हिमालय अपनी जीवनदायिनी संपदाओं के लिए जाना जाता है। इन संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन हम सभी की सामूहिक जिम्मेदारी है। राष्ट्रपति ये जानकर प्रसन्न हुई कि कुमाऊँ विश्वविद्यालय पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में जागरूक प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षण संस्था के रूप में कुमाऊँ विश्वविद्यालय की कुछ सामाजिक जिम्मेदारियाँ भी हैं।। उन्होंने विश्वविद्यालय के अध्यापकों और विद्यार्थियों से आग्रह किया कि वे आस-पास के गाँवों में जाएँ, वहाँ के लोगों की समस्याओं को समझें और उनके समाधान के लिए हर संभव प्रयास करें।
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