Politics
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपने परिवार के साथ अपने मत का किया प्रयोग, लोगों से वोट डालने का किया आह्वान।

खटीमा – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खटीमा स्थित नगरा तराई मतदान केंद्र पर वोट डालने के लिए अपने परिवार के साथ पहुंचे और लोकतंत्र के महापर्व में अपनी भागीदारी सुनिश्चित की।

साथ ही लोगों से भी सुदृढ़ और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए बड़ी संख्या में मतदान करें। विशेषकर पहली बार वोट डाल रहे युवा साथियों से अनुरोध है कि अधिक से अधिक संख्या में मतदान कर देश के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में अपना योगदान दें।
big news
अंकिता हत्याकांड: गट्टू कंट्रोवर्सी ने देहरादून से दिल्ली तक मचाया बवाल, सत्ता से सड़क तक सियासी तूफान

Ankita Murder Case : अंकिता भंडारी हत्याकांड मामला प्रदेश में इन दिनों एक बार फिर से चर्चाओं में है। अंकिता हत्याकांड में गट्टू कंट्रोवर्सी की एंट्री से उत्तराखंड की सर्द वादियों में सियासी उबाल देखने को मिल रहा है। इस मामले ने अब देहरादून से लेकर दिल्ली तक बवाल मचा दिया है।
Table of Contents
गट्टू कंट्रोवर्सी ने देहरादून से दिल्ली तक मचाया बवाल
उत्तराखंड का सर्द मौसम इन दिनों गरमाया हुआ है। वजह पूर्व बीजेपी विधायक की कथित पत्नी उर्मिला सनावर के एक बाक एक किए गए खुलासे हैं। उर्मिला सनावर ने फेसबुक पर लाइव आकर बीते दिनों Ankita Murder Case से जुड़े कई ऐसे दावे किए हैं जिसके बाद उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल आ गया है।
सनावर ने जो दावे किए हैं उसमें उन्होंने बीजेपी के बड़े नेता पर अंकिता हत्याकांड में वीआईपी होने का आरोप लगाया है। इसके साथ ही बीजेपी के कई नेताओं का इसमें शामिल होने का भी आरोप लगाया है। जिसके बाद से बीजेपी विपक्ष के निशाने पर है। पूर्व सीएम हरीश रावत से लेकर उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस मामले को लेकर बीजेपी को जमकर घेरा है।

सत्ता से सड़क तक सियासी तूफान
उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने इस मामले को लेकर दिल्ली में पीसी कर बीजेपी पर कई सवाल उठाए हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में अब तक कोई बड़ी कार्रवाई ना होने को लेकर भी सवाल उठाए हैं। इतना ही नहीं गणेश गोदियाल ने सरकार पर इसे लेकर सवाल उठाए हैं।
गणेश गोदियाल ने कहा कि सरकार ने इस मामले में बीजेपी से जुड़े बड़े नेताओं को बचाने का प्रयास किया। गोदियाल ने एक महिला के वायरल वीडियो का जिक्र करते हुए Ankita Murder Case के बाद रिजॉर्ट पर की गई बुलडोजर कार्रवाई को भी संदेह के घेरे में रखा। उनका कहना था कि बीजेपी सरकार ने न्याय सुनिश्चित करने के बजाय अपनी पूरी ताकत आरोपियों को संरक्षण देने में झोंक दी। उन्होंने कहा कि अब जब इस मामले में बीजेपी के नेताओं का नाम सामने आ रहा है तब भी सरकार चुप है।

हरदा ने भी भाजपा पर उठाए सवाल
गणेश गोदियाल ही नहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने भी इस मामले को लेकर जमकर हमला बोला है। हरदा का कहना है कि अंकिता हत्याकांड, सिर्फ एक हत्याकांड नहीं है, ये उत्तराखंड के स्वाभिमान की हत्या है। उन्होंने कहा है कि उस दिन रिसॉर्ट पर नहीं बल्कि उत्तराखंड के स्वाभिमान पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई। हरदा ने कहा देर से ही सही लेकिन आज सच सामने आ गया है कि अंकिता पर बीजेपी के ही लोग स्पेशल सर्विस के लिए दबाव बना रहे थे।
कांग्रेस प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में इसे लेकर प्रदर्शन भी कर रही है। देहरादून से लेकर उत्तरकाशी तक वीआईपी के नाम को फांसी की सजा देने की मांग के साथ कांग्रेस प्रदर्शन कर रही है। इसके साथ मामले की सीबीआई जांच की भी मांग की जा रही है। कांग्रेस का कहना है कि उर्मिला सनावर के वीडियो और बयानों की भी जांच होनी चाहिए। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके।
big news
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को लेकर दुष्यंत गौतम ने गृह सचिव को लिखा पत्र, की ये मांग

Dushyant Kumar Gautam को लेकर अंकिता भंडारी मामले में पूर्व विधायक सुरेश राठौर की पत्नी के आरोपों के बाद उत्तराखंड का सियासी माहौल गर्मा गया है। इस मामले में दुष्यंत कुमार गौतम ने सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ चलाए जा रही खबरों पर कड़ी आपत्ति जताई है और पूरे प्रकरण को झूठा व भ्रामक बताया है।
Table of Contents
अंकिता हत्याकांड को लेकर Dushyant Kumar Gautam ने लिखा पत्र
अंकिता भंडारी हत्याकांड और इस से उनके नाम को जोड़े जाने को लेकर दुष्यंत गौतम ने इस संबंध में उत्तराखंड के गृह सचिव शैलेश बगौली को पत्र लिखा है।
उन्होंने गृह सचिव से पत्र लिखकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और टीवी चैनलों पर चल रही सामग्री पर तुरंत रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जानबूझकर उनके खिलाफ गलत जानकारी फैलाई जा रही है, जिससे उनकी सामाजिक और राजनीतिक छवि को नुकसान पहुंचाया जा सके।

फर्जी ऑडियो-वीडियो फैलाने का लगाया आरोप
गृह सचिव को लिए गए अपने पत्र में दुष्यंत कुमार गौतम ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ सोची-समझी साजिश के तहत फर्जी ऑडियो और वीडियो तैयार कर वायरल किए जा रहे हैं। उन्होंने इन सामग्रियों को पूरी तरह झूठा, दुर्भावनापूर्ण और कानून का उल्लंघन बताया है। गौतम का कहना है कि इस तरह की गतिविधियां न केवल उनकी छवि धूमिल कर रही हैं, बल्कि समाज में भ्रम भी फैला रही हैं।

उर्मिला सनावर के आरोपों से गरमाया माहौल
आपको बता दें कि इन दिनों बीजेपी के पूर्व विधायक सुरेश राठौर और उनकी पत्नी उर्मिला सनावर का नाम चर्चाओं में है। जिसका कारण खुद उर्मिला सनावर हैं। उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए अंकिता हत्याकांड से जुड़े कई दावे किए हैं।
जिसमें उन्होंने वीआईपी के नाम को लेकर भी खुलासा किया है। जिसमें कई भाजपा नेताओं के होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि जिस वीआईपी की बात हो रही थी, वह ‘गट्टू’ है। इस दावे के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल और तेज हो गई हैं।
big news
इन्तेहां हो गई इंतजार की, आई ना खबर मंत्रिमंडल विस्तार की…

उत्तराखंड में यूं तो धामी मन्त्रिमण्डल के विस्तार की चर्चा लंबे समय से हो रही है। ये चर्चा इतनी लंबी हो गई है कि अब ये सालों पुरानी बात हो गई। मंत्रिमंडल विस्तार की राह देख रहे विधायकों की आस भी अब खत्म होती नजर आ रही है। क्योंकि इस आस में एक नहीं दो नहीं ब्लकि चार साल बीत गए हैं। लेकिन अब तक सिर्फ इसकी चर्चाएं ही हो रही हैं।
इन्तेहां हो गई इंतजार की, आई ना खबर मंत्रिमंडल विस्तार की
मंत्रिमंडल विस्तार का शिगूफा इतना पुराना हो गया कि अब खुद विधायकों को भी लगने लगा है कि उनकी बारी इस बार तो नहीं आएगी। दिन महीने और साल तक बीत गए लेकिन विधायकों को अच्छी खबर नहीं मिली। विधायकों की मनोस्थिति ऐसी हो गई है कि उन्हें अब नींद में भी एक ही ख्वाब आता है जिसमें वो गुनगुना रहे हैं – इन्तेहां हो गई इंतजार की, आई ना खबर मंत्रिमंडल विस्तार की। एक साल का ही समय बचा है लेकिन इसके बाद भी वो मंत्री बनने के सपने देख रहे हैं।
विधायकों के अरमानों पर पानी फिरता आ रहा नजर
बीजेपी सरकार में मंत्री बनने की हसरत पाले विधायकों के अरमानों पर पानी फिरता हुआ नजर आ रहा है। 4 साल पूरे हो गए हैं इस दौरान कई मौसम आए और गए, कई होली-दिवाली भी बीत गई। लेकिन धामी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं हो पाया है। अब प्रदेश में चुनावी मौसम देखने को मिल रहा है और संगठन पूरी तरह से चुनावी मूड में आ गया है। लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की खबर अब तक नहीं आई।
कभी लोकसभा, कभी संगठन के चुनाव तो कभी बिहार चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की बात तो कही गई लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की खबर आए ऐसी शुभ घड़ी अब तक नहीं आई। इस साल दिवाली से पहले तो चर्चाओं के बाजार गर्म थे कि दिवाली में विधायकों के सपने पूरे हो सकते हैं और जल्द ही नामों की घोषणा हो सकती है। लेकिन दिवाली को गए लंबा अरसा हो गया है और अब नया साल दस्तक देने को तैयार है लेकिन मंत्रिमंडल विस्तार की खबर अब तक नहीं आई। अब तो आलम ये है कि चार साल से कुर्सी ताकते रहे विधायक जनाब, मंत्री बनने का सपना रहा बस एक ख़्वाब। फाइलें चलीं, चर्चाएँ बढ़ीं, तारीखें बदलती रहीं, मंत्रिमंडल विस्तार न हुआ, उम्मीदें ही सिमटती रहीं।
मंत्रिमंडल विस्तार के अंगूर अब भी मीठे नहीं हो सके
विश्व की सबसे बड़ी पार्टी का तमगा लिए घूमने वाली भाजपा उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर पा रही है। ये हालात तब है जब 70 में से 47 विधायक बीजेपी के हैं। उत्तराखंड में मंत्रिमंडल विस्तार वो अंगूर बन गए हैं जो अब भी मीठे नहीं हो सके हैं। राजनीतिक धुरंधरों की मानें तो कई माननीयों ने तो मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाओं के बीच ब्रांडेड सूट (कुर्ता-सुलार) भी सिलवा लिए थे। लेकिन अरसा बीत जाने के बाद भी वो समय नहीं आ पाया है कि वो इसे पहन सके। अब तो आलम ये है कि कुछ लोगों ने ये मान लिया है कि इस साल तो मंत्रिमंडल विस्तार नहीं हो पाए। आसान भाषा में कह दें तो माननीयों के दिल अरमा आसुंओं में बह गए और वो मंत्रिमंडल विस्तार के सपने देखते रह गए।
मंत्रिमंडल में रिक्त पदों को भरने की बात पिछले 4 सालों से हो रही है, लेकिन इसके बाद भी स्थिति ढाक के तीन पात वाली ही बनी हुई है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट से लेकर मुख्यमंत्री तक कई बार बयान दे चुके हैं। बावजूद इसके विधायकों की हसरत पूरी नहीं हो पा रही। विधायकों के जज्बातों ने कई बार मंत्रिमंडल पद के हिलोरे मारे, लेकिन विधायकों के जज्बातों को केवल तारीख पर तारीख मिलती रही। इस पर कांग्रेस ने चुटकी ली है। कांग्रेस का कहना है कि बीजेपी में कई गुट हैं, जो अपने-अपने विधायकों को मंत्री बनाना चाहते है, विकास को लेकर कतई भी गंभीर नहीं है।
उधर भाजपा संगठन भी कह रहा है कि मंत्रिमंडल के रिक्त पद अपेक्षित है। मुख्यमंत्री इसको लेकर कई बार हाई कमान से मिल चुके हैं। भाजपा संगठन का ये भी मानना है कि 2027 में विधानसभा चुनाव भी है ऐसे में मंत्रिमंडल का विस्तार होना अनिवार्य है। अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री से लेकर हाईकमान पर टिकीं हुईं हैं कि शेष एक वर्ष भाजपा में विधायकों की चार साल पुरानी हसरतें पूरी हो पाएंगी या ख्याली पुलाव अगले बरस भी पूरे साल पकते रहेंगे।
Breakingnews21 hours agoरामनगर में दर्दनाक सड़क हादसा, तेज रफ्तार बाइक दुर्घटनाग्रस्त, एक युवक की मौत, एक घायल
Cricket23 hours agoPR vs SEC Dream11 Prediction: आज पार्ल में चलेगा रनों का तूफान, ये 11 खिलाड़ी बना देंगे आपको करोड़पति
Cricket23 hours ago28 दिसम्बर को खेला जाएगा भारत बनाम श्रीलंका महिला T20 का चौथा मुक़ाबला : जाने संभावित प्लेइंग XI और पिच डिटेल्स॥
Breakingnews20 hours agoआरती गौड़ ने की अंकिता भंडारी हत्याकांड की CBI जांच की मांग, सीएम धामी को लिखा पत्र
big news21 hours agoबैंक में रखा था सोना, लॉकर खोला तो उड़ गए होश !, सोने के कंगन पीतल के निकलने से हड़कंप
Crime2 hours agoDEHRADUN : घर से भगाकर किशोरी को सहारनपुर ले गया आरोपी, दुष्कर्म के आरोप में मुकदमा दर्ज
big news1 hour agoअंकिता भंडारी हत्याकांड : कांग्रेस ने निकाला कैंडल मार्च, निष्पक्ष जांच की मांग उठाई




































