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अखिल भारतीय गोष्ठी का सीएम धामी ने किया शुभारम्भं, कहा संस्कृत समस्त मानव जाति की भाषा

हरिद्वार – संस्कृत भारती की अखिल भारतीय गोष्ठी दिनांक 15 सितम्बर 2024 को श्री व्यास मन्दिर हरिपुर कलां हरिद्वार में आरम्भ हुई। जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के द्वारा दीप प्रज्जवलन कर किया गया। इस अवसर पर स्वामी चिदानन्दसरस्वती महाराज (परमाध्यक्ष, परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश), कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो० गोपबन्धु मित्र (अखिलभारतीय अध्यक्ष संस्कृत भारती), विशिष्ट अतिथि के श्रीनिवास प्रभु (अध्यक्ष श्रीकाशीमठ संस्थान न्यास, वाराणसी), जानकी त्रिपाठी (प्रान्त अध्यक्ष संस्कृत भारती उत्तराज्यल) दिनेश कामत संस्कृत भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री, प्रो० वाचस्पति मिश्र, डॉ. अंकित वर्मा आदि की मौजूद रहे। सभी अतिथियों का रुद्राक्ष माला, गंगाजली, वस्त्रपट. वेदव्यास एवं अंजनी की मूर्ति द्वारा पारम्परिक रूप से स्वागत किया गया।

संस्कृत भारती के अखिलभारतीय संगठन मंत्री दिनेश कामत ने कहा कि दो व्यक्तियों से आरम्भ होकर संस्कृत भारती संगठन आज 26 देशों में संस्कृत का कार्य कर रही हैं। संस्कृत भारती सरल संस्कृत में बातचीत सीखने के साथ ही साथ सरल संस्कृत पुस्तक लेखन, मुक्त स्वाधवाय केन्द्र, दस दिवसीय शिविर संचालन, बाल केन्द्र, गीता शिक्षण केन्द्र, संस्कृत सप्ताह, मिलन जैसे कार्यक्रमों का आयोजन खण्ड़स्तर, जनपदस्तर, राज्यस्तर, पर कर रही है। लोकसभा एवं राज्यसभा में नवनिर्वाचित सांसद सदस्यों के द्वारा संस्कृत में शपथ लेने के लिए उन्होंने सभी का आभार प्रकट किया। उत्तराखण्ड राज्य की द्वितीय राजभाषा संस्कृत है तथा उत्तराखण्ड में विद्यालयी शिक्षा में संस्कृत अनिवार्य हो। नवशिक्षा नीति के अन्तर्गत कक्षा 3 से कक्षा 12 तक भारतीय ज्ञान परम्परा के तहत संस्कृत भाषा एक विषय के रूप में अनिवार्यतः पढ़ाई जाए। उन्होने कहा कि जो संस्कृत को नहीं जानता वह भारत को कैसे जान सकता है। उन्होंने सभी को संस्कृत में बोलने व कार्य करने की प्रेरणा प्रदान की।

कार्यक्रम के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्दसरस्वती ने कहा कि संस्कृत भारती ने आज देश से लेकर विदेश तक संस्कृत बोलने का गौरव हासिल किया है। उन्होंने कहा कि आने वाला युग संस्कृत का होगा ।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अखिल भारतीय गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए समस्त भारत से आए हुए प्रतिनिधियों का उत्तराखण्ड सरकार की ओर से स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आज भी संस्कृत अभिव्यक्ति मात्र नहीं बल्कि संस्कृत समस्त मानव जाति की भाषा है संस्कृत समस्त भाषाओं की जननी है। अनादि काल से आज तक संस्कृत हमारी ज्ञानमयी भाषा रही है। वैश्विक संदर्भ के प्रमाण में उन्होंने कहा कि अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर ग्रह नक्षत्र की काल गणना और औषधियों के लिए में संस्कृत ग्रन्थों का प्रमाण दिया जा रहा है। संस्कृत भाषा के वर्णोंउच्चारण की वैज्ञानिकता को समझाते हुए उन्होंने बताया कि संस्कृत के उच्चारण में कोई भी वर्ण विलुप्त नहीं होता हैं, जबकि अंग्रेजी भाषा ऐसा नही होता है। साथ ही कहा की संस्कृत पूर्ण रूप से विशुद्ध वैज्ञानिक भाषा है।

उन्होंने संस्कृत व्याकरण का उदाहरण देते हुए कहा कि संस्कृत भाषा में वाक्य में शब्दों को आगे पीछे रखने पर भी उसके अर्थ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है जबकि अन्य भाषाओं के अर्थ में भिन्नता आती है। उन्होंने कहा कि संस्कृत में एक अक्षर में श्लोक रचने क्षमता है। ऐसा सामर्थ्य विश्व की किसी भी अन्य भाषा में नहीं है। मुख्यमंत्री ने इस बार ग्रीष्म कालीन राजधानी गैरसैंण विधानसभा में आयोजित संस्कृत संभाषण का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हम संस्कृत सर्वधन के लिए प्रयास कर रहे है। संस्कृत भारती उत्तराञ्चल के न्यासी प्रो० प्रेमचन्द शास्त्री ने आए हुए सभी अतिथियों का धन्यवाद प्रकट किया।
प्रान्त संपर्क प्रमुख डॉ. प्रकाश पन्त ने उत्तराखण्ड स्थान परिचय कराते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में 12वीं शताब्दी से संस्कृत लेखन परम्परा के प्रमाण मिलते है। राजा ललितसूर देव के लेख का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि तत्कालीन पर्वताकार राज्य की राजभाषा भी संस्कृत थी। आज भी उत्तराखण्ड में दो संस्कृत ग्राम भन्तोला (बागेश्वर) तथा किमोठा (चमोली) है।
डॉ. भारती कनौजिया के शान्ति पाठ किया। मंच संचालन प्रान्त मंत्री गिरीश तिवारी ने किया। इस अवसर पर उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर दिनेशचन्द्र शास्त्री,संस्कृत शिक्षा सचिव दीपक कुमार, संस्कृत शिक्षा निदेशक डॉ. आनन्द भारद्वाज, प्रो० लक्ष्मी निवास पाण्डेय, दत्तात्रेय ब्रजल्ली, हुलास चन्द्र, डॉ. संजीव, डॉ. सचिन कठाले , देवेंद्र पण्ड्या,भारत के सभी राज्यों से संस्कृत भारती के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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हरिद्वार में रेलिंग में फंसा मिला गंगा में बहकर आया महिला का शव, अब तक नहीं हो पाई शिनाख्त

Haridwar News : हरिद्वार में कनखल थाना क्षेत्र में गंगा से एक महिला का शव मिलने से हड़ंकप मच गया। सूचान पर पहुंची पुलिस ने शव को निकालकर अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
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Haridwar में रेलिंग में फंसा मिला महिला का शव
हरिद्वार कनखल थाना क्षेत्र में में गंगा से एक महिला का शव मिलने की खबर (Haridwar News) से इलाके में सनसनी मच गई। मिली जानकारी के मुताबिक यहां गंगा में बहकर आया एक शव रेलिंग पर अटका हुआ मिला। स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को अपने कब्जे में लिया।
अब तक नहीं हो पाई शव की शिनाख्त
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। अब तक महिला की शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस शिनाख्त की कोशिश कर रही है। पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि महिला कौन है और इसकी मौत कैसे हुई ?
हत्या या आत्महत्या पुलिस मामले की जांच में जुटी
महिला की शिनाख्त ना हो पाने के कारण हरिद्वार पुलिस के सामने बहुत सारे सवाल उठ रहे हैं। जिनका जवाब पुलिस को छूंछना है। पुलिस आशंका जता रही है महिला की मौत कहीं और हुई होगी और शव गंगा में बहकर हरिद्वार आया है। इसके साथ ही पुलिस ऐसी आशंका जता रही है कि हो सकता है महिला पहाड़ी से गिर गई हो या फिर महिला की हत्या कर शव गंगा में बहा दिया गया हो। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।
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हरिद्वार में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई, रिश्वत लेते खंड शिक्षा अधिकारी और प्रधानाध्यापक गिरफ्तार

Haridwar Vigilance Raid : हरिद्वार में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई देखने को मिली है। विजिलेंस की टीम ने खंड शिक्षा अधिकारी और प्रधानाध्यापक को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है।
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देहरादून में विजिलेंस की बड़ी कार्रवाई (Haridwar Vigilance Raid)
हरिद्वार में राजधानी देहरादून से आई विजिलेंस की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। यहां विजिलेंस की टीम ने एक खंड शिक्षा अधिकारी और प्रधानाध्यापक को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। मिली जानकारी के मुताबिक खंड शिक्षा अधिकारी पर आरोप हैं कि 40 वाहिनी पीएसी के पुलिस मॉडर्न स्कूल की मान्यता से जुड़े मामले में 20 हजार की रिश्वत मांगी थी।
सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक ने भी मांगी थी रिश्वत
मंगोलपुर स्थित सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक पर भी रिश्वत मांगने रिश्वत मांगने के आरोप हैं। विजिलेंस की टीम ने प्रधानाध्यापक को भी गिरफ्तार कर लिया है। दोनों की गिरफ्तारी के बाद टीम दोनों को देहरादूुन लेकर रवाना हो गई है। विजिलेंस को मिली शिकायत के बाद हरिद्वार में छापेमारी (Haridwar Vigilance Raid )की ये कार्रवाई की गई है।
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हरिद्वार में अब केवल विशेष स्टीकर लगे ई-रिक्शा ही चलेंगे, जानें क्यों लिया गया ये फैसला

Haridwar News : हरिद्वार जिला कार्यालय सभागार में हुई बैठक में सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा, प्रर्वतन की स्थिति और सुधारात्मक उपायों पर चर्चा हुई। बैठक में बड़ा फैसला लिया गया है। अब हरिद्वार में केवल विशेष स्टीकर लगे ई-रिक्शा ही चलेंगे।
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Haridwar News : अब केवल विशेष स्टीकर लगे ई-रिक्शा ही चलेंगे
हरिद्वार से ट्रैफिक रूल्स को लेकर बड़ी खबर (Haridwar News) सामने आ रही है। अब जिले में केवल विशेष स्टीकर लगे ई-रिक्शा ही चलेंगे। जिला अधिकारी मयूर दीक्षित ने ई-रिक्शा के अनियमित संचालन, यातायात अव्यवस्था और सड़क सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को लेकर कड़ा रूख दिखाया। जिसके बाद आज हुई बैठक में ये फैसला लिया गया है।
19 जनवरी से 18 फरवरी चलाया जाएगा अभियान
जिलाधिकारी मयूर दिक्षित ने ई-रिक्शा सत्यापन और निरीक्षण की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को स्वीकृति दे दी। इसके अंतर्गत निर्णय लिया गया कि ई-रिक्शा निरीक्षण एवं सत्यापन अभियान दिनांक 19 जनवरी से 18 फरवरी तक हरिद्वार और रुड़की में चलेगा।

सत्यापन के बाद जारी किया जाएगी विशेष स्टीकर
ई-रिक्शा चालकों और स्वामियों को पुलिस सत्यापन कराने के लिए एक माह का समय दिया गया है। 19 जनवरी से प्रतिदिन लगभग 500 ई-रिक्शाओं को चरणबद्ध रूप से भौतिक सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। पुलिस और परिवहन विभाग के सत्यापन के बाद विशेष पहचान स्टीकर जारी किया जाएगा। स्टीकर प्राप्त ई-रिक्शा ही नगर क्षेत्र में संचालन के लिए अधिकृत होंगे। बिना स्टीकर वाले ई-रिक्शा पर कार्रवाई की जाएगी।

निर्धारित जोन में ही हो सकेगा ई-रिक्शा संचालन
आपको बता दें कि अब नगर क्षेत्र को विभिन्न जोनों में बांटा जाएगा। प्रत्येक चालक अपने निर्धारित जोन में ही ई-रिक्शा संचालन कर सकेगा। दूसरे जोन में ई-रिक्शा चलाने पर कार्रवाई होगी। डीएम ने कहा कि यह व्यवस्था ई-रिक्शा संचालन को सुव्यवस्थित करने, अवैध और अनियमित ई-रिक्शाओं पर प्रभावी नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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